संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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सम्बोधनपदं किम्।
Anonymous Quiz
7%
सवितृ
21%
सवितः
18%
सविता
53%
सविते
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
31. मे घर जाकर पिता से पूछ कर आऊँगा। - अहं गृहं गत्वा पितरं पृष्ट्वा आगमिष्यामि। 32. व्यायाम से शरीर बलवान् हो जाता है। - व्यायामेन शरीरं बलवद् भवति। 33. उसके मूँह न लगना, वह बहुत चलता पुरजा है। - तेन साकं नातिपरिचयः कार्यः कितवौऽसौ। 34. मेरे पाँव में…
46. अध्यापक की डाँट सुनकर वह लज्जा से सिर झुकाकर खड़ी हो गयी।
- अध्यापकस्य तर्जनं श्रुत्वा सा लज्जया शिरः अवनमय्य स्थितवती।

47. अरे रक्षकों! आप जागरुकता से उद्यान की रक्षा करो।
- भोः रक्षकाः! भवन्तः जागरुकतया उद्यानं रक्षन्तु।

48. इन दिनों वस्तुओं का मूल्य अधिक है।
- एषु दिनेषु वस्तूनां मूल्यम् अधिकम् अस्ति।

49. आज सुबह कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ।
- अद्य प्रातःकाले कार्यक्रमस्य उद्घाटनं जातम्।

50. पुस्तक पढ़ने के लिए वह पुस्तकालय जाता है।
- पुस्तकं पठितुं सः पुस्तकालयं गच्छति।

51. हस्तलिपि को साफ एवं शुद्ध बनाओ।
- हस्तलिपिं स्पष्टां शुद्धां च कुरु।

52. पढ़ने के समय दूसरी ओर ध्यान मत दो।
- अध्ययनसमये अन्यत्र ध्यानं मा देहि।

53. विद्यालय के सामने सुन्दर उद्यान है।
- विद्यालयस्य पुरतः सुन्दरम् उद्यानं वर्तते।

54. सुनार सोने से आभूषण बनाता है।
- स्वर्णकारः स्वर्णेन आभूषणानि रचयति।

55. लुहार लोहे से बर्तन बनाता है।
- लौहकारः लौहेन पात्राणि रचयति।

56. ईश्वर तीनों लोकों में व्याप्त है।
- ईश्वरः त्रिलोकं व्याप्नोति।

57. देश की उन्नति के लिए आयात और निर्यात आवश्यक है।
- देशस्योन्नत्यै आयातो निर्यातश्च आवश्यकौ स्तः।

58. रिश्वत लेना और देना दोनों ही पाप है।
- उत्कोचस्य आदानं प्रदानं च द्वयमपि पापम् अस्ति।

59. बुद्धि ही बल से श्रेष्ठ है।
- मतिरेव बलाद् गरीयसी।

60. बुरों का साथ छोड़ और भलों की सङ्गति कर।
- त्यज दुर्जनसंसर्गं भज साधुसमागमम्।

#vakyabhyas
विनोदकणिका

प्रात: काले पत्नी चायेन सह बहव: गुलिकाः आनीतवती।
पत्नी : चायेन सह एकं 'काल्पोल'
खादतु।
अहम् : परन्तु मम ज्वरं नास्ति।
पत्नी : तर्हि भवान् 'डाइजीन'
स्वीकरोतु।
अहम् : मम अम्लपित्तम् (acidity)
अपि नास्ति।
पत्नी : तर्हि भवान् 'पुदीनहरा'
स्वीकरोतु।
अहम् : मम उदरं (stomach)
सम्यक् अस्ति।
पत्नी : भवत: हस्तयो: पादयो: च
पीडाम् अस्ति। अत: भवान्
'कोम्बीफ्लेम' स्वीकरोतु...
भवत: हस्तयो: पादयो: च
पीडा सम्यक् भविष्यति।
अहम् : अहं पूर्ण रूपेण सम्यक् अस्मि
किमर्थं भवती माम विना
कारणं मात्रां ददाति? एतानि
मम आवश्यकं नास्ति।
पत्नी : अस्तु! भवत: समीपे काचित्
अपदेश (excuse) नास्ति...
अत: भवान् इदानीं उत्थाय
समस्त गृहस्य विभस्मीकरणं,
सम्मार्जनं च करोतु।

#hasya
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - तृतीया रात्रि 11:18 तक तत्पश्चात चतुर्थी

⛅️दिनांक - 22 मई 2023
⛅️दिन - सोमवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - मृगशिरा सुबह 10:37 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅️योग - धृति शाम 04:34 तक तत्पश्चात शूल
⛅️राहु काल - सुबह 07:36 से 09:16 तक
⛅️सूर्योदय - 05:56
⛅️सूर्यास्त - 07:17
⛅️दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:14 तक
🍃आत्मार्थं जीवलोकेऽस्मिन् को न जीवति मानवः ।
परं परोपकारार्थं यो जीवति स जीवति
।।

🔆 अस्मिन् संसारे कः मनुष्यः आत्मानार्थं न जीवति किन्तु यः सर्वस्य जगतः कृते जीवति सः एव सत्यरूपेण जीवति।

इस जीवलोक में स्वयं के लिए कौन नहीं जीता ? परंतु जो परोपकार के लिए जीता है, वही सच्चा जीवन जीता है ।

#Subhashitam
संस्कृतभारती.pdf
1.8 MB
संस्कृतभारती.pdf
वक्ता इति कस्य धातोः रूपमस्ति।
Anonymous Quiz
29%
वद्
46%
वच्
5%
वृत्
21%
वक्
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
46. अध्यापक की डाँट सुनकर वह लज्जा से सिर झुकाकर खड़ी हो गयी। - अध्यापकस्य तर्जनं श्रुत्वा सा लज्जया शिरः अवनमय्य स्थितवती। 47. अरे रक्षकों! आप जागरुकता से उद्यान की रक्षा करो। - भोः रक्षकाः! भवन्तः जागरुकतया उद्यानं रक्षन्तु। 48. इन दिनों वस्तुओं का मूल्य…
61. एक दिन महर्षि ने ध्यान के समय दूर जङ्गल में धधकती हुई आग को देखा।
- एकदा ध्यानमग्नोऽसौ ऋषिः दूरवर्तिनि वनप्रदेशे जाज्वल्यमानं दावानलं ददर्श।

62. एक समय राजा दिलीप ने अश्वमेध यज्ञ करने के लिए एक घोड़ा छोड़ा।
- एकदा राजा दिलीपोऽश्वमेधयज्ञं कर्तुमश्वमेकं मुमोच।

63. आप सभी हमारे साथ संस्कृत पढें।
- भवन्तः अपि अस्माभिः सह संस्कृतं पठन्तु।

64. बालकों को मिठाई पसंद है।
- बालकेभ्यः मधुरं रोचते।

65. बहन! आज आने में देर क्यों?
- भगिनि! अद्य आगमने किमर्थं विलम्बः।

66. मित्र! कल मेरे घर आना।
- मित्र! श्वः मम गृहम् आगच्छतु।

67. घर के दानों ओर वृक्ष है।
- गृहम् उभयतः वृक्षाः सन्ति।

68. मैं साइकिल से पढ़ने के लिए पुस्तकालय जाता हूँ।
- अहं द्विचक्रिकया पठितुं पुस्तकालयं गच्छामि।

69. विद्यालय जाने का यही समय है।
- विद्यालयं गन्तुम् अयमेव समयः।

70. सूर्य निकल रहा है और अंधेरा दूर हो रहा है।
- भानुरुद्गच्छति तिमिरश्चापगच्छति।

#vakyabhyas
व्यङ्ग्योक्तिः-

(Sarcasm)

मन्दज्वरसमाक्रान्तरोगिणस्तापनाशनम्।
प्राणान्तकमहाहेयक्ष्वेडदानेन निश्चितम्॥


“The sure-shot procedure to reduce the temperature of a patient suffering from mild fever is to administer the life-ending poison of a great snake.”

~कुशाग्रानिकेतः

#hasya
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 12:57 तक तत्पश्चात पंचमी

⛅️दिनांक - 23 मई 2023
⛅️दिन - मंगलवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - आर्द्रा दोपहर 12:39 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅️योग - शूल शाम 04:47 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅️राहु काल - शाम 03:57 से 05:37 तक
⛅️सूर्योदय - 05:56
⛅️सूर्यास्त - 07:17
⛅️दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक
🍃अज्ञानोपहतो बाल्ये यौवने मदनाहत:।
शेषे कलत्रचिन्तार्तः किं करोतु कदा जनः
।।

🔆हे मनुष्य! बाल्ये अज्ञानी भवति
युवावस्थायां कामवासनया परिपूर्णः भवति
अनन्तरं वृद्धावस्थायां परिवारस्य भविष्यविषये
एव चिन्तयसि चेत् कदा किम् करिष्यसि

मनुष्य बाल्यकाल में अज्ञानता से अभिभूत होता है, युवावस्था में काम का शिकार होता है और शेष काल (वृद्धावस्था) में परिवार के भविष्य के बारे में चिन्तित रहता है। अब वह कब क्या कर सकता है?

Man is overwhelmed by ignorance in childhood, in youth he is the victim of cupid and in the remaining period (old age) is worried thinking of the future of the family. When and what is one to do?

#Subhashitam
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विवेक आज घर जायेगा।
-- विवेकः अद्य गृहं गमिष्यसि ।

सदाचार से विश्वास बढता है।
-- सदाचारेण विश्वासं वर्धते ।

वह क्यों लज्जित होता है?
-- सः किमर्थम्लज्जते ?

हम दोनों ने आज चलचित्र देखा।
-- आवां अद्य चलचित्रम् अपश्याव।

हम दोनों कक्षा में अपना पाठ पढ़ेंगे।
-- आवां कक्षायाम्‌ स्व पाठम पठिष्यावः ।

वह घर गई।
-- सा गृहं‌ अगच्छ्त्‌।

सन्तोष उत्तम सुख है।
-- संतोषः उत्तमं सुखः अस्ति ।

पेड़ से पत्ते गिरते है।
-- वृक्षात्‌ पत्राणि पतन्ति ।

मै वाराणसी जाऊंगा।
-- अहं वाराणासीं गमिष्यामि ।

मुझे घर जाना चाहिये।
-- अहं गृहं गच्छेयम्‌ ।

यह राम की किताब है।
-- इदं रामस्य पुस्तकम्‌ अस्ति ।

हम सब पढ़ते हैं।
-- वयं पठामः ।

सभी छात्र पत्र लिखेंगे।
-- सर्वे छात्राः पत्रं लिखिष्यन्ति ।

मै विद्यालय जाऊंगा।
-- अहं विद्यालयं गमिष्यामि ।

प्रयाग में गंगा -यमुना का संगम है।
-- प्रयागे गंगायमुनयोः संगमः अस्ति ।

#vakyabhyas
Some lady whose husband is left to different nation for foreign work (proṣitabhartṛkā), fed up of mosquitoes during night, says this verse:

जितधूमसमूहाय जितव्यजनवायवे।
मशकाय मया कायः सायम् आरभ्य दीयते॥


स्पष्टमिव इदं पद्यम्

#hasya