🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 14 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त शाम 04:24 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - इन्द्र सुबह 10:25 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 10:58 तक
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 06:15
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - आश्विन अमावस्या, सर्वपित्री अमावस्या का श्राद्ध, महालय समाप्त, अज्ञात तिथिवालों का श्राद्ध
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 14 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त शाम 04:24 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - इन्द्र सुबह 10:25 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 10:58 तक
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 06:15
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - आश्विन अमावस्या, सर्वपित्री अमावस्या का श्राद्ध, महालय समाप्त, अज्ञात तिथिवालों का श्राद्ध
🍃नास्ति विद्यासमं चक्षुः नास्ति सत्यसमं तपः।
नास्ति रागसमं दुःखं नास्ति त्यागसमं सुखम्॥
☀️विद्या-समम् चक्षुः न अस्ति। सत्यम् समम् तपः न अस्ति। रागम् समम् दुःखम् न अस्ति। त्यागम् समम् सुखम् न अस्ति।
⚜There is no better means of knowledge than eyes, there is no better religious observance than the truth, there is no reason for pain worse than greed, and there is no better happiness than sacrifice ( for others).
#subhashitam
नास्ति रागसमं दुःखं नास्ति त्यागसमं सुखम्॥
☀️विद्या-समम् चक्षुः न अस्ति। सत्यम् समम् तपः न अस्ति। रागम् समम् दुःखम् न अस्ति। त्यागम् समम् सुखम् न अस्ति।
⚜There is no better means of knowledge than eyes, there is no better religious observance than the truth, there is no reason for pain worse than greed, and there is no better happiness than sacrifice ( for others).
#subhashitam
दासोऽहमिति मे बुद्धिः पूर्वमासीज्जनार्दने ।
दाकारोऽपहृतस्तेन वल्लवीजनवस्त्रवत् ॥
~ कुतश्चित् उद्धृत्य किञ्चित् अन्ते परिवर्तितम्
पूर्वं "दासोहम्" इति बुद्धिः आसीत् । स कृष्णः "दा" इति अक्षरं अपहृतवान् गोपीवस्त्रम् इव (मम बुद्धिः अधुना "सोऽहम्" इति जाता - औपनिषदं ज्ञानं लब्धमिति)
✍🏻रङ्गः
Word Cases
In Sanskrit, there are eight word cases. They are
1. Nominative,
2. Accusative,
3. Instrumental,
4. Dative,
5. Ablative,
6. Genitive,
7. Locative and
8. Vocative (In the given order).
There are two terms that are given, विभक्तिः (vibhaktiḥ) and कारकम् (kārakam). विभक्तिः (vibhaktiḥ) is basically the name of the case, whereas कारकम् (kārakam) tells the meaning of the case.
The word’s form for each case and the grammatical number will change. Sometimes, a certain word requires a particular विभक्तिः (vibhaktiḥ) and at that time, it is known as an उपपदविभक्तिः (upapadavibhaktiḥ)
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, there are eight word cases. They are
1. Nominative,
2. Accusative,
3. Instrumental,
4. Dative,
5. Ablative,
6. Genitive,
7. Locative and
8. Vocative (In the given order).
There are two terms that are given, विभक्तिः (vibhaktiḥ) and कारकम् (kārakam). विभक्तिः (vibhaktiḥ) is basically the name of the case, whereas कारकम् (kārakam) tells the meaning of the case.
The word’s form for each case and the grammatical number will change. Sometimes, a certain word requires a particular विभक्तिः (vibhaktiḥ) and at that time, it is known as an उपपदविभक्तिः (upapadavibhaktiḥ)
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Forwarded from kathaaH कथाः
Śrīmad-Bhagavadgītā-Pārāyaṇam - On the special occasion of Mahālaya-amāvasyā (a day dedicated to remember our ancestors and the loved ones who are no longer with us) and the ‘ring of fire’ solar eclipse, our “Pratdinaṁ Kathāmālā” team will be conducting a special Bhagavadgītā-Pārāyaṇam session.
Gītā-chapters being recited - Chapters 12 (Bhaktiyogaḥ) & 15 (Puruṣottamayogaḥ)
Saturday Oct 14, from 1:15pm-1:45pm ET (in 15 minutes from NOW)
Link to participate - https://join.freeconferencecall.com/pdkm or join by phone dialing +1 720-843-2893 (Access code: 1230212)
Gītā-chapters being recited - Chapters 12 (Bhaktiyogaḥ) & 15 (Puruṣottamayogaḥ)
Saturday Oct 14, from 1:15pm-1:45pm ET (in 15 minutes from NOW)
Link to participate - https://join.freeconferencecall.com/pdkm or join by phone dialing +1 720-843-2893 (Access code: 1230212)
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 12:32 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 15 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - चित्रा शाम 06:13 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - वैधृति सुबह 10:25 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - शाम 04:47 से 06:14 तक*
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 06:14
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:47 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शारदीय नवरात्र प्रारम्भ, महाराज अग्रेसन जयन्ती, मातामह श्राद्ध
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 12:32 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 15 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - चित्रा शाम 06:13 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - वैधृति सुबह 10:25 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - शाम 04:47 से 06:14 तक*
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 06:14
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:47 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शारदीय नवरात्र प्रारम्भ, महाराज अग्रेसन जयन्ती, मातामह श्राद्ध
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
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Weekly sanskrit magazine Vaartavali
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
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🍃
🔆 यथा करौ शरीरस्य तथा पक्ष्मणी नेत्रयोः रक्षणं कुरुतः तथैव यः स्वमित्राणां ध्यानं धरति स एव मित्रमस्ति।
⚜जैसे दोनों हाथ शरीर का बिना विचारे हित करते हैं, दोनों पलकें आँखों का बिना विचारे ध्यान रखती हैं, वैसे ही जो मित्र बिना विचारे मित्र का प्रिय करता है वही वास्तव में मित्र होता है ।
#Subhashitam
कराविव शरीरस्य नेत्रयोरिव पक्ष्मणी।
अविचार्य प्रियं कुर्यात्तन्मित्रं मित्रमुच्यते
।।🔆 यथा करौ शरीरस्य तथा पक्ष्मणी नेत्रयोः रक्षणं कुरुतः तथैव यः स्वमित्राणां ध्यानं धरति स एव मित्रमस्ति।
⚜जैसे दोनों हाथ शरीर का बिना विचारे हित करते हैं, दोनों पलकें आँखों का बिना विचारे ध्यान रखती हैं, वैसे ही जो मित्र बिना विचारे मित्र का प्रिय करता है वही वास्तव में मित्र होता है ।
#Subhashitam
नगरे बाले भ्रमतः। अत्र बाले इत्यस्मिन् का विभक्तिः।
Anonymous Quiz
36%
प्रथमा
29%
सप्तमी
13%
अनुचितप्रयोगः
22%
द्विवचनम्
लिट् लकार
---------------
त्रेता युग में जब भगवान् राम ने निशाचरों का वध करके राम राज्य स्थापित किया तो हर तरफ खुशहाली छा गई।
•• त्रेतायुगे यदा भगवान् राम: निशाचरान् हत्वा रामराज्यस्य स्थापनां चकार तदा सर्वत्र सुखसाम्राज्यो व्याप्तो बभूव।
धरती एक तरह से स्वर्ग हो गई।
•• वसुन्धरा एकप्रकारेण स्वर्गवत् बभूव।
इसी बीच उनके अनन्य भक्त हनुमान जी के मन में विचार आया कि क्यों न भगवान् राम की कथा को लिपिबद्ध किया जाए?
•• एतस्मिन्नेव मध्ये तस्य अनन्यभक्त: हनुमत: मनसि एक: विचार: आजगाम यत् किमर्थं न भगवत: रामस्य कथां लिपिबद्धं कुर्यात् ?
इस विचार को पूरा करने के लिए वे हिमालय के गुफाओं में चले गए और एक चट्टान पर रामकथा लिखनी शुरु कर दी।
•• एतस्य विचारस्य पूर्तये सः हिमालयस्य गुहासु गत्वा एकस्मिन शिलाखण्डे रामस्य कथां लेखितुमारेभे ।
उन्होंने इसे नाखूनों से लिखा ताकि हर शब्द अमिट और अमर रहे
•• स एनं नखैः लिलेख येन प्रत्येकं शब्द: अमिटवत् अमृतवत् च भवेत् ।
यह बात धीरे-धीरे हर जगह फैल गई।
•• अयं शब्दः शनै:-शनै: सर्वत्र प्रसृतः बभूव।
ऋषियों ने इसे हनुमद् रामायण का नाम दिया।
•• ऋषय: एतस्य नामकरणं हनुमद्रामायणं चकार।
-------------------------------------------------------------------
हरियाणा के करनाल में पैदा होकर अन्तरिक्ष परी के तौर पर दुनिया भर में नाम कमाने वाली भारत की बेटी कल्पना चावला आज ही के दिन हमेशा के लिए अन्तरिक्ष में विलीन हो गई थी।
•• हरियाणाया: करनाले जन्मग्रहीत्री भारतपुत्री कल्पना चावला , या अन्तरीक्षाप्सरस: नाम्ना विश्वख्यातिं प्राप्तवती , सा अद्यतनतस्य तिथौ एव अन्तरिक्षे लुप्ता अभवत् ।
वह ऐसी पहली महिला थी जिसने अन्तरिक्ष का सफर करके अपना नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से अंकित किया था।
•• सा एतादृशा प्रथमा महिला आसीत् या अंतरिक्षभ्रमणं कृत्वा इतिहासस्य पृष्ठेषु स्वर्णाक्षरै: स्वनाम रचितवती।
कल्पना चावला के जीवन से करोड़ो लड़किया प्रेरणा लेती हैं।
••कल्पना चावलाया: जीवनेन कोटिश: बालिका: प्रेरणां प्राप्नुवंति ।
अन्तरीक्ष परी को नमन।
•• अन्तरीक्षाप्सरसे नम:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
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त्रेता युग में जब भगवान् राम ने निशाचरों का वध करके राम राज्य स्थापित किया तो हर तरफ खुशहाली छा गई।
•• त्रेतायुगे यदा भगवान् राम: निशाचरान् हत्वा रामराज्यस्य स्थापनां चकार तदा सर्वत्र सुखसाम्राज्यो व्याप्तो बभूव।
धरती एक तरह से स्वर्ग हो गई।
•• वसुन्धरा एकप्रकारेण स्वर्गवत् बभूव।
इसी बीच उनके अनन्य भक्त हनुमान जी के मन में विचार आया कि क्यों न भगवान् राम की कथा को लिपिबद्ध किया जाए?
•• एतस्मिन्नेव मध्ये तस्य अनन्यभक्त: हनुमत: मनसि एक: विचार: आजगाम यत् किमर्थं न भगवत: रामस्य कथां लिपिबद्धं कुर्यात् ?
इस विचार को पूरा करने के लिए वे हिमालय के गुफाओं में चले गए और एक चट्टान पर रामकथा लिखनी शुरु कर दी।
•• एतस्य विचारस्य पूर्तये सः हिमालयस्य गुहासु गत्वा एकस्मिन शिलाखण्डे रामस्य कथां लेखितुमारेभे ।
उन्होंने इसे नाखूनों से लिखा ताकि हर शब्द अमिट और अमर रहे
•• स एनं नखैः लिलेख येन प्रत्येकं शब्द: अमिटवत् अमृतवत् च भवेत् ।
यह बात धीरे-धीरे हर जगह फैल गई।
•• अयं शब्दः शनै:-शनै: सर्वत्र प्रसृतः बभूव।
ऋषियों ने इसे हनुमद् रामायण का नाम दिया।
•• ऋषय: एतस्य नामकरणं हनुमद्रामायणं चकार।
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हरियाणा के करनाल में पैदा होकर अन्तरिक्ष परी के तौर पर दुनिया भर में नाम कमाने वाली भारत की बेटी कल्पना चावला आज ही के दिन हमेशा के लिए अन्तरिक्ष में विलीन हो गई थी।
•• हरियाणाया: करनाले जन्मग्रहीत्री भारतपुत्री कल्पना चावला , या अन्तरीक्षाप्सरस: नाम्ना विश्वख्यातिं प्राप्तवती , सा अद्यतनतस्य तिथौ एव अन्तरिक्षे लुप्ता अभवत् ।
वह ऐसी पहली महिला थी जिसने अन्तरिक्ष का सफर करके अपना नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से अंकित किया था।
