संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🍃एकेनापि सुपुत्रेण विद्यायुक्तेन भासते ।
कुलं पुरुषसिंहेन चन्द्रेणेव हि शर्वरी


🔆यथा एकेन चन्द्रेण रात्रिः उज्ज्वला भवति तथा एकेन उत्तमापत्येन कुलस्य कीर्तिः स्वयमेव प्रसृता भवति।

जैसे अकेले एक चंद्र से रात्रि शोभा प्राप्त करती है, वैसे ही विद्यावान और पुरुषों में सिंह जैसे एक सत्पुत्र से कुल की शोभा बढ़ती है ।

#Subhashitam
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अगमत् - अगच्छत् - जगाम।
उचितं विकल्पं चिनुत।
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7%
लिट् - लुङ् - लङ्
79%
लुङ् - लङ् - लिट्
13%
लङ् - लिट् - लुङ्
इमनिच् प्रत्यय
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(१)गुरु (भारी)-
भैंच का दूध गाय के दूध की अपेक्षा जल्दी नहीं पचता है
= पाचनक्रियायां महिषीदुग्धं गौदुग्धात् गुरुतरम् ।
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(गरिमा)भारीपन-
नित्य एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस , काली मिर्च का चूर्ण व काला नमक डालकर पीने से पेट का भारीपन दूर होता है
= नित्यम् एकस्मिन् उष्णजलपूरिते चषके एकस्य निम्बुकस्य रसं कृष्णमरीचिकाचूर्णं कृष्णलवणं च मिश्रयित्वा तज्जलपानेन उदरस्य गरिमा दूरीभवति।
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(२)लघु (हल्का)-
तेल पानी से हल्का होता है , इसीलिए तेल जल के ऊपर ही ऊपर फैल जाता है
= तैलं जलात् लघुतरम्।अतएव , तैलं जलम् उपर्युपरि सर्वत्र प्रसरति।
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लघिमा (हल्कापन)-
प्राणायाम करने के बाद मुझे अपने शरीर में हल्कापन महसूस हो रहा है
= प्राणायामानन्तरं मया स्वशरीरे लघिमा अनुभूयते।
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(३)मृदु (कोमल)-
गाय का दुध इतना कोमल होता है कि पीते ही शरीर में पच जाता है
= गौदुग्धम् एतावत् मृदु भवति यत् तेन दुग्धपानेन एव शरीरे पाचनं भवति।
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म्रदिमा (कोमलता) -
तपा हुआ लोहा कोमलता को प्राप्त कर लेता है
= तप्तलौहं म्रदिमानं प्राप्नोति।
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(४)पटु (चालाक) -
किसी व्यक्ति को इतना चालाक जरूर होना चाहिए जिससे कि उसे बाहर कोई ठग नहीं पाये
= कश्चिज्जन: एतावान् पटु: अवश्यमेव भवेत् येन यत् कोऽपि जन: तं प्रदेशे कुटितुं न शक्नुयात्।
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पटिमा (चालाकी)-
कहां गयी तुम्हारी चालाकी
= क्वो गतो भवतो पटिमा ?
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(५)पृथु (विस्तृत)-
महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय का प्रागण बहुत बड़े भाग में फैला हुआ है
= महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालयस्य प्रांगणम् अतीव पृथु अस्ति।
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प्राथिमा (फैलाव अर्थात् चौड़ाई)-
•• यदि किसी जमीन की लम्बाई दस मीटर और चौड़ाई छ: मीटर है ,तो उस जमीन की क्षेत्रफल और परिमिति
बताएं।
=यदि कस्याञ्चिद् भूमे: द्राघिमा दशमीटरपरिमितं प्राथिमा च षड्मीटरपरिमितं स्त: , तर्हि तस्या: भूमे: क्षेत्रफलपरिमापयो: ज्ञापयतु।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
Genitive Case:
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is षष्ठी (ṣaṣṭhī) and this is the sixth case. Its कारकम् (kārakam) is सम्बन्धम् (sambandham). The genitive case is used in the sense, “of” and is used to show possession.

