Forwarded from संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah (Sushama)
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰 मम प्रियं पुस्तकम्
🗓07th July 2022, गुरुवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन ( किमपि पुस्तकस्य विषये पुस्तके स्थितं व्यक्तेः विषये ) चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
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यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
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🗓07th July 2022, गुरुवासरः
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Forwarded from संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah (Bhavani Raman)
Telegram
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Narayaneeyam
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/uegZZ2qjmeQ
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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वार्ता: || Vaarta: News in Sanskrit language | 07.07.2022
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DD News 24x7 | Breaking News and other Live updates | News in Hindi | Latest News
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati.…
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🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
Read in English
हिन्दी में पढें
#chitram
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
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#chitram
अनुगच्छति इत्यस्य लङ्लकारे कः रूपः सिध्यति
Anonymous Quiz
10%
अनुअगच्छत्
23%
आनुगच्छत्
23%
अन्वागच्छत्
44%
अन्वगच्छत्
संस्कृत वाक्य अभ्यासः
~~~~
आगतवती .... माता आगतवती
= आ गईं ..... अम्माजी आ गईं ।
आनीतवती ..... माता आनीतवती
= लाई हैं ...... अम्माजी लाई हैं ।
किम् आनीतवती ... माता किम् आनीतवती
= क्या लाई हैं ..... अम्माजी क्या लाई हैं ?
आम्रम् आनीतवती ..... आम्रम् आनीतवती
= आम लाई हैं .... आम लाई हैं ।
किं करिष्यति माता किं करिष्यति ?
= क्या करेंगी अम्माजी क्या करेंगी ?
आम्रं दास्यति .... मह्यम् आम्रं दास्यति
= आम देंगी ... मुझे आम देंगी ।
आम्रं मधुरम् अस्ति , आम्रं मधुरम् अस्ति ।
= आम मीठा है , आम मीठा है ।
माता मधुरा अस्ति , मम माता मधुरा अस्ति
= माँ मीठी हैं , मेरी अम्माजी मीठी हैं ।
मां संस्कृतं पाठयति , माता संस्कृतं पाठयति
= मुझे संस्कृत पढ़ाती हैं , अम्माजी संस्कृत पढ़ाती हैं
।
मयि बहु स्निह्यति , माता मयि स्निह्यति
= मुझे प्यार करती हैं अम्माजी मुझे प्यार करती हैं ।
( वन्दनीया अम्माजी , आपको गए हुए आज दस
वर्ष हो गए हैं । एक भी पल ऐसा नहीं गया कि मैंने
आपको याद न किया हो ।
आपकी हर बात को याद करके अच्छा जीवन जीने
का सदा प्रयास करता हूँ ।
इस कारण ऐसा लगता है कि आप हमेशा मेरे साथ हैं
।
अम्माजी बस आपके स्नेहपूरित आशीर्वाद की मुझ
पर सदा वर्षा करती रहियेगा । )
संस्कृतवाक्याभ्यासः
अद्य आभारते अनेके जनाः यज्ञं कृतवन्तः।
= आज पूरे भारत में अनेक लोगों ने यज्ञ किया।
सर्वे स्वगृहे एव यज्ञं कृतवन्तः।
= सबने अपने घर में ही यज्ञ किया।
ये यज्ञं कर्तुं जानन्ति ते यज्ञं कृतवन्तः।
= जो यज्ञ करना जानते हैं उन्होंने ने भी यज्ञ किया।
ये यज्ञं कर्तुं न जानन्ति ते यज्ञं कृतवन्तः।
= जो यज्ञ करना नहीं जानते हैं उन्होंने ने भी यज्ञ किया।
सर्वेषां गृहे प्रातः सार्ध-नववादनतः यज्ञः आरब्धः।
= सबके घरों में प्रातः साढ़े नौ बजे यज्ञ प्रारम्भ हुआ।
यः गृहे एकाकी अस्ति सः एकाकी एव
यज्ञं कृतवान्।
= जो घर में एकाकी है उसने अकेले ही यज्ञ किया।
अनेके जनाः परिवार जनैः सह यज्ञं कृतवन्तः।
= अनेक लोगों ने परिवारजनों के साथ यज्ञ किया।
सपरिवारं यज्ञं कृतवन्तः।
= परिवार सहित यज्ञ किया।
यज्ञेन वातावरणं शुद्धं भवति।
= यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है।
वातावरणस्य शुद्धयर्थं यज्ञः तु करणीयः भवति।
= वातावरण की शुद्धि के लिये यज्ञ तो करना चाहिये।
#vakyabhyas
~~~~
आगतवती .... माता आगतवती
= आ गईं ..... अम्माजी आ गईं ।
आनीतवती ..... माता आनीतवती
= लाई हैं ...... अम्माजी लाई हैं ।
किम् आनीतवती ... माता किम् आनीतवती
= क्या लाई हैं ..... अम्माजी क्या लाई हैं ?
आम्रम् आनीतवती ..... आम्रम् आनीतवती
= आम लाई हैं .... आम लाई हैं ।
किं करिष्यति माता किं करिष्यति ?
= क्या करेंगी अम्माजी क्या करेंगी ?
आम्रं दास्यति .... मह्यम् आम्रं दास्यति
= आम देंगी ... मुझे आम देंगी ।
आम्रं मधुरम् अस्ति , आम्रं मधुरम् अस्ति ।
= आम मीठा है , आम मीठा है ।
माता मधुरा अस्ति , मम माता मधुरा अस्ति
= माँ मीठी हैं , मेरी अम्माजी मीठी हैं ।
मां संस्कृतं पाठयति , माता संस्कृतं पाठयति
= मुझे संस्कृत पढ़ाती हैं , अम्माजी संस्कृत पढ़ाती हैं
।
मयि बहु स्निह्यति , माता मयि स्निह्यति
= मुझे प्यार करती हैं अम्माजी मुझे प्यार करती हैं ।
( वन्दनीया अम्माजी , आपको गए हुए आज दस
वर्ष हो गए हैं । एक भी पल ऐसा नहीं गया कि मैंने
आपको याद न किया हो ।
आपकी हर बात को याद करके अच्छा जीवन जीने
का सदा प्रयास करता हूँ ।
इस कारण ऐसा लगता है कि आप हमेशा मेरे साथ हैं
।
अम्माजी बस आपके स्नेहपूरित आशीर्वाद की मुझ
पर सदा वर्षा करती रहियेगा । )
संस्कृतवाक्याभ्यासः
अद्य आभारते अनेके जनाः यज्ञं कृतवन्तः।
= आज पूरे भारत में अनेक लोगों ने यज्ञ किया।
सर्वे स्वगृहे एव यज्ञं कृतवन्तः।
= सबने अपने घर में ही यज्ञ किया।
ये यज्ञं कर्तुं जानन्ति ते यज्ञं कृतवन्तः।
= जो यज्ञ करना जानते हैं उन्होंने ने भी यज्ञ किया।
ये यज्ञं कर्तुं न जानन्ति ते यज्ञं कृतवन्तः।
= जो यज्ञ करना नहीं जानते हैं उन्होंने ने भी यज्ञ किया।
सर्वेषां गृहे प्रातः सार्ध-नववादनतः यज्ञः आरब्धः।
= सबके घरों में प्रातः साढ़े नौ बजे यज्ञ प्रारम्भ हुआ।
यः गृहे एकाकी अस्ति सः एकाकी एव
यज्ञं कृतवान्।
= जो घर में एकाकी है उसने अकेले ही यज्ञ किया।
अनेके जनाः परिवार जनैः सह यज्ञं कृतवन्तः।
= अनेक लोगों ने परिवारजनों के साथ यज्ञ किया।
सपरिवारं यज्ञं कृतवन्तः।
= परिवार सहित यज्ञ किया।
यज्ञेन वातावरणं शुद्धं भवति।
= यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है।
वातावरणस्य शुद्धयर्थं यज्ञः तु करणीयः भवति।
= वातावरण की शुद्धि के लिये यज्ञ तो करना चाहिये।
#vakyabhyas
Two drunken friends were admitted to the hospital after an accident.
First Friend :- Haven't I told you many times that there is a tree in front of the car?
Second Friend :- Yes, I heard that.
First Friend :- Then why didn't you stop the car?
Second Friend :- Hey ! You were driving the car
#hasya
First Friend :- Haven't I told you many times that there is a tree in front of the car?
Second Friend :- Yes, I heard that.
First Friend :- Then why didn't you stop the car?
Second Friend :- Hey ! You were driving the car
#hasya
🍃
♦️satkaramanapujarthan tapo dambhena caiva yat.
kriyate tadiha proktan rajasan calamadhruvam৷৷17.18৷৷
⚜The austerity which is practised with the object of gaining good reception, honour and worship, and with hypocrisy, is here said to be Rajasic, unstable and transitory.(17.18)
⚜जो तप सत्कार मान और पूजा के लिए अथवा केवल दम्भ (पाखण्ड) से ही किया जाता है वह अनिश्चित और क्षणिक तप यहाँ राजस कहा गया है।।17.18।।
#geeta
सत्कारमानपूजार्थं तपो दम्भेन चैव यत्।
क्रियते तदिह प्रोक्तं राजसं चलमध्रुवम्
।।17.18।।♦️satkaramanapujarthan tapo dambhena caiva yat.
kriyate tadiha proktan rajasan calamadhruvam৷৷17.18৷৷
⚜The austerity which is practised with the object of gaining good reception, honour and worship, and with hypocrisy, is here said to be Rajasic, unstable and transitory.(17.18)
⚜जो तप सत्कार मान और पूजा के लिए अथवा केवल दम्भ (पाखण्ड) से ही किया जाता है वह अनिश्चित और क्षणिक तप यहाँ राजस कहा गया है।।17.18।।
#geeta
🍃
♦️mudhagrahenatmano yatpidaya kriyate tapah.
parasyotsadanarthan va tattamasamudahrtam৷৷17.19৷৷
⚜That austerity which is practised out of a foolish notion, with self-torture, or for the purpose of destroying another, is declared to be Tamasic.(17.19)
⚜जो तप मूढ़तापूर्वक स्वयं को पीड़ित करते हुए अथवा अन्य लोगों के नाश के लिए किया जाता है वह तप तामस कहा गया है।।17.19।।
#geeta
मूढग्राहेणात्मनो यत्पीडया क्रियते तपः।
परस्योत्सादनार्थं वा तत्तामसमुदाहृतम्
।।17.19।।♦️mudhagrahenatmano yatpidaya kriyate tapah.
parasyotsadanarthan va tattamasamudahrtam৷৷17.19৷৷
⚜That austerity which is practised out of a foolish notion, with self-torture, or for the purpose of destroying another, is declared to be Tamasic.(17.19)
⚜जो तप मूढ़तापूर्वक स्वयं को पीड़ित करते हुए अथवा अन्य लोगों के नाश के लिए किया जाता है वह तप तामस कहा गया है।।17.19।।
#geeta
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द-५१२४
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅️ 🚩तिथि - नवमी शाम 06:25 तक तत्पश्चात दशमी
⛅️दिनांक - 08 जुलाई 2022
⛅️दिन - शुक्रवार
⛅️शक संवत - 1944
⛅️अयन - दक्षिणायन
⛅️ऋतु - वर्षा
⛅️मास - आषाढ़
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - चित्रा दोपहर 12:14 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅️योग - शिव सुबह 09:01 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅️राहु काल - सबुह 11:04 से दोहर 12:45 तक
⛅️सर्योदय - 06:00
⛅️सर्यास्त - 07:29
⛅️दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️बरह्म मुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द-५१२४
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅️ 🚩तिथि - नवमी शाम 06:25 तक तत्पश्चात दशमी
⛅️दिनांक - 08 जुलाई 2022
⛅️दिन - शुक्रवार
⛅️शक संवत - 1944
⛅️अयन - दक्षिणायन
⛅️ऋतु - वर्षा
⛅️मास - आषाढ़
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - चित्रा दोपहर 12:14 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅️योग - शिव सुबह 09:01 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅️राहु काल - सबुह 11:04 से दोहर 12:45 तक
⛅️सर्योदय - 06:00
⛅️सर्यास्त - 07:29
⛅️दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️बरह्म मुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक