संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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मध्यमपुरुषः (madhyamapuruṣaḥ) i.e. Second Person is used to refer to the person being spoken to.
Only three words can be used for second person: 
1. त्वम् (tvam) i.e. You which is ‘Singular’, 
2. युवाम् (yuvām) i.e. You two which is dual and 
3. यूयम् (yūyam) i.e. You all which is Plural.

Following are some sentences using second person in all the three grammatical numbers:

Singular – त्वं कुत्र गच्छसि? (tvaṃ kutra gacchasi?). This sentence means, “Where are you going?”.

Dual – युवां कुत्र गच्छथः? (yuvāṃ kutra gacchathaḥ?). This sentence means, “Where are you two going?”.

Plural – यूयं कुत्र गच्छथ? (yūyaṃ kutra gacchatha?). This sentence means, “Where are all of you going?”.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Wife - Look your relative is coming. Please do welcome.
Husband - Oh Father in law ! Welcome to you. Please come in.

#hasya
आगच्छन्तु सर्वे संस्कृतमहागोष्ठ्यां शीघ्रम् आरभते।
https://meet.google.com/gir-wziw-qvp
✍🏻 आयतशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
Live stream scheduled for
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room

🔰 विषयः - वार्ताः
🗓१०/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।

https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8

पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🚩जय सत्य सनातन🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - एकादशी दोपहर 03:08 तक तत्पश्चात द्वादशी

दिनांक - 10 अक्टूबर 2023
दिन - मंगलवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - आश्विन
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - मघा पूर्ण रात्रि तक
योग - साध्य सुबह 07:47 तक तत्पश्चात शुभ
राहु काल - दोपहर 03:23 से 04:51 तक
सूर्योदय - 06:34
सूर्यास्त - 06:19
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:45 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:51 तक
व्रत पर्व विवरण - मघा श्राद्ध, इंदिरा एकादशी
🍃भर्जनम्भवबीजानामर्जनं सुखसम्पदाम्।
तर्जनं यमदूतानां रामरामेति गर्जनम्
।।३६।।

🔆 रामनाम संसारदुःखानां नाशकम् अस्ति सर्वसुखदायकमस्ति तथा यमालयं गमनात् त्रायते अर्थात् रामनामोच्चारणं सदा करणीयम्।

'राम-राम' ऐसा घोष करना सम्पूर्ण संसारबीजों को भून डालने वाला, सम्पूर्ण सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति कराने वाला तथा यमदूतों को भयभीत करने वाला है।

श्रीरामरक्षास्तोत्रम्

#Subhashitam
हरिशब्दस्य चतुर्थीविभक्तिः का।
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हरये
8%
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हरे
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लकड़ी का काम करने वाले लोगों को बढ़ई कहा जाता है।
••काष्ठकार्याणां कर्त्तार: जना: तक्षका: इति उच्यन्ते।

बढई एक ऐसी जाती है जो देश के हर प्रदेशों जिलो गांव शहर में बहुसंख्यक जाति के रूप मे निवास करती हैं।
••तक्षक: एका जातिः अस्ति या देशस्य प्रत्येकस्मिन् राज्ये, मण्डले, ग्रामे, नगरे च बहुमतजातिरूपेण निवसति।

इनकी संख्या भारत में लगभग 6% से 8 % के आस पास है, घर मकान आफिस नयी शोध सभी इसी समाज कि देन है, लेकिन राजनैतिक इच्छा शक्ति के अभाव मे पतन होता गया।
•एतेषां सङ्ख्या भारतवर्षे सामीप्यं षट्तः अष्ट प्रतिशतं यावदस्ति। गृहं , प्रकोष्ठः, कार्यालयः, नूतनशोधः सर्वे अस्यैव वर्गस्य योगदानमस्ति। परन्तु राजनैतिकवाञ्छायाः अभावे पतनम् अभवत्।

इस आधुनिक समाज के विकास का श्रेय इस जाति को जाता है।
••अस्य आधुनिकसमाजस्य विकासस्य श्रेयः अस्या एव जाते: अस्ति।

यह जाति प्राचीन काल से समाज के प्रमुख अंग रहा है।
••एषा जातिः प्राचीनकालादेव समाजस्य प्रमुखः अङ्गोऽस्ति।

घर की आवश्यक लकड़ी की वस्तुएँ बढ़ई जाति द्वारा बनाई जाती हैं।
••गृहस्य कृते आवश्यकानि काष्ठवस्तूनि तक्षकजात्या निर्मितानि भवन्ति।

बढई जाति के लोग रोजगार मे विश्वास करते हैं और अपने साथ अनेकों समाज और समुदाय को भी रोजगार उपलब्ध कराते हैं।
••तक्षकजाते: जनाः आजीविकायां विश्वासं कुर्वन्ति तेषां च सह अनेकेभ्यः समाजेभ्य: समुदायेभ्यश्च आजीविकां प्रयच्छन्ति।

आविष्कारों और रचनाओं के धनी है बढई जाति जिनको बढई समाज के नामों से पुकारा जाता है।
••तक्षकजातय: आविष्कारसृष्टिसमृद्धा: सन्ति ये च तक्षकसमुदायस्य नाम्ना उच्यन्ते।

दुनिया में इस समाज के अविष्कार का ही हर एक आदमी नकल करके ही कला को हासिल करता है।
••अस्य समाजस्य आविष्काराणामेव अनुकृतिं कृत्वैव जगति प्रत्येकं व्यक्तिः कलां साधयति।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
उत्तमपुरुषः (uttamapuruṣaḥ) i.e. First Person is used by one to refer to himself/herself.
Similar to second person, only three words are used for first person: 
1. अहम् (aham) i.e. I which is singular, 
2. आवाम् (āvām) i.e. We which is Dual and 
3. वयम् (and vayam) i.e. We all which is Plural.

Following are some sentences using first person in all grammatical numbers:

Singular – अहं वदामि। (ahaṃ vadāmi।). This sentence means, “I am speaking”.

Dual – आवां वदावः। (āvāṃ vadāvaḥ।). This sentence means, “We two are speaking”.

Plural – वयं वदामः। (vayaṃ vadāmaḥ।). This sentence means, “We all are speaking.”

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
✍🏻 पिच्छकन्दुकक्रीडाशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room

🔰 विषयः - इज़्रैल्फिलिस्तीन देशयोः युद्धम्
🗓११/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (द्वयोः देशयोः युद्धस्य कारणानि परिणामाः च के) अभिक्रम्य आगच्छत।

https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8

पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_