1. बालक विद्यालय जाता है।
- बालकः विद्यालयं गच्छति।
2. झरने से अमृत को मथता है।
- सागरं सुधां मथ्नाति।
3. राम के सौ रुपये चुराता है।
- रामं शतं मुष्णाति।
4. राजा से क्षमा माँगता है।
- नृपं क्षमां याचते।
5. सज्जन पाप से घृणा करता है।
- सज्जनः पापाद् जुगुप्सते।
6. विद्यालय में लड़के और लड़कियाँ है।
- विद्यालये बालकाः बालिकाश्च वर्तन्ते।
7. मैं कंघे से बाल सँवारता हूँ।
- अहं कंकतेन केशप्रसाधनं करोमि।
8. बालिका जा रही है।
- बालिका गच्छन्ती अस्ति।
9. यह रमेश की पुस्तक है।
- इदं रमेशस्य पुस्तकम् अस्ति।
10. बालक को लड्डू अच्छा लगता है।
- बालकाय मोदकं रोचते।
11. माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना उचित है।
- पितरौ गुरुजनाश्च सम्माननीयाः।
12. जो होना है सो हो, मैं उसके सामने नहीं झुकूँगा।
- यद्भावी तद् भवतु, नाहं तस्य पुरः शिरोऽवनमयिष्यामि।
13. वह वानर वृक्ष से उतरकर नीचे बैठा है।
- वानरः वृक्षात् अवतीर्य्य नीचैः उपविष्टोऽस्ति।
14. मेरी सब आशाओं पर पानी फिर गया।
- सर्वा ममाशा मोघाः सञ्जाताः।
15. मैने सारी रात आँखों में काटी।
- पर्यङ्के निषण्णस्य ममाक्ष्णोः प्रभातमासीत्।
#vakyabhyas
- बालकः विद्यालयं गच्छति।
2. झरने से अमृत को मथता है।
- सागरं सुधां मथ्नाति।
3. राम के सौ रुपये चुराता है।
- रामं शतं मुष्णाति।
4. राजा से क्षमा माँगता है।
- नृपं क्षमां याचते।
5. सज्जन पाप से घृणा करता है।
- सज्जनः पापाद् जुगुप्सते।
6. विद्यालय में लड़के और लड़कियाँ है।
- विद्यालये बालकाः बालिकाश्च वर्तन्ते।
7. मैं कंघे से बाल सँवारता हूँ।
- अहं कंकतेन केशप्रसाधनं करोमि।
8. बालिका जा रही है।
- बालिका गच्छन्ती अस्ति।
9. यह रमेश की पुस्तक है।
- इदं रमेशस्य पुस्तकम् अस्ति।
10. बालक को लड्डू अच्छा लगता है।
- बालकाय मोदकं रोचते।
11. माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना उचित है।
- पितरौ गुरुजनाश्च सम्माननीयाः।
12. जो होना है सो हो, मैं उसके सामने नहीं झुकूँगा।
- यद्भावी तद् भवतु, नाहं तस्य पुरः शिरोऽवनमयिष्यामि।
13. वह वानर वृक्ष से उतरकर नीचे बैठा है।
- वानरः वृक्षात् अवतीर्य्य नीचैः उपविष्टोऽस्ति।
14. मेरी सब आशाओं पर पानी फिर गया।
- सर्वा ममाशा मोघाः सञ्जाताः।
15. मैने सारी रात आँखों में काटी।
- पर्यङ्के निषण्णस्य ममाक्ष्णोः प्रभातमासीत्।
#vakyabhyas
Today is the last day to apply for online sanskrit classes by Ramkrishna Matha. Please apply NOW.
Guidelines
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ग्राहकः - भोः! मह्यम् उष्णम् उपस्करं (गरम मसाला) ददातु।
आपणिकः - नयतु, एतम् उष्णम् उपस्करम्।
ग्राहकः - उपस्करं स्पृष्ट्वा वदति अरे! एषः तु शीतलः उपस्करः। उष्णः नास्ति वा?
आपणिकः - किम् उपस्करः उष्णः भवति वा?
ग्राहकः - अरे महोदय! भवान् मां बुद्धिहीनं मन्यते किम्?
मम माता अवदत् उष्णम् उपस्करं आनय इति। अस्तु, मह्यम् एकं शीतपेयं ददातु पश्यामि शीतलं भवति वा न वा।
आपणिकः - अस्तु स्वीकरोतु।
ग्राहकः - शीतपेयस्य कूपीं स्पृष्ट्वा वदति अरे एतत् तु शीतलमेव। तर्हिं तत् उष्णं किमर्थं न?
आपणिकः - अरे महोदय! उपस्करः उष्णः न भवति।
ग्राहकः - मां बुद्धिहीनं न मन्यताम्। अहम् अन्यत्र गत्वा क्रेष्यामि।
आपणिकः - अस्तु अस्तु गच्छतु। 😁😁
#hasya
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आपणिकः - किम् उपस्करः उष्णः भवति वा?
ग्राहकः - अरे महोदय! भवान् मां बुद्धिहीनं मन्यते किम्?
मम माता अवदत् उष्णम् उपस्करं आनय इति। अस्तु, मह्यम् एकं शीतपेयं ददातु पश्यामि शीतलं भवति वा न वा।
आपणिकः - अस्तु स्वीकरोतु।
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आपणिकः - अरे महोदय! उपस्करः उष्णः न भवति।
ग्राहकः - मां बुद्धिहीनं न मन्यताम्। अहम् अन्यत्र गत्वा क्रेष्यामि।
आपणिकः - अस्तु अस्तु गच्छतु। 😁😁
#hasya
meet.google.com/wex-aifi-cee
Time :- 6.00am - 7.00am
Date :- 19/05/23
Topic :- महाभाष्यम् - पश्पशाह्निकम्
All are requested to join the class.🙏
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Date :- 19/05/23
Topic :- महाभाष्यम् - पश्पशाह्निकम्
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🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - अमावस्या रात्रि 09:22 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅️दिनांक - 19 मई 2023
⛅️दिन - शुक्रवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - कृष्ण
⛅️नक्षत्र - भरणी सुबह 07:29 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅️योग - शोभन शाम 06:17 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅️राहु काल - सुबह 10:58 से 12:36 तक
⛅️सूर्योदय - 05:57
⛅️सूर्यास्त - 07:15
⛅️दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - अमावस्या रात्रि 09:22 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅️दिनांक - 19 मई 2023
⛅️दिन - शुक्रवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - कृष्ण
⛅️नक्षत्र - भरणी सुबह 07:29 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅️योग - शोभन शाम 06:17 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅️राहु काल - सुबह 10:58 से 12:36 तक
⛅️सूर्योदय - 05:57
⛅️सूर्यास्त - 07:15
⛅️दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/wAxZSV6TAD4
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YouTube
वार्ताः | प्रधानमन्त्रिणः देशत्रयस्य यात्रा
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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Recording of yesterday's discussion about the syllabus of spoken Sanskrit.
https://youtu.be/aRq0uoBAhyY
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🍃
🔆 शास्त्राणां पठनं कृत्वा अपि केचन मूढावत् एव भवन्ति ये पठितस्य क्रियान्वयनं कुर्वन्ति ते एव विद्वांसः स्युः यथा औषध्याः पुनः पौन्येन चिन्तनेन रोगः न अपगच्छति।
⚜विद्वान् और सफल व्यक्ति बनने हेतु अच्छी पुस्तकों और शास्त्रों का मात्र अध्ययन करना पर्याप्त नहीं, अपितु जीवन में उनका अनुकरण करना आवश्यक होता है जैसे रोग दूर करने के लिए दवा की अच्छी जानकारी होना या दवा का नाम ले लेना पर्याप्त नहीं अपितु दवा का नियमित सेवन करना आवश्यक एवं लाभदायक होता है।
⚜A person who has studied various branches of Shastras can still be a fool (if he does not put it in practice); one who is skilled in work is considered a learned person.
If a sick person merely thinks about the name of the medicine, he will not be cured of the disease.
#Subhashitam
शास्त्राण्यधीत्यापि भवन्ति मूर्खा
यस्तु क्रियावान् पुरूष: स विद्वान्।
सुचिन्तितं चौषधमातुराणां
न नाममात्रेण करोत्यरोगम्
॥🔆 शास्त्राणां पठनं कृत्वा अपि केचन मूढावत् एव भवन्ति ये पठितस्य क्रियान्वयनं कुर्वन्ति ते एव विद्वांसः स्युः यथा औषध्याः पुनः पौन्येन चिन्तनेन रोगः न अपगच्छति।
⚜विद्वान् और सफल व्यक्ति बनने हेतु अच्छी पुस्तकों और शास्त्रों का मात्र अध्ययन करना पर्याप्त नहीं, अपितु जीवन में उनका अनुकरण करना आवश्यक होता है जैसे रोग दूर करने के लिए दवा की अच्छी जानकारी होना या दवा का नाम ले लेना पर्याप्त नहीं अपितु दवा का नियमित सेवन करना आवश्यक एवं लाभदायक होता है।
⚜A person who has studied various branches of Shastras can still be a fool (if he does not put it in practice); one who is skilled in work is considered a learned person.
If a sick person merely thinks about the name of the medicine, he will not be cured of the disease.
#Subhashitam
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
1. बालक विद्यालय जाता है। - बालकः विद्यालयं गच्छति। 2. झरने से अमृत को मथता है। - सागरं सुधां मथ्नाति। 3. राम के सौ रुपये चुराता है। - रामं शतं मुष्णाति। 4. राजा से क्षमा माँगता है। - नृपं क्षमां याचते। 5. सज्जन पाप से घृणा करता है। - सज्जनः पापाद्…
16. गुरु से धर्म पूछता है।
- उपाध्यायं/गुरुं धर्मं पृच्छति।
17. बकरी का दूध दुहता है।
- अजां दुग्धं दोग्धि।
18. मन्दिर के चारों ओर भक्त है।
- मन्दिरं परितः भक्ताः सन्ति।
19. इस आश्रम में ब्रह्मचारी, वानप्रस्थी और संन्यासी हैं।
- ब्रह्मचारिणः वानप्रस्थाः संन्यासिनश्च अस्मिन् आश्रमे सन्ति।
20. नाई उस्तरे से बाल काटता है।
- नापितः क्षुरेण केशान् वपति।
21. रंगरेज वस्त्रों को रंगता है।
- रज्जकः वस्त्राणि रञ्जयति।
22. मन सत्य से शुद्ध होता है।
- मनः सत्येन शुध्यति।
23. आकाश में पक्षी उड़ते हैं।
- वियति (आकाशे) पक्षिणः उड्डीयन्ते।
24. उसकी मूट्ठी गर्म करो, फिर तुम्हारा काम हो जाएगा।
- उत्कोचं तस्मै देहि तेन तव कार्यं सेत्स्यति।
25. कुम्भ पर्व में भारी जन सैलाब देखने योग्य है।
- कुम्भपर्वणि प्रचुरो जनसञ्चारः दर्शनीयः।
26. विद्याविहीन मनुष्य और पशुओं में कोई भेद नहीं है।
- विद्याविहीनानां नराणां पशूनाञ्च कोऽपि भेदो नास्ति।
27. उसकी ऐसी दशा देखकर मेरा जी भर आया।
- तस्य तथावस्थामवलोक्य करुणार्द्रचेता अभवम्।
28. प्रभाकर आज मेरे घर आएगा।
- प्रभाकरः अद्य मम गृहमागमिष्यति।
29. एक स्त्री जल के घड़े को लेकर पानी लेने जाती है।
- एका स्त्री जलकुम्भमादाय जलमानेतुं गच्छति।
30. मैं आज नहीं पढ़ा, इसलिये मेरे पिता मुझ पर नाराज थे।
- अहमद्य नापठम्, अतः मम पिता मयि अप्रसन्नः आसीत्।
#vakyabhyas
- उपाध्यायं/गुरुं धर्मं पृच्छति।
17. बकरी का दूध दुहता है।
- अजां दुग्धं दोग्धि।
18. मन्दिर के चारों ओर भक्त है।
- मन्दिरं परितः भक्ताः सन्ति।
19. इस आश्रम में ब्रह्मचारी, वानप्रस्थी और संन्यासी हैं।
- ब्रह्मचारिणः वानप्रस्थाः संन्यासिनश्च अस्मिन् आश्रमे सन्ति।
20. नाई उस्तरे से बाल काटता है।
- नापितः क्षुरेण केशान् वपति।
21. रंगरेज वस्त्रों को रंगता है।
- रज्जकः वस्त्राणि रञ्जयति।
22. मन सत्य से शुद्ध होता है।
- मनः सत्येन शुध्यति।
23. आकाश में पक्षी उड़ते हैं।
- वियति (आकाशे) पक्षिणः उड्डीयन्ते।
24. उसकी मूट्ठी गर्म करो, फिर तुम्हारा काम हो जाएगा।
- उत्कोचं तस्मै देहि तेन तव कार्यं सेत्स्यति।
25. कुम्भ पर्व में भारी जन सैलाब देखने योग्य है।
- कुम्भपर्वणि प्रचुरो जनसञ्चारः दर्शनीयः।
26. विद्याविहीन मनुष्य और पशुओं में कोई भेद नहीं है।
- विद्याविहीनानां नराणां पशूनाञ्च कोऽपि भेदो नास्ति।
27. उसकी ऐसी दशा देखकर मेरा जी भर आया।
- तस्य तथावस्थामवलोक्य करुणार्द्रचेता अभवम्।
28. प्रभाकर आज मेरे घर आएगा।
- प्रभाकरः अद्य मम गृहमागमिष्यति।
29. एक स्त्री जल के घड़े को लेकर पानी लेने जाती है।
- एका स्त्री जलकुम्भमादाय जलमानेतुं गच्छति।
30. मैं आज नहीं पढ़ा, इसलिये मेरे पिता मुझ पर नाराज थे।
- अहमद्य नापठम्, अतः मम पिता मयि अप्रसन्नः आसीत्।
#vakyabhyas
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 09:30 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅️दिनांक - 20 मई 2023
⛅️दिन - शनिवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - कृतिका सुबह 08:03 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅️योग - अतिगण्ड शाम 05:18 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅️राहु काल - सुबह 09:17 से 10:56 तक
⛅️सूर्योदय - 05:57
⛅️सूर्यास्त - 07:16
⛅️दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:14 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 09:30 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅️दिनांक - 20 मई 2023
⛅️दिन - शनिवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - ज्येष्ठ
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - कृतिका सुबह 08:03 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅️योग - अतिगण्ड शाम 05:18 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅️राहु काल - सुबह 09:17 से 10:56 तक
⛅️सूर्योदय - 05:57
⛅️सूर्यास्त - 07:16
⛅️दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:14 तक
🍃
🔆 यः पिता अपत्यानामुपरि ऋणं कृत्वा म्रियते सः शत्रुः अशीलवती माता अपि शत्रुः अधिका रूपवती पत्नी शत्रुः तथा मूर्खपुत्रोऽपि शत्रुः भवति।
चाणक्यनीति
⚜संतान पर ऋण छोड़ने वाला पिता शत्रुके समान है। व्यभिचारिणी माँ भी सन्तान के लिए शत्रु की तरह है। बहुत अधिक सुन्दर पत्नी पति की शत्रु है व मूर्खपुत्र भी शत्रु के समान ही माना गया है।
#Subhashitam
ऋणकर्ता पिता शत्रुः माता च व्यभिचारिणी।
भार्या रूपवती शत्रुः पुत्रः शत्रुरपण्डितः
॥🔆 यः पिता अपत्यानामुपरि ऋणं कृत्वा म्रियते सः शत्रुः अशीलवती माता अपि शत्रुः अधिका रूपवती पत्नी शत्रुः तथा मूर्खपुत्रोऽपि शत्रुः भवति।
चाणक्यनीति
⚜संतान पर ऋण छोड़ने वाला पिता शत्रुके समान है। व्यभिचारिणी माँ भी सन्तान के लिए शत्रु की तरह है। बहुत अधिक सुन्दर पत्नी पति की शत्रु है व मूर्खपुत्र भी शत्रु के समान ही माना गया है।
#Subhashitam