Some examples for the genitive case are:
सुनीलस्य पुस्तकं हरितवर्णम् अस्ति। (sunīlasya pustakaṃ haritavarṇam asti।), this means, “Suneel’s book is green-coloured.” Here, the word, “सुनीलस्य” tells that the object in the sentence belongs to Suneel. Therefore, the word is in the genitive case. Here, the green-coloured book belongs to Suneel.

धनिकस्य गृहं विशालम् अस्ति। (dhanikasya gṛhaṃ viśālam asti।). this means, “The rich man’s house is very big.” Here, the word, “धनिकस्य” tells that the object in the sentence belongs to the rich man. Therefore, the word is in the genitive case. Here, the big house belongs to the rich man.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
✍🏻 गुलिकाक्रीडाशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room

🔰 विषयः - देविमन्दिरविवरणम्
🗓२१/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्यचित् देविमन्दिरस्य विवरणं कर्तव्यम्) अभिक्रम्य आगच्छत।

https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8

पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
Audio
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात अष्टमी

दिनांक - 21 अक्टूबर 2023
दिन - शनिवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - आश्विन
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा रात्रि 07:54 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
योग - सुकर्मा रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात धृति
राहु काल - सुबह 09:31 से 10:58 तक
सूर्योदय - 06:39
सूर्यास्त - 06:09
दिशा शूल - पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से 05:49 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
व्रत पर्व विवरण - सरस्वती पूजन
🍃कल्पयति येन वृत्तिं,
येन च लोके प्रशस्यते सद्भिः।
स गुणस्तेन च गुणिना,
रक्ष्यः संवर्धनीयश्च


🔆 अस्माकं यस्य सामर्थ्यस्य गुणस्थान वा कारणेन वयं वृत्तिं सम्मानं च प्राप्नुमः तथा यस्य प्रसंशनं सर्वे कुर्वन्ति तस्य वर्धनं रक्षणं च सदैव कर्तव्यम्।

The skill that sustains livelihood and which is praised by all should be fostered and protected for your own development.​

जिस गुण से आजीविका का निर्वाह हो और जिसकी सभी प्रशंसा करते हैं, अपने स्वयं के विकास के लिए उस गुण को बचाना और बढ़ावा देना चाहिए।

#Subhashitam
कस्याश्चित् स्थानविशेषस्य विवरणं त्वया क्रियताम्।
Anonymous Quiz
58%
वाक्यम् अशुद्धं
42%
वाक्यं शुद्धम्
बात
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(१)बात क्या है?
→ का वार्ता?

(२)यह तो बुरी बात है।
→ एष: तु असमीचीनो विचारोऽस्ति।

(३)यह तो अच्छी बात है।
→ एष: तु सम्यक् विचारोऽस्ति।

(४)यह बात मुझे पसंद नहीं है।
→ मह्यम् एष: विचारो न रोचते।

(५)यह तो बड़ी बात है।
→ एष: तु गम्भीरविचारोऽस्ति।

(६)यह झूठी बात है।
→ एतत् असत्यं वचनमस्ति।

(७)यह सच्ची बात है।
→ एतत् सत्यं वचनमस्ति।

(८)यह अजीब बात है।
→ एतत् विचित्रं वचनमस्ति।

(९)सच्ची बात तो यह है।
→ सत्यवचनं तु एतदस्ति।

(१०)यह बात सत्य है।
→ एतत् वचनं सत्यमस्ति।

(११)बात यह है।
→ विचारोऽयम्।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
Locative Case:
In Sanskrit, the विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is सप्तमी (saptamī) and this is the seventh case. Its कारकम् (kārakam) is अधिकरणम् (adhikaraṇam). The locative case is used in the sense, “in” and is used to show the location of a particular object.

Some examples for the locative case are:
उद्याने बहूनि सुन्दराणि पुष्पाणि सन्ति। (udyāne bahūni sundarāṇi puṣpāṇi santi।), this means, “There are many beautiful flowers in the garden.” Here, the word, “उद्याने” tells that the object in the sentence is in the garden. Therefore, the word is in the locative case. Here, the flowers are located in the garden.

वने बहवः वृक्षाः सन्ति। (vane bahavaḥ vṛkṣāḥ santi।), this means, “There are many trees in the forest.” Here, the word, “वने” tells that the object in the sentence is in the forest. Therefore, the word is in the locative case. Here, the trees are located in the forest.

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