•• सा एतादृशा प्रथमा महिला आसीत् या अंतरिक्षभ्रमणं कृत्वा इतिहासस्य पृष्ठेषु स्वर्णाक्षरै: स्वनाम रचितवती।
कल्पना चावला के जीवन से करोड़ो लड़किया प्रेरणा लेती हैं।
••कल्पना चावलाया: जीवनेन कोटिश: बालिका: प्रेरणां प्राप्नुवंति ।
अन्तरीक्ष परी को नमन।
•• अन्तरीक्षाप्सरसे नम:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
https://youtu.be/BMC0nin-YTI?feature=shared
#NavratrispecialMusic
भ्रमराम्बाष्टकम् अथवा श्रीमातृस्तवः श्रीशैलभगवत्यष्टकम् चाञ्चल्यारुणलोचनाञ्चितकृपाचन्द्रार्कचूडामणिं
चारुस्मेरमुखां चराचरजगत्संरक्षणीं तत्पदाम् ।
चञ्च्चम्पकनासिकाग्रविलसन्मुक्तामणीरञ्जितां
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ १॥
कस्तूरीतिलकाञ्चितेन्दुविलसत्प्रोद्भासिफालस्थलीं
कर्पूरद्रावमिक्षचूर्णखदिरामोदोल्लसद्वीटिकाम् ।
लोलापाङ्गतरङ्गितैरधिकृपासारैर्नतानन्दिनीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ २॥
राजन्मत्तमरालमन्दगमनां राजीवपत्रेक्षणां
राजीवप्रभवादिदेवमकुटै राजत्पदाम्भोरुहाम् ।
राजीवायतमन्दमण्डितकुचां राजाधिराजेश्वरीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ३॥
षट्तारां गणदीपिकां शिवसतीं षड्वैरिवर्गापहां
षट्चक्रान्तरसंस्थितां वरसुधां षड्योगिनीवेष्टिताम् ।
षट्चक्राञ्चितपादुकाञ्चितपदां षड्भावगां षोडशीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ४॥
श्रीनाथादृतपालितात्रिभुवनां श्रीचक्रसंचारिणीं
ज्ञानासक्तमनोजयौवनलसद्गन्धर्वकन्यादृताम् ।
दीनानामातिवेलभाग्यजननीं दिव्याम्बरालंकृतां
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ५॥
लावण्याधिकभूषिताङ्गलतिकां लाक्षालसद्रागिणीं
सेवायातसमस्तदेववनितां सीमन्तभूषान्विताम् ।
भावोल्लासवशीकृतप्रियतमां भण्डासुरच्छेदिनीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ६॥
धन्यां सोमविभावनीयचरितां धाराधरश्यामलां
मुन्याराधनमेधिनीं सुमवतां मुक्तिप्रदानव्रताम् ।
कन्यापूजनपुप्रसन्नहृदयां काञ्चीलसन्मध्यमां
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ७॥
कर्पूरागरुकुङ्कुमाङ्कितकुचां कर्पूरवर्णस्थितां
कृष्टोत्कृष्टसुकृष्टकर्मदहनां कामेश्वरीं कामिनीम् ।
कामाक्षीं करुणारसार्द्रहृदयां कल्पान्तरस्थायिनीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ८॥
गायत्रीं गरुडध्वजां गगनगां गान्धर्वगानप्रियां
गम्भीरां गजगामिनीं गिरिसुतां गन्धाक्षतालंकृताम् ।
गङ्गागौत्मगर्गसंनुतपदां गां गौतमीं गोमतीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ९॥
इति श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यस्य श्रीगोविन्दभगवत्पूज्यपादशिष्यस्य श्रीमच्छंकरभगवतः कृतौ भ्रमराम्बाष्टकं सम्पूर्णम् ॥
#NavratrispecialMusic
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Sri Bhramarambashtakam చాంచల్యారుణ. .. Sri Adi Shankara. ... by Kodakandla Radhakrishna Sharma
Sri Bhramaramba Ashtakam is composed by Sri Adi Shankaracharya.. Goddes Sri Bhramaramba devi temple is located in Srishilam .. Karnool District Andhra pradesh State
భ్రమరాంబాష్టకం
చాంచల్యారుణలోచనాంచితకృపాచంద్రార్కచూడామణిం
చారుస్మేరముఖాం చరాచరజగత్సంరక్షణీం…
భ్రమరాంబాష్టకం
చాంచల్యారుణలోచనాంచితకృపాచంద్రార్కచూడామణిం
చారుస్మేరముఖాం చరాచరజగత్సంరక్షణీం…