छोटी पीपल का चूर्ण तथा पांच-छ: ग्राम मधु मिलाकर पीने से पुराना बुखार और सूखी खाँसी की परेशानी ठीक होती है और भूख बढ़ती है।
••पिप्पलीचूर्णस्य पञ्चषड्ग्रामस्य मधुना सह मिश्रणं कृत्वा पानेन दीर्घकालीनज्वरः शुष्ककासः च सम्यग्भवत:, एतदतिरिच्य बुभुक्षापि वर्धते।
गुडूची काढ़ा में छोटी पीपल का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बुखार की गंभीर स्थिति में लाभ होता है।
••ज्वरस्य तीव्रस्थितौ पिप्पलीचूर्णमिश्रितं गुडूचीक्वाथस्य सेवनं लाभप्रदं भवति।
बुखार के रोगी को आहार के रूप में गुडूची के पत्तों की सब्जी शाक बनाकर खानी चाहिए।
••ज्वररोगी गुडूचीपत्रनिर्मितं शाकव्यञ्जनम् आहाररूपेण भक्षयेत्।
—————————————————————————————
ॐहरिॐ ॥
अधरः=ओष्ठः=रदनच्छद: = ओंठ
~श्रीकृष्णः अधराभ्यां मुरलीं वादयति
= कृष्ण जी ओठों से वंशी बजाते हैं ।
~केचन युवानः ओष्ठौ वृत्ताकारं कृत्वा मधुरां ध्वनिं कुर्वन्ति
= कुछ युवक ओठों को गोलकर के मधुर आवाज करते (सीटी बजाते) हैं ।
~रदनच्छदाभ्यां स्पृश त्वं मे गीतम् अमरं कुरु
= ओंठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो ।
—————————————————————————————
काटना
--------
(१)पागल कुत्ता के काट लेने पर मंहंगे दाम की ६ रेबीज की सुई लेनी पड़ती है।
••उन्मत्तकुक्कुरस्य/अलर्ककुक्कुरस्य दंशने महार्घममूल्यस्य रेबीज इति सूच्यौषधस्य षट् सूच्यौषधानि स्वीकरणीयानि भवन्ति।
(२)जिस समय कुत्ते को छेड़ा जाता है,कुत्ता उसी समय काटता है।
••यस्मिन् समये शुनाम् अभिमर्श: क्रियते श्वान: तदैव दशन्ति।
(३)लगातार बढती हुई महंगाई ने कदम-कदम पर आम आदमियों का जेब काटना शुरू कर दिया है।
••निरन्तरं वर्धमानं महार्घं पगे पगे सामान्यजनानां कोशं कर्तितुमारभत।
(४)यदि किसी ऑफिस का कोई स्टाफ किसी आवश्यक कार्य से अपने ड्युटी पर नहीं आ पाता है तो बॉस को उस दिन का पैसा कभी भी काटने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
••यदि कस्यचित् कार्यालयस्य कोऽपि कर्मचारी कस्माच्चित् आवश्यककारणात् स्वकार्यालये आगन्तुं न शक्नोति तर्हि अधिकारिणा तस्य दिवसस्य वेतनं कदापि कर्तितुं प्रयास: न करणीय:।
(५)गलत काम करने के बारे में भूलकर भी नहीं सोचना चाहिए वर्ना सारी जिंदगी जेल की सजा काटनी होगी।
••कुकर्मणो विचार: विस्मृत्यापि न करणीय:,नोचेत् आजीवनं कारागारे दण्ड: सोढव्यो भविष्यति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••पिप्पलीचूर्णस्य पञ्चषड्ग्रामस्य मधुना सह मिश्रणं कृत्वा पानेन दीर्घकालीनज्वरः शुष्ककासः च सम्यग्भवत:, एतदतिरिच्य बुभुक्षापि वर्धते।
गुडूची काढ़ा में छोटी पीपल का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बुखार की गंभीर स्थिति में लाभ होता है।
••ज्वरस्य तीव्रस्थितौ पिप्पलीचूर्णमिश्रितं गुडूचीक्वाथस्य सेवनं लाभप्रदं भवति।
बुखार के रोगी को आहार के रूप में गुडूची के पत्तों की सब्जी शाक बनाकर खानी चाहिए।
••ज्वररोगी गुडूचीपत्रनिर्मितं शाकव्यञ्जनम् आहाररूपेण भक्षयेत्।
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ॐहरिॐ ॥
अधरः=ओष्ठः=रदनच्छद: = ओंठ
~श्रीकृष्णः अधराभ्यां मुरलीं वादयति
= कृष्ण जी ओठों से वंशी बजाते हैं ।
~केचन युवानः ओष्ठौ वृत्ताकारं कृत्वा मधुरां ध्वनिं कुर्वन्ति
= कुछ युवक ओठों को गोलकर के मधुर आवाज करते (सीटी बजाते) हैं ।
~रदनच्छदाभ्यां स्पृश त्वं मे गीतम् अमरं कुरु
= ओंठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो ।
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काटना
--------
(१)पागल कुत्ता के काट लेने पर मंहंगे दाम की ६ रेबीज की सुई लेनी पड़ती है।
••उन्मत्तकुक्कुरस्य/अलर्ककुक्कुरस्य दंशने महार्घममूल्यस्य रेबीज इति सूच्यौषधस्य षट् सूच्यौषधानि स्वीकरणीयानि भवन्ति।
(२)जिस समय कुत्ते को छेड़ा जाता है,कुत्ता उसी समय काटता है।
••यस्मिन् समये शुनाम् अभिमर्श: क्रियते श्वान: तदैव दशन्ति।
(३)लगातार बढती हुई महंगाई ने कदम-कदम पर आम आदमियों का जेब काटना शुरू कर दिया है।
••निरन्तरं वर्धमानं महार्घं पगे पगे सामान्यजनानां कोशं कर्तितुमारभत।
(४)यदि किसी ऑफिस का कोई स्टाफ किसी आवश्यक कार्य से अपने ड्युटी पर नहीं आ पाता है तो बॉस को उस दिन का पैसा कभी भी काटने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
••यदि कस्यचित् कार्यालयस्य कोऽपि कर्मचारी कस्माच्चित् आवश्यककारणात् स्वकार्यालये आगन्तुं न शक्नोति तर्हि अधिकारिणा तस्य दिवसस्य वेतनं कदापि कर्तितुं प्रयास: न करणीय:।
(५)गलत काम करने के बारे में भूलकर भी नहीं सोचना चाहिए वर्ना सारी जिंदगी जेल की सजा काटनी होगी।
••कुकर्मणो विचार: विस्मृत्यापि न करणीय:,नोचेत् आजीवनं कारागारे दण्ड: सोढव्यो भविष्यति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 11:07 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅दिनांक - 01 जुलाई 2023
⛅दिन - शनिवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 03:04 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅योग - शुभ रात्रि 10:44 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅राहु काल - सुबह 09:21 से 11:02 तक
⛅सूर्योदय - 05:58
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 05:16 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - शनिप्रदोष व्रत, जयापार्वती व्रतारम्भ
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅दिनांक - 01 जुलाई 2023
⛅दिन - शनिवार
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⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 03:04 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅योग - शुभ रात्रि 10:44 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅राहु काल - सुबह 09:21 से 11:02 तक
⛅सूर्योदय - 05:58
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 05:16 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - शनिप्रदोष व्रत, जयापार्वती व्रतारम्भ
🍃
⚜अप्रिय किंतु परिणाम में हितकर हो ऐसी बात कहने और सुनने वाले दुर्लभ होते हैं।
#Quote
अप्रियस्य च पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभः
⚜अप्रिय किंतु परिणाम में हितकर हो ऐसी बात कहने और सुनने वाले दुर्लभ होते हैं।
#Quote
🍃
🔆 दानशीलता प्रिया वाक् धीरता विवेकः एते चत्वारः गुणाः जन्मनः भवन्ति अर्जनमति क्लिष्टमस्ति।
⚜दानशक्तिः, प्रियवचनम्, धीरता, उचितज्ञानम् इत्येते चत्वारो गुणाः अभ्यासेन न सम्भवेयुः, एते तु स्वाभाविकाः गुणाः कथ्यन्ते इति ।
#Subhashitam
दातृत्वं प्रियवक्तृत्वं धीरत्वमुचितज्ञता।
अभ्यासेन न लभ्यन्ते चत्वारः सहजा गुणाः
।। (चा०नी०)🔆 दानशीलता प्रिया वाक् धीरता विवेकः एते चत्वारः गुणाः जन्मनः भवन्ति अर्जनमति क्लिष्टमस्ति।
⚜दानशक्तिः, प्रियवचनम्, धीरता, उचितज्ञानम् इत्येते चत्वारो गुणाः अभ्यासेन न सम्भवेयुः, एते तु स्वाभाविकाः गुणाः कथ्यन्ते इति ।
#Subhashitam
एक अच्छा शिक्षक आपको उत्तर नहीं देता । वह आपके अन्दर उत्तर खुद ढूँढने की चिंगारी जला देता है।
•• एक: उत्तम: शिक्षकः भवते उत्तरं न ददाति।स भवत: अन्तर्भागे स्वयमुत्तरमन्वेष्टुं स्फुल्लिङ्गं प्रज्ज्वालयति।
कोई इंसान हमेशा एक जैसा नहीं रहता । वक्त, हालात और लोग उसे बदलने पर मजबूर कर देते हैं।
•• कश्चिज्जनः सर्वदा एकसमानो न भवति । कालः, परिस्थितयः, जनाः च तं परिवर्तितुं बाधन्ते ।
जिंदगी एक खेल है यह आप पर निर्भर करता कि आपको खिलाड़ी बनना है या खिलौना ।
••जीवनमेकं खेलनमिवास्ति। एतत् भवतः उपरि निर्भरं करोति यत् भवान् क्रीडको भवितुमिच्छति उत क्रीडनकं भवितुमिच्छति ।
लड़की से घर का पता पूछने पर सिर्फ यही बताती है कि उसका घर विष्णुगढ़ से आठ मील दूर है।
••बालिकायां गृहसङ्केतं पृष्ठे सति केवलं सा इदमेव ज्ञापयति यत् तस्या: गृहं विष्णुगढ़त: अष्टमीले दूरे अस्ति।
जापान में एटम बम गिराने के बाद अमेरिका आज तक जापान में सुई बेचने को तरसता है।क्या हम भारतीय भी चीन को उसकी औकात दिखा सकते हैं?
••जापाने अणुविस्फोटकं पातनान्तरमद्यापि अमेरिका जापाने सूचिकां विक्रेतुमाकाङ्क्षां करोति।किं वयं भारतीया: अपि चीनं तदीयं सामर्थ्यं दर्शयितुं शक्नुम:?
खुद की तरक्की में इतना व्यस्त हो जाओ कि दूसरों की
बुराई करने का वक्त ही न हो
•• स्वस्य प्रगत्यर्थम् एतावान् व्यस्तः भवतु यत् अन्येषाम् अपकाराय समयावकाशो न सम्भवेत ।
आत्महत्या पाप नहीं महापाप है। जो ऐसे अधम मनुष्यों का शोक मनाते हैं उनको भी अवश्य शोक प्राप्त होता है। इसलिए सावधान रहें।
••आत्महत्या न पातकमेव, अपितु इदं महापातकम्। ये एतादृशान् अनार्यजनान् शोचन्ति, ते अपि शोकम् अवश्यम् आप्नुवन्ति।अत: सतर्काः भवेयुः ।
चाहे खूब गलतियां करना। जीवन खुलकर ही जीना।लेकिन बनना मत *$%€× |
•••कामं बहुत्रुटीः कुर्या:, तथापि जीवनं सानन्दमेव जीव । परन्तु, अनार्यो मा भव ।
पागल कुत्ता से सावधान रहें
••अलर्ककुक्कुरत: सावधाना: भवन्तु।
वार्ड नंबर 10 रामपुर चौक में आज दो बच्चों को पागल कुत्ता ने काट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया।
••दशसङ्ख्यके रामपुरकोणे अद्य अलर्ककुक्कुरः कश्चन द्वौ बालौ दंशित्वा निर्ममतया व्रणितौ कृतवान्।
जब तक पागल कुत्ता मारा नहीं जाता आप अपने बच्चों को बाहर अकेले न छोड़ें।
••यावत् अलर्क: कुक्कुरो घातितो न भवति तावत् भवन्त: स्वबालान् गृहेभ्य: बहि: एकान्तस्थाने न त्यजेयु:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• एक: उत्तम: शिक्षकः भवते उत्तरं न ददाति।स भवत: अन्तर्भागे स्वयमुत्तरमन्वेष्टुं स्फुल्लिङ्गं प्रज्ज्वालयति।
कोई इंसान हमेशा एक जैसा नहीं रहता । वक्त, हालात और लोग उसे बदलने पर मजबूर कर देते हैं।
•• कश्चिज्जनः सर्वदा एकसमानो न भवति । कालः, परिस्थितयः, जनाः च तं परिवर्तितुं बाधन्ते ।
जिंदगी एक खेल है यह आप पर निर्भर करता कि आपको खिलाड़ी बनना है या खिलौना ।
••जीवनमेकं खेलनमिवास्ति। एतत् भवतः उपरि निर्भरं करोति यत् भवान् क्रीडको भवितुमिच्छति उत क्रीडनकं भवितुमिच्छति ।
लड़की से घर का पता पूछने पर सिर्फ यही बताती है कि उसका घर विष्णुगढ़ से आठ मील दूर है।
••बालिकायां गृहसङ्केतं पृष्ठे सति केवलं सा इदमेव ज्ञापयति यत् तस्या: गृहं विष्णुगढ़त: अष्टमीले दूरे अस्ति।
जापान में एटम बम गिराने के बाद अमेरिका आज तक जापान में सुई बेचने को तरसता है।क्या हम भारतीय भी चीन को उसकी औकात दिखा सकते हैं?
