संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - दशमी 08 नवम्बर सुबह 08:23 तक तत्पश्चात एकादशी

दिनांक - 07 नवम्बर 2023
दिन - मंगलवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - हेमंत
मास - कार्तिक
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - मघा शाम 04:24 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग - ब्रह्म दोपहर 03:20 तक तत्पश्चात इन्द्र
राहु काल - दोपहर 03:11 से 04:35 तक
सूर्योदय - 06:48
सूर्यास्त - 05:59
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:05 से 05:56 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
🍃कुग्रामवासः कुलहीन सेवा
कुभोजनं क्रोधमुखी च भार्या।
पुत्रश्व मूर्खो त्यक्ता च कन्या
विनाऽग्निना षट् प्रदहन्ति कायम् ।।

🔆 अयोग्ये वासस्थाने वासकरणं अनुचितकुलस्य सेवा अभक्षणीयभोजनं कलहप्रिया महिला मूर्खपुत्रः तथा पत्युः गृहं त्यक्त्वा पितृगृहे वासं कुर्वाणा महिला एते षट् जनाः अग्निं विना स्वदेहमेव प्रज्वालयन्ति।

न रहने योग्य क्षेत्र में वास, नीच कुल की सेवा, न करने योग्य किया जाने वाला भोजन, कलह करने वाली स्त्री, मूर्ख पुत्र और पति का घर छोड़कर पिता के घर निवास करने वाली कन्या" ये छः बिना आग ही शरीर को जलाते हैं।

#Subhashitam
शक्त्याः उपासना भारते विशेषेण क्रियते।
कर्मणि प्रयोगस्य वाक्येऽस्मिन् कर्मपदं किम्।
Anonymous Quiz
11%
शक्त्याः
60%
उपासना
11%
भारते
8%
विशेषेण
10%
नास्ति
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भारत में छोटी-बड़ी 400 से ज्यादा नदियां बहती हैं।
••भारते चतुःशताधिकाः लघुमहत्य:-सरित: प्रवहन्ति।

भारत की सबसे छोटी नदी का नाम है- अरवारी नदी।
••भारतस्य लघुतमाया: सरितो नाम अस्ति- अरवारी सरित्।

90 किमी है अरवारी नदी की लंबाई।
••अरवारी-लघुसरितो दीर्घत्वं नवतिकिलोमीटरमितमस्ति।

इसी वजह से इसे कहा जाता है देश की सबसे छोटी नदी।
••अस्मादेव कारणात् एषा देशस्य लघुतमा सरित् उच्यते।

थानागाजी के निकट सकरा बांध से निकलती है अरवारी नदी।
••थानागाजीं निकषा सकराजलबन्धात् अरवरी सरित् उत्पद्यते।

राजस्थान के अलवर जिले से गुजरात में कच्छ तक बहती है यह नदी।
•• इयं सरित् राजस्थानस्य अलवरमण्डलात् गुजरातदेशस्य कच्छं यावत् प्रवहति।


नीलकमल को भगवान् विष्णु का प्रिय पुष्प माना जाता है।
••कुवलयं भगवत: विष्णो: प्रियपुष्पं मन्यते।

नीलकमल का दर्शन बहुत ही दुर्लभ माना जाता है।
••कुवलयस्य दर्शनम् अतीव दुर्लभं मन्यते।

किसी नदी में नीलकमल का खिलना एक चमत्कार ही माना जाता है।
••कस्यांञ्चित् नद्यां कुवलयस्य पुष्पणम् एकं चमत्कारमेव मन्यते।

नीलकमल का पौधा टंकी , बड़ी बाल्टी,किसी बड़े बर्तन आदि में पानी भरकर घर में ही लगाया जा सकता है।
•• गृहे एव कुवलयस्य पादप: कस्मिंश्चित् दीर्घपात्रे , दीर्घोदञ्चने , जलसञ्चयपात्रे चेत्यादिषु जलं पूरयित्वा रोपयितुं शक्यते।

एक बार फूल खिलने लग जाय तो फिर वर्ष भर फूल खिलता है।
•• एकदा पुष्पं पुष्पितुमारभते तदा पुन: आवर्षं पुष्पं विकसति।

इसके पत्ते से ही नया पौधा तैयार हो जाता है।
•• अस्य पत्रादेव नूतनपादपो निर्मितो भवति।

~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
1. प्र (pra): This prefix is often used to emphasize on the meaning of that particular root e.g. प्र + √नम्। (pra + √nam) अहं गुरुं प्रणमामि। (ahaṃ guruṃ praṇamāmi।) which means, “I am bowing to my teacher.”
Here, if we use the word, ‘नमामि’ (namāmi) it will simply mean that I am bowing to my teacher, but with the use of the prefix, the meaning is emphasized.

2. परा (parā): This prefix is often used to show the opposite of something e.g. परा + √जय्। (parā + √jay।) राजा युद्धे पराजयते। (rājā yuddhe parājayate।) This means, “The King loses the war.”
Here, the word, ‘जयते’ means wins by itself, but with the addition of the prefix, its meaning has changes to the opposite of wins, i.e. loses.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
✍🏻 तूणीरशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
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🔰 विषयः - गीतानुवादः
🗓०८/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (स्थानियभाषया लिखितस्य गीतस्यानुवादः कर्तव्यः) अभिक्रम्य आगच्छत।

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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
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🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - एकादशी 09 नवम्बर सुबह 10:41 तक

दिनांक - 08 नवम्बर 2023
दिन - बुधवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - हेमंत
मास - कार्तिक
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 07:19 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग - इन्द्र शाम 04:11 तक तत्पश्चात वैधृति
राहु काल - दोपहर 12:23 से 01:47 तक
सूर्योदय - 06:48
सूर्यास्त - 05:58
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:57 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक