संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
स्वामीजी एक दिन कोलकाता के बागबाजार में भक्तप्रवर श्री बलराम बसु के घर में निवास कर रहे थे। •• एकस्मिन् दिने स्वामिवर्यः कोलकातानगरस्य बागबाजारस्थले भक्तप्रवर श्रीबलरामबसोः गृहे एव निवसति स्म। बीच-बीच में वे निमंत्रित होकर विभिन्न संस्थानों में जाते और विभिन्न…
जब तक छात्र और छात्राओं को धर्मपरायण एवं नीतिपरायण नहीं बनाया जायेगा तब तक भारत का कल्याण नहीं हो पायेगा।
•• यावत् छात्राः छात्रबालिकाः च धार्मिकाः नैतिकाः च न भविष्यन्ति तावत् भारतस्य कल्याणं न सम्भवेत्।
उनकी घोड़ागाड़ी 'कार्नवालिस स्ट्रीट' से गुजरती हुई 'चोरबागान' के रास्ते पर चलने लगी, तब उन्होंने शिष्य को बताया कि 'महाकाली पाठशाला की संस्थापिका 'तेजस्विनी माताजी' ने उन्हें पाठशाला देखने के लिए आमंत्रित किया है।
•• तस्य अश्वशकट: कार्नवालिस स्ट्रीट् इति मार्गेण गत्वा 'चोरबागन' इति मार्गे चलितुमारब्धम्, ततः सः शिष्यम् अवदत् यत् 'महाकाली पाठशाला' इत्यस्य संस्थापिका 'तेजस्विनी माताजी' इति महोदया तं विद्यालयं द्रष्टुम् आमन्त्रितवती अस्ति।
विद्यालय पहुंचकर स्वामीजी ने सब कुछ घूम घूम कर देखा और वहां से विदा लेते समय अपना विचार पुस्तिका में लिखा
•• विद्यालयं सम्प्राप्य स्वामिवर्य: परिभ्रमन् सर्वं दृष्टवान् तथा ततः प्रस्थाय स्वविचारान् पुस्तिकायां लिखितवान्।
नारी-शिक्षा का प्रयास उचित दिशा में चल रहा है।
•• महिलाशिक्षाया: प्रयत्न: सुष्ठु मार्गे गच्छति।
उन्होंने एक टिप्पणी भी की-"स्त्री हुए बिना कौन छात्राओं को इस प्रकार की शिक्षा दे सकता है।"
••स टिप्पणीमपि कृतवान् - "महिलां विहाय बालिकाछात्रेभ्यः एतादृशीं शिक्षां कः दातुं शक्नोति?"
नारी-शिक्षण-संस्थानों में गृहस्थ पुरुषों का संपर्क बिल्कुल न रखना ही उनकी दृष्टि में उचित प्रतीत होता था।
•• स्त्रीशिक्षणसंस्थाभि: सह गृहस्थपुरुषाणां सम्पर्कः सर्वथा मा भवतु इति तस्य मतेन उचितं प्रतीयते स्म।
लौटते समय रास्ते में ही 'बाल-विवाह' का प्रसंग उठा।
•• पुनरागमनसमय मार्गे एव बालविवाहस्य प्रसंगः उदभवत्।
स्वामीजी इस प्रथा की बड़ी निंदा करते थे।
•• स्वामीजी एतस्या: प्रथायाः प्रबलतया निन्दां करोति स्म ।
वे कहते थे कि इसके कारण स्त्री अल्पायु में ही संतान प्रसव करके काल के मुंह में समा जाती है।
••तस्य कथनमासीत् यत् अस्य कारणात् सा महिला अत्यन्तमल्पवयसि एव प्रसवस्य अनन्तरं कालस्य मुखं
प्रविशति
हमारे यहां बाल- विधवाओं की जो इतनी बड़ी संख्या है, यह उसी का परिणाम है।
•• अत्र बालविधवानां या इयती महतीसंख्या अस्ति तस्या: एव एष परिणामोऽस्ति।
उनकी धारणा थी कि इन सामाजिक विसंगतियों पर सिर खपाने की बजाय स्त्री और पुरुष सभी को शिक्षा देना हमारा कर्तव्य है, जिससे वे स्वयं ही अपना भला-बुरा समझ लेंगे।
•• एतेषु सामाजिकविसंगतिषु अनावश्यकचिन्तनस्य अपेक्षया स्त्रीपुरुषेभ्य: सर्वेभ्य: अस्माभि शिक्षा प्रदातव्या यया च ते स्वयमेव स्वस्य शुभाशुभं अवगमिष्यन्ति इति सः मन्यते स्म।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• यावत् छात्राः छात्रबालिकाः च धार्मिकाः नैतिकाः च न भविष्यन्ति तावत् भारतस्य कल्याणं न सम्भवेत्।
उनकी घोड़ागाड़ी 'कार्नवालिस स्ट्रीट' से गुजरती हुई 'चोरबागान' के रास्ते पर चलने लगी, तब उन्होंने शिष्य को बताया कि 'महाकाली पाठशाला की संस्थापिका 'तेजस्विनी माताजी' ने उन्हें पाठशाला देखने के लिए आमंत्रित किया है।
•• तस्य अश्वशकट: कार्नवालिस स्ट्रीट् इति मार्गेण गत्वा 'चोरबागन' इति मार्गे चलितुमारब्धम्, ततः सः शिष्यम् अवदत् यत् 'महाकाली पाठशाला' इत्यस्य संस्थापिका 'तेजस्विनी माताजी' इति महोदया तं विद्यालयं द्रष्टुम् आमन्त्रितवती अस्ति।
विद्यालय पहुंचकर स्वामीजी ने सब कुछ घूम घूम कर देखा और वहां से विदा लेते समय अपना विचार पुस्तिका में लिखा
•• विद्यालयं सम्प्राप्य स्वामिवर्य: परिभ्रमन् सर्वं दृष्टवान् तथा ततः प्रस्थाय स्वविचारान् पुस्तिकायां लिखितवान्।
नारी-शिक्षा का प्रयास उचित दिशा में चल रहा है।
•• महिलाशिक्षाया: प्रयत्न: सुष्ठु मार्गे गच्छति।
उन्होंने एक टिप्पणी भी की-"स्त्री हुए बिना कौन छात्राओं को इस प्रकार की शिक्षा दे सकता है।"
••स टिप्पणीमपि कृतवान् - "महिलां विहाय बालिकाछात्रेभ्यः एतादृशीं शिक्षां कः दातुं शक्नोति?"
नारी-शिक्षण-संस्थानों में गृहस्थ पुरुषों का संपर्क बिल्कुल न रखना ही उनकी दृष्टि में उचित प्रतीत होता था।
•• स्त्रीशिक्षणसंस्थाभि: सह गृहस्थपुरुषाणां सम्पर्कः सर्वथा मा भवतु इति तस्य मतेन उचितं प्रतीयते स्म।
लौटते समय रास्ते में ही 'बाल-विवाह' का प्रसंग उठा।
•• पुनरागमनसमय मार्गे एव बालविवाहस्य प्रसंगः उदभवत्।
स्वामीजी इस प्रथा की बड़ी निंदा करते थे।
•• स्वामीजी एतस्या: प्रथायाः प्रबलतया निन्दां करोति स्म ।
वे कहते थे कि इसके कारण स्त्री अल्पायु में ही संतान प्रसव करके काल के मुंह में समा जाती है।
••तस्य कथनमासीत् यत् अस्य कारणात् सा महिला अत्यन्तमल्पवयसि एव प्रसवस्य अनन्तरं कालस्य मुखं
प्रविशति
हमारे यहां बाल- विधवाओं की जो इतनी बड़ी संख्या है, यह उसी का परिणाम है।
•• अत्र बालविधवानां या इयती महतीसंख्या अस्ति तस्या: एव एष परिणामोऽस्ति।
उनकी धारणा थी कि इन सामाजिक विसंगतियों पर सिर खपाने की बजाय स्त्री और पुरुष सभी को शिक्षा देना हमारा कर्तव्य है, जिससे वे स्वयं ही अपना भला-बुरा समझ लेंगे।
•• एतेषु सामाजिकविसंगतिषु अनावश्यकचिन्तनस्य अपेक्षया स्त्रीपुरुषेभ्य: सर्वेभ्य: अस्माभि शिक्षा प्रदातव्या यया च ते स्वयमेव स्वस्य शुभाशुभं अवगमिष्यन्ति इति सः मन्यते स्म।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
भीष्मः - हे सारथे ! दूरेस्थितः अर्जुनस्य रथोपरि अन्यः कोऽपि दृश्यते । त्वं किं पश्यसि ?
सारथिः - भवान् जानाति किल -
भीष्मः - हा हन्त शिखण्डी
#hasya
सारथिः - भवान् जानाति किल -
स्तनकेशवती स्त्री स्यात्
लोमशः पुरुषः स्मृतः ।
उभयोः अन्तरं यच्च
तदभावे नपुंसकम् ॥
भीष्मः - हा हन्त शिखण्डी
#hasya
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓२५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
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🗓२५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी सुबह 07:55 तक तत्पश्चात एकादशी (क्षय तिथि)
⛅ दिनांक - 25 सितम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह 11:55 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - अतिगण्ड दोपहर 03:23 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅ राहु काल - सुबह 08:00 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:29
⛅ सूर्यास्त - 06:34
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 12:55 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी (स्मार्त)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी सुबह 07:55 तक तत्पश्चात एकादशी (क्षय तिथि)
⛅ दिनांक - 25 सितम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह 11:55 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - अतिगण्ड दोपहर 03:23 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅ राहु काल - सुबह 08:00 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:29
⛅ सूर्यास्त - 06:34
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 12:55 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी (स्मार्त)
🍃
🔅विद्यया विनयाऽवाप्तिः (भवति) सा विद्या अविनयाऽऽवहा चेत् (स्यात्) किं कुर्मः? | स्वमातरि गरदायां के प्रति ब्रूमः? |
⚜विद्या से विनय की प्राप्ति होती है। यदि वह उद्दण्डता प्रदान करने वाली हो जाए तो हम क्या करें? अपनी ही माता के विष देने वाली हो जाने पर हम किससे कहें? तात्पर्य यह है कि यदि विद्यार्जन से हमें विनयी होने का गुण नहीं प्राप्त होता, तो ऐसा विद्यार्जन हमारे लिए व्यर्थ है।
#subhashitam
विद्या विनयाऽवाप्तिः सा चेदविनयाऽऽवहा।
किं कुर्मः कं प्रति बूमः गरदायां स्वमातरि॥
🔅विद्यया विनयाऽवाप्तिः (भवति) सा विद्या अविनयाऽऽवहा चेत् (स्यात्) किं कुर्मः? | स्वमातरि गरदायां के प्रति ब्रूमः? |
⚜विद्या से विनय की प्राप्ति होती है। यदि वह उद्दण्डता प्रदान करने वाली हो जाए तो हम क्या करें? अपनी ही माता के विष देने वाली हो जाने पर हम किससे कहें? तात्पर्य यह है कि यदि विद्यार्जन से हमें विनयी होने का गुण नहीं प्राप्त होता, तो ऐसा विद्यार्जन हमारे लिए व्यर्थ है।
#subhashitam
सुन्दराणि मन्दिराणि वर्तन्ते भारतभूम्याम्।
तिङ्गन्तं रूपं किमस्ति।
तिङ्गन्तं रूपं किमस्ति।
Anonymous Quiz
77%
वर्तन्ते
14%
भारतभूम्याम्
4%
मन्दिराणि
5%
सुन्दराणि
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah via @urlbuttonlike_bot
💥Please support the demand for a common flag and motto for every Sanskrit Speaker by retweeting and liking this tweet as much as possible. Also tag @shrivarakhedi VC of CSU. 💥 कृपया संस्कृतभाषियों के लिए एक समान ध्वज और ध्येय वाक्य का समर्थन करने के लिए इस…
सभी मित्रों से निवेदन है ये पोस्ट हर उस व्यक्ति तक पहुंचाएं जिसे मैकाले निर्मित शिक्षा की गुलामी व्यवस्था बहुत अच्छी और सुदृढ़ लगती है।
•• सर्वाणि मित्राणि निवेदयामि यत् प्रतिजनम् एनं प्रेषयन्तु यः मैकाले-शिक्षायाः दासता-व्यवस्थां बहु उत्तमं सुदृढं च मन्यते।
कई लोगो का यही प्रश्न था कि गुरुकुल में क्या पढ़ाया जाता था तो आज जानिए
•• अनेकजनानाम् अयमेव प्रश्नः आसीत् यत् गुरुकुले किं पाठ्यते स्म ? अतः अद्य ज्ञातव्यम्।
मैं इन सब का पूरा ब्योरा कॉमेन्ट बॉक्स में दुंगा ,क्योंकि यहां पूरा लिखना सम्भव नहीं है
•• एतेषां सर्वेषां पूर्णविवरणं टिप्पणीमञ्जूषायां दास्यामि, यतोहि अत्र पूर्णतो लेखितुं न शक्यते।
इस प्रकार की विद्या गुरुकुल में दी जाती थीं।
•• एतादृशा: विद्या गुरुकुलेषु दीयन्ते स्म।
अंग्रेज पिशाचो को पता था कि जब तक हमारे पास ये सबकुछ है वो हमें गुलाम नही बना पाएंगे इसलिए उन्होंने गुरुकुल खत्म करने शुरू किए।
•• आङ्ग्लपिशाचाः जानन्ति स्म यत् यावत् अस्माकं कृते एतत् सर्वम् अस्ति तावत् ते अस्मान् दासान् विधातुम् अनर्हा: ,अतः ते गुरुकुलस्य उन्मूलनम् आरब्धवन्तः।
मैकाले के सुझाव से ही विलियम बेंटिक ने गुरुकुलों को खत्म करना शुरू किया था
•• मैकाले इत्यस्य परामर्शेन एव विलियम बेन्टिक: गुरुकुलानाम् नाशं कर्तुम् आरब्धवान् ।
इसके बाद समय के साथ गुरुकुल लुप्त होते गए और यह विद्या भी लुप्त होती चली गई।
•• एतदनन्तरं कालक्रमानुसारं गुरुकुलै: सह गुरुकुलविद्यारपि शनै:-शनै: लुप्ता: अभवन्।
वैदिक विज्ञान और शिक्षा के लिए गुरुकुल की पुनः स्थापना बहुत महत्वपूर्ण है।
•• वैदिकविज्ञानाय वैदिकशिक्षायै च गुरुकुलस्य पुनःस्थापना अत्यावश्यकी अस्ति।
गुरुकुल दुनिया की पहली शिक्षा की प्रणाली है।
•• गुरुकुलम् एव विश्वस्य प्रथमा शिक्षापद्धति: अस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• सर्वाणि मित्राणि निवेदयामि यत् प्रतिजनम् एनं प्रेषयन्तु यः मैकाले-शिक्षायाः दासता-व्यवस्थां बहु उत्तमं सुदृढं च मन्यते।
कई लोगो का यही प्रश्न था कि गुरुकुल में क्या पढ़ाया जाता था तो आज जानिए
•• अनेकजनानाम् अयमेव प्रश्नः आसीत् यत् गुरुकुले किं पाठ्यते स्म ? अतः अद्य ज्ञातव्यम्।
मैं इन सब का पूरा ब्योरा कॉमेन्ट बॉक्स में दुंगा ,क्योंकि यहां पूरा लिखना सम्भव नहीं है
•• एतेषां सर्वेषां पूर्णविवरणं टिप्पणीमञ्जूषायां दास्यामि, यतोहि अत्र पूर्णतो लेखितुं न शक्यते।
इस प्रकार की विद्या गुरुकुल में दी जाती थीं।
•• एतादृशा: विद्या गुरुकुलेषु दीयन्ते स्म।
अंग्रेज पिशाचो को पता था कि जब तक हमारे पास ये सबकुछ है वो हमें गुलाम नही बना पाएंगे इसलिए उन्होंने गुरुकुल खत्म करने शुरू किए।
•• आङ्ग्लपिशाचाः जानन्ति स्म यत् यावत् अस्माकं कृते एतत् सर्वम् अस्ति तावत् ते अस्मान् दासान् विधातुम् अनर्हा: ,अतः ते गुरुकुलस्य उन्मूलनम् आरब्धवन्तः।
मैकाले के सुझाव से ही विलियम बेंटिक ने गुरुकुलों को खत्म करना शुरू किया था
•• मैकाले इत्यस्य परामर्शेन एव विलियम बेन्टिक: गुरुकुलानाम् नाशं कर्तुम् आरब्धवान् ।
इसके बाद समय के साथ गुरुकुल लुप्त होते गए और यह विद्या भी लुप्त होती चली गई।
•• एतदनन्तरं कालक्रमानुसारं गुरुकुलै: सह गुरुकुलविद्यारपि शनै:-शनै: लुप्ता: अभवन्।
वैदिक विज्ञान और शिक्षा के लिए गुरुकुल की पुनः स्थापना बहुत महत्वपूर्ण है।
•• वैदिकविज्ञानाय वैदिकशिक्षायै च गुरुकुलस्य पुनःस्थापना अत्यावश्यकी अस्ति।
गुरुकुल दुनिया की पहली शिक्षा की प्रणाली है।
•• गुरुकुलम् एव विश्वस्य प्रथमा शिक्षापद्धति: अस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
Sanskrit Academy is inviting you to a scheduled Zoom meeting. Two Lectures by Dr. S. Ramadevi Associate Professor, Govt City College, Hyderabad on ईशावास्योपनिषत् Time: 3 pm Monday & Tuesday 25th & 26th September 2023 Join Zoom Meeting https://us02web.zoom.us/j/6891725494 Meeting ID: 689 172 5494 Passcode: skt123