🍃
♦️bhaktya mamabhijanati yavanyascasmi tattvatah |
tato mam tattvato jnatva visate tadanamtaram || (18.55)
By devotion he knows Me in truth, what and who I am; then having known Me in truth, he forthwith enters into the Supreme.(18.55)
⚜(उस परा) भक्ति के द्वारा मुझे वह तत्त्वत जानता है कि मैं कितना (व्यापक) हूँ तथा मैं क्या हूँ। (इस प्रकार) तत्त्वत जानने के पश्चात् तत्काल ही वह मुझमें प्रवेश कर जाता है अर्थात् मत्स्वरूप बन जाता है।।18.55।।
#geeta
भक्त्या मामभिजानाति यावान्यश्चास्मि तत्त्वतः।
ततो मां तत्त्वतो ज्ञात्वा विशते तदनन्तरम्
।।18.55।।♦️bhaktya mamabhijanati yavanyascasmi tattvatah |
tato mam tattvato jnatva visate tadanamtaram || (18.55)
By devotion he knows Me in truth, what and who I am; then having known Me in truth, he forthwith enters into the Supreme.(18.55)
⚜(उस परा) भक्ति के द्वारा मुझे वह तत्त्वत जानता है कि मैं कितना (व्यापक) हूँ तथा मैं क्या हूँ। (इस प्रकार) तत्त्वत जानने के पश्चात् तत्काल ही वह मुझमें प्रवेश कर जाता है अर्थात् मत्स्वरूप बन जाता है।।18.55।।
#geeta
🍃
♦️sarvakarmanyapi sada kurvano madvyapasrayaḥ |
matprasadadavapnoti sasvatam padamavyayam || (18.56)
⚜Doing all actions always having taken refuge in Me, by My grace he obtains the eternal indestructible state of being.(18.56)
⚜जो पुरुष मदाश्रित होकर सदैव समस्त कर्मों को करता है वह मेरे प्रसाद (अनुग्रह) से शाश्वत अव्यय पद को प्राप्त कर लेता है।।
#geeta
सर्वकर्माण्यपि सदा कुर्वाणो मद्व्यपाश्रयः।
मत्प्रसादादवाप्नोति शाश्वतं पदमव्ययम्
।।18.56।।♦️sarvakarmanyapi sada kurvano madvyapasrayaḥ |
matprasadadavapnoti sasvatam padamavyayam || (18.56)
⚜Doing all actions always having taken refuge in Me, by My grace he obtains the eternal indestructible state of being.(18.56)
⚜जो पुरुष मदाश्रित होकर सदैव समस्त कर्मों को करता है वह मेरे प्रसाद (अनुग्रह) से शाश्वत अव्यय पद को प्राप्त कर लेता है।।
#geeta
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰 संस्कृतकर्मयोगिनां परिचयः
🗓10 August 2022, बुधवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कतेन (भारते विदेशे च ये जनाः संस्कृते विशेषकार्यं कृतं तेषां विवरणं वक्तुं शक्ष्यामः)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰 संस्कृतकर्मयोगिनां परिचयः
🗓10 August 2022, बुधवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कतेन (भारते विदेशे च ये जनाः संस्कृते विशेषकार्यं कृतं तेषां विवरणं वक्तुं शक्ष्यामः)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
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सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिन्दी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२४
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी अपरान्ह 02:15 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 10 अगस्त 2022
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1944
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा सुबह 09:40 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - प्रीति शाम 07:36 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - दोपहर 12:45 से 02:23 तक
⛅ सूर्योदय - 06:14
⛅ सूर्यास्त - 07:16
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से 05:30 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण -
⛅ विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🚩आज की हिन्दी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२४
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी अपरान्ह 02:15 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 10 अगस्त 2022
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1944
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा सुबह 09:40 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - प्रीति शाम 07:36 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - दोपहर 12:45 से 02:23 तक
⛅ सूर्योदय - 06:14
⛅ सूर्यास्त - 07:16
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से 05:30 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण -
⛅ विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
https://youtu.be/f_zjL81fHS0
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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वार्ता: संस्कृत भाषा में समाचार
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
Read in English
हिन्दी में पढें
#chitram
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
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#chitram
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⚜अग्निहोत्र के विना वेद पढना व्यर्थ है, दान और दक्षिणा के विना यज्ञादि क्रियाएँ निष्फल होती हैं, श्रद्धा और भक्ति के विना किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होती । अतः भावना ही सब सिद्धियों का मूल कारण है ।
🔅अग्निहोत्रं विना वेदाध्ययनं व्यर्थं । दानेन दक्षिणया विना यज्ञः निष्फलाय भवति। श्रद्धया भक्त्या विना च कृतं कार्यं न सिध्यति।
भावः सफलतामूलकः भवति।
#Subhashitam
नाग्निहोत्रं विना वेदा न च दानं विना क्रिया।
न भावेन विना सिद्धिस्तस्माद् भावो हि कारणम्
॥⚜अग्निहोत्र के विना वेद पढना व्यर्थ है, दान और दक्षिणा के विना यज्ञादि क्रियाएँ निष्फल होती हैं, श्रद्धा और भक्ति के विना किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होती । अतः भावना ही सब सिद्धियों का मूल कारण है ।
🔅अग्निहोत्रं विना वेदाध्ययनं व्यर्थं । दानेन दक्षिणया विना यज्ञः निष्फलाय भवति। श्रद्धया भक्त्या विना च कृतं कार्यं न सिध्यति।
भावः सफलतामूलकः भवति।
#Subhashitam
अग्रिमसूचनापर्यन्तं संस्कृताश्रमः इति कक्षा न भविष्यति।