🧧# छोटी छोटी मगर गहरी बातें
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🌿अपसारी और अभिसारी चिंतन🌿
🌿अपसारी एवं अभिसारी चिंतन क्या
है ?
अपसारी एवं अभिसारी चिंतन से
संबंधित विचार गिल्फोर्ड ने सन् 1956
में प्रस्तुत किये--
🌿अपसारी चिंतन🌿
( Divergent Thinking )
🌿जब किसी व्यक्ति के सामने कोई
समस्या रखी जाती है एवं उस समस्या
के समाधान के लिए वो व्यक्ति अपनी
कल्पनाशक्ति एवं सृजनत्मकता का
प्रयोग करता है तथा उस समस्या के
समाधान के रूप में एक से अधिक हल
प्रस्तुत करता है तो इस प्रकार के
चिंतन को अपसारी चिंतन कहते हैं।
उदाहरण - जब कक्षा में एक शिक्षक
किसी विद्यार्थी से प्रश्न करता है कि
यदि तुम्हारे पंख लगे होते तो तुम क्या
करते ??
इस प्रश्न का कोई सटीक उत्तर नहीं है
अतः ऐसी स्थिति में बालक इसके बारे
में कल्पना करेगा और फिर अपने
विचार कुछ इस तरह से प्रस्तुत
करेगा---
1. मुझे घूमना बहुत पसंद है अगर मेरे
पंख होते तो मैं पूरी दुनियां को सैर
करता।
2. मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त था अब वो
विदेश पढ़ने चला गया, अगर मेरे पंख
होते तो जब भी मेरा मन होता मैं उससे
मिलने चला जाता ।
3. अगर मेरे पंख होते तो मैं आसमान में
पक्षियों के साथ उड़ने की रेस लगाता।
अतः यहाँ पर बालक ने अपसारी चिंतन
का प्रयोग कर के प्रश्न का उत्तर दिया
है।
🌿अपसारी चिंतन के बारे में महत्वपूर्ण
बिंदु--
1. इसके द्वारा खोजा गया समाधान मुक्त
अंत ( Open Ended ) वाला होता है।
2. इसमे सृजनत्मकता को बढ़ावा दिया
जाता है।
3. इसमें किसी समस्या के एक से अधिक
हल होते हैं। जैसे कि उपरोक्त
उदाहरण।
4. यह रूढ़िबद्ध नहीं है अर्थात किसी एक
ही बिंदु पर केंद्रित होकर उसका
समर्थन नहीं करता बल्कि उसका पूरा
अवलोकन कर के एक से अधिक
नतीजे प्रस्तुत करता है। जैसे उपरोक्त
उदाहरण
5. इसमें लचीलापन है।
6. ये कल्पनाशीलता को बढ़ावा देता है।
7. ये एक प्रकार का पार्श्व चिंतन है।
अतः जिस चिंतन में उपरोक्त गुण दिखाई दें वहाँ पर अपसारी चिंतन होगा।
🌿अभिसारी चिंतन🌿
( Convergent thinking )
🌿इसमें समस्या एक ही बिंदु पर केंद्रित
होती है तथा समस्या का एक ही हल
होता है।
उदाहरण -- जब शिक्षक बालक से प्रश्न
करता है कि बताओ उत्तर प्रदेश की
राजधानी क्या है??
तो बालक उत्तर देता है कि लखनऊ।
इस प्रश्न का उत्तर एक ही बिंदु पर
केंद्रित है, की उत्तर प्रदेश की राजधानी
लखनऊ ही है, कोई और नहीं ।
अतः यहाँ पर बालक अभिसारी चिंतन
का प्रयोग कर के प्रश्न का उत्तर देता
है।
🌿अभिसारी चिंतन के बारे में महत्वपूर्ण
बिंदु--
1. इसके द्वारा खोजा गया समाधान बन्द
अंत ( Closed Ended ) होता है।
2. ये बुद्धि को बढ़ावा देता है या बुद्धि से
सम्बंधित है।
3. इसमे गति होती है अर्थात इसे द्वारा
शीघ्र समाधान प्रस्तुत किया जाता है।
4. इसके द्वारा खोजे गए समाधान अधिक
शुद्ध होते हैं।
5. ये तथ्यों पर आधारित होता है।
6. ये ज्यादा प्रतिष्ठत होता है।
7. ये एक प्रकार का रैखिक चिंतन है।
जिस चिंतन में उपरोक्त गुण दिखाई दें
वो अभिसारी चिंतन होगा।
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🌿अपसारी और अभिसारी चिंतन🌿
🌿अपसारी एवं अभिसारी चिंतन क्या
है ?
अपसारी एवं अभिसारी चिंतन से
संबंधित विचार गिल्फोर्ड ने सन् 1956
में प्रस्तुत किये--
🌿अपसारी चिंतन🌿
( Divergent Thinking )
🌿जब किसी व्यक्ति के सामने कोई
समस्या रखी जाती है एवं उस समस्या
के समाधान के लिए वो व्यक्ति अपनी
कल्पनाशक्ति एवं सृजनत्मकता का
प्रयोग करता है तथा उस समस्या के
समाधान के रूप में एक से अधिक हल
प्रस्तुत करता है तो इस प्रकार के
चिंतन को अपसारी चिंतन कहते हैं।
उदाहरण - जब कक्षा में एक शिक्षक
किसी विद्यार्थी से प्रश्न करता है कि
यदि तुम्हारे पंख लगे होते तो तुम क्या
करते ??
इस प्रश्न का कोई सटीक उत्तर नहीं है
अतः ऐसी स्थिति में बालक इसके बारे
में कल्पना करेगा और फिर अपने
विचार कुछ इस तरह से प्रस्तुत
करेगा---
1. मुझे घूमना बहुत पसंद है अगर मेरे
पंख होते तो मैं पूरी दुनियां को सैर
करता।
2. मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त था अब वो
विदेश पढ़ने चला गया, अगर मेरे पंख
होते तो जब भी मेरा मन होता मैं उससे
मिलने चला जाता ।
3. अगर मेरे पंख होते तो मैं आसमान में
पक्षियों के साथ उड़ने की रेस लगाता।
अतः यहाँ पर बालक ने अपसारी चिंतन
का प्रयोग कर के प्रश्न का उत्तर दिया
है।
🌿अपसारी चिंतन के बारे में महत्वपूर्ण
बिंदु--
1. इसके द्वारा खोजा गया समाधान मुक्त
अंत ( Open Ended ