संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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नमो विद्वद्भ्यः --

vidyut-prakriya generates Sanskrit words by applying Paninian rules step-by-step. Our long-term goal is for the program to generate all valid Paninian words.

Summary
vidyut-prakriya is heavily indebted to the SanskritVerb generator from Dr. Dhaval Patel, I.A.S and Dr. Shivakumari Katuri, and we are grateful to the authors for their encouragement in this project.

If you are familiar with SanskritVerb, vidyut-prakriya offers the following improvements:

- It adds many more forms (जुगुप्सते etc, अतत etc, -आम्बभूव etc.)
- It fixes various small bugs.
- Its prakriyas generally have more detail, especially for it-Agama rules.
- It can run in a web browser without an internet connection.
- It is much faster. On my laptop, vidyut-prakriya can generate all kartari-tinantas in about 4 seconds. This speed is especially useful for testing and for natural language processing tools.
- It has partial support for sanAdi forms. These have not been tested very much, so please use with caution.

Code: https://github.com/ambuda-org/vidyut/tree/main/vidyut-prakriya
Demo: https://ambuda-org.github.io/vidyullekha/ -- click on a dhatu to see its tinanta padas, and click on a pada to see its prakriya.

Notes:
We are sharing our system publicly so that we can collect feedback and better discover bugs. Please share it widely so that we can collect more feedback.

- For bug reports, please use https://github.com/ambuda-org/vidyut/issues .
- We are eager to partner with scholars and experts to better test our system. If you are interested in working with us more closely, please contact us at https://ambuda.org/contact.
- We have partial support for subantas and krdantas, but these are not available in the demo yet.
- Testing was done by comparing our program to the output of SanskritVerb. Most differences have been accounted for and are (we believe) in vidyut-prakriya's favor, but a few small errors likely remain.

How to use the tool:

1. Go to https://ambuda-org.github.io/vidyullekha/ and wait for the list of dhatus to load.

2. First, select a dhatu. You can click a dhatu in the list, o if you have a specific dhatu in mind, you can use the filter field. (For example, try searching for कृ then clicking on it.)

3. The program will show you all of the kartari tinantas for your dhatu. You can use the two dropdown menus labeled प्रयोगः and सनादि to change the prayoga and the सनादि pratyaya, respectively.

4. Click on a pada in this display to see its prakriya.

5. Click on the gray boxes with an "X" in them to stop viewing the dhatu or pada.

Regards,

Arun Prasad
बादल में जो पानी होता है वह समुद्रो, नदियों, तालाबों और झीलों से आता है।
•• जलदे यत्किमपि जलं भवति ,तत् सागरेभ्य: , नदीभ्य: ,ताडागेम्य: कासारेभ्यश्च आगच्छति।

यह पानी सूर्य की किरणों से गर्म होकर ऊपर उठता है, ऊपर आकाश में हवा ठंडी होती है वहाँ ये पानी की छोटी-छोटी बूंद बन जाता है।
•• एतज्जलं सूर्यकिरणै: उष्णीभूय उपरि उन्नयति , उपरि व्योमे वायु: शीतलो भवति तत्र एतेषां जलानां लघवः बिन्दव: निर्मिता: भवन्ति।

ये पानी की बूँद हवा में मौजूद धूल के छोटे-छोटे कण से चिपक जाती है और ऐसे ही अरबों बूँद चिपककर एक बादल का निर्माण करती है।
•• एतेषां जलानाम् एवमेव अर्बुदबिन्दव: वायौ उपस्थिताया: रेणो: लघुकणै: सह युक्त्वा एकस्य जलदस्य निर्माणं करोति।

जब बादल बनते हैं तब वायु वातावरण में सब जगह भाप को फैलाती है।
** यदा जलदा: निर्मिता: भवन्ति तदा वायु: वातावरणे सर्वत्र जलवाष्पं प्रसारयति।

अन्त में बादल नमी को रोक नहीं पाते तथा वे बर्फ,वर्षा ओले आदि के रूप में गिरते हैं।
•• अन्ततो जलदा: आर्द्रत्वं रोद्धुं न शक्नुवन्ति तथा ते हिम-वृष्टि:-हिमगोलक इत्यादिकस्य रूपेण पतन्ति।

जल का भूमि में रिसाव, "वर्षाजल का नालों,तालाबों,नदियों इत्यादियों से बहना" तथा वाष्पीकरण एक साथ होते हैं।
•• अन्त:स्यन्दनम् अपवाह: च वाष्पीकरणं च इत्यादिकस्य प्रक्रिया: युगपद्भवन्ति।

अंत:स्यन्दन की प्रकिया वर्षा के भूमि में रिसाव के कारण होती है।
•• अन्त:स्यन्दनस्य प्रक्रिया: वर्षाजलस्य भूमौ स्रवणाद्भवन्ति।

यदि वर्षा तेजी से होती है तो इससे भूमि पर वर्षा का जल नालों,तालाबों,नदियों झीलों इत्यादि से होते हुए समुद्रों और महासागरों में जाकर मिल जाता है।
•• यदि वृष्टि: तीव्रगत्या भवेत् चेत् अनेन भूमौ वर्षाजलानि नालिकाभ्यश्च ताडागेभ्यश्च नदीभ्यश्च कासारेभ्यश्य भूत्वा सागरेषु महासागरेषु च गत्वा मिलेयु:।

जलचक्र के कारण ही धरती पर पानी की कमी कभी नहीं होती है।
•• जलचक्रादेव भूमौ जलाभाव: कदापि न भवति।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
काचन कन्या वृत्तपत्रिकायां विज्ञापनामेकां प्रकाशितवती : “पतिमेकं वाञ्छामि” इति । अपरेद्युः शतानि पत्राणि तया स्वीकृतानि । सर्वेषु पत्रेषु इदमेव निवेदितम्, “मम पतिं स्वीकुरु”

~ जी एस् एस् मूर्तिः

#hasya
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
वार्तावल्यै हिन्दीगीतस्य संस्कृतानुवादं गायनं च कुरु।

प्रेषणावधिः १६/०१/२०२३
विजेतृनिर्णयोद्घोषणतिथिः २२/०१/२०२३
विपत्रसङ्केतः ddnews4sanskrit@gmail.com
चलचित्रस्य नाम मिलन।
सङ्गीतकारौ लक्ष्मीकान्तश्च प्यारेलालश्च।
गीतकार आनन्दः बक्षी।
गीतस्य नाम बच्चे मन के सच्चे
युड्युप्सन्धिः — https://youtu.be/CMiyQSgDSEI


लिखितं गीतम्👇🏻👇🏻👇🏻

राम करे ऐसा हो जाये
मेरी निंदीया तोहे मिल जाये
मैं जागूँ तू सो जाये,
मैं जागूँ तू सो जाये

गुजर जाये सुख से तेरी दुःख भरी रतिया बदल लूँ मैं तोसे अँखियाँ
बस में अगर हो ये बतियाँ
माँगू दुआएं हाथ उठाये
मेरी निंदीया तोहे मिल जाये

तू ही नहीं, मैं ही नहीं, सारा जमाना
दर्द का है एक फसाना
आदमी हो जाये दीवाना
याद करे अगर भूल ना जाये
मेरी निंदीया तोहे मिल जाये

स्वप्न चला आये कोई चोरी चोरी
मस्त पवन गाये लोरी
चंद्रकिरन बनके डोरी
तेरे मन को झूला झुलाये
मेरी निंदीया तोहे मिल जाये
श्वः संलापशालायाः अवकाशः अस्ति🙏
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिन्दी तिथि 🚩


🌥️ 🚩 युगाब्द - ५१२४
🌥️ 🚩 शक संवत - १९४४
🌥️ 🚩 विक्रम संवत - २०७९
🚩 तिथि - द्वितीया पूर्ण रात्रि तक (वृद्धि तिथि)

दिनांक - 08 जनवरी 2023
दिन - रविवार
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शिशिर
मास - माघ
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - पुष्य 09 जनवरी सुबह 06:05 तक तत्पश्चात अश्लेषा
योग - वैधृति सुबह 09:43 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
राहु काल - शाम 04:49 से 06:10 तक
सूर्योदय - 07:22
सूर्यास्त - 06:10
दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:29 तक
🍃अद्भिर्गात्राणि शुध्यन्ति मनः सत्येन शुध्यति ।
विद्यातपोभ्यां भूतात्मा बुद्धिर्ज्ञानेन शुध्यति


🔆 जलेन शरीराङ्गानि शुद्धानि भवन्ति मनः सत्येन शुद्धं भवति विद्यया तपसा च आधिं व्याधिं च सोढुं शक्नुमः तथैव अस्माकं बुद्धिः ज्ञानेन शुद्धा भवति।

♦️Adbhirgātrāi shudhyanti manaḥ satyēna śudhyati Vidyātapōbhyām bhūtātmā bud'dhirjñānēna śudhyati
MANUSMRITI 5.109

जल से शरीर के बाहर के अवयव; सत्याचरण से मन; विद्या और तप अर्थात् सब प्रकार के कष्ट भी सह के, धर्म ही के अनुष्ठान करने से जीवात्मा; ज्ञान, अर्थात् पृथिवी से लेके परमेश्वर पर्यन्त पदार्थों के विवेक से बुद्धि, अर्थात् दृढ़निश्चय पवित्र होता है।

#Subhashitam
पुत्रः मातरं श्लिष्ट्वा निर्भयत्वम् अनुभवति।
श्लिष्ट्वा अस्मिन् शब्दे कः धातुः कः च प्रत्ययः अस्ति।
Anonymous Quiz
5%
ल्युट् श्लेश्
16%
क्तवतु श्लेश्
5%
क्त श्लिस्
74%
क्त्वा श्लिष्
सीए फाइनल के रिजल्ट में मप्र में बेटियों के साथ बेटों ने भी चम्बल अंचल को गौरान्वित किया है।
•• नियोजितलेखापालपरीक्षाया: अन्तिपरिणामे मध्यप्रदेशे पुत्रीभि: सह पुत्रा: अपि चम्बलाञ्चलं गौरावान्वितं कृतवन्त:।

मुरैना जिले के जौरा निवासी कवि वासुदेव व्यग्र व श्रीमती राखी बंसल के पुत्र रचित बंसल ने बीते दो वर्षों से अपने घर परिवार से दूर रहकर गुडगांव में सीए परीक्षा की तैयारी करते हुए 462 अंक हासिल कर ऑल इण्डिया के चार्टेड अकाण्ट की फाइनल परीक्षा पास कर जौरा शहर का नाम गौरान्वित कर उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की है।
•• मुरैना जनपदस्य जौरा निवासिनो: कविवासुदेवव्यग्रस्य श्रीमती राखीवंसलस्य च पुत्र: रचितबंसल: गतद्विवर्षं स्वगृहपरिवारात् पृथक् भूत्वा गुड़गांवस्थाने नियोजितलेखापालपरीक्षाया: सज्जीकुर्वन् ४६२(द्विषष्ट्याधिकचतुर्शतम्) इति अङ्कान् आप्त्वा सकलभारतवर्षस्य अन्तिमपरीक्षाया: उत्तीर्णं कृत्वा जौरानगरस्य यशो गौराविन्वितं कुर्वन् उल्लेखनियोप्लब्धिम् आप्तवान्।

रचित बंसल नगर के प्रतिष्ठित व्यवसाई हरिओम बंसल के भतीजे हैं।
•• रचितबंसल: नगरस्य प्रतिष्ठितव्यवसायिनो हरिओम बंसलस्य भ्रात्रीयोऽस्ति।

रचित की इस सफलता से परिजनों सहित पूरे जौरा शहर में खुशी का माहौल बना हुआ है।
•• रचितस्य अस्योपलब्धिना परिजनै: सहैव सकलजौरानगरे हर्षमयं वातावरणमस्ति।


संघर्ष करो , आगे बढ़ो।
संघर्ष करते हुए मत घबराना , क्योंकि संघर्ष के दौरान ही इंसान अकेला होता है।
••सङ्घर्षं कुरुत , अग्रत: सरत।सङ्घर्षं कुर्वन्त: अधीरा: मा भवत , यतोहि सङ्घर्षकाले एव मानव: एकाकी भवति।

सफलता के बाद तो सारी दुनिया साथ होती है ।
•• साफल्यादनन्तरं तु सकलजगत् युष्माभि: सह भवति।


दानवों के उत्पात से त्रस्त भक्तों ने जब कई वर्षों तक सूखा एवं अकाल से ग्रस्त होकर देवी से प्रार्थना की तब देवी ऐसे अवतार में प्रकट हुई, जिनकी हजारों आखें थी।
•• दानवानाम् उपद्रवै: त्रस्तोभूय भक्ता: यदा बहूनि वर्षाणि यावत् अनावृष्ट्या ग्रस्तो भूत्वा देवीं प्रार्थयाञ्चक्रिरे तदा देवी एवं अवताररूपेण प्रकटीबभूव यस्या: सहस्राणि चक्षूणि बभूवु।

अपने भक्तों को इस हाल में देखकर देवी की इन हजारों आंखों से नौ दिनों तक लगातार आंसुओं की बारिश हुई, जिससे पूरी पृथ्वी पर हरियाली छा गई तथा जीवन रस से परिपूर्ण हो गया।
•• स्वभक्तानां स्थितिं दृष्ट्वा देव्याः सहस्रनेत्रेभ्यः नवदिनपर्यन्तं नैरन्तर्येण अश्रुवृष्टिर्बभूव यया सम्पूर्णा पृथिविः सस्यश्यामला भूत्वा जीवनमपि रसयुक्तं बभूव।

यही देवी शताक्षी के नाम से भी प्रसिद्ध हुई एवं इन्ही देवी ने कृपा करके अपने अंगों से कई प्रकार की शाक, फल एवं वनस्पतियों को प्रकट किया।
•• एषा हि देवी शताक्षि इति नाम्ना प्रसिद्धा बभूव, एवञ्च इयं हि देवी कृपापूर्वकं स्वकीयेभ्यः अङ्गेभ्यः नानाविधानि शाक-फल-वनस्पत्यादीनि प्रकटं चकार ।

इसलिए उनका नाम शाकंभरी प्रसिद्ध हुआ।
•• अतः सा शाकम्भरी इति नाम्ना प्रसिद्धा बभूव।

पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शाकंभरी नवरात्रि का आरंभ होता है, जो पौष पूर्णिमा पर समाप्त होता है।
•• पौषमासस्य शुक्लपक्षस्य अष्टमीतिथितः शाकंभरी नवरात्रिः आरभ्यते या पौषमासस्य पूर्णिमायां तीथौ समाप्यते ।

इस दिन शाकंभरी जयंती का पर्व मनाया जाता है।
•• अस्मिन् दिने शाकम्भरीजयन्त्या: पर्व आयोज्यते।

मान्यता के अनुसार इस दिन असहायों
को अन्न, शाक(कच्ची सब्जी), फल व जल का दान करने से अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती हैं व देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
•• मान्यतानुसारम् अस्मिन् दिने अनाथेभ्य: अन्नं शाकं फलं जलम् इत्यादीनां दानेन भृशं पुण्यस्य प्राप्तिर्भवति जगदम्बा च प्रसन्ना भवति।

#vakyabhyas
भार्या: यद्यहं दिनपत्रिका अभविष्यम् तदा सदा तव हस्तयोः अस्थास्यम् ।
भर्ता : निस्संशयम् प्रिये, यदि मम भार्या दिनपत्रिका अभविष्यत् तदा प्रत्यहं सा नवा अभविष्यत् ।

~ जी एस् एस् मूर्तिः

#hasya
Live stream scheduled for
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.

यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा। 
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।। 

45 निमेषाः
🕛 IST 12:00 PM   
🔰 भारतीयसंसद्
🗓 ९ जन्वरी २०२३, सोमवासरः

🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.

📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (लोकसभायाः राज्यसभायाः निर्वाचनं कार्यशैलीं कार्यं वा स्पष्टीकुर्वन्तु )। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।

वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु

👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat

सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_