••जापाने अणुविस्फोटकं पातनान्तरमद्यापि अमेरिका जापाने सूचिकां विक्रेतुमाकाङ्क्षां करोति।किं वयं भारतीया: अपि चीनं तदीयं सामर्थ्यं दर्शयितुं शक्नुम:?
खुद की तरक्की में इतना व्यस्त हो जाओ कि दूसरों की
बुराई करने का वक्त ही न हो
•• स्वस्य प्रगत्यर्थम् एतावान् व्यस्तः भवतु यत् अन्येषाम् अपकाराय समयावकाशो न सम्भवेत ।
आत्महत्या पाप नहीं महापाप है। जो ऐसे अधम मनुष्यों का शोक मनाते हैं उनको भी अवश्य शोक प्राप्त होता है। इसलिए सावधान रहें।
••आत्महत्या न पातकमेव, अपितु इदं महापातकम्। ये एतादृशान् अनार्यजनान् शोचन्ति, ते अपि शोकम् अवश्यम् आप्नुवन्ति।अत: सतर्काः भवेयुः ।
चाहे खूब गलतियां करना। जीवन खुलकर ही जीना।लेकिन बनना मत *$%€× |
•••कामं बहुत्रुटीः कुर्या:, तथापि जीवनं सानन्दमेव जीव । परन्तु, अनार्यो मा भव ।
पागल कुत्ता से सावधान रहें
••अलर्ककुक्कुरत: सावधाना: भवन्तु।
वार्ड नंबर 10 रामपुर चौक में आज दो बच्चों को पागल कुत्ता ने काट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया।
••दशसङ्ख्यके रामपुरकोणे अद्य अलर्ककुक्कुरः कश्चन द्वौ बालौ दंशित्वा निर्ममतया व्रणितौ कृतवान्।
जब तक पागल कुत्ता मारा नहीं जाता आप अपने बच्चों को बाहर अकेले न छोड़ें।
••यावत् अलर्क: कुक्कुरो घातितो न भवति तावत् भवन्त: स्वबालान् गृहेभ्य: बहि: एकान्तस्थाने न त्यजेयु:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
Lahari
Duration : 3months
Fee: 200
(Includes book and exam fee)
Medium: online coaching and exam
Registration link: https://forms.gle/UEUhA7H47WpE6Zty5
A/c Name: Samskrita Bharati
Bank Branch: Union Bank of India, Girinagar Branch, Bengaluru - 560085
Account No: 520141000016787
IFSC Code: UBIN0907464 or CORP00007
• Please read the instructions given in the google form before payment.
• Please make the payment to the above account number and then fill the registration form.
Dhanyavadaha 🙏🏻
Duration : 3months
Fee: 200
(Includes book and exam fee)
Medium: online coaching and exam
Registration link: https://forms.gle/UEUhA7H47WpE6Zty5
A/c Name: Samskrita Bharati
Bank Branch: Union Bank of India, Girinagar Branch, Bengaluru - 560085
Account No: 520141000016787
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Dhanyavadaha 🙏🏻
नमस्ते ,
After releasing Karavalambanam Book , Vidyasvam has started Online Samskrita Karyashala !!
Vidyasvam has launched the 9th batch of Online Samskrita Karyashala August 2023 starting 6th August 2023.
The workshop will be conducted every Sunday Morning ( 7 AM - 9 AM ) for 1 year..
Brochure Video : https://youtu.be/ueFFB8vOjgw
If you are interested in joining the workshop please register @ https://www.vidyasvam.in/samskrita-karyashala
I have attended their workshop and here are some of the things which I liked the most ->
1. Complete dedication of Vidyasvam Team to make the workshop successful
2. All Session Recordings available for later reference
3. Printed Handouts delivered to our house.
4. One of the most beautiful and comprehensive Mindmaps.
5. Weekly quizzes which make us think and test our understanding.
6. Self correcting and engaging Practice Assignments
7. Discussion with other participants.
8. Effective use of technology
9. Great mentors who are always there for help !
10. And finally , how can I forget ? The application of what we learn in Ramayana
To summarize , One of the BEST workshop on Samskrita.
Do Attend if you are keen to learn Samskritam.
धन्यवादाः
After releasing Karavalambanam Book , Vidyasvam has started Online Samskrita Karyashala !!
Vidyasvam has launched the 9th batch of Online Samskrita Karyashala August 2023 starting 6th August 2023.
The workshop will be conducted every Sunday Morning ( 7 AM - 9 AM ) for 1 year..
Brochure Video : https://youtu.be/ueFFB8vOjgw
If you are interested in joining the workshop please register @ https://www.vidyasvam.in/samskrita-karyashala
I have attended their workshop and here are some of the things which I liked the most ->
1. Complete dedication of Vidyasvam Team to make the workshop successful
2. All Session Recordings available for later reference
3. Printed Handouts delivered to our house.
4. One of the most beautiful and comprehensive Mindmaps.
5. Weekly quizzes which make us think and test our understanding.
6. Self correcting and engaging Practice Assignments
7. Discussion with other participants.
8. Effective use of technology
9. Great mentors who are always there for help !
10. And finally , how can I forget ? The application of what we learn in Ramayana
To summarize , One of the BEST workshop on Samskrita.
Do Attend if you are keen to learn Samskritam.
धन्यवादाः
www.vidyasvam.in
Karavalambanam
करावलम्बनम्
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅दिनांक - 02 जुलाई 2023
⛅दिन - रविवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 01:18 तक तत्पश्चात मूल
⛅योग - शुक्ल शाम 07:26 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅राहु काल - शाम 05:48 से 11:02 तक
⛅सूर्योदय - 05:58
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 07:29 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - कोकिला व्रत, पूर्णिमा, जैन चौमासी चतुर्दशी*
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅दिनांक - 02 जुलाई 2023
⛅दिन - रविवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 01:18 तक तत्पश्चात मूल
⛅योग - शुक्ल शाम 07:26 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅राहु काल - शाम 05:48 से 11:02 तक
⛅सूर्योदय - 05:58
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 07:29 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - कोकिला व्रत, पूर्णिमा, जैन चौमासी चतुर्दशी*
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/3x74GQ0aQ-A
https://youtu.be/3x74GQ0aQ-A
YouTube
वार्ता: संस्कृत समाचार || Vaarta: News in Sanskrit - 02.07.2023
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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🍃
⚜अलग अलग प्रकार से बोली गई अच्छी वाणी मानव का कल्याण लाती है।
#Quote
अभ्यावहति कल्याणं विविधा वाक्सुभाषिता
⚜अलग अलग प्रकार से बोली गई अच्छी वाणी मानव का कल्याण लाती है।
#Quote
🍃
⚜तथापि कर्तव्याकर्तव्ययोः (विधिनिषेधयोः) विवेकं बुद्धावुपस्थाप्य हितमुपदिशन्ति । यद्यपि मौनं, क्लैब्यं, प्राणत्यागो, भिक्षाशित्वं च कर्तव्यत्वेन स्वीकर्तुं न शक्यन्ते तथापि अनृतोक्तापेक्षया मौनं परकलत्राभिगमनापेक्षया क्लैब्यं, पिशुनवाक्येषु अभिरुच्यपेक्षया प्राणत्यागः, परधनास्वादनसुखापेक्षया भिक्षाशित्वं च वरमिति प्रोच्य कृतो हितोपदेशो मार्गदर्शी भवति ।
⚜ यद्यपि मौन नपुंसकता प्राणत्याग भिक्षावृत्ति ये सब ग्रहण करने योग्य नहीं हैं तथापि असत्यकथन की अपेक्षा मौन परस्त्रीगमन की अपेक्षा नपुंसकता अन्यों के कटु वचनों के श्रवण की अपेक्षा प्राणत्याग श्रेष्ठ है।
#Subhashitam
वरं मौनं कार्यं न च वचनमुक्तं यदनृतम् वरं क्लैब्यं पुंसां न च परकलत्राभिगमनम्। वरं प्राणत्यागो न च पिशुनवाक्येष्वभिरुचिः
वरं भिक्षाशित्वं न च परधनास्वादनसुखम्
ज्ञ श्रूयन्ते । ⚜तथापि कर्तव्याकर्तव्ययोः (विधिनिषेधयोः) विवेकं बुद्धावुपस्थाप्य हितमुपदिशन्ति । यद्यपि मौनं, क्लैब्यं, प्राणत्यागो, भिक्षाशित्वं च कर्तव्यत्वेन स्वीकर्तुं न शक्यन्ते तथापि अनृतोक्तापेक्षया मौनं परकलत्राभिगमनापेक्षया क्लैब्यं, पिशुनवाक्येषु अभिरुच्यपेक्षया प्राणत्यागः, परधनास्वादनसुखापेक्षया भिक्षाशित्वं च वरमिति प्रोच्य कृतो हितोपदेशो मार्गदर्शी भवति ।
⚜ यद्यपि मौन नपुंसकता प्राणत्याग भिक्षावृत्ति ये सब ग्रहण करने योग्य नहीं हैं तथापि असत्यकथन की अपेक्षा मौन परस्त्रीगमन की अपेक्षा नपुंसकता अन्यों के कटु वचनों के श्रवण की अपेक्षा प्राणत्याग श्रेष्ठ है।
#Subhashitam
जन्तुरक्षणम् अस्माकं कर्तव्यमेवास्ति।
प्रथमाविभक्त्यां कति शब्दाः सन्ति।
प्रथमाविभक्त्यां कति शब्दाः सन्ति।
Anonymous Quiz
44%
द्वौ
31%
एकः
15%
त्रयः
11%
न सन्ति।
क्रौंच पक्षी वध से द्रवित होकर वाल्मीकि के मुंह से निकला रामायण का ये पद।
••एते रामायणश्लोकाः कौञ्चपक्षिवधेन प्रेरिताः सन्तः वाल्मीकेः मुखात् बहिर्जग्मु:।
मनुष्य ने पहली कविता कब लिखी यह बता पाना बहुत कठिन है।
••मनुष्यः कदा प्रथमं काव्यं लिखितवान् इति वक्तुं अतीव कठिनम्।
परन्तु,संस्कृत के आदि कवि वाल्मीकि के बारे में कहा जाता है कि प्रथम काव्याभिव्यक्ति उन्हीं के स्वर से हुई है।
••परन्तु,संस्कृतस्य आदिकवे: वाल्मीके: विषये कथ्यते यत् प्रथमा काव्याभिव्यक्ति: तस्यैव मुखोच्चारणात् बभूव।
रामायण में सारस जैसे एक क्रौंच पक्षी का वर्णन भी आता है।
••रामायणे सारसवत् एकस्य क्रौञ्चपक्षिण: वर्णनमपि लभ्यते।
भारद्वाज मुनि और ऋषि वाल्मीकि क्रौंच पक्षी के वध के समय तमसा नदी के तट पर थे।
••भारद्वाज: मुनि: वाल्मीकि: ऋषि: च क्रौञ्चपक्षिण: वधकाले तमसानद्या: तटे आस्ताम् (बभूवतु:)।
भगवान् श्रीराम के समय के ही ऋषि थे वाल्मीकि।
••वाल्मीकि: भगवत: श्रीरामस्य समकालीन: ऋषि: बभूव।
उन्होंने रामायण तब लिखी जब रावण-वध के बाद राम का राज्याभिषेक हो चुका था।
••स तदा रामायणं लिलेख यदा रावणवधानन्तरं रामस्य राज्याभिषेक: बभूव।
वे रामायण लिखने के लिए सोच रहे थे और विचार-विमर्श कर रहे थे लेकिन उनको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।
••स रामायणं लेखितुं चिनन्तयामास विचारविमर्शं च चकार,परन्तु स किमपि अवगन्तुं स्वयम् अशक्तो अनुबभूव।
तब एक दिन सुबह गंगा के पास बहने वाली तमसा नदी के एक अत्यंत निर्मल जल वाले तीर्थ पर मुनि वाल्मीकि अपने शिष्य भारद्वाज के साथ स्नान के लिए गए।
••तदा एकस्मिन् दिने प्रात:काले गङ्गानदीं निकषा प्रवहन्त्या: तमसानद्या: एकस्मिन् अतीव निर्मलजले तीर्थे मुनि: वाल्मीकि: स्वशिष्येण भारद्वाजेन सह स्नातुं जगाम।
वहां नदी के किनारे पेड़ पर क्रौंच पक्षी का एक जोड़ा अपने में मग्न था, तभी व्याध ने इस जोड़े में से नर क्रौंच को अपने बाण से मार गिराया।
••तत्र नदीतटे वृक्षे क्रौंचपक्षियुगलम् आत्मन्येव निगमग्नं बभूव तदैव व्याध: अस्य युगलस्य नरक्रौञ्चं स्वबाणेन जघान।
रोती हुई मादा क्रौंच भयानक विलाप करने लगी।
••रुदन्ती क्रौञ्चा भयंकरं विलपितुमारेभे।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••एते रामायणश्लोकाः कौञ्चपक्षिवधेन प्रेरिताः सन्तः वाल्मीकेः मुखात् बहिर्जग्मु:।
मनुष्य ने पहली कविता कब लिखी यह बता पाना बहुत कठिन है।
••मनुष्यः कदा प्रथमं काव्यं लिखितवान् इति वक्तुं अतीव कठिनम्।
परन्तु,संस्कृत के आदि कवि वाल्मीकि के बारे में कहा जाता है कि प्रथम काव्याभिव्यक्ति उन्हीं के स्वर से हुई है।
••परन्तु,संस्कृतस्य आदिकवे: वाल्मीके: विषये कथ्यते यत् प्रथमा काव्याभिव्यक्ति: तस्यैव मुखोच्चारणात् बभूव।
रामायण में सारस जैसे एक क्रौंच पक्षी का वर्णन भी आता है।
••रामायणे सारसवत् एकस्य क्रौञ्चपक्षिण: वर्णनमपि लभ्यते।
भारद्वाज मुनि और ऋषि वाल्मीकि क्रौंच पक्षी के वध के समय तमसा नदी के तट पर थे।
••भारद्वाज: मुनि: वाल्मीकि: ऋषि: च क्रौञ्चपक्षिण: वधकाले तमसानद्या: तटे आस्ताम् (बभूवतु:)।
भगवान् श्रीराम के समय के ही ऋषि थे वाल्मीकि।
••वाल्मीकि: भगवत: श्रीरामस्य समकालीन: ऋषि: बभूव।
उन्होंने रामायण तब लिखी जब रावण-वध के बाद राम का राज्याभिषेक हो चुका था।
••स तदा रामायणं लिलेख यदा रावणवधानन्तरं रामस्य राज्याभिषेक: बभूव।
वे रामायण लिखने के लिए सोच रहे थे और विचार-विमर्श कर रहे थे लेकिन उनको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।
••स रामायणं लेखितुं चिनन्तयामास विचारविमर्शं च चकार,परन्तु स किमपि अवगन्तुं स्वयम् अशक्तो अनुबभूव।
तब एक दिन सुबह गंगा के पास बहने वाली तमसा नदी के एक अत्यंत निर्मल जल वाले तीर्थ पर मुनि वाल्मीकि अपने शिष्य भारद्वाज के साथ स्नान के लिए गए।
••तदा एकस्मिन् दिने प्रात:काले गङ्गानदीं निकषा प्रवहन्त्या: तमसानद्या: एकस्मिन् अतीव निर्मलजले तीर्थे मुनि: वाल्मीकि: स्वशिष्येण भारद्वाजेन सह स्नातुं जगाम।
वहां नदी के किनारे पेड़ पर क्रौंच पक्षी का एक जोड़ा अपने में मग्न था, तभी व्याध ने इस जोड़े में से नर क्रौंच को अपने बाण से मार गिराया।
••तत्र नदीतटे वृक्षे क्रौंचपक्षियुगलम् आत्मन्येव निगमग्नं बभूव तदैव व्याध: अस्य युगलस्य नरक्रौञ्चं स्वबाणेन जघान।
रोती हुई मादा क्रौंच भयानक विलाप करने लगी।
••रुदन्ती क्रौञ्चा भयंकरं विलपितुमारेभे।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas