Forwarded from Magadh University Memes
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है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
रोज़ जो चेहरे बदलते है लिबासों की तरह
अब जनाज़ा ज़ोर से उन का निकलना चाहिए
अब भी कुछ लोगो ने बेची है न अपनी आत्मा
ये पतन का सिलसिला कुछ और चलना चाहिए
.....
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
रोज़ जो चेहरे बदलते है लिबासों की तरह
अब जनाज़ा ज़ोर से उन का निकलना चाहिए
अब भी कुछ लोगो ने बेची है न अपनी आत्मा
ये पतन का सिलसिला कुछ और चलना चाहिए
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❤5👍1🤔1
लहजे सलीके बड़े मायने रखते है मेरे लिए, खंजर झेल लेता हूँ मैं, मगर शब्द चुभ जाते है मुझको...
🔥6❤1👍1
Sometimes the nicest people you meet smoke, and sometimes the most evil people you meet go to temple.
💯3👍1
बात अगर स्वाभिमान की हो तो मैं कुछ ऐसा हूँ की बहुत कुछ छोड़ आया हूँ और बहुत कुछ छोड़ सकता हूँ।
❤6🔥4👍2
When GOD brings back your FAVOURITE WEATHER just to make you HAPPY!
❤4👍1💯1
कई बार ज़िंदगी में हम इतने उलझ जाते हैं कि खुद नहीं समझ पाते कि हमें क्या अच्छा लगता है, हम सच में क्या करना चाहते हैं। हम दूसरों को देखकर सोचने लगते हैं कि शायद वही सही है। कोई पार्टी कर रहा है, कोई म्यूजिक पर नाच रहा है, कोई इवेंट में जा रहा है, कोई स्टेज पर कुछ करके खुश है। और हम सोचने लगते हैं कि क्या हमें भी ऐसा ही करना चाहिए, क्या इसी में खुशी है।
लेकिन जब मैंने खुद से ये पूछा कि मुझे क्या करना अच्छा लगता है, तो जवाब कुछ और ही था। मुझे वो भीड़-भाड़, तेज़ म्यूजिक या चमक-धमक वाली जगहें पसंद नहीं हैं। मुझे तो पहाड़ों पर जाना अच्छा लगता है, जंगल में घूमना, नदी के किनारे चुपचाप बैठना। ऐसे ही सुकून मिलता है। शायद ही गया के 50-60 किलोमीटर के अंदर कोई ऐसा पहाड़ हो जहां मैं न गया हो। हर एक जगह से मेरा कोई न कोई जुड़ाव है।
मुझे असली खुशी उन जगहों पर मिलती है जहां शांति होती है, जहां दिमाग और दिल दोनों को आराम मिले। मुझे अकेले बैठना पसंद है या फिर दोस्तों के साथ बैठकर हँसी-मज़ाक करना। कोई शोर नहीं, कोई दिखावा नहीं, बस वो पल होता है जिसमें मैं सच में खुद को महसूस कर पाता हूं।
अक्सर जब हम खुद को दूसरों से अलग पाते हैं तो लगता है कि शायद हम कुछ गलत कर रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। हर किसी का खुश रहने का तरीका अलग होता है। जरूरी नहीं कि जो तरीका किसी और के लिए अच्छा हो, वही हमारे लिए भी ठीक हो। हमें वही करना चाहिए जिससे हमें अच्छा लगे, जिससे हमारा मन खुश रहे। खुशी किसी भीड़ या ट्रेंड में नहीं होती, वो तो वहीं मिलती है जहां हम अपने जैसे बनकर रह सकें।
इसलिए अगर कभी लगे कि आप दूसरों से अलग हो, तो खुद को छोटा मत समझो। बल्कि ये सोचो कि आप अपने रास्ते पर चल रहे हो। और यही सबसे बढ़िया बात है। अपनी दुनिया में खुश रहो, शांति में चमको, बिना किसी दिखावे के।
लेकिन जब मैंने खुद से ये पूछा कि मुझे क्या करना अच्छा लगता है, तो जवाब कुछ और ही था। मुझे वो भीड़-भाड़, तेज़ म्यूजिक या चमक-धमक वाली जगहें पसंद नहीं हैं। मुझे तो पहाड़ों पर जाना अच्छा लगता है, जंगल में घूमना, नदी के किनारे चुपचाप बैठना। ऐसे ही सुकून मिलता है। शायद ही गया के 50-60 किलोमीटर के अंदर कोई ऐसा पहाड़ हो जहां मैं न गया हो। हर एक जगह से मेरा कोई न कोई जुड़ाव है।
मुझे असली खुशी उन जगहों पर मिलती है जहां शांति होती है, जहां दिमाग और दिल दोनों को आराम मिले। मुझे अकेले बैठना पसंद है या फिर दोस्तों के साथ बैठकर हँसी-मज़ाक करना। कोई शोर नहीं, कोई दिखावा नहीं, बस वो पल होता है जिसमें मैं सच में खुद को महसूस कर पाता हूं।
अक्सर जब हम खुद को दूसरों से अलग पाते हैं तो लगता है कि शायद हम कुछ गलत कर रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। हर किसी का खुश रहने का तरीका अलग होता है। जरूरी नहीं कि जो तरीका किसी और के लिए अच्छा हो, वही हमारे लिए भी ठीक हो। हमें वही करना चाहिए जिससे हमें अच्छा लगे, जिससे हमारा मन खुश रहे। खुशी किसी भीड़ या ट्रेंड में नहीं होती, वो तो वहीं मिलती है जहां हम अपने जैसे बनकर रह सकें।
इसलिए अगर कभी लगे कि आप दूसरों से अलग हो, तो खुद को छोटा मत समझो। बल्कि ये सोचो कि आप अपने रास्ते पर चल रहे हो। और यही सबसे बढ़िया बात है। अपनी दुनिया में खुश रहो, शांति में चमको, बिना किसी दिखावे के।
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