संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।

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#chitram
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मित्रो! सूचनार्थ—

पूर्णतः100%निःशुल्क।

आज 01—07—2022 शुक्रवार से 15 से 60 वर्ष के पाठकों के लिए जीरो लेवल से शुद्ध संस्कृत लेखन और संभाषण सीखने के लिए एक ऑनलाइन कक्षा आरम्भ हो रही है। इच्छुक महानुभाव इस समूह को जाॅइन कीजिए। कक्षा की वीडियो का लिंक प्रत्येक सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार सायंकाल 6:45 पर इस ह्वाट्सप समूह में भेजा जाएगी। लिंक पर क्लिक कर आप सभी पाठक अपने समय की अनुकूलतानुसार कभी भी पढ़ सकेंगे।


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🍃यः पठति लिखति पश्यति परिपृच्छति पण्डितानुपाश्रयति ।
तस्य दिवाकरकिरणैर्नलिनीदलमिव विकास्यते बुद्धिः
।।

🔅यः सर्वदा पठति, लिखति, पश्यति, पण्डितानां सेवनं च करोति तस्य
बुद्धिः सूर्यकिरणैः नलिनीपुष्पं यथा विकसति तथा विकसति ।।

#Subhashitam
"म्रियते" एतस्य कर्मणि रूपं किम्।
Anonymous Quiz
19%
म्रिय्यते
33%
म्रियते
14%
मरति
34%
मर्यते
संस्कृतवाक्याभ्यासः

ईश्वरः सर्वत्र अस्ति।
= ईश्वर सर्वत्र है।

सर्वे मन्यन्ते खलु ?
= सभी मानते हैं न ?

परमेश्वरं कोsपि न दृष्टवान् तथापि सर्वेषाम् परमेश्वरे विश्वासः अस्ति एव।
= परमेश्वर को किसी ने नहीं देखा फिर भी सबको परमेश्वर पर विश्वास है।

केवलं नास्तिकाः जनाः न मन्यन्ते।
= केवल नास्तिक लोग नहीं मानते हैं।

नास्तिकाः जनाः परमेश्वरस्य अस्तित्वम् अपि न मन्यन्ते।
= नास्तिक लोग परमेश्वर का अस्तित्व भी नहीं मानते हैं।

ते वदन्ति "ईश्वरः न दृश्यते अतएव वयं न मन्यामहे।"
= वे बोलते हैं "ईश्वर नहीं दिखता है अतः हम नहीं मानते हैं।"

कोरोना विषाणुः अपि न दृश्यते।
= कोरोना विषाणु भी नहीं दिखता है।

तथापि नास्तिकाः जनाः कोरोनाविषाणोः अस्तित्वं मन्यन्ते।
= फिर भी नास्तिक लोग कोरोना विषाणु के अस्तित्व को मानते हैं।

ईश्वरः सर्वेषां रक्षां करोति।
= ईश्वर सबकी रक्षा करता है।

कोरोना तु सर्वान् हन्ति।
= कोरोना तो सबको मारता है।


संस्कृतवाक्याभ्यासः

मम गृहस्य पार्श्वे निम्बस्य वृक्षः अस्ति।
= मेरे घर के पास नीम का पेड़ है।

भवतः / भवत्याः गृहस्य पार्श्वे निम्बस्य वृक्षः अस्ति वा ?
= आपके घर के पास नीम का पेड़ है क्या ?

उत्तरं लिखन्तु।
= उत्तर लिखिये।

मम गृहे कोsपि रुग्णः नास्ति।
= मेरे घर कोई बीमार नहीं है।

भवतः / भवत्याः गृहे कोsपि रुग्णः अस्ति वा ?
= आपके घर कोई बीमार है क्या ?

नास्ति चेत् लिखन्तु "नास्ति"
= नहीं है तो लिखिये "नहीं है"

अस्ति चेत् लिखन्तु "अस्ति"
= है तो लिखिये " है"

मम गृहे एकः विद्यार्थी अस्ति।
= मेरे घर एक विद्यार्थी है।

भवतः / भवत्याः गृहे कोsपि विद्यार्थी अस्ति वा ?
= आपके घर कोई विद्यार्थी है क्या ?

अस्ति .... उत्तमम्।
= है .... बढ़िया ।

सः छात्रावासे तु नास्ति ?
= वह छात्रावास में तो नहीं है ?

न .. न ... सः गृहे अस्ति।
= नहीं ... वह घर में है।

#vakyabhyas
नमस्कार,
यदि आप संस्कृत सीखने के इच्छुक हैं तो कृपया इस वाट्सैप समूह से जुड़ें।
यहां शिक्षिका श्रीमती उषाराणी सङ्का नियमित रूप से प्रत्येक छात्र पर विशेष ध्यान देकर बिल्कुल निश्शुलक और निः स्वार्थ पढ़ाती हैं।
कृपया उनकी तपस्या को अपना अनमोल समय प्रदान कर आत्महित करें।

https://chat.whatsapp.com/KEo3WQ2NvrsH3Cw82fGW11

कक्षाओं की जानकारी ---
सुरवाणीविलासः
देववाणीविलासः
निलिम्पवाणीविलासः

पूर्व कक्षाओं की प्रति यहां उपलब्ध हैं।
https://youtube.com/c/SvarvaniPrakashaTheLightofSamskrtam
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «नमस्कार, यदि आप संस्कृत सीखने के इच्छुक हैं तो कृपया इस वाट्सैप समूह से जुड़ें। यहां शिक्षिका श्रीमती उषाराणी सङ्का नियमित रूप से प्रत्येक छात्र पर विशेष ध्यान देकर बिल्कुल निश्शुलक और निः स्वार्थ पढ़ाती हैं। कृपया उनकी तपस्या को अपना अनमोल समय प्रदान कर…»
Teacher - It will rain heavily on the last day of the world.There will be strong thunder and earthquakes too.
Student :- Sir....Will it be a holiday for the school ?

#hasya
🍃कर्षयन्तः शरीरस्थं भूतग्राममचेतसः।
मां चैवान्तःशरीरस्थं तान्विद्ध्यासुरनिश्चयान्
।।17.6।।

♦️karsayantah sarirasthan bhutagramamacetasah.
man caivantahsarirasthan tanviddhyasuraniscayan৷৷17.6৷৷


Senseless, torturing all the elements in the body and Me also, Who dwell in the body, know thou these to be of demonical resolves.(17.6)

और शरीरस्थ भूतसमुदाय को तथा मुझ अन्तर्यामी को भी कृश करने वाले अर्थात् कष्ट पहुँचाने वाले जो अविवेकी लोग हैं उन्हें तुम आसुरी निश्चय वाले जानो।।17.6।।

#geeta
🍃आहारस्त्वपि सर्वस्य त्रिविधो भवति प्रियः।
यज्ञस्तपस्तथा दानं तेषां भेदमिमं श्रृणु
।।17.7।।

♦️aharastvapi sarvasya trividho bhavati priyah.
yajnastapastatha danan tesan bhedamiman srrnu৷৷17.7৷৷


The food also which is dear to each is threefold, as also sacrifice, austerity and almsgiving. Hear thou the distinction of these.(17.7)

(अपनीअपनी प्रकृति के अनुसार) सब का प्रिय भोजन भी तीन प्रकार का होता है उसी प्रकार यज्ञ तप और दान भी तीन प्रकार के होते हैं उनके भेद को तुम मुझसे सुनो।।17.7।।

#geeta
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२४
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९
🚩तिथि - तृतीया अपरान्ह 03:16 तक तत्पश्चात चतुर्थी

दिनांक - 02 जुलाई 2022
दिन - शनिवार
शक संवत - 1944
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - आषाढ़
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - अश्लेषा पूर्ण रात्रि तक
योग - हर्षण सुबह 11:33 तक तत्पश्चात वज्र
राहु काल - सुबह 09:21 से 11:02 तक
सूर्योदय - 05:58
सूर्यास्त - 07:29
दिशा शूल - पूर्व दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04:34 से 05:16 तक
🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।

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#chitram
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.

यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा। 
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।। 

45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰जल्पनम्
🗓02th July 2022, शनिवासरः

🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.

📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (कालिदासस्य जीवनघटनां तस्य कृतिपरिचयं प्रसिद्धश्लोकविवरणं वा वक्तुं शक्नुमः) चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।

वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु

👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
🍃मातृवत् परदारेषु परद्रव्येषु लोष्टवत् ।
आत्मवत् सर्वभूतेषु यः पश्यति स पण्डितः
।।

🔅यः जनः परपत्नीं मातरम् इव पश्यति, अन्येषां धनं लोष्टमिव तुच्छं मन्यते, सर्वानपि जीवान् आत्मवत् पश्यति, सः एव पण्डितः ।

#Subhashitam