संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🚩जय सत्य सनातन🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - द्वादशी रात्रि 11:17 तक तत्पश्चात त्रयोदशी

दिनांक - 02 मई 2023
दिन - मंगलवार
शक संवत् - 1945
अयन - उत्तरायण
ऋतु - ग्रीष्म
मास - वैशाख
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी शाम 07:41 तक तत्पश्चात हस्त
योग - व्याघात सुबह 11:50 तक तत्पश्चात हर्षण
राहु काल - दोपहर 03:22 से 05:30 तक
सूर्योदय - 06:06
सूर्यास्त - 07:07
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:22 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:58 तक
व्रत पर्व विवरण - परशुराम-रुक्मिणी द्वादशी
*CLASSICAL SANSKRIT PLAYS: AN INTRODUCTION*

Ancient Indian Literature is a store house or a treasure trove of information. It is an important source to also study the Socio,Economic ,Political conditions of our Ancient civilization.
The blend of prose and poetry is reflected in the writings of Kalidasa,Bhasa,Sudraka to cite a few names gives a holistic study of the epoch. In this course by studying the Sanskrit literature we will discover the essence and the beauty of writers who explored through their writings the human emotions, conflicts ,their trials and tribulations.

The course will focus on four writers and five plays. Viz
*BHASA's*
*SWAPNA VASAVADATTA AND URUBHANGA*

*KALIDASA's*
*ABHIJANAN SHAUNTALAM*

*SUDRAKA's*
*MIRCHHAKATIKA*

*BHAVABHUTI's- UTTARARAMACHARATU*

The course is open to all and can benefit theatre enthusiasts, actors, readers, students, working professionals, artists and everyone interested to explore Sanskrit plays but never had an opportunity to do so.

COURSE CONDUCTED BY: *DR. RADHA KUMAR*
DATE&TIME: *2nd to 6th MAY, 2023 | 5PM-7PM*
VENUE: *SAPP, BANDRA*

Course Fees: Rs 2000/-
For further details, brochure and registration, Kindly contact: +91 9769296630 (9am-5pm Mon-Sat) or visit *www.sappmumbai.com*
🍃शुश्रूषा श्रवणं चैव ग्रहणं धारणं तथा ।
उहापोहोर्थविज्ञानं तत्वज्ञानं च धीगुणा:


🔆 श्रोतुमिच्छा श्रवणं च ग्हणकरणं मनसि धारणकरणं तर्कशीलता अर्थज्ञानं तत्वज्ञानम् इत्येते बुद्ध्याः अष्ट लक्षणानि भवन्ति।

सुनने की इच्छा, सुनना, ग्रहण करना, याद रखना, ऊहा (तर्क-वितर्क), आपोह (सिद्धान्त निश्चय) अर्थज्ञान तथा तत्वज्ञान, ये बुद्धि के आठ अंग हैं ।

#Subhashitam
कम् अनुसृत्य समासनिर्णयः भवति।
Anonymous Quiz
38%
अर्थम्
34%
पदम्
21%
प्रयोगम्
7%
धातुम्
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
(1) मोहन दौड़ता है । - मोहनः धावति । (2) बालक पढ़ता है । - बालकः पठति । (3) राधा भोजन पकाती है । - राधा भोजनं पचति । (4) छात्र देखता है । - छात्रः पश्यति । (5) गीदड़ आता है । - शृगालः आगच्छति । (6) वह प्रश्न पूछता है । - सः प्रश्नं पृच्छति । (7) बन्दर…
(16) तुम सब यहाँ आते हो ।
- यूयम् अत्र आगच्छथ ।

(17) तुम सब प्रातः दौड़ते हो ।
- यूयं प्रातः धावथ ।

(18) तुम दोनों फल खाते हो ।
- युवां फलं भक्षयथः ।

(19) तुम यहाँ आते हो ।
- त्वम् अत्र आगच्छसि ।

(20) तुम सब कहाँ जाते हो ?
- यूयं कुत्र गच्छथ ?

(21) वह गाँव को गया ।
- सः ग्रामम् अगच्छत् ।

(22) ब्राह्मण घर गया ।
- विप्रः गृहम् अगच्छत् ।

(23) उसने स्नान किया ।
- सः स्नानम् अकरोत् ।

(24) राम और मोहन पढ़े ।
- रामः मोहनः च अपठताम् ।

(25) वे दोनों बाग को गए ।
- तौ उद्यानम् अगच्छताम् ।

(26) सीता पानी लायी ।
- सीता जलम् आनयत् ।

(27) लड़की ने खाना खाया ।
- बालिका भोजनम् अभक्षयत् ।

#vakyabhyas
A resident of Kochi city
1) Before going out of the house.
2) After coming back.

#hasya
🚩जय सत्य सनातन🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 11:49 तक तत्पश्चात चतुर्दशी

दिनांक - 03 मई 2023
दिन - बुधवार
शक संवत् - 1945
अयन - उत्तरायण
ऋतु - ग्रीष्म
मास - वैशाख
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - हस्त रात्रि 08:56 तक तत्पश्चात चित्रा
योग - हर्षण सुबह 11:28 तक तत्पश्चात वज्र
राहु काल - दोपहर 12:37 से 02:14 तक
सूर्योदय - 06:06
सूर्यास्त - 07:08
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:22 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 12:58 तक
व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
https://youtu.be/sXc8gkzxTUQ
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
🍃यथाशक्ति मनुष्याणां शममालक्षयामहे।
अन्येषामपि सत्त्वानामपि कीटपिपीलिकैः


🔆 एकसीमापर्यन्तमेव मनुष्यः स्वशक्त्यानुसारेव मनुष्यः सहिष्णुः स्यात् कीटाः अपि तथैव एकस्तरपर्यन्तमेव दुःखानि एव सहन्ते।

मनुष्यों में अपनी शक्ति के अनुसार सहिष्णुता की एक सीमा होती है। इतना ही नहीं कीट-चिंटी जैसे प्राणी भी एक सीमा तक ही दुःख को सहते हैं।

Human beings have certain limit of patience . Even insects and ants donot bear pain beyond such limit.

#Subhashitam
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
(16) तुम सब यहाँ आते हो । - यूयम् अत्र आगच्छथ । (17) तुम सब प्रातः दौड़ते हो । - यूयं प्रातः धावथ । (18) तुम दोनों फल खाते हो । - युवां फलं भक्षयथः । (19) तुम यहाँ आते हो । - त्वम् अत्र आगच्छसि । (20) तुम सब कहाँ जाते हो ? - यूयं कुत्र गच्छथ ? (21) वह…
(28) क्या तुम्हारा भाई यहाँ आया ?
- किं तव सहोदरः अत्र आगच्छत् ?

(29) तुम लोग कहाँ गए ?
- यूयं कुत्र अगच्छत ?

(30) सीता ने एक पत्र लिखा ।
- सीता एकं पत्रम् अलिखत् ।

(31) उसका मित्र आया ।
- तस्य मित्रम् आगच्छत् ।

(32) कृष्ण ने अर्जुन से कहा
- कृष्ण : अर्जुनम् अकथयत् ।

(33) मुनि ने तप किया ।
- मुनिः तपः अकरोत् ।

(34) राम ने पत्र लिखा ।
- रामः पत्रम् अलिखत् ।

(35) मैनें चोरों को देखा ।
- अहं चौरान् अपश्यम् ।

(36) राम ने सदा सत्य बोला ।
- रामः सदा सत्यम् अवदत् ।

(37) सेवक ने अपना कार्य किया ।
- सेवकः स्वकार्यम् अकरोत् ।

(38) धनिक ने धन दिया ।
- धनिकः धनम् अयच्छत् ।

(39) अध्यापक क्रुद्ध हुआ ।
- अध्यापकः क्रुद्धः अभवत् ।

#vakyabhyas
किञ्चन उदग्रयानम् उड्डयितुं प्रेषितम् आसीत्। पञ्चशतपादोपरिष्ठात् उदग्रयानं सहसा अपतत्।
प्रशिक्षकः पृष्टवान् किमभवत् इति।
उत्तरम् आगतम्। किमपि न। उपरि गते सति शैत्येन अहं ग्रस्तः। अतः व्यजनं स्थगितवान्।

#hasya
meet.google.com/wex-aifi-cee

Time :- 6.00am - 7.00am

Date :- 04/05/23

Topic :- लघुसिद्धान्तकौमुदी- हल् सन्धिः

All are requested to join the class.🙏
🚩जय सत्य सनातन🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - चतुर्दशी रात्रि 11:44 तक तत्पश्चात पूर्णिमा

दिनांक - 04 मई 2023
दिन - गुरुवार
शक संवत् - 1945
अयन - उत्तरायण
ऋतु - ग्रीष्म
मास - वैशाख
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - चित्रा रात्रि 09:35 तक तत्पश्चात स्वाती
योग - वज्र सुबह 10:35 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहु काल - दोपहर 02:35 से 03:52 तक
सूर्योदय - 06:05
सूर्यास्त - 07:07
दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:37 से 05:21 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 12:58 तक
व्रत पर्व विवरण - श्री नृसिंह जयंती, गुरु अमरदासजी जयंती, श्रीमद् आद्य शंकराचार्य कैलास-गमन