Health Tips & Diet Chart
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. Health Tips & Diet Chart इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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आज हम आपको 4 ऐसे योगासनों के बारे में बताएंगे, जिसे 30 की उम्र के बाद महिलाएं और लड़कियां रोजाना करके खुद को फिट रख सकती हैं।
1.प्राणायाम करें:

अपने दिन की शुरुआत प्राणायाम से करें। यह आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिएअच्‍छा है। प्राणायाम का अभ्‍यास दिमाग को तरोताजा रखता है, चिंता को कम करता है और पॉजिटिविटी बढ़ाता है। साथ ही, फेफड़ों को मजबूत बनाता है और कफ से जुड़ी समस्‍याओं को दूर करता है। इसके अलावा, इसे रोजाना करने से चेहरे पर नेचुरल ग्‍लो आता है और बालों की सुंदरता बढ़ती है।

प्राणायम की विधि:

1.पीठ को सीधा करके बैठ जाएं।
2.अब लंबी सांस लें और फेफड़ों में हवा भरें।
3.फिर तेजी से सांसों को छोड़ें।
4.इस आसन को 1 बार में कम से कम 10 बार करें।
2.वीरभद्रासन-I :

वीरभद्रासन-I से अपने अंदर मौजूद योद्धा को बाहर निकालें। यह आपके हिप्‍स, पिंडलियों, टखनों, घुटनों और पेल्विक एरिया को मजबूत बनाता है। पोश्चर में सुधार करता है, पेट की चर्बी को कम करता है, एनर्जी को बढ़ाता है और बैलेंस में सुधार करता है।

वीरभद्रासन-I की विधि:

1.पीठ को सीधा और पैरों को एक साथ मिलाकर खड़ी हो जाएं।
2.बाजुओं को शरीर के साइड में रखें।
3.दाएं पैर को लगभग 4 फीट की दूरी पर रखें।
4.फिर दाएं घुटने को लंज पोजिशन में रखते हुए, बाएं पैर को पीछे की ओर सीधा रखें।
5.धीरे-धीरे बाईं एड़ी को लगभग 45 डिग्री पर अंदर की ओर घुमाएं।
6.दोनों बाजुओं को सीधे ऊपर की उठाएं।
7.हथेलियों को देखने के लिए सिर को ऊपर करें।
इस योगासन को बाईं ओर से भी करें।
3.वृक्षासन:

वृक्षासन में खड़ी होकर आप जमीनी ऊर्जा को महसूस कर सकती हैं। यह बैलेंस योगासन आपके पैरों और कोर को मजबूत करता है और हिप्‍स और जांघों को सुडौल बनाता है। साथ ही, यह चर्बी को कम करता है और शरीर के बैलेंस को बढ़ाता है। घुटने के दर्द से छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा, इस आसन को करने से तनाव और चिंता कम होती है और डिप्रेशन दूर होता है।

वृक्षासन की विधि:

1.सीधी खड़ी हो जाएं।
2.फिर दाएं पैर को मोड़ें और बाएं पैर को थाई पर रखें।
3.बाएं पैर को सीधा रखते हुए बैलेंस बनाए रखें।
4.फिर धीरे-धीरे हाथों को नमस्‍कार मुद्रा में ऊपर की ओर लेकर जाएं।
5.रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखने की कोशिश करें।
कुछ देर इस पोजिशन में रहें।
6.फिर दूसरे पैर से भी इस योगासन को दोहराएं।
4.अधोमुख श्वानासन:

यह आपकी पीठ, टखनों, पिंडलियों, हैमस्ट्रिंग और रीढ़ को फैलाता है। कोर और रीढ़ की हड्डी मजबूत करता है और शरीर में ब्‍लड फ्लो को बेहतर करता है। इसके अलावा, रोजाना इस योगासन को करने से शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और तनाव दूर होता है।

अधोमुख श्वानासन की विधि:

1.सबसे पहले सीधी खड़ी हो जाएं।
2.दोनों हाथों को आगे की ओर करते हुए नीचे की ओर झुकने की कोशिश करें।
3.इस दौरान घुटने सीधे होने चाहिए।
4.फिर इस तरह झुकें कि शरीर से V आकार बन जाए।
5.ऐसा करते समय दोनों हाथ जमीन पर और कूल्हे उठे हुए होने चाहिए।