संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🌸🌺🪷 संस्कृतमहागोष्ठी 🪷🌺🌸

📅 9th October 2023
7PM to 9PM IST
🔗 https://meet.google.com/gir-wziw-qvp
📧 samskrit.samvadah@gmail.com
🍃अस्मिन् महामोहमये कटाहे
सूर्याग्निना रात्रिदिवेन्धनेन।
मासर्तुदर्वीपरिघट्टनेन
भूतानि कालः पचतीति वार्ता
।।

🔆 अस्मिन् मोहादिविषयरूपिणे कटाहे (किञ्चन पात्रम्) कालः सर्वान् प्राणिनः मासारूपिण्या तथा ऋतुरूपिण्या दर्व्या आलोड्य दिवसरात्रिरूपेण ईन्धन पचति तथा वयम् इदं सर्वं न अवगच्छामः इति विचित्रम्।

इस महामोहरूपी कड़ाहे में काल समस्त प्राणियों को महीने और ऋतु रूपी कलछी/कलछुल से उलट-पलटकर रात-दिनरूप इंधन द्वारा पका रहा है, (फिर भी लोग समझ नहीं पाते हैं) यही वार्ता है।
(महा. वनपर्व - ३१३/११४ व ११८)

#Subhashitam
आसीतैव एतस्य सन्धिविच्छेदः कः।
Anonymous Quiz
53%
आसीत् एव
12%
आसीद् एव
4%
आसीत इव
31%
आसीत एव
आटा भिंगो कर फ्रीज़ में ना रखे
•• पिष्टं सिक्तं कृत्वा प्रशीतकस्य अन्तर्भागे न स्थापयतु

फ्रीज में गूंथा आटा आपका समय तो बचा सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्रीज में गूंथा आटा कितना नुकसान पहुचाता हैं
•• प्रशीतके स्थापितं ग्रन्थितं पिष्टं भवत्या: समयं रक्षितुं शक्नोति,परन्तु किं भवती जानाति यत् प्रशीतके स्थापितं ग्रन्थितं पिष्टं कियत् हानिकारकं भवति?

जिन परिवारों में भी इस प्रकार की आदत है वहां किसी न किसी प्रकार के अनिष्ट, रोग-शोक और क्रोध तथा आलस्य का डेरा होता है।
•• येषु कुलेषु तादृशी प्रवृत्तिः भवति तत्र केनचित् प्रकारेण अनिष्टं, व्याधि-दुःखं, क्रोधः, आलस्यं च भवन्ति ।

शास्त्रों में कहा गया है कि बासी भोजन भूत भोजन होता है और इसे ग्रहण करने वाला व्यक्ति जीवन में रोग और परेशानियों से घिरा रहता है
•• पर्युषितभोजनं भूतभोजनमस्ति तथा च तस्य सेवनकर्ता जन: जीवने रोगैः क्लेशैः च आच्छादित: भवतीति शास्त्रेषु कथ्यते।

ऐसा आयुर्वेद शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि आटा भिगोते ही तुरंत इस्तेमाल करना चाहिए वरना उसमे ऐसे रासायनिक बदलाव आते है जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकते है
•• एवम् आयुर्वेदशास्त्रेषु स्पष्टतया उक्तं यत् पिष्टं सिञ्चन्त्येव तत्क्षणमेव प्रयोक्तव्यम् अन्यथा तस्मिन् एतादृशानि रासायननिकपरिवर्तनानि भवन्ति यानि स्वास्थ्याय अतीव हानिकारकाकानि भवितुमर्हन्ति।

इसलिए फ्रिज का इस्तेमाल आटा रखने के लिए ना करे
•• अतः पिष्टस्य संग्रहणार्थं प्रशीतकस्य उपयोगं न करोतु

कुछ ही दिन में ऐसी आदत बन जायेगी की जितनी रोटियाँ लगती है उतना ही आटा भिगोया जाए और इसमें ज़्यादा समय भी नहीं लगता
•• कतिपयेभ्यो दिनेभ्यः परम् एतादृशी प्रवृत्ति: भविष्यति यत् यावत्य: रोटिका: आवश्यक्या: भविष्यन्ति तावदेव पिष्टं सिञ्चयेत् तथा च एतत् कार्यं कर्तुं बहुकालोऽपि न भवति।

