Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
१५७-तमस्य संस्कृत- पत्रकारितादिवसस्य शुभावसरे सर्वेभ्यः हार्दिक्यः शुभकामनाः! १८६६-तमे ख्रिष्ट्रिय-वर्षे जून-मासे प्रथमे दिने भगवतो विश्वनाथस्य नगरीतः 'काशीविद्यासुधानिधिः'- इति संस्कृतपत्रिकायाः प्रकाशनेन सहैव आधुनिक- संस्कृत-पत्रकारितायाः शुभारम्भः जातः । सत्वरमेव संस्कृतं राष्ट्रभाषात्वेन प्रतिष्ठापयितुं एषा पत्रकारिता कृतसंकल्पास्ति ।
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - त्रयोदशी दोपहर 12:48 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅️दिनांक - 02 जून 2023
⛅️दिन - शुक्रवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - स्वाती सुबह 06:53 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅️योग - परिघ शाम 05:10 तक तत्पश्चात शिव
⛅️राहु काल - सुबह 10:57 से दोपहर 12:38 तक
⛅️सूर्योदय - 05:54
⛅️सूर्यास्त - 07:22
⛅️दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:29 से 05:12 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - त्रयोदशी दोपहर 12:48 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅️दिनांक - 02 जून 2023
⛅️दिन - शुक्रवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - स्वाती सुबह 06:53 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅️योग - परिघ शाम 05:10 तक तत्पश्चात शिव
⛅️राहु काल - सुबह 10:57 से दोपहर 12:38 तक
⛅️सूर्योदय - 05:54
⛅️सूर्यास्त - 07:22
⛅️दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:29 से 05:12 तक
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/vTtI6wQA5C4
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वार्ता: संस्कृत में समाचार | News in Sanskrit
🍃
🔆 यथा सहस्रेषु धेनुषु अपि वत्सः मातरं विन्दति तथैव पूर्वकृतं कर्म अपि कर्तारम् एव अनुगच्छति
⚜जैसे सहस्र गाय के मध्य में भी बछडा अपनी माता को पहचान लेता है वैसे ही किये हुए कर्म अपने कर्ता को पहचान लेते है (किये हुए कर्म का फल अवश्य मिलता है|)
#Subhashitam
यथा धेनुसहस्रेषु वत्सो विन्दति मातरम् । तथा पूर्वकृतं कर्म कर्तारमनुगच्छति
॥ 🔆 यथा सहस्रेषु धेनुषु अपि वत्सः मातरं विन्दति तथैव पूर्वकृतं कर्म अपि कर्तारम् एव अनुगच्छति
⚜जैसे सहस्र गाय के मध्य में भी बछडा अपनी माता को पहचान लेता है वैसे ही किये हुए कर्म अपने कर्ता को पहचान लेते है (किये हुए कर्म का फल अवश्य मिलता है|)
#Subhashitam
सर्वे चित्राणि मम पार्श्वे सदा वर्तिष्यन्ते।
वाक्ये कुत्र दोषः अस्ति।
वाक्ये कुत्र दोषः अस्ति।
Anonymous Quiz
51%
सर्वे
23%
वर्तिष्यन्ते
8%
मम पार्श्वे
18%
दोषः नास्ति।
61. यद्यपि शुद्धं लोकविरुद्धं नाचरणीयम्।
- यद्यपि शुद्ध है, किन्तु लोक के विरुद्ध है, तो उसे नहीं करना चाहिये।
62. रिक्तपाणिर्न पश्येत् राजानं देवतां गुरुम्।
- राजा, देवता और गुरु से खाली हाथ नहीं मिलना चाहिये।
63. यथा हि कुरुते राजा प्रजास्तमनुवर्तते।
- राजा जैसा आचरण करता है प्रजा उसी का अनुसरण करती है।
64. ये गर्जन्ति मुहुर्मुहुर्जलधरा वर्षन्ति नैतादृशाः।
- जो बादल बार-बार गरजते हैं, वे बरसते नहीं।
65. धर्मं जिज्ञासमानानां प्रमाणं परमं श्रृतिः।
- धर्म को जानने की इच्छा करने वाले लोगों के लिए वेद परम प्रमाण है।
66. यदेव रोचते यस्मै भवेत्तत्तस्य सुन्दरम्।
- जो जिसे भा जाए, वही उसके लिए सुन्दर है।
67. मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः।
- मनुष्यों का मन ही समस्त बन्धनों का कारण है और वही इनसे मोक्ष कारण भी है।
68. लिखितमपि ललाटे प्रोज्झितुं कः समर्थः?
- ललाट पर लिखे को कौन मिटा सकता है?
