संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🔰 विषयः - मूर्तिविवरणम्
🗓०५/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्याश्चित् प्रसिद्धमूर्तेः विवरणं कुर्वन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।

https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8

पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
Sri Suktam
Challakere Brothers
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - सप्तमी पूर्णरात्रि तक

दिनांक - 05 अक्टूबर 2023
दिन - गुरुवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - आश्विन
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 07:40 तक तत्पश्चात आर्द्रा
योग - व्यतिपात प्रातः 05:43 तक तत्पश्चात वरियान
राहु काल - दोपहर 01:57 से 03:26 तक
सूर्योदय - 06:32
सूर्यास्त - 06:24
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:44 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:52 तक
व्रत पर्व विवरण - सप्तमी का श्राद्ध
🍃न प्रहृष्येत्प्रियं प्राप्य नोद्विजेत्प्राप्य चाप्रियम्‌ ।
स्थिरबुद्धिरसम्मूढो ब्रह्मविद् ब्रह्मणि स्थितः
॥५.२०॥

🔆 यः मनुजः प्रियं वस्तु प्राप्य अतिहर्षितः न भवति तथैव न च अप्रियं प्राप्य न दुःखितः भवति तादृशः संशयमुक्तः ब्रह्मज्ञानी परब्रह्मणि स्थितः भवति सर्वदा।

(जो पुरुष) प्रिय को प्राप्त कर हर्षित न हो और अप्रिय को पाकर उद्विग्न न हो, (वह) स्थिरबुद्धि संशयरहित ब्रह्मवेत्ता पुरुष परब्रह्म परमात्मा में (एकीभाव से) स्थित है।

#Subhashitam
भारतदेशं प्रयातः स्म यदि समयः अप्राप्स्यत चेत्।
वाक्ये कति क्रिया पदानि सन्ति।
Anonymous Quiz
59%
द्वे
13%
एकम्
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त्रीणि
10%
न सन्ति
कबूतर शीशे में अपनी शक्ल देखकर पहचान जाते हैं। ऐसे गिने-चुने ही जीव हैं जो खुद की शक्ल शीशे में पहचान लेते हैं।
••दर्पणे मुखं दृष्ट्वा कपोता: परिचिन्वन्ति।एतादृशाः प्राणिनः कतिचन एव सन्ति ये दर्पणे आत्मन: परिचिन्वन्ति।

कबूतर 6,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं। हवा में उड़ने की इनकी औसत रफ्तार 77.6 मील प्रति घंटे की होती है।
••कपोता: षड्सहस्राणि फीटपर्यन्तं उड्डयितुं शक्नुवन्ति।तेषाम् उड्डयनस्य वायुवेग: षड् दशांशोत्तर सप्तसप्तति: मीलप्रतिघण्टा अस्ति।

कबूतर एक दिन में 600 मील की दूरी तय करके वापस अपने ठिकाने पर आ सकते हैं।
••कपोता: एकस्मिन् दिने षड्शतानि मीलपर्यन्तं दूरं गत्वा स्वगन्तव्यस्थानं प्रति आगन्तुं शक्नुवन्ति ।

कहा जाता है कबूतर इंसानों के डाकिया थे। ब्रिटिशकाल में संदेश पहुंचाने के लिए कबूतरों का इस्तेमाल किया जाता था।
•• कपोताः मनुष्याणां सन्देशवाहका: आसन् इति कथ्यते ।आङ्ग्लकाले सन्देशप्रसारणार्थं कपोतानाम् उपयोगो भवति स्म ।

कबूतर बहुत संवेदनशील पक्षी है। प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी कबूतरों को समय से पहले हो जाती है।
•• कपोतः अतीव संवेदनशीलः पक्षी अस्ति।कपोताः प्राकृतिकविपदां विषये पूर्वमेव सूचनां प्राप्नुवन्ति।

कबूतर अपने परिवार में एक समुदाय के रूप में रहते हैं । इसी वजह से ये हमेशा झुंड में रहते हैं।
•• कपोताः स्वकुटुम्बे समुदायरूपेण निवसन्ति ।अत एव ते सर्वदा समूहेषु निवसन्ति।

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नवरात्र के पावन अवसर पर हरिद्वार में जाकर मां मनसा देवी का अवश्य दर्शन कीजिए।
••नवरात्रस्य पावनावसरे हरिद्वारं गत्वा मातु: मनसादेव्या: दर्शनम् अवश्यं कुर्यात्।

माना जाता है कि समुद्र मंथन के बाद अमृत की कुछ बूंदें यहां पर गिरी थी।
••समुद्रस्य मथनानन्तरं केचन त्रिदशाहारबिन्दव: अत्र पतिताः बभूवु इति जनश्रुतिरस्ति।

मां मनसा देवी हर भक्त की मनोकामना को पूरा करती हैं।
••माता मनसादेवी प्रत्येकं भक्तस्य मनोरथं पूर्णं करोति।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
Sanskrit Grammatical Genders:
Grammatical genders are known as लिङ्गानि (liṅgāni) in Sanskrit. There are word forms that are dependent on the grammatical number, grammatical gender, case and ending of that particular word. All of these factors come together to create a particular form of the word.

Grammatical genders are of three types: 

1. पुंलिङ्गम् (pulliṅgam) i.e Masculine Gender
2. स्त्रीलिङ्गम् (strīliṅgam) i.e. Feminine Gender and 
3. नपुंसकलिङ्गम् (napuṃsakaliṅgam) i.e. Neuter Gender.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
✍🏻 वल्लकन्दुकक्रीडाशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
अद्य संलापशालायाः अवकाशः वर्तते।
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - सप्तमी सुबह 06:34 तक तत्पश्चात अष्टमी

दिनांक - 06 अक्टूबर 2023
दिन - शुक्रवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - आश्विन
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग - परिघ 07 अक्टूबर प्रातः 05:31 तक तत्पश्चात शिव
राहु काल - सुबह 10:59 से 12:28 तक
सूर्योदय - 06:33
सूर्यास्त - 06:23
दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:44 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:52 तक
व्रत पर्व विवरण - अष्टमी का श्राद्ध, जीवित्पुत्रिका व्रत

#panchang
🍃पञ्चमेsहनि षष्ठे वा शाकं पचति स्वगृहे।
अनृणी चाप्रवासी च स वारिचर मोदते
।।
(महा. वनपर्व - ३१३/११४-११५)

🔆 यः जनः परराष्ट्रे वर्तते यदा कदा वा भोजनं प्राप्नोति किन्तु कस्यापि ऋणी नास्ति सः सदा सुखी तिष्ठति।

जो मनुष्य किसी का ऋणी नहीं है, परदेश में नहीं है, भले पांच-छः दिनों के अन्तराल में अपने घर में शाक, पात पकाकर खाता हो तो वह सुखी है।

#Subhashitam
यावत् सूर्योदयः न भवति ____ अहं न किमपि खादामि।
Anonymous Quiz
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यदा
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