संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🍃अज्ञानोपहतो बाल्ये यौवने मदनाहत:।
शेषे कलत्रचिन्तार्तः किं करोतु कदा जनः
।।

🔆हे मनुष्य! बाल्ये अज्ञानी भवति
युवावस्थायां कामवासनया परिपूर्णः भवति
अनन्तरं वृद्धावस्थायां परिवारस्य भविष्यविषये
एव चिन्तयसि चेत् कदा किम् करिष्यसि

मनुष्य बाल्यकाल में अज्ञानता से अभिभूत होता है, युवावस्था में काम का शिकार होता है और शेष काल (वृद्धावस्था) में परिवार के भविष्य के बारे में चिन्तित रहता है। अब वह कब क्या कर सकता है?

Man is overwhelmed by ignorance in childhood, in youth he is the victim of cupid and in the remaining period (old age) is worried thinking of the future of the family. When and what is one to do?

#Subhashitam
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विवेक आज घर जायेगा।
-- विवेकः अद्य गृहं गमिष्यसि ।

सदाचार से विश्वास बढता है।
-- सदाचारेण विश्वासं वर्धते ।

वह क्यों लज्जित होता है?
-- सः किमर्थम्लज्जते ?

हम दोनों ने आज चलचित्र देखा।
-- आवां अद्य चलचित्रम् अपश्याव।

हम दोनों कक्षा में अपना पाठ पढ़ेंगे।
-- आवां कक्षायाम्‌ स्व पाठम पठिष्यावः ।

वह घर गई।
-- सा गृहं‌ अगच्छ्त्‌।

सन्तोष उत्तम सुख है।
-- संतोषः उत्तमं सुखः अस्ति ।

पेड़ से पत्ते गिरते है।
-- वृक्षात्‌ पत्राणि पतन्ति ।

मै वाराणसी जाऊंगा।
-- अहं वाराणासीं गमिष्यामि ।

मुझे घर जाना चाहिये।
-- अहं गृहं गच्छेयम्‌ ।

यह राम की किताब है।
-- इदं रामस्य पुस्तकम्‌ अस्ति ।

हम सब पढ़ते हैं।
-- वयं पठामः ।

सभी छात्र पत्र लिखेंगे।
-- सर्वे छात्राः पत्रं लिखिष्यन्ति ।

मै विद्यालय जाऊंगा।
-- अहं विद्यालयं गमिष्यामि ।

प्रयाग में गंगा -यमुना का संगम है।
-- प्रयागे गंगायमुनयोः संगमः अस्ति ।

#vakyabhyas
Some lady whose husband is left to different nation for foreign work (proṣitabhartṛkā), fed up of mosquitoes during night, says this verse:

जितधूमसमूहाय जितव्यजनवायवे।
मशकाय मया कायः सायम् आरभ्य दीयते॥


स्पष्टमिव इदं पद्यम्

#hasya
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - पंचमी 25 मई प्रातः 03:00 तक तत्पश्चात षष्ठी

⛅️दिनांक - 24 मई 2023
⛅️दिन - बुधवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - पुनर्वसु दोपहर 03:06 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅️योग - गण्ड शाम 05:20 तक तत्पश्चात वॄद्धि
⛅️राहु काल - दोपहर 12:37 से 02:17 तक
⛅️सूर्योदय - 05:56
⛅️सूर्यास्त - 07:18
⛅️दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:13 तक
🍃कराविव शरीरस्य नेत्रयोरिव पक्ष्मणी।
अविचार्य प्रियं कुर्यात्तन्मित्रं मित्रमुच्यते।।

🔆 यथा हस्तौ शरीरं अविचार्य हितं करोति,
यथा च पक्ष्मणी नेत्रे अविचार्य साहाय्यं करोति
तथैव यः मित्रं अविचार्य मित्रस्य हितार्थं कार्यं करोति सः एव वस्तुतः मित्रं भवति

"जैसे दोनों हाथ शरीर का बिना विचारे हित करते हैं, दोनों पलकें आँखों का बिना विचारे ध्यान रखती हैं, वैसे ही जो मित्र बिना विचारे मित्र का प्रिय करता है वही वास्तव में मित्र होता है ।"

#Subhashitam
अभिलष्यते धातुः कः अत्र।
Anonymous Quiz
12%
अभिल्
64%
लष्
12%
लिषि
12%
लष्य्
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हम सब भारत के नागरिक हैं।
- वयं भारतस्य नागरिकाः सन्ति ।

वाराणसी गंगा के पावन तट पर स्थित है।
- वाराणसी गंगायाः पावनतटे स्थितः अस्ति।

वह आ गया।
- सः आगच्छ्त्।

तुम पुस्तक पढ़ो।
- त्वं पुस्तकं पठ ।

हम सब भारत के नागरिक हैं ।
- वयं भारतस्य नागरिकाः सन्ति ।

देशभक्त निर्भीक होते हैं ।
- देशभक्ताः निर्भीकाः भवन्ति ।

सिकन्दर कौन था ?
- अलक्षेन्द्रः कः आसीत् ?

राम स्वभाव से दयालु हैं । - रामः स्वभावेन दयालुः अस्ति ।

वृक्ष से फल गिरते हैं ।
- वृक्षात् फलानि पतन्ति ।

शिष्य ने गुरु से प्रश्न किया ।
- शिष्यः गुरुं प्रश्नम् अपृच्छ्त् ।

मैं प्रतिदिन स्नान करता हूँ । - अहं प्रतिदिनम् स्नानं कुर्यामि ।

मैं कल दिल्ली जाऊँगा ।
- अहं श्वः दिल्लीनगरं गमिष्यामि ।

प्रयाग में गंगा-यमुना का संगम है ।
- प्रयागे गंगायमुनयोः संगमः अस्ति ।

वाराणसी की पत्थर की मूर्तियाँ प्रसिद्ध हैं ।
- वाराणस्याः प्रस्तरमूर्त्तयः प्रसिद्धाः ।

अगणित पर्यटक दूर देशो से वाराणसी आते हैं ।
- अगणिताः पर्यटकाः सुदूरेभ्यः देशेभ्यः वाराणसी नगरिम् आगच्छन्ति ।

यह नगरी विविध कलाओ के लिए प्रसिद्ध हैं ।
- इयं नगरी विविधानां कलानां कृते प्रसिद्धा अस्ति ।

#Vakyabhyas
केनचित् पुरुषेण कियान् वा महान् सन्देशः प्रकाश्यतां नाम, सः सन्देशः कस्याश्चित् युवत्याः हेल्ल (hello) इत्यनेन सह स्पर्धितुं न शक्नुयात्।

✍🏻प्रदीपकुमारनाथः

#hasya
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - षष्ठी 26 मई प्रातः 05:19 तक तत्पश्चात सप्तमी

⛅️दिनांक - 25 मई 2023
⛅️दिन - गुरुवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - पुष्य शाम 05:54 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅️योग - वॄद्धि शाम 06:08 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅️राहु काल - दोपहर 02:17 से 03:57 तक*
⛅️सूर्योदय - 05:55
⛅️सूर्यास्त - 07:18
⛅️दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:13 तक
यदि आप बेसिक से संस्कृत सीखने के इच्छुक हैं तो 1जून से प्रारंभ होने वाले इस 15 दिवसीय online कक्षा में जुड़कर संस्कृत सीखकर बोलना प्रारंभ कर सकते हैं। कक्षा शाम को 8 से 9 बजे के बीच चलेगी। अधिक जानकारी हेतु दिए गए संपर्क सूत्र पर संपर्क करें।

+917065664773
वे यहा निःशुल्क विद्या ग्रहण करते हैं ।
-- ते अत्र निःशुल्कं विद्यां गृह्णन्ति ।

वाराणसी में मरना मंगलमय होता है ।
-- वाराणस्यां मरणं मंगलमयं भवति ।

सूर्य उदित होगा और कमल खिलेंगे ।
-- सूर्यः उदेष्यति कमलानि च हसिष्यन्ति ।

रात बीतेगी और सवेरा होगा ।
-- रात्रिः गमिष्यति, भविष्यति सुप्रभातम् ।

कुँआ सोचता है कि हैं अत्यन्त नीच हूँ ।
-- कूपः चिन्तयति नितरां नीचोऽस्मीति ।

भिक्षुक प्रत्येक व्यक्ति के सामने दीन वचन मत कहो ।
-- भिक्षुक! प्रत्येकं प्रति दिन वचः न वद्तु ।

हंस नीर- क्षीर विवेक में प्रख्यात हैं ।
-- हंसः नीर-क्षीर विवेक प्रसिद्ध अस्ति ।

सत्य से आत्मशक्ति बढ़ती है ।
-- सत्येन आत्मशक्तिः वर्धते ।

अपवित्रता से दरिद्रता बढ़ती है ।
-- अशौचेन दारिद्रयं वर्धते।

अभ्यास से निपुणता बढ़ती है।
-- अभ्यासेन निपुणता वर्धते ।

उदारता से अधिकतर बढ़ते है ।
-- औदार्येण प्रभुत्वं वर्धते ।

उपेक्षा से शत्रुता बढ़ती है । -- उपेक्षया शत्रुता वर्धते।

मानव जीवन को संस्कारित करना ही संस्कृति है ।
-- मानव जीवनस्य संस्करणाम् एव संस्कृतिः अस्ति

भारतीय संस्कृति सर्वश्रेष्ठ है ।
-- भारतीयाः संस्कृतिः सर्वश्रेष्ठः अस्ति ।

सभी निरोग रहें और कल्याण प्राप्त करें ।
-- सर्वे संतु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यंतु च ।

#Vakyabhyas