69. लोभात्क्रोधः प्रभवति लोभात्कामः प्रजायते।
- लोभ से क्रोध होता है। लोभ से कामनाएँ होती है।
70. सन्तोषेण विना पराभवपदं प्राप्नोति सर्वो जनः।
- सभी लोग सन्तोष के बिना दुःख को प्राप्त करते हैं।
#Vakyabhyas
- यद्यपि शुद्ध है, किन्तु लोक के विरुद्ध है, तो उसे नहीं करना चाहिये।
62. रिक्तपाणिर्न पश्येत् राजानं देवतां गुरुम्।
- राजा, देवता और गुरु से खाली हाथ नहीं मिलना चाहिये।
63. यथा हि कुरुते राजा प्रजास्तमनुवर्तते।
- राजा जैसा आचरण करता है प्रजा उसी का अनुसरण करती है।
64. ये गर्जन्ति मुहुर्मुहुर्जलधरा वर्षन्ति नैतादृशाः।
- जो बादल बार-बार गरजते हैं, वे बरसते नहीं।
65. धर्मं जिज्ञासमानानां प्रमाणं परमं श्रृतिः।
- धर्म को जानने की इच्छा करने वाले लोगों के लिए वेद परम प्रमाण है।
66. यदेव रोचते यस्मै भवेत्तत्तस्य सुन्दरम्।
- जो जिसे भा जाए, वही उसके लिए सुन्दर है।
67. मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः।
- मनुष्यों का मन ही समस्त बन्धनों का कारण है और वही इनसे मोक्ष कारण भी है।
68. लिखितमपि ललाटे प्रोज्झितुं कः समर्थः?
- ललाट पर लिखे को कौन मिटा सकता है?
69. लोभात्क्रोधः प्रभवति लोभात्कामः प्रजायते।
- लोभ से क्रोध होता है। लोभ से कामनाएँ होती है।
70. सन्तोषेण विना पराभवपदं प्राप्नोति सर्वो जनः।
- सभी लोग सन्तोष के बिना दुःख को प्राप्त करते हैं।
#Vakyabhyas
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्दशी सुबह 11:16 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅️दिनांक - 03 जून 2023
⛅️दिन - शनिवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - विशाखा सुबह 06:16 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅️योग - शिव दोपहर 02:48 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅️राहु काल - सुबह 09:16 से 10:57 तक
⛅️सूर्योदय - 05:54
⛅️सूर्यास्त - 07:22
⛅️दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:29 से 05:12 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्दशी सुबह 11:16 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅️दिनांक - 03 जून 2023
⛅️दिन - शनिवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - विशाखा सुबह 06:16 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅️योग - शिव दोपहर 02:48 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅️राहु काल - सुबह 09:16 से 10:57 तक
⛅️सूर्योदय - 05:54
⛅️सूर्यास्त - 07:22
⛅️दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:29 से 05:12 तक
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/3mhdQxxS7ws
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वार्ता: संस्कृत में समाचार | News in Sanskrit
🍃
⚜अंगुली देनें पर बाँह पकड़ लेना॥छोटा उपकार मिलने पर पुनः बड़ी सहायता माँगना॥
#Quote
अङ्गुलिप्रवेशात् बाहुप्रवेशः ।
⚜अंगुली देनें पर बाँह पकड़ लेना॥छोटा उपकार मिलने पर पुनः बड़ी सहायता माँगना॥
#Quote
🍃
🔆सततम् अभ्यासं विना विद्या अपि विषम् इव भवति अजीर्णे भोजनं करणं अपि विषवत् वर्तते दरिद्राय सभायाः आयोजनम् अपि विषतुल्यं पीड़ादायकं भवति वृद्ध-पुरुषाय च तरुण्या सह विवाहकरणम् अपि विष-सदृशं कष्टकरं वर्तते
⚜ बिना सतत अभ्यास से विद्या भी विष हो जाती है l अजीर्ण होने पर भोजन भी विष सदृश्य होता है, दरिद्र के लिए सभा का आयोजन करना भी विष के समान पीड़ा दायी होता है,वृद्ध पुरुष के लिए जवान औरत से विवाह करना भी विष के समान पीड़ा दायी होता है l
#Subhashitam
अनभ्यासे विषं विद्या,
अजीर्णे भोजनं विषम् ।
विषं सभा दरिद्रस्य,
वृद्धस्य तरुणी विषम्
॥🔆सततम् अभ्यासं विना विद्या अपि विषम् इव भवति अजीर्णे भोजनं करणं अपि विषवत् वर्तते दरिद्राय सभायाः आयोजनम् अपि विषतुल्यं पीड़ादायकं भवति वृद्ध-पुरुषाय च तरुण्या सह विवाहकरणम् अपि विष-सदृशं कष्टकरं वर्तते
⚜ बिना सतत अभ्यास से विद्या भी विष हो जाती है l अजीर्ण होने पर भोजन भी विष सदृश्य होता है, दरिद्र के लिए सभा का आयोजन करना भी विष के समान पीड़ा दायी होता है,वृद्ध पुरुष के लिए जवान औरत से विवाह करना भी विष के समान पीड़ा दायी होता है l
#Subhashitam
स्पष्टं वदतु सा किमवददिति।
"किमवददिति" एतस्य शब्दस्य सन्धिविच्छेदं वदन्तु।
"किमवददिति" एतस्य शब्दस्य सन्धिविच्छेदं वदन्तु।
Anonymous Quiz
89%
किम् अवदत् इति
7%
किम् अवददिति
3%
किम् अवत् अदिति
1%
किम् अव ददिति
आपणिकः। आगच्छ किम् आवश्यकम्।
दुकानदार। आओ क्या आवश्यक है।
महिला। एतस्य कूष्माण्डस्य एककिलो परिमितस्य कतिरूप्यकाणि।
महिला। यह कूष्माण्ड एक किलो कितने रुपये का है।
आपणिकः। एतस्य किलोपरिमितस्य अष्टारुप्यकाणि।
दुकानदार। यह एक किलो आठ रुपये का है।
आपणिकः। कूष्माण्डः मास्तु किम्।
दुकानदार। कुम्हाड़ा महीं चाहिये।
महिला। किलोद्वयमितं कूष्माण्डं एककिलोपरिमितं गृंजनकम् अर्धकिलो महामरीचिकां च देहि। वृत्ताकम् अपि एककिलोपरिमितम्। विण्डीनकानि नष्टानि खलु। उत्तमानि न आनीतवान् किम्।
महिला। दो किलो कूष्माण्ड एक किलो गाजर आधा किलो मिर्चा दे दो। बैगन भी एक किलो। भिण्डिया नष्ट हो गईं। अच्छी नहीं आईं क्या।
आपणिकः। उत्तमानि विण्डीकानि स्यूते एव सन्ति। आवश्यकम् किम्।
दुकानदार। उत्तम भिण्डी झोले में ही है। आवश्यक है क्या।
महिला। किलो मात्रपरिमितं देहि। आहत्य कतिरूप्यकाणि इति वद। शीघ्रं गन्तत्यम्।
महिला। किलो मात्र दे दो। जोड़कर कितने रूपये हुये बताओ। मुझे जल्दी जाना है।
आपणिकः। आहत्य पञ्चसप्ततिरुप्यकाणि कारवेल्लं मास्तु किम्।
दुकानदार। जोड़कर पचहत्तर रूपये हुये। करेला नहीं चाहिये।
महिला। कटु इत्यतः कारवेल्लं मम गृहे न खादन्ति। पर्याप्तम्। अस्मिन् स्यूते सर्वाणि वस्तूनि स्थापय। धनं स्वीकुरु।
महिला। कड़वा होता है अतः मेरे घर में करेला नहीं खाते हैं। पूरा हुआ। इस झोले में सभी वस्तुएँ दो। पैसे लो।
आपणिकः। परिवर्तः नास्ति किम्। अस्तु स्वीकुरु।
दुकानदार। अच्छा बदलना तो नहीं है। अच्छा स्वीकार करो।
#Vakyabhyas #samvadah
दुकानदार। आओ क्या आवश्यक है।
महिला। एतस्य कूष्माण्डस्य एककिलो परिमितस्य कतिरूप्यकाणि।
महिला। यह कूष्माण्ड एक किलो कितने रुपये का है।
आपणिकः। एतस्य किलोपरिमितस्य अष्टारुप्यकाणि।
दुकानदार। यह एक किलो आठ रुपये का है।
आपणिकः। कूष्माण्डः मास्तु किम्।
दुकानदार। कुम्हाड़ा महीं चाहिये।
महिला। किलोद्वयमितं कूष्माण्डं एककिलोपरिमितं गृंजनकम् अर्धकिलो महामरीचिकां च देहि। वृत्ताकम् अपि एककिलोपरिमितम्। विण्डीनकानि नष्टानि खलु। उत्तमानि न आनीतवान् किम्।
महिला। दो किलो कूष्माण्ड एक किलो गाजर आधा किलो मिर्चा दे दो। बैगन भी एक किलो। भिण्डिया नष्ट हो गईं। अच्छी नहीं आईं क्या।
आपणिकः। उत्तमानि विण्डीकानि स्यूते एव सन्ति। आवश्यकम् किम्।
दुकानदार। उत्तम भिण्डी झोले में ही है। आवश्यक है क्या।
महिला। किलो मात्रपरिमितं देहि। आहत्य कतिरूप्यकाणि इति वद। शीघ्रं गन्तत्यम्।
महिला। किलो मात्र दे दो। जोड़कर कितने रूपये हुये बताओ। मुझे जल्दी जाना है।
आपणिकः। आहत्य पञ्चसप्ततिरुप्यकाणि कारवेल्लं मास्तु किम्।
दुकानदार। जोड़कर पचहत्तर रूपये हुये। करेला नहीं चाहिये।
महिला। कटु इत्यतः कारवेल्लं मम गृहे न खादन्ति। पर्याप्तम्। अस्मिन् स्यूते सर्वाणि वस्तूनि स्थापय। धनं स्वीकुरु।
महिला। कड़वा होता है अतः मेरे घर में करेला नहीं खाते हैं। पूरा हुआ। इस झोले में सभी वस्तुएँ दो। पैसे लो।
आपणिकः। परिवर्तः नास्ति किम्। अस्तु स्वीकुरु।
दुकानदार। अच्छा बदलना तो नहीं है। अच्छा स्वीकार करो।
#Vakyabhyas #samvadah