संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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यावत् सूर्योदयः न भवति ____ अहं न किमपि खादामि।
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यदा
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तदा
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एतावत्
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तावत्
मुझे यह अमरूद का पेड़ इतना सुन्दर लगा कि मैं अपने आपको पोस्ट करने से नहीं रोक पाया।आपका क्या विचार है ?
•• मया एष पेरुक: एतावान् सुन्दर: अनुभूत: यत् अहं तत्सन्देशप्रेषणात् स्वयमेव निवारयितुं न शक्तवान्।भवत: किं मतम् ?

कछुए का कवच बहुत कड़ा होता है।
••कच्छपस्य कवच: अतीव कठोरो भवति।

ओज़ोन परत पृथ्वी का रक्षा कवच है जो पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों के सूर्य के पराबैंगनी विकिरण के कुप्रभावों से रक्षा करता है।
•• ओजोनस्तरं पृथिव्याः रक्षात्मकं वर्म अस्ति यत् पृथिव्यां वासिनः सर्वान् जीवान् सूर्यस्य नीललोहितविकिरणस्य हानिकारकप्रभावात् रक्षति ।

दर्जन भर से अधिक किसानों ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि दबंगों के द्वारा आम रास्ता पर अवैध कब्जा किया जा रहा है।
••द्वादशकाधिके कृषकाः जिलाधिकारिणे दत्ते आवेदनपत्रे ज्ञापितवन्तः यत् उत्पीडकैः जनमार्गे अवैधरूपेण अतिक्रमणं क्रियते ।

विराग और आत्मग्लानि ही जीवन के रत्न हैं।
••विरागः आत्मग्लानि: च जीवनरत्ने स्तः।

आपमें से कोई भी आदेश का एक शब्द भर कह दें तो मुझे उसका पालन करने से में जरा भी आनाकानी नहीं होगी, यद्यपि मेरा इस भवन के प्रति निश्चित रूप से एक गहरा भावनात्मक अनुराग है।
••भवत्सु कश्चनापि आदेशशब्दमात्रं वदेच्चेत् तस्य पालने ईषदपि अवज्ञाभावो न भविष्यति, यद्यपि मम एतद् भवनं प्रति निश्चितरूपेण एकः गहनभावनात्मकः स्नेहोऽस्ति।

इस पृथ्वी का सबसे दुराचारी अत्याचारी दुष्कर्मी प्राणी मनुष्य ही है जो बेजुबान पशु पक्षी और मछलीयों को मार कर के उसे खा जाता है और वह अपने को धर्मात्मा कहता है।
••अस्यां धरायां सर्वेषु/सर्वेषाम् अधिकतमः दुराचारी अत्याचारी दुष्कर्मी प्राणी मानव: एवास्ति य: मूकपशुपक्षीमत्स्यान् हत्वा तान् भक्षति स च आत्मना आत्मानमेव 'धर्मात्मा' इति कथयति।

समुद्र मंथन के समय निकले अमृत को लेकर देव और असुर आपस में लड़ने लगे।
••समुद्रमन्थनात् निःसृतम् अमृतं प्राप्तुं देवासुराः परस्मपरम् अयुध्यन्त ।

काला नमक खाने से खून पतला होता है जिससे वह पूरे शरीर में आराम से पहुंचता है।ऐसे में आपका हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर ठीक रहता है।हाई बीपी है तो साधारण नमक की जगह पर काला नमक खाएं।
••कृष्णलवणस्य सेवनेन रक्तं कृशं भवति येन तत् सम्पूर्णे शरीरे सुगमतया प्राप्नोति।एवं परिस्थित्यां भवत: उच्चपैत्त्व: उच्चरक्तचाप: च नियंत्रितौ भवत:।यदि उच्चरक्तचापो भवेत् तर्हि साधारणलवणस्य स्थाने कृष्णलवणस्य सेवनं कुर्यात्।

नंगे पैर बरसात में,जब किसान कीचड़ में जाता है।
महकता हुआ बासमती,तब तुम्हारे घर आता है।
•• यदा कृषको नग्नपादाभ्यां पङ्के गच्छति तदा सुगन्धयुक्तम् अण्वोदनं तव गृहम् आगच्छति।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Sanskrit Grammatical Genders: Grammatical genders are known as लिङ्गानि (liṅgāni) in Sanskrit. There are word forms that are dependent on the grammatical number, grammatical gender, case and ending of that particular word. All of these factors come together…
पुल्लिङ्गम् (pulliṅgam) i.e Masculine gender: Some commonly used words for masculine gender are –

गजः (gajaḥ)  i.e. Elephant
बालकः (bālakaḥ) i.e. Boy
विद्यालयः (vidyālayaḥ) i.e. School
मुनिः (muniḥ) i.e. Saint
कविः (kavi) i.e. Poet
ऋषिः (ṛṣiḥ) i.e. Sage
तरुः (taruḥ) i.e. Tree
शिशुः (śiśuḥ) i.e. Child
गुरुः (guruḥ) i.e. Teacher
पिता (pitā) i.e. Father

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
✍🏻 पादरक्षाशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
🕉️पाणिनीयपरिषद्🕉️
अष्टमदिने भानुवासरे भाद्रपदमासस्य कृष्णनवम्यामपराह्णे पञ्चेति समये पाणिनीयपरिषदः सप्तमचक्रस्य दशमी परिषत् प्रारप्स्यते वेदवचनेन। अस्याम्
🔸उत्तरपदत्वे चापदादिविधाविति भाष्यवार्त्तिकं श्रीमान् पाण्डेयमयङ्कशर्मा प्रतिपादयिता।

🔸णेरणौ यत्कर्म णौ चेत् स कर्तानाध्यान इति सूत्रं कुमारी कतिरामैत्री प्रवक्ता।

जिज्ञासूनामुपस्थिति: परिषदमिमां भूषयेत्।
एकचत्वारिंशदधिकनवदशशततमस्य विकार्याख्यसंवत्सरस्य पौषमासे परिषदियमभूतपूर्वरूपेण प्रारभत।

संस्कृतसेवाफाउण्डेशनसंस्था परिषद: समायोजयित्री।

एतावता नवविंशतिसंख्याकानां वक्तॄणां षट्षष्टिसंख्याका वाक्यार्था: समभवन्।

सभादिनाङ्क: ०८/१०/२०२३
सभासमय: सायं ५

सभासाधनम्  
meet.google.com/nfk-wpyd-utr
♦️♦️♦️
🚩जय सत्य सनातन
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - अष्टमी सुबह 08:08 तक तत्पश्चात नवमी

⛅️ दिनांक - 07 अक्टूबर 2023
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - आश्विन
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 11:57 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅️ योग - शिव 07 अक्टूबर प्रातः 06:03 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅️ राहु काल - सुबह 09:30 से 10:59 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:33
⛅️ सूर्यास्त - 06:22
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:44 तक

#panchang
Live stream scheduled for
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room

🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०७/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।

https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8

पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🍃संसारकटु वृक्षस्य द्वे फले ह्यमृतोपमे।
सुभाषितं च सुस्वादु संगति सज्जने जने


चाणक्यनीति

🔆संसाररूपिणस्य वृक्षस्य द्वे फले अमृततुल्ये स्तः एकमस्ति सुभाषितं द्वितीयं च उत्तमजनानां सहवासः एते द्वे सर्वैरपि सेवनीये।

संसार रूपी विष वृक्ष पर अमृत तुल्य दो ही फल हैं जो मनुष्य को ग्रहण करने चाहिए सुभाषित अर्थात् अच्छी वाणी एवं सुसंगति-सज्जनों का संग।

#Subhashitam
सा तावत् न प्राणम् अत्यजत् यावत् शत्रुं न अहन्।
Anonymous Quiz
47%
वाक्यं शुद्धम्
53%
वाक्यम् अशुद्धम्
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार तक्षक पाताल के आठ नागों में से एक नाग है जो कश्यप का पुत्र था और कद्रु के गर्भ से उत्पन्न हुआ था।
••आर्यपौराणिककथानुसारं तक्षकः पातालस्य अष्टसु नागेषु अन्यतमः अस्ति यः कश्यपस्य पुत्रः बभूव कद्रुगर्भात् च जज्ञे।

शृङ्गी ऋषि का शाप पूरा करने के लिये राजा परीक्षित को इसी ने काटा था।
••शृङ्ग्यृषेः शापं पूर्णं कर्तुं नृप: परीक्षित: अनेनैव दष्ट: बभूव।

इसी कारण राजा जनमेजय इससे बहुत बिगड़े और उन्होंने संसार भर के साँपों का नाश करने के लिये सर्पयज्ञ आरंभ किया।
••अत एव राजा जनमेजयः एतेन अतीव दुःखितो बभूव सः च जगति सर्वेषां सर्पाणां नाशार्थं सर्पयज्ञं प्रारेभे।

तक्षक इससे डरकर इंद्र की शरण में चला गया।
••तक्षकः एतस्मात् भीतः भूत्वा इन्द्रं शरणं जगाम।

इसपर जनमेजय ने अपने ऋषियों को आज्ञा दी कि इंद्र यदि तक्षक को न छोड़े तो उसे भी तक्षक के साथ खींच मँगाओ और भस्म कर दो।
••एतस्मिन् विषये जनमेजयः स्वऋषिभ्यः आज्ञापयाञ्चक्रे यत् यदि इन्द्रः तक्षकं न त्यजेत् तर्हि तं तक्षकेन सह कर्षयित्वा भस्मीकुरुत इति।

ऋत्विकों के मंत्र पढ़ने पर तक्षक साथ इंद्र भी खिंचने लगे।
••ऋत्विकानां मन्त्रपाठे इन्द्रः अपि तक्षकेन सह आकृष्टः भवितुमारेभे।

तब इंद्र ने डरकर तक्षक को छोड़ दिया।
••ततः शक्रः भीतः भूत्वा तक्षकं तत्याज|

जब तक्षक खिंचकर अग्निकुंड के समीप पहुँचा, तब आस्तीक ने आकर जनमेजय से प्रार्थना की और तक्षक के प्राण बच गए।
••यदा तक्षकः आकर्षितो भूत्वा अग्निकुण्डस्य समीपं प्राप तदा आस्तिकः आगत्य जनमेजयं प्रानर्थ तदा तक्षकस्य प्राणो रक्षितो बभूव।

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स्वस्थ्य रहना है तो पहाड़ी खानपान से दोस्ती कर लो।
••यदि स्वस्थो भवितुमिच्छेत् तर्हि पर्वतीयेन आहारेण सह मित्रतां कुर्यात्।

पहाड़ का अनाज,पहाड़ के फल,पहाड़ की दाल और पहाड़ की सब्ज़ियाँ आज के मिलावटी दौर में अमृत से कम नहीं।
••पर्वतीय-धान्यानि, पर्वतीय-फलानि, पर्वतीय-द्विदलानि, पर्वतीय-हरितकानि च अद्यतनस्य व्यभिचारयुक्ते युगे पीयूषात् न्यूनानि न सन्ति।

इसलिए जब भी आप उत्तराखंड आए पहाड़ी खाना जरूर खाएँ।
••अतः यदा कदापि उत्तराखण्डम् आगच्छेत् तदा पर्वतीयाहारम् अवश्यं खादेत्।

~उमेशगुप्तः

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स्त्रीलिङ्गम् (strīlingam) i.e. Feminine Gender: Some
commonly used words for feminine gender are -

माला (mālā) i.e Garland
बालिका (bālikā) i.e. Girl
पाठशाला (pāṭhaśālā) i.e. School
मतिः (matiḥ) i.e. Intellect
प्रकृतिः (prakṛtiḥ) i.e. Nature
रात्रिः (rātriḥ) i.e. Night
नदी (nadī) i.e. River
जननी (janani) i.e. Mother
नगरी (nagari) i.e. Big City
धेनुः (dhenuḥ) i.e. Cow
चञ्चुः (cañcuḥ) i.e. Beak
रज्जुः (rajjuḥ) i.e. Rope

नपुंसकलिङ्गम् (napuṃsakaliṅgam) i.e Neuter gender: Some commonly used words for neuter gender are –

फलम् (phalam) i.e. Fruit
पुस्तकम् (pustakam) i.e. Book
जलम् (jalam) i.e. Water
मधु (madhu) i.e. Honey
अम्बु (ambu) i.e. Water
वस्तु (vastu) i.e. Object

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