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🔆 सर्वाणि शास्त्राणि पुनः पुनः पठित्वा तेषां साररूपेण एतदेवागच्छति यत् ईश्वरस्य ध्यानमेव कर्तव्यम्।
⚜If all the shastras are churned and the meaning is interpreted after repeated thinking, the main purport that comes out is this “Lord Narayana is always worthy of being meditated upon.
#Subhashitam
आलोड्य सर्वशास्त्राणि विचार्य च पुनः पुनः।
इदमेकं सुनिष्पन्नं ध्येयो नारायणः सदा
।। 🔆 सर्वाणि शास्त्राणि पुनः पुनः पठित्वा तेषां साररूपेण एतदेवागच्छति यत् ईश्वरस्य ध्यानमेव कर्तव्यम्।
⚜If all the shastras are churned and the meaning is interpreted after repeated thinking, the main purport that comes out is this “Lord Narayana is always worthy of being meditated upon.
#Subhashitam
नलिकया स्नान् आत्मनिर्भरः करी शोभते।
नकारान्तः शब्दः कः।
नकारान्तः शब्दः कः।
Anonymous Quiz
40%
स्नान्
6%
शोभते
44%
करी
10%
नलिकया
यदि अहं त्वां विस्मरिष्यामि' इति भीतिः अस्ति।
त्वं प्रतिमासं मम गृहं १ प्रस्थ (kg) वादामानि प्रेषय।
#hasya
त्वं प्रतिमासं मम गृहं १ प्रस्थ (kg) वादामानि प्रेषय।
#hasya
आक का फूल और पत्ता दोनों ही भगवान शिव को प्रिय है।
••अर्कस्य पुष्पं पत्रञ्च उभे शिवाय रोचेते।
कहते हैं जो भक्त भगवान शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उसकी मानसिक और शारीरिक कष्ट हर लेते हैं।
••कथ्यते यत् यः भगवते शिवाय अर्कमर्पयति तस्य मानसिक-शारीरीक-कष्टं भगवान् दूरीकरोति|
ऐसा भी लोग कहते हैं आक से मिले लाख यानी जो शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उनकी गरीबी दूर करते हैं।
••किंवदन्ति यत् अर्कात् आप्यते लक्षम् अर्थात् यः शिवाय अर्कमर्पयति तस्य दरिद्रतां शिवः निवारयति इति ।
ऋतुराज बसंत के आगमन और प्रकृति के नवश्रृंगार के उपरांत आत्मिक आनंद की असीम अनुभूति के पर्व होली अर्थात रंगोत्सव के पवित्र और पावन अवसर पर आपको एवं आपके परिवार के प्रत्येक सम्मानित सदस्य को हार्दिक बधाई तथा ढेर सारी शुभकामनाएँ।
••ऋतुराजवसन्तस्यागमनं प्रकृते: नवशृङ्गारात्परम् आध्यात्मिकानन्दस्य असीमानुभूते: पर्वण: होलिकाया: अर्थात् रंगोत्सवस्य पावनावसरे भवतः भवतश्च परिवारस्य आदरणीयसदस्यानां हार्दिकाभिनन्दनानि तेभ्यः च बह्व्यः शुभकामनाश्च।
इस दुनिया मे सबसे कड़वी चीज इंसान की जुबान
है| दारू और करैला तो यु ही बदनाम है।
••अस्मिन् जगति कटुतमं वस्तु मानवजिह्वा अस्ति। मद्यं कटिल्लं च तु वृथैव कुख्याते स्तः ।
यह फूल पिंक कनेर का है जो मेरे घर के गमले में पूरे एक साल बाद निकला है।
कैसा लगा आपको ?
••एतत् पुष्पं पाटलकर्णिकारः अस्ति यत् मम आलयस्य पुष्पधान्याम् एकवर्षात्परं विकसितमस्ति। भवतः कथम् अनुभूतिः?
एकं भागं शुष्कधान्यकं चतुर्भागं च सितोपलां गृहीत्वा उभौ सूक्ष्मतया पिष्ट्वा एकस्यां वायुरोधककूपिकायां पूरयित्वा स्थापयतु।यदि अम्लपित्तस्य समस्या स्यात् तर्हि दिने द्विवारं त्रिवारं वा उपभुञ्जीत एतस्य च उपभोगनं लाभप्रदं भविष्यति।अस्य चूर्णस्य उपयोगेन मूत्रप्रवाहोऽपि निर्विघ्नं भवति।
•• एक भाग सखा धनिया व चार भाग मिश्री लेकर दोनों को मिलाकर बारीक़ पीस लें और एक air-tight शीशी में भर के रखें। अम्लपित्त की समस्या होने पर दिन में 2 से 3 बार लें, लाभ होगा | इस प्रयोग से पेशाब भी खुलकर आता है।
आंसू अपने हाथ से ही पोंछ लेना दोस्तों। अगर दूसरे
पोछेंगे तो उसकी कीमत भी मांगेंगे।
••मित्राणि! स्वहस्ताभ्याम् एव अश्रुमार्जनं कुरुत । यदि अन्ये अश्रुमार्जनं कुर्युः तर्हि तस्य मूल्ययाचनमपि कुर्युः।
आंसू वह खामोश दुआ है जो सिर्फ खुदा ही सुन सकता है।
••• नेत्रवाष्पं सा मौनप्रार्थना अस्ति यां केवलम् ईश्वरः एव श्रोतुं शक्नोति ।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••अर्कस्य पुष्पं पत्रञ्च उभे शिवाय रोचेते।
कहते हैं जो भक्त भगवान शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उसकी मानसिक और शारीरिक कष्ट हर लेते हैं।
••कथ्यते यत् यः भगवते शिवाय अर्कमर्पयति तस्य मानसिक-शारीरीक-कष्टं भगवान् दूरीकरोति|
ऐसा भी लोग कहते हैं आक से मिले लाख यानी जो शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उनकी गरीबी दूर करते हैं।
••किंवदन्ति यत् अर्कात् आप्यते लक्षम् अर्थात् यः शिवाय अर्कमर्पयति तस्य दरिद्रतां शिवः निवारयति इति ।
ऋतुराज बसंत के आगमन और प्रकृति के नवश्रृंगार के उपरांत आत्मिक आनंद की असीम अनुभूति के पर्व होली अर्थात रंगोत्सव के पवित्र और पावन अवसर पर आपको एवं आपके परिवार के प्रत्येक सम्मानित सदस्य को हार्दिक बधाई तथा ढेर सारी शुभकामनाएँ।
••ऋतुराजवसन्तस्यागमनं प्रकृते: नवशृङ्गारात्परम् आध्यात्मिकानन्दस्य असीमानुभूते: पर्वण: होलिकाया: अर्थात् रंगोत्सवस्य पावनावसरे भवतः भवतश्च परिवारस्य आदरणीयसदस्यानां हार्दिकाभिनन्दनानि तेभ्यः च बह्व्यः शुभकामनाश्च।
इस दुनिया मे सबसे कड़वी चीज इंसान की जुबान
है| दारू और करैला तो यु ही बदनाम है।
••अस्मिन् जगति कटुतमं वस्तु मानवजिह्वा अस्ति। मद्यं कटिल्लं च तु वृथैव कुख्याते स्तः ।
यह फूल पिंक कनेर का है जो मेरे घर के गमले में पूरे एक साल बाद निकला है।
कैसा लगा आपको ?
••एतत् पुष्पं पाटलकर्णिकारः अस्ति यत् मम आलयस्य पुष्पधान्याम् एकवर्षात्परं विकसितमस्ति। भवतः कथम् अनुभूतिः?
एकं भागं शुष्कधान्यकं चतुर्भागं च सितोपलां गृहीत्वा उभौ सूक्ष्मतया पिष्ट्वा एकस्यां वायुरोधककूपिकायां पूरयित्वा स्थापयतु।यदि अम्लपित्तस्य समस्या स्यात् तर्हि दिने द्विवारं त्रिवारं वा उपभुञ्जीत एतस्य च उपभोगनं लाभप्रदं भविष्यति।अस्य चूर्णस्य उपयोगेन मूत्रप्रवाहोऽपि निर्विघ्नं भवति।
•• एक भाग सखा धनिया व चार भाग मिश्री लेकर दोनों को मिलाकर बारीक़ पीस लें और एक air-tight शीशी में भर के रखें। अम्लपित्त की समस्या होने पर दिन में 2 से 3 बार लें, लाभ होगा | इस प्रयोग से पेशाब भी खुलकर आता है।
आंसू अपने हाथ से ही पोंछ लेना दोस्तों। अगर दूसरे
पोछेंगे तो उसकी कीमत भी मांगेंगे।
••मित्राणि! स्वहस्ताभ्याम् एव अश्रुमार्जनं कुरुत । यदि अन्ये अश्रुमार्जनं कुर्युः तर्हि तस्य मूल्ययाचनमपि कुर्युः।
आंसू वह खामोश दुआ है जो सिर्फ खुदा ही सुन सकता है।
••• नेत्रवाष्पं सा मौनप्रार्थना अस्ति यां केवलम् ईश्वरः एव श्रोतुं शक्नोति ।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा सुबह 10:04 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅दिनांक - 06 अप्रैल 2023
⛅दिन - गुरुवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - चैत्र
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - हस्त दोपहर 12:42 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅योग - व्याघात रात्रि 02:32 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅राहु काल - दोपहर 02:16 से 03:50 तक
⛅सूर्योदय - 06:28
⛅सूर्यास्त - 06:57
⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:42 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - चैत्री पूर्णिमा, श्री हनुमानजी जन्मोत्सव, वैशाख स्नानारम्भ, छत्रपति शिवाजी पुण्यतिथि
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा सुबह 10:04 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅दिनांक - 06 अप्रैल 2023
⛅दिन - गुरुवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - चैत्र
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - हस्त दोपहर 12:42 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅योग - व्याघात रात्रि 02:32 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅राहु काल - दोपहर 02:16 से 03:50 तक
⛅सूर्योदय - 06:28
⛅सूर्यास्त - 06:57
⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:42 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - चैत्री पूर्णिमा, श्री हनुमानजी जन्मोत्सव, वैशाख स्नानारम्भ, छत्रपति शिवाजी पुण्यतिथि
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/9y1vFeRnYdk
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
वार्ता: संस्कृत भाषा में समाचार || Vaarta: News in Sanskrit language
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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🍃
🔆 यः आत्मनः विषये जानाति कल्याणकारीषु कर्मसु प्रवर्तते सहनशीलः अस्ति धर्मप्रवृत्तिः यस्य वर्तते तथा यं जनं इन्द्रियार्थाः न कर्षन्ति तादृशः जनः पण्डितः उच्यते।
⚜जो स्वयं अपनी योग्यता से परिचित हो व तथानुसार कल्याणकारी कार्य करता हो, जिसमें कष्ट सहने की शक्ति हो व जो विपरीत परिस्थितियों में भी धर्म से विमुख न हो, ऐसा व्यक्ति ही सच्चा ज्ञानी कहलाता है।
#Subhashitam
आत्मज्ञानं समारम्भः तितिक्षा धर्मनित्यता।
यमर्थान्नापकर्षन्ति स वै पण्डित उच्यते
।।🔆 यः आत्मनः विषये जानाति कल्याणकारीषु कर्मसु प्रवर्तते सहनशीलः अस्ति धर्मप्रवृत्तिः यस्य वर्तते तथा यं जनं इन्द्रियार्थाः न कर्षन्ति तादृशः जनः पण्डितः उच्यते।
⚜जो स्वयं अपनी योग्यता से परिचित हो व तथानुसार कल्याणकारी कार्य करता हो, जिसमें कष्ट सहने की शक्ति हो व जो विपरीत परिस्थितियों में भी धर्म से विमुख न हो, ऐसा व्यक्ति ही सच्चा ज्ञानी कहलाता है।
#Subhashitam
कौ समानार्थकौ न स्तः।
Anonymous Quiz
24%
प्राप्य - आप्त्वा
56%
तिष्ठति - उत्तिष्ठति
13%
कश्चित् - कश्चन
8%
हसितव्यम् - हसनीयम्
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
हनुमज्जन्मोत्सवः
#samlapshala
#samlapshala
छलक जाएं जब किसी की याद में आँखों से आँसू, तो समझ जाइए कि वह आपके दिल से नहीं, बल्कि आपकी आत्मा से जुड़ा हुआ है। ••यदा कस्यचित्/कस्याञ्चित् स्मृतौ नेत्राभ्याम् अश्रुस्रावो भवति तदा अवगच्छतु यत् सः/सा भवतः हृदयेन सह न सम्बद्धोऽस्ति/सम्बद्धा अस्ति, अपितु भवतः आत्मना सह सम्बद्धोऽस्ति/सम्बद्धा अस्ति।
कोयल गाये हर डाल-डाल, पात-पात
••पिका: वृक्षाणां प्रत्येकं शाखायाम् उपविश्य गायन्ति।
चैत्र माह की शुक्लप्रतिपदा का है अवसर
••एष चैत्रमासस्य शुक्लप्रतिपदाया: अवसरोऽस्ति।
खुशियों से बीते नव वर्ष का हर एक पल
••नववर्षस्य प्रत्येकं क्षणं प्रसन्नतया व्यतीतं भवेत्।
हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
••आर्यनववर्षस्य हार्दिक्य: शुभकामना:।
माँ सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए सफेद या पीले रंग का फूल चढ़ाएं जाते है। सफेद गुलाब, सफेद कनेर या फिर पीले गेंदे के फूल से भी मां सरस्वती वहुत प्रसन्न होती है।
••मातु: सरस्वत्या: प्रीत्यर्थं श्वेतपुष्पाणि पीतपुष्पाणि वा समर्पयन्ते।श्वेतपाटलपुष्पै: श्वेतकरवीरपुष्पै: वा पीतगन्धपुष्पै: वा अपि माता सरस्वती अतीव प्रसन्ना भवति।
अंजीर में पेक्टिन नामक रसायन पाया जाता है ,अत: यह पाचन तंत्र हेतु अत्यधिक लाभकारी है।यह जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालता है तथा हाई B. P की समस्या को भी दूर करता है।रात को भिगोकर प्रात: काल नाश्ते से पहले दो अंजीरों का सेवन करें।
••अञ्जीरे पेक्टिन इति रसायनं लभ्यते,अत: एतत् पाचनतन्त्राय अतीव लाभकरं भवति।एतत् सङ्ग्रहीतं पैत्तवं बहिः निष्कास्य उच्चरक्तचापस्य समस्यामपि दूरीकरोति।रात्रौ निमज्ज्य प्रात:काले प्रातराशात् पूर्वम् अञ्जीरद्वयम् उपभुञ्जीत।
आक यानि अकवन के रुई से बनाया जाता है आक का पात जिसे आम भाषा में अर्घ्य का पात कहा जाता है।
••मन्दार: अर्थात् मन्दारस्य कार्पासेन मन्दारपत्रं निर्मीयते यत् सामान्यभाषयाम् अर्घ्यपत्रम् इति कथ्यते।
छठ पूजा में अर्घ्य के पात का इस्तेमाल होता है तत्पश्चात इसे आदर स्वरुप घरों के दरवाज़ों के ऊपर चिपका देना शुभ मन जाता है।
••षष्ठीपूजायां अर्घ्यपत्राणां प्रयोगो भवति।तदनन्तरम् आदरस्वरूपं गृहद्वारेषु एतेषां सश्लेषणं शुभं मन्यते।
ज्ञात हो कि अकवन का फूल भगवान शंकर को अति प्रिय है।
••ज्ञातं यत् मन्दारकुसुमं भगवते शङ्कराय अति रोचते|
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
कोयल गाये हर डाल-डाल, पात-पात
••पिका: वृक्षाणां प्रत्येकं शाखायाम् उपविश्य गायन्ति।
चैत्र माह की शुक्लप्रतिपदा का है अवसर
••एष चैत्रमासस्य शुक्लप्रतिपदाया: अवसरोऽस्ति।
खुशियों से बीते नव वर्ष का हर एक पल
••नववर्षस्य प्रत्येकं क्षणं प्रसन्नतया व्यतीतं भवेत्।
हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
••आर्यनववर्षस्य हार्दिक्य: शुभकामना:।
माँ सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए सफेद या पीले रंग का फूल चढ़ाएं जाते है। सफेद गुलाब, सफेद कनेर या फिर पीले गेंदे के फूल से भी मां सरस्वती वहुत प्रसन्न होती है।
••मातु: सरस्वत्या: प्रीत्यर्थं श्वेतपुष्पाणि पीतपुष्पाणि वा समर्पयन्ते।श्वेतपाटलपुष्पै: श्वेतकरवीरपुष्पै: वा पीतगन्धपुष्पै: वा अपि माता सरस्वती अतीव प्रसन्ना भवति।
अंजीर में पेक्टिन नामक रसायन पाया जाता है ,अत: यह पाचन तंत्र हेतु अत्यधिक लाभकारी है।यह जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालता है तथा हाई B. P की समस्या को भी दूर करता है।रात को भिगोकर प्रात: काल नाश्ते से पहले दो अंजीरों का सेवन करें।
••अञ्जीरे पेक्टिन इति रसायनं लभ्यते,अत: एतत् पाचनतन्त्राय अतीव लाभकरं भवति।एतत् सङ्ग्रहीतं पैत्तवं बहिः निष्कास्य उच्चरक्तचापस्य समस्यामपि दूरीकरोति।रात्रौ निमज्ज्य प्रात:काले प्रातराशात् पूर्वम् अञ्जीरद्वयम् उपभुञ्जीत।
आक यानि अकवन के रुई से बनाया जाता है आक का पात जिसे आम भाषा में अर्घ्य का पात कहा जाता है।
••मन्दार: अर्थात् मन्दारस्य कार्पासेन मन्दारपत्रं निर्मीयते यत् सामान्यभाषयाम् अर्घ्यपत्रम् इति कथ्यते।
छठ पूजा में अर्घ्य के पात का इस्तेमाल होता है तत्पश्चात इसे आदर स्वरुप घरों के दरवाज़ों के ऊपर चिपका देना शुभ मन जाता है।
••षष्ठीपूजायां अर्घ्यपत्राणां प्रयोगो भवति।तदनन्तरम् आदरस्वरूपं गृहद्वारेषु एतेषां सश्लेषणं शुभं मन्यते।
ज्ञात हो कि अकवन का फूल भगवान शंकर को अति प्रिय है।
••ज्ञातं यत् मन्दारकुसुमं भगवते शङ्कराय अति रोचते|
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
श्रीहनुमज्जयन्ती-
नवव्याकरणज्ञाता चतुर्वेदी सुवाक्पटुः।
संस्कृतप्राकृतादीनां भाषातत्त्वविदां वरः॥१
उत्तमो लोकवक्ता च राजनीतिविशारदः।
रामभक्तो जयेद् धीमान् कपिश्रेष्ठः कवीश्वरः॥२
सुग्रीवप्रेषितं तेजः सीताशोकाग्निवर्धितम्।
वायुवेगान्वितं वन्दे लङ्कादहनदीक्षितम्॥३
प्राचीप्रान्तरसालान्तःस्फुटार्करसलालसम्।
किष्किन्धानागरं वन्दे सकेलिं कपिबालकम्॥४
सुन्दराय नमस्तस्मै यत्प्रसादात् सुदारुणः।
अग्निकाण्डोऽभवद् रम्यः सर्वकाण्डेषु सुन्दरः॥५
सिंहग्रहणस्य प्रक्रियात्रयम्।
प्रथमा प्रक्रिया -(न्यूटनस्य सूत्रानुसारम्) आदौ सिंहः पार्श्वतः आगच्छेत्। ततः सः गृह्येत।
द्वितीया प्रक्रिया -(आयिन्स्टायिन्महोदयस्य सूत्रानुसारम्) सिंहः यावत् श्रान्तः न भवेत् तावत् तस्य पृष्ठतः धाव्यताम्। यदा सः श्रान्तः भवेत् तदा सः गृह्यताम्।
तृतीया प्रक्रिया - (आरक्षकाणां सूत्रानुसारम्)
शशकं गृहीत्वा सः तावत् ताड्यतां यावत् सः न स्वीकुर्यात् यत् सः सिंहः अस्ति इति।
#hasya
प्रथमा प्रक्रिया -(न्यूटनस्य सूत्रानुसारम्) आदौ सिंहः पार्श्वतः आगच्छेत्। ततः सः गृह्येत।
द्वितीया प्रक्रिया -(आयिन्स्टायिन्महोदयस्य सूत्रानुसारम्) सिंहः यावत् श्रान्तः न भवेत् तावत् तस्य पृष्ठतः धाव्यताम्। यदा सः श्रान्तः भवेत् तदा सः गृह्यताम्।
तृतीया प्रक्रिया - (आरक्षकाणां सूत्रानुसारम्)
शशकं गृहीत्वा सः तावत् ताड्यतां यावत् सः न स्वीकुर्यात् यत् सः सिंहः अस्ति इति।
#hasya