संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - द्वादशी शाम 05:37 तक तत्पश्चात त्रयोदशी

दिनांक - 11 अक्टूबर 2023
दिन - बुधवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - आश्विन
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - मघा सुबह 08:45 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग - शुभ सुबह 08:42 तक तत्पश्चात शुक्ल
राहु काल - दोपहर 12:26 से 01:54 तक
सूर्योदय - 06:35
सूर्यास्त - 06:18
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:46 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:51 तक
व्रत पर्व विवरण - द्वादशी का श्राद्ध, सन्यासी-यति-वैष्णवों का श्राद्ध, प्रदोष व्रत
🍃अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि भारत।
अव्यक्तनिधनान्येव तत्र का परिदेवना
॥२.२८॥

🔆 हे भरतस्य वंशे जातः अर्जुन सर्वे प्राणिनः जन्मनः पूर्वम् अदृष्टाः भवन्ति जन्मनः परमपि तथैव इत्युक्ते न तस्य विषये कश्चन जानीयात् केवलं मध्यकालाय ते दर्शनार्हाः स्युः तदर्थं शोकः न कार्यः।

हे भरतवंशी! सम्पूर्ण प्राणी जन्म से पहले अप्रकट रहते है और मरने के बाद भी अप्रकट(अव्यक्त) हो जाने वाले हैं, केवल बीच में ही प्रकट हैं (इन्हे देखा जा सकता है),अत: शोक करने की क्या आवश्यकता है?

#Subhashitam
कियत् उत्तमं गीतम गायति भवती।
Anonymous Quiz
43%
शुद्धं वाक्यम्।
57%
अशुद्धं वाक्यम्।
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
लकड़ी का काम करने वाले लोगों को बढ़ई कहा जाता है। ••काष्ठकार्याणां कर्त्तार: जना: तक्षका: इति उच्यन्ते। बढई एक ऐसी जाती है जो देश के हर प्रदेशों जिलो गांव शहर में बहुसंख्यक जाति के रूप मे निवास करती हैं। ••तक्षक: एका जातिः अस्ति या देशस्य प्रत्येकस्मिन्…
इन वस्तुओं में चारपाई, तख्त, पीढ़ा, कुर्सी, मचिया, आलमारी, हल, चौकठ, बाजू, खिड़की, दरवाजे तथा घर में लगने वाली कड़ियाँ - घर और दुकान में लगने वाली हर एक अधुनिक वस्तु इसी समाज का देन है।
••एतेषु वस्तुषु शय्या,काष्ठफलकं,पीठं,आसन्दी,आसन्दिका, मञ्जूषा, हलं, देहली, फलकं, वातायनं, द्वारं अर्गला च सन्ति अर्थात् गृहे आपणे च स्थापितं प्रत्येकं आधुनिकं वस्तु अस्यैव समाजस्य अवदानमस्ति।

बढई समाज के लोगो के घर में जन्मे बच्चे को पैदाइशी इंजीनियर कहा जाता है।
••तक्षकसमुदायस्य जनानां गृहे जाता: बालका: जन्मजाता: अभियन्तार: कथ्यन्ते।

बढई समाज जन्मजात अविष्कारक है।
••तक्षकसमुदाय: जन्मजातः आविष्कारकः अस्ति।

इनको अलग अलग प्रदेश में अलग अलग नामों से जाना जाता है।
••एते भिन्न-भिन्न-प्रदेशेषु भिन्न-भिन्न-नाम्ना ज्ञायन्ते।

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हृदय के लिए लौकी का रस अमृत के समान है।
••हृदयाय अलाबुरस: सुधावदस्ति।

लौकी का एक कप ताज़ा रस निकालकर प्रतिदिन सुबह पीने से हृदय के लिए व सामान्य स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा रहता है।
••एकचषकपूरितम् तुम्बीरसं निष्कास्य प्रतिदिनं प्रात: पानेन हृदयार्थं सामान्यस्वास्थ्याय च अतीव लाभदायकं भवति।

इसमें सेब का रस मिलाकर भी पी सकते हैं।
••अस्मिन् सेबरसस्य मिश्रणं कृत्वा पातुं शक्नुथ।

सर्दी हो तो थोड़ा अदरक का रस या सोंठ मिलाकर पियें|
••यदि शैत्यं स्यात् तर्हि इशत् आर्द्रकरसस्य शुष्कार्द्रकचूर्णस्य वा मिश्रणं कृत्वा पिबत।

यह कॉलेस्ट्रोल भी कम करता है।
••एष पैत्तवमपि अपाकरोति।

नोट- रस निकलने से पहले लौकी को चख लें। यदि कड़वी हो तो प्रयोग न करें।
••ध्वातव्यं यत् रसनिष्कासनात् पूर्वं अलाबो: स्वादस्य परीक्षणं कुरुत।यदि कटु भवेत् तर्हि मा प्रयोगं कुर्यात।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
जापान्देशस्य माङ्गायामपि संस्कृतभाषा। न पूर्वम् अपेक्षिता।

#celebrating_sanskrit
Importance and Relation of Grammatical Numbers, Persons and Genders:

Noun-Pronoun Agreement: 
This means that whatever pronoun is going to replace a noun, whatever the grammatical number, grammatical gender and case of the noun is, the same things the pronoun should have. If there is a sentence and the noun needs to be replaced with a pronoun, the latter needs to be exactly similar to the former.

We can see this explanation from the following example.
अहं मित्रेण सह सम्भाषे। (ahaṃ mitreṇa saha sambhāṣe।) – this means, “I am conversing with my friend”. The word, ‘मित्रेण’ (mitreṇa) is in singular, neuter gender and instrumental case.

If the word, ‘मित्रेण’ (mitreṇa), were to be replaced with a pronoun, the sentence would be as follows:
अहं तेन सह सम्भाषे। (ahaṃ tena saha sambhāṣe।).
In this sentence, the word, ‘तेन’, is in singular, neuter gender and instrumental case.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
शिशुः। पितः फलम् इच्छामि।
पिता। अस्तु स्वीकुरु।
शिशुः। त्वचम् अपाकुरु।
पिता। अस्तु करोमि। नय।
शिशुः। खण्डानि कुरु।
पिता। अस्तु अधुना खाद।
शिशुः। न इच्छामि। पुनः योजय।
पिता। अस्तु अन्यत् ददामि।
शिशुः। अन्यत् न इच्छामि। एतदेव
योजयित्वा देहि।

पिता निःसहायः।

#samvadah #hasya
✍🏻 सूचिकाशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
Live stream scheduled for
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room

🔰 विषयः - भोजनम्
🗓११/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कीदृशं भोजनम् अस्माकं कृते उत्तमं भवति) अभिक्रम्य आगच्छत।

https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8

पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
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🚩तिथि - द्वादशी शाम 05:37 तक तत्पश्चात त्रयोदशी

दिनांक - 11 अक्टूबर 2023
दिन - बुधवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - आश्विन
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - मघा सुबह 08:45 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग - शुभ सुबह 08:42 तक तत्पश्चात शुक्ल
राहु काल - दोपहर 12:26 से 01:54 तक
सूर्योदय - 06:35
सूर्यास्त - 06:18
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:46 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:51 तक
व्रत पर्व विवरण - द्वादशी का श्राद्ध, सन्यासी-यति-वैष्णवों का श्राद्ध, प्रदोष व्रत