ताज़े आते की रोटियाँ ज़्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है
•• नूतनपिष्टैः निर्मितासु रोटिकासु स्वादः पौष्टिकता च द्वयम् अधिकं वर्तते।

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मॉं और पेड़ दोनों के ही ऑंचल में छाव है।
•• मातुः वृक्षस्य च उभयो: एव अञ्चले छाया अस्ति।

कृपया इनका जतन करे और सम्भाल कर रखे।
•• कृपया एतयोः द्वयोः अपि सतर्कतया रक्षणावेक्षणं सुरक्षां च कुर्यात्।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
Sanskrit Grammatical Persons:
Grammatical persons are known as पुरुषाः (puruṣāḥ) in Sanskrit. These influence verbs. There are three grammatical persons: 

1. प्रथमपुरुषः (prathamapuruṣaḥ) i.e. Third Person
2. मध्यमपुरुषः (madhyamapuruṣaḥ) i.e. Second Person and 
3. उत्तमपुरुषः (uttamapuruṣaḥ) i.e. First Person.

प्रथमपुरुषः (prathamapuruṣaḥ) i.e. Third Person is used most of the time. Third person refers to anybody else other than the person himself/herself and the person being spoken to.

Following are some sentences using third person in all the three grammatical numbers:

Singular – शिक्षकः पाठयति। (śikṣakaḥ pāṭhayati।). This sentence means, “The teacher is teaching”.
Dual – शिक्षकौ पाठयतः। (śikṣakau pāṭhayataḥ।). This sentence means, “Two teachers are teaching”.
Plural – शिक्षकाः पाठयन्ति। (śikṣakāḥ pāṭhayanti।). This sentence means, “Many teachers are teaching”.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
संस्कृतच्छन्दसः आभासीया कार्यशाला (Online Workshop of Sanskrit Verse)

पञ्जीकरणाय (For Registration)
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfBXKUnvmekzoPl_IbMAbHqmtrr0vJYdkM2gUuMmOMw3FHEmw/viewform?usp=sf_link


*सूचनाः*
1. समयः - अष्टवादनतः नववादनपर्यन्तं (from 08:00pm to 09:00pm)
2. यूट्यूब-लाईव-प्रसारणम् (Live Streaming Channel in Youtube) - https://youtube.com/@MySamskritam?si=GuVqQSKvJOFKMyCf
3. पीडीएफ/सामाग्र्याः कृते टेलीग्राम चैनल (Telegram channel for Pdf or other materials) - https://t.me/SamskritaMy
4. अन्याः सूचनाः व्हाट्सएप्प-समूहे एव प्राप्स्यन्ति भवन्तः भवत्यश्च (You all will get all other information in the WhatsApp group only.)
5. कक्षा गूगलमीटमाध्यमेन भविष्यति । (The class will be held through Google Meet.)
6. येषां पञ्जीकरणमस्ति, तेभ्यः ईमेलमाध्यमेन सूचना गमिष्यति । (Those who have registered will get the Google Meet link through email.)
7. अन्ये साक्षात् लाईव द्रष्टुं शक्नुवन्ति । (all others can watch live directly on YouTube)
8. विभिन्नप्रदेशस्य छन्दसां विद्वद्भ्यो व्याख्यानम् (Lectures by Verse Scholars from different states)
✍🏻 बाणशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
🌸🌺🪷 संस्कृतमहागोष्ठी 🪷🌺🌸 📅 9th October 2023 7PM to 9PM IST 🔗 https://meet.google.com/gir-wziw-qvp 📧 samskrit.samvadah@gmail.com
You can also comment down if you want to perform any sanskrit speech, strotra, work, poetry, riddle, stuti, song etc. in संस्कृतमहागोष्ठी

📅 9th October 2023
7PM to 9PM IST
🔗 https://meet.google.com/gir-wziw-qvp
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - दशमी दोपहर 12:36 तक तत्पश्चात एकादशी

दिनांक - 09 अक्टूबर 2023
दिन - सोमवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - आश्विन
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - अश्लेषा 10 अक्टूबर प्रातः 05:45 तक तत्पश्चात मघा
योग - सिद्ध सुबह 06:51 तक तत्पश्चात साध्य
राहु काल - सुबह 08:02 से 09:30 तक
सूर्योदय - 06:34
सूर्यास्त - 06:20
दिशा शूल - पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:45 तक

#panchang
कई बार सपने में हमें फूल दिखते हैं तो कभी फूल की कलियां दिखती हैं।
•• स्वप्ने असकृत् अस्माभि: पुष्पाणि दृश्यन्ते कदाचित् च कुड्मलानि दृश्यन्ते।

फूल जब पूरी तरह नहीं खिल पाता है तो उसे कली कहा जाता है।
••यदा पुष्पं पूर्णतया प्रफुल्लितं न भवति तदा कुड्मलमुच्यते ।

जब सपने में हमें फूल की कली दिखती है तो हम जानना चाहते है कि सपने में फूल की कली देखना कैसा होता है और यह शुभ होता है या अशुभ होता है ?
••यदा स्वप्ने अस्माभि: पुष्पस्य कुड्मलं दृश्यते तदा ज्ञातुमिच्छामः यत्
पुष्पस्य कुड्मलदर्शनं कीदृशं भवति तथा किम् एतत् शुभम् अशुभं वा भवति?

सपने में फूल की कली देखना अच्छा सपना नहीं माना जाता हैं।
•• स्वप्ने पुष्पकुड्मलदर्शनं सुस्वप्नं न मन्यते।

यह सपना संकेत करता है कि आने वाले समय में आपको स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी हो सकती है या आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता हैं।
•• एष स्वप्नः सूचयति यत् भवतः स्वास्थ्यसम्बद्धाः समस्याः भवितुमर्हन्ति अथवा आगामिसमये भवतः स्वास्थ्यस्य क्षयः भवितुमर्हति।

इस सपने को देखने के बाद आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
•• स्वप्नमिदं दर्शानन्तरं भवता स्वास्थ्यस्य ध्यानं कर्त्तव्यम्।

यदि आप अपने स्वास्थ्य के साथ लापरवाही करते है तो आपको इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
•• यदि भवान् स्वस्वास्थ्यस्य विषये प्रमादं कुर्यु: तर्हि एतस्य गम्भीरपरिणामः सम्भवितुमर्हेत्।

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धर्मराजेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित है जिसका निर्माण आज से करीब चौदह सौ वर्ष पहले हुआ था।
••धर्मराजेश्वरमन्दिरं मध्यप्रदेशस्य मन्दसौरे स्थितम् अस्ति, यस्य निर्माणम् अद्यारभ्य प्रायः चतुर्दशशतवर्षपूर्वं बभूव।

यह एक ही चट्टान को गहराई तक खोखला करके बनाया गया एक विशाल मंदिर है।
•• एतत् एकामेव शिलां गभीरत्वपर्यन्तं विदारयित्वा निर्मितं एकं बृहन्मंदिरमस्ति।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
🍃व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखम्।
आरोग्यं परमं भाग्यं, स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥

🔅व्यायामात् स्वास्थ्यं दीर्घम् आयुष्यं बलं सुखं (च) लभते। आरोग्यं परमं भाग्यम् ( अस्ति )। स्वास्थ्यं सर्व-अर्थ-साधनम् ( अस्ति) ।

(One) acquires health, long life, strength and happiness by (daily) exercise. Good health is the greatest blessing (fortune ). Good health enables ( you) to achieve all (your) material goals.

#subhashitam
मध्यमपुरुषः (madhyamapuruṣaḥ) i.e. Second Person is used to refer to the person being spoken to.
Only three words can be used for second person: 
1. त्वम् (tvam) i.e. You which is ‘Singular’, 
2. युवाम् (yuvām) i.e. You two which is dual and 
3. यूयम् (yūyam) i.e. You all which is Plural.

Following are some sentences using second person in all the three grammatical numbers:

Singular – त्वं कुत्र गच्छसि? (tvaṃ kutra gacchasi?). This sentence means, “Where are you going?”.

Dual – युवां कुत्र गच्छथः? (yuvāṃ kutra gacchathaḥ?). This sentence means, “Where are you two going?”.

Plural – यूयं कुत्र गच्छथ? (yūyaṃ kutra gacchatha?). This sentence means, “Where are all of you going?”.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Wife - Look your relative is coming. Please do welcome.
Husband - Oh Father in law ! Welcome to you. Please come in.

#hasya