🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिन्दी तिथि 🚩
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२४
🌥️ 🚩शक संवत - १९४४
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया दोपहर 12:45 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 27 अक्टूबर 2022
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा दोपहर 12:11 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - आयुष्मान सुबह 07:27 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - दोपहर 01:49 से 03:14 तक
⛅ सूर्योदय - 06:42
⛅ सूर्यास्त - 06:05
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण -
⛅ विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🚩आज की हिन्दी तिथि 🚩
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२४
🌥️ 🚩शक संवत - १९४४
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया दोपहर 12:45 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 27 अक्टूबर 2022
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा दोपहर 12:11 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - आयुष्मान सुबह 07:27 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - दोपहर 01:49 से 03:14 तक
⛅ सूर्योदय - 06:42
⛅ सूर्यास्त - 06:05
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण -
⛅ विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://m.youtube.com/watch?v=T0vjRBFHUXQ
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वार्ता: संस्कृत में समाचार | News in Sanskrit
🍃
⚜सत्य से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है, सत्य से ही धन-धान्य मिलता है, सत्य ही सभी सुखों का मूल है, सत्य से बढ़कर और कोई वस्तु नहीं है जिसका आश्रय लिया जाए।
(वाल्मीकि रामायण 2.109.13)
🔅सत्यम् एव ईश्वरः वर्तते समृद्धिः अपि सत्यमेव अनुसरति सत्यस्य उपरि सर्वाणि सुखानि आश्रितानि भवन्ति सत्यात् श्रेष्ठतरं वस्तु किमपि नास्ति यत् आश्रयणीयम्।
#Subhashitam
सत्यमेवेश्वरो लोके सत्यं पद्माश्रिता सदा।
सत्यमूलानि सर्वाणि सत्यान्नास्ति परं पदम्
।।⚜सत्य से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है, सत्य से ही धन-धान्य मिलता है, सत्य ही सभी सुखों का मूल है, सत्य से बढ़कर और कोई वस्तु नहीं है जिसका आश्रय लिया जाए।
(वाल्मीकि रामायण 2.109.13)
🔅सत्यम् एव ईश्वरः वर्तते समृद्धिः अपि सत्यमेव अनुसरति सत्यस्य उपरि सर्वाणि सुखानि आश्रितानि भवन्ति सत्यात् श्रेष्ठतरं वस्तु किमपि नास्ति यत् आश्रयणीयम्।
#Subhashitam
अन्यस्मिन् दिवसे एतस्य कृते कः शब्दः वर्तते।
Anonymous Quiz
7%
प्रपरह्यः
64%
परेद्युः
17%
प्रपरश्वः
11%
ह्यः
🌴चैत्रमासः शुक्लपक्षे प्रतिपदायाः नवसम्वत्सरः आरभते ।
= चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा से नया संवत्सर शुरू होता है ।
🌴अस्मिन् सप्ताहे शनिवासरतः द्वि-अप्रैलतः एकोनाशीत्यधिकद्विसहस्रतमः सम्वत्सरः अारभते ।
= इस सप्ताह में शनिवार २ अप्रैल से २०७९वाँ संवत्सर शुरू हो रहा है ।
🌴यदा वसन्तर्तौ प्रकृतिः भूषति -
= जब वसन्त ऋतु में प्रकृति सजती है ,
🌴वृक्षपादपेषु नवपत्रपुष्पाणि विकसन्ति -
= पेड़-पौधों पर नये पत्ते और फूल खिलते हैं,
🌴तदा वयं नववर्षम् आचरामः ।
= तब हम नया वर्ष मनाते हैं ।
🌴कुविचारान् विहाय सुविचारैः सह वयमपि नूतनाः भवाम ।
= कुविचारों को छोड़कर अच्छे विचारों के साथ हम भी नये हों ।
🌹अयं नवसम्वत्सरः भवद्भ्यः शुभकरः भूयात् ।
= यह नया वर्ष आप सब के लिये मंगल करने वाला होवे ॥
🌻 असूय् (ईर्ष्या/द्रोह करना) 🌻
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
१-दुर्जनः सुखीजनेभ्यः असूयति ।
= दुर्जन सुखी लोगों से ईर्ष्या करता है ।
२-भवती कस्मैचित् असूयतु ।
= आप किसी से ईर्ष्या न कीजिए ।
३-कंसः श्रीकृष्णाय असूयत् ।
= कंस ने कृष्ण जी से द्रोह किया था ।
४-कश्चित् आत्मीयेभ्यः असूयेत् ।
= किसी को अपनों से द्रोह नहीं करना चाहिये ।
५-सः कस्मैचित् न असूयिष्यति ।
= वह किसी से द्रोह नहीं करेगा ।
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴
(( कर्मवाच्य ))
६-मया दुर्जनाय असूय्यते ।
= मेरे द्वारा दुर्जन से ईर्ष्या की जाती है।
७-किं त्वया तस्मै असूय्यते ?
= क्या तुम्हारे द्वारा उससे ईर्ष्या की जाती है।
८-तेन मह्यम् असूय्यते ।
= उसके द्वारा मुझसे ईर्ष्या की जाती है।
९-तया पुत्र्यै असूय्यते ।
= उसके द्वारा पुत्री से ईर्ष्या की जाती है।
१०- केनचिदपि कस्मैचित् न असूय्यताम् ।
= किसी के द्वारा किसी से भी ईर्ष्या न की जाए।
#vakyabhyas
= चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा से नया संवत्सर शुरू होता है ।
🌴अस्मिन् सप्ताहे शनिवासरतः द्वि-अप्रैलतः एकोनाशीत्यधिकद्विसहस्रतमः सम्वत्सरः अारभते ।
= इस सप्ताह में शनिवार २ अप्रैल से २०७९वाँ संवत्सर शुरू हो रहा है ।
🌴यदा वसन्तर्तौ प्रकृतिः भूषति -
= जब वसन्त ऋतु में प्रकृति सजती है ,
🌴वृक्षपादपेषु नवपत्रपुष्पाणि विकसन्ति -
= पेड़-पौधों पर नये पत्ते और फूल खिलते हैं,
🌴तदा वयं नववर्षम् आचरामः ।
= तब हम नया वर्ष मनाते हैं ।
🌴कुविचारान् विहाय सुविचारैः सह वयमपि नूतनाः भवाम ।
= कुविचारों को छोड़कर अच्छे विचारों के साथ हम भी नये हों ।
🌹अयं नवसम्वत्सरः भवद्भ्यः शुभकरः भूयात् ।
= यह नया वर्ष आप सब के लिये मंगल करने वाला होवे ॥
🌻 असूय् (ईर्ष्या/द्रोह करना) 🌻
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१-दुर्जनः सुखीजनेभ्यः असूयति ।
= दुर्जन सुखी लोगों से ईर्ष्या करता है ।
२-भवती कस्मैचित् असूयतु ।
= आप किसी से ईर्ष्या न कीजिए ।
३-कंसः श्रीकृष्णाय असूयत् ।
= कंस ने कृष्ण जी से द्रोह किया था ।
४-कश्चित् आत्मीयेभ्यः असूयेत् ।
= किसी को अपनों से द्रोह नहीं करना चाहिये ।
५-सः कस्मैचित् न असूयिष्यति ।
= वह किसी से द्रोह नहीं करेगा ।
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴
(( कर्मवाच्य ))
६-मया दुर्जनाय असूय्यते ।
= मेरे द्वारा दुर्जन से ईर्ष्या की जाती है।
७-किं त्वया तस्मै असूय्यते ?
= क्या तुम्हारे द्वारा उससे ईर्ष्या की जाती है।
८-तेन मह्यम् असूय्यते ।
= उसके द्वारा मुझसे ईर्ष्या की जाती है।
९-तया पुत्र्यै असूय्यते ।
= उसके द्वारा पुत्री से ईर्ष्या की जाती है।
१०- केनचिदपि कस्मैचित् न असूय्यताम् ।
= किसी के द्वारा किसी से भी ईर्ष्या न की जाए।
#vakyabhyas
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिन्दी तिथि 🚩
🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩शक संवत - १९४४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - तृतीया सुबह 10:33 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅️ दिनांक - 28 अक्टूबर 2022
⛅️ दिन - शुक्रवार
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - हेमंत
⛅️ मास - कार्तिक
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - अनुराधा सुबह 10:42 तक तत्पश्चात जेष्ठा
⛅️ योग - शोभन रात्रि 01:30 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅️ राहु काल - सुबह 10:58 से 12:49 तक
⛅️ सर्योदय - 06:42
⛅️ सर्यास्त - 06:04
⛅️ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ बराह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:52 तक
🚩आज की हिन्दी तिथि 🚩
🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩शक संवत - १९४४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - तृतीया सुबह 10:33 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅️ दिनांक - 28 अक्टूबर 2022
⛅️ दिन - शुक्रवार
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - हेमंत
⛅️ मास - कार्तिक
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - अनुराधा सुबह 10:42 तक तत्पश्चात जेष्ठा
⛅️ योग - शोभन रात्रि 01:30 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅️ राहु काल - सुबह 10:58 से 12:49 तक
⛅️ सर्योदय - 06:42
⛅️ सर्यास्त - 06:04
⛅️ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ बराह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:52 तक
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
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वार्ता : बैडमिंटन में साईराज और चिराग शेट्टी का शानदार प्रदर्शन और अन्य ख़बर
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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🍃
⚜स्वभाव,वीरता,काम में सक्रियता , बुद्धिमानी और मित्रों का संगठन-ये पाँचों मनुष्य के जीवन से कभी खत्म नहीं होते और चोर भी नहीं चुरा सकता, ये मनुष्य का अक्षय धन है।।
🔅चारित्र्यं शौर्यं कार्येषु संलग्नता बुद्धिशीलता मित्रैः सह सङ्गठनं एतानि पञ्च कोऽपि चोरयितुं न शक्नोत्येव एतानि मनुष्यस्य अक्षयधनानि सन्ति।
#Subhashitam
शीलं शौर्यमनालस्यं पाण्डित्यं मित्रसङ्ग्रहः।
अचोरहरणीयानि पञ्चैतान्यक्षयो निधिः
॥⚜स्वभाव,वीरता,काम में सक्रियता , बुद्धिमानी और मित्रों का संगठन-ये पाँचों मनुष्य के जीवन से कभी खत्म नहीं होते और चोर भी नहीं चुरा सकता, ये मनुष्य का अक्षय धन है।।
🔅चारित्र्यं शौर्यं कार्येषु संलग्नता बुद्धिशीलता मित्रैः सह सङ्गठनं एतानि पञ्च कोऽपि चोरयितुं न शक्नोत्येव एतानि मनुष्यस्य अक्षयधनानि सन्ति।
#Subhashitam
मया नदीतः आपः स्वीक्रियते।
वाक्ये अव्ययपदं किमस्ति।
वाक्ये अव्ययपदं किमस्ति।
Anonymous Quiz
26%
आपः
12%
स्वीक्रियते
22%
नदीतः
40%
अव्ययपदं नास्ति
•अहं वर्णैः खेलिष्यामि/खेलामि।
=मैं रंगों से खेलूँगा/खेल रहा हूँ।
•मह्यं पाटलवर्णः🌹 रोचते।
=मुझे गुलाबी रंग अच्छा लगता है।
•अहं सर्वेषाम् आस्यानि पाटलेन हि रञ्जयिष्यामि।
=मैं सबके मुखों को गुलाबी रंग से रँगूंगा।
〰️〰️〰️〰️
तुभ्यं कः वर्णः रोचते ?
=तुम्हें कौन रंग अच्छा लगता है?
नीलः💙 पीतः💛 वा ?
=नीला या पीला ?
अस्मै बालकाय तु लोहितः❤️ रोचते।
=इसे तो लालरंग अच्छा लगता है।
अस्यै बालिकायै अपि पाटलः🌹 रोचते।
=इसे भी गुलाबी रंग अच्छा लगता है।
〰️〰️〰️〰️〰️
भवत्यै(स्त्री) कः वर्णः रोचते?
=आपको कौन रंग अच्छा लगता है?
••श्यामः🖤 केशरः🧡 वा ?
=काला या केसरिया?
तस्मै बालकाय नीलः💙 रोचते ।
=उसे नीला रंग अच्छा लगता है।
तस्यै बालिकायै हरितः💚 रोचते।
=उसे हरा रंग अच्छा लगता है।
भवते कः वर्णः रोचते?
=आपको कौन रंग अच्छा लगता है?
सः नीलवर्णेन सर्वान् रञ्जयति/रञ्जयिष्यति।
=वह नीले रंग से सबको रंग रहा है/रंगेगा।
सा हरितवर्णेन जनान् रञ्जयति/रञ्जयिष्यति।
=वह हरे रंग से लोगों को रंग रही है/रंगेगी।
एषः लोहितेन बालकानां मुखानि रञ्जयति/रञ्जयिष्यति।
=यह लाल रंग से बच्चों को मुखों को रंग रहा है/रंगेगी।
एषा पाटलेन सखीनां मुखानि रञ्जयति/रञ्जयिष्यति।
=यह गुलाबी रंग से सखियों के मुख रंग रही है/रंगेगी।
#vakyabhyas
=मैं रंगों से खेलूँगा/खेल रहा हूँ।
•मह्यं पाटलवर्णः🌹 रोचते।
=मुझे गुलाबी रंग अच्छा लगता है।
•अहं सर्वेषाम् आस्यानि पाटलेन हि रञ्जयिष्यामि।
=मैं सबके मुखों को गुलाबी रंग से रँगूंगा।
〰️〰️〰️〰️
तुभ्यं कः वर्णः रोचते ?
=तुम्हें कौन रंग अच्छा लगता है?
नीलः💙 पीतः💛 वा ?
=नीला या पीला ?
अस्मै बालकाय तु लोहितः❤️ रोचते।
=इसे तो लालरंग अच्छा लगता है।
अस्यै बालिकायै अपि पाटलः🌹 रोचते।
=इसे भी गुलाबी रंग अच्छा लगता है।
〰️〰️〰️〰️〰️
भवत्यै(स्त्री) कः वर्णः रोचते?
=आपको कौन रंग अच्छा लगता है?
••श्यामः🖤 केशरः🧡 वा ?
=काला या केसरिया?
तस्मै बालकाय नीलः💙 रोचते ।
=उसे नीला रंग अच्छा लगता है।
तस्यै बालिकायै हरितः💚 रोचते।
=उसे हरा रंग अच्छा लगता है।
भवते कः वर्णः रोचते?
=आपको कौन रंग अच्छा लगता है?
सः नीलवर्णेन सर्वान् रञ्जयति/रञ्जयिष्यति।
=वह नीले रंग से सबको रंग रहा है/रंगेगा।
सा हरितवर्णेन जनान् रञ्जयति/रञ्जयिष्यति।
=वह हरे रंग से लोगों को रंग रही है/रंगेगी।
एषः लोहितेन बालकानां मुखानि रञ्जयति/रञ्जयिष्यति।
=यह लाल रंग से बच्चों को मुखों को रंग रहा है/रंगेगी।
एषा पाटलेन सखीनां मुखानि रञ्जयति/रञ्जयिष्यति।
=यह गुलाबी रंग से सखियों के मुख रंग रही है/रंगेगी।
#vakyabhyas
कस्तूरिकासुगन्धेन चर्च्यते कूजनं किमु।
नो चेन्मृगमदेनाद्य व्याप्तं क्रोधान्वितं भवेत्॥
Will Twitter be scented by the fragrance of musk?
Or, will it be via मृगमद (musk, beastly arrogance), full of anger today?
कस्तूरी, मृगमद are words for musk (perfume).
~ राघवेन्द्रः
एलन् मस्क् कूजनस्थलं ॥ट्विट्टर्॥ क्रीतवान्।