संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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इन तीन कारणों को जानेंगे तो सर्दियों में रोजाना खाना चाहेंगे मूली
••यदि भवान् एतानि त्रीणि कारणानि जानीयात् तर्हि शिशिरेषु नित्यं मूलकं खादितुम् इच्छेत्।

ठंड में रोजाना थोड़ी मूली को सलाद के रूप में लेना चाहिए क्योंकि शरीर के लिए इसका नियमित सेवन बहुत अच्छा होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, गन्धक, आयोडीन तथा लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
••शीते प्रतिदिनं किञ्चित् मूलकम् अपदंशरूपेण सेवनीयं यतः एतस्य नियमितं सेवनं शरीराय अतीव उत्तमं भवति यतोहि एतस्मिन् पर्याप्तमात्रायां प्रोटीन, क्षौरेयं, गन्धक:, आयोडीन, लौहं इत्यादीनि तत्त्वानि उपलब्धानि भवन्ति।

इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन तथा मैग्नीशियम भी होता है।
••अस्मिन् सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, मैग्नीशियम इत्यादीनि तत्त्वानि अपि भवन्ति।

मूली में विटामिन ए भी होता है।
••मूलके जीवसत्त्व-ए इत्यपि भवति।

इसके अलावा भी ठंड के मौसम में सलाद के रूप में मूली खाने के अनेक फायदे हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में
••एतदतिरिच्य शीतर्तौ अपदंशरूपेण मूलकखादनेन अनेके लाभाः सन्ति। एतादृशानां केषाञ्चन लाभानां विषये ज्ञातव्यम्

मूली के रस में थोड़ा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित रूप में पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है।
••मूलकरसे किञ्चित् लवणं निम्बुकरसं च मिश्रयित्वा नियमितरूपेण पानेन स्थूलत्वं न्यूनीभवति शरीरं च सुगठितं भवति।

मूली के पत्ते काटकर नींबू निचोड़ के खाने से पेट साफ होता है व स्फूर्ति रहती है।
••मूलकपत्राणि छित्त्वा निम्बुकं निपीड्य खादनेन उदरं स्वच्छम् ऊर्जायुक्तं च भवति।

~उमेशगुप्तः

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⁉️वस्तुतः क्या आवश्यकता है एक संस्कृतध्वज की? आपको तब तक इसकी कमीं नहीं खलेगी जब तक आपने अनुभव नहीं किया हो कि ऐसा कोई सूत्र अस्तित्व में है ही नहीं जो सभी संस्कृतभाषियों को बाँधता हो।

नवागन्तुक इसलिए भय खाते हैं कि कहीं बोलते समय कुछ दोष न हो जाये। क्योंकि संस्कृत में शुद्धता का सर्वोपरि महत्त्व है।

प्रौढ इसलिए लजाते हैं क्योंकि उनकी बात कोई समझेगा ही नहीं।

इस सब के बीच यदि हम एक ऐसे चिन्ह की अपेक्षा रखें जो हमारी भावनाओं को दर्शा सके तो क्या अधिक है?

क्या हम सब कभी एक ध्येय के लिए एकजुट नहीं हो सकते?
क्या संस्कृत केवल हमारी है आपकी नहीं?
क्या इसमें कोई दोष है कि हमारा प्रतिनिधित्व श्रेष्ठ ढंग से हो?

बस विनम्र आग्रह आपके समर्थन के लिए। पुनः एकवारम्।

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🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓१५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।

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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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Bhagya Suktam
Challakere Brothers
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - अमावस्या सुबह 07:09 तक तत्पश्चात प्रतिपदा

दिनांक - 15 सितम्बर 2023
दिन - शुक्रवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - भाद्रपद
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी पूर्णरात्रि तक
योग - शुभ 16 सितम्बर प्रातः 03:42 तक तत्पश्चात शुक्ल
राहु काल - सुबह 11:03 से 12:35 तक*
सूर्योदय - 06:26
सूर्यास्त - 06:44
दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 12:58 तक
व्रत पर्व विवरण - अमावस्या
अद्य संलापशाला नास्ति अधुना सोमवासरे पुनः भविता।
🍃उदेति भाग्यं सहसा न लोके सूर्यो यथोदेति शनै: शनैश्च ।
धैर्यं तपश्चेत्युभयं नरेषु प्रकाशपूर्णाः प्रभवन्ति लोके


🔆 यथा सूर्यः शनैः शनैः उदेति अस्तं च गच्छति तथैव मनुजभाग्यमपि याति न झटिति तत्र तु अस्माकं परिश्रमः धैर्यं च सहायके स्तः।

किसी के भी भाग्य का अचानक उदय नहीं होता, सूर्य भी धीरे धीरे उदय होते हुए आगे बढ़ता है। जिन मनुष्यों में धैर्य और तपस्या है, वही संसार में प्रकाशित होते हुए प्रभाव डालते हैं।

#Subhashitam
विसङ्गतं चिन्वन्तु।
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कीर्तनम्
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भक्तिः
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
इन तीन कारणों को जानेंगे तो सर्दियों में रोजाना खाना चाहेंगे मूली ••यदि भवान् एतानि त्रीणि कारणानि जानीयात् तर्हि शिशिरेषु नित्यं मूलकं खादितुम् इच्छेत्। ठंड में रोजाना थोड़ी मूली को सलाद के रूप में लेना चाहिए क्योंकि शरीर के लिए इसका नियमित सेवन बहुत…
पेट संबंधी रोगों में यदि मूली के रस में अदरक का रस और नीबू मिलाकर नियम से पियें तो भूख बढ़ती है।
••उदररोगेषु मूलकरसे आर्दकरसं निम्बुकरसं च मिश्रयित्वा नियमितरूपेण पीयेत चेत् क्षुधा वर्धते।

पेट के कीड़ों को नष्ट करने में भी कच्ची मूली फायदेमंद साबित होती है।
••अपक्वमूलकम् उदरकृमिनाशनेऽपि लाभप्रदं सिद्धं भवति।

हार्ट से संबंधित बीमारी से ग्रस्त लोगों व कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए मूली का सेवन लाभदायक होता है।
••हृदयसम्बद्धरोगैः पीडितानां जनानां पैत्तवरोगिणां च कृते मूलकसेवनं लाभप्रदं भवति।

ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए मूली का सलाद के रूप में नियमित रूप से सेवन अच्छा माना गया है क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर को शांत करने में मूली मदद करती है।
•• अपदंशरूपेण मूलकस्य नियमितं सेवनं रक्तचापरोगिणां कृते उत्तमं मन्यते यतः मूलकम् उच्चरक्तचापस्य शान्तिकरणे सहायकं भवति।

सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
••प्रातःकाले मूलकस्य मृदुपत्रेषु सैन्धवलवणं प्रयोज्य खादनेन मुखदुर्गन्धस्य समाप्ति: भवति।

मूली शरीर से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालकर ऑक्सीजन प्रदान करती है।
••मूली शरीरात् कार्बनडायआक्साइड इति दूषितवायुं निष्कास्य ऑक्सीजन इति प्राणवायुं प्रदाति।

मूली हमारे दाँतों और हड्डियों को मजबूत करती है।
••मूलकम् अस्माकं दन्तानाम् अस्थिनां च दृढीकरणं करोति।

थकान मिटाने और अच्छी नींद लाने में भी मूली काफी फायदेमंद होती है।
••श्रमनिवारणे सुनिद्रायां च मूलकम् अतीव लाभप्रदं भवति।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
Namaste! I am starting the next batch of Online Sanskrit classes from 14th September 2023.

Outcome: Speak and understand Samskritam. Also understand Shlokas without depending on translation.

To know more details about the course you can join this WhatsApp group:
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Bhoo Suktam
Challakere Brothers
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा सुबह 09:17 तक तत्पश्चात द्वितीया

⛅️दिनांक - 16 सितम्बर 2023
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - भाद्रपद
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी सुबह 07:36 तक तत्पश्चात हस्त
⛅️ योग - शुक्ल 17 सितम्बर प्रातः 04:13 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅️ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:02 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:26
⛅️ सूर्यास्त - 06:43
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:39 तक

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