Life With Rishav
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हम जिंदगी के किसी भी मोड़ पर हों, अक्सर कुछ लोग ऐसे मिल जाते हैं जिन्हें देखकर दिल से महसूस होता है कि भविष्य में मुझे भी इनके जैसा बनना है। उनका जीवन स्तर, उनका संघर्ष, उनका आत्मविश्वास, और कठिनाइयों में भी मुस्कुराते रहना हमें भीतर तक छू जाता है। हमें महसूस होता है कि सफलता केवल ऊंचे पदों से नहीं बल्कि जज़्बे, मेहनत और अच्छे आचरण से भी तय होती है।

यह जरूरी नहीं है कि हमारे प्रेरणा स्रोत कोई प्रसिद्ध सेलिब्रिटी हों। कई बार एक साधारण सा इंसान भी अपने व्यवहार, संघर्ष और सकारात्मक सोच के जरिए हमारे लिए गहरी प्रेरणा बन जाता है। उनका सादगी भरा जीवन, सच्चाई के साथ संघर्ष करते रहना, और सपनों के प्रति समर्पण हमें बहुत कुछ सिखा जाता है।

जब हम किसी को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं, तो अनजाने में हम खुद को भी बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने लगते हैं। उनका जीवन हमारे लिए एक दर्पण बन जाता है जिसमें हम अपने भविष्य की संभावनाएं देखने लगते हैं। हम यह सीखते हैं कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, यदि हमारी सोच बड़ी है और इरादे मजबूत हैं, तो रास्ते अपने आप बनते जाते हैं।

इसी के साथ एक और महत्वपूर्ण बात समझनी चाहिए कि जैसे आज हमें किसी से प्रेरणा मिलती है, वैसे ही आज हम भी किसी न किसी के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे होते हैं। हमारे छोटे-छोटे प्रयास, हमारी ईमानदारी, हमारा संघर्ष और धैर्य किसी और को चुपचाप प्रभावित कर रहा होता है। हमें यह अहसास भले ही तुरंत न हो, पर हमारी जीवन यात्रा किसी और के सपनों को पंख दे रही होती है।

इसलिए हमें अपने आचरण, सोच और कार्यों को ऐसा बनाना चाहिए कि जब कोई हमें देखे तो उसे भी अपने सपनों पर विश्वास करने की प्रेरणा मिले। अपने आदर्शों का सम्मान करते हुए, खुद को भी निरंतर बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए। संघर्ष करते रहिए, सीखते रहिए और इस सफर में याद रखिए कि आपकी कहानी भी किसी के दिल में आशा की लौ जगा सकती है।
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आखिर कहना क्या चाहता है बिहार टूरिज्म विभाग 🙄🧐
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Forwarded from Magadh University Info (Rishav Mehta)
गर्मी में बारिश की तरह, विद्यार्थी जीवन भी कठिनाइयों और संघर्षों से भरा होता है, लेकिन छोटे-छोटे सुखद पल इसमें राहत की तरह होते हैं। जैसे तपती धूप में बारिश की बूँदें धरती को सुकून देती हैं, वैसे ही परीक्षा के बाद मिली राहत या दोस्तों के साथ बिताया समय हमें प्रेरित करता है और आगे बढ़ने की ताकत देता है।

विद्यार्थी जीवन में लगातार मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है, लेकिन ये छोटे पल जीवन को खूबसूरत बनाते हैं। मेहनत के बाद मिलने वाली राहत हमें शांति और संतोष का अहसास कराती है, जैसे गर्मी में बारिश का पानी ठंडक और ताजगी का अनुभव देता है।
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ककोलत जलप्रपात
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कितना अजीब है न कि हम सब किसी न किसी के सपनों जैसी ज़िंदगी जी रहे होते हैं, फिर भी हमें अपनी खुद की ज़िंदगी में न जाने कितनी कमियाँ और अधूरापन नजर आता है। हम हमेशा सोचते हैं कि काश हमारे पास और बेहतर चीजें होतीं, काश हमारी परिस्थितियाँ थोड़ी और अच्छी होतीं, काश हम भी वैसी ज़िंदगी जी पाते जैसी हमने अपने सपनों में देखी थी। शायद यही इंसान होने की असली पहचान है। हमेशा कुछ नया पाने की चाह, हमेशा आगे बढ़ने की भूख, हमेशा उस मंजिल की तलाश जिसे पाते ही हम फिर कोई और नई मंजिल बना लेते हैं। यह बेचैनी, यह न खत्म होने वाली उम्मीदें ही हमें थकने नहीं देतीं, हमें रुकने नहीं देतीं।

कभी-कभी जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो समझ में आता है कि जो कुछ आज हमारे पास है, वह कभी न कभी हमारा भी सपना था। जिसे पाने के लिए हमने कितनी मेहनत की थी, कितनी रातें जागकर बिताई थीं, कितने आंसू चुपचाप बहाए थे। मगर जब वह सपना पूरा हुआ, तो वह भी साधारण लगने लगा। फिर हमने नए सपने देख लिए, नए लक्ष्य बना लिए। यही तो इंसान का स्वभाव है, कभी भी पूरी तरह संतुष्ट न होना।

यह असंतोष ही हमें हर दिन बेहतर बनने के लिए मजबूर करता है। अगर हम संतुष्ट हो जाएं तो शायद हमारे भीतर की आग बुझ जाए, हमारे सपने थम जाएं, हमारी उड़ान रुक जाए। इसलिए यह बेचैनी, यह असंतोष कहीं न कहीं हमारे लिए एक वरदान भी है। यह हमें मजबूत बनाता है, हमें सिखाता है कि ज़िंदगी रुकने का नहीं, आगे बढ़ते रहने का नाम है। पर वहीं यह बेचैनी कभी-कभी हमें हमारी खुशियों से दूर भी कर देती है। हम जो कुछ पा चुके होते हैं, उसकी कदर करना भूल जाते हैं। हमारे पास जो अनमोल पल होते हैं, उन्हें जीना भूल जाते हैं। हम भविष्य की चिंता में वर्तमान को खो देते हैं। शायद इसी कारण यह बेचैनी एक अभिशाप भी बन जाती है।

फिर भी, इसी संघर्ष, इसी अधूरेपन, इसी निरंतर चलती कोशिशों से ही तो ज़िंदगी में खूबसूरती आती है। अगर सब कुछ एक ही दिन में मिल जाए तो शायद ज़िंदगी का स्वाद ही खत्म हो जाए। इसलिए कभी-कभी रुककर, मुस्कुराकर, अपने सफर को देखने की जरूरत होती है। खुद को याद दिलाने की जरूरत होती है कि भले ही मंजिल अभी दूर हो, मगर हमने भी बहुत लंबा सफर तय किया है। और यही सफर, यही उतार-चढ़ाव, यही सपनों के पीछे दौड़ना ही शायद ज़िंदगी का असली मतलब है। है न?
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"The clearest way into the Universe is through a forest wilderness."
– John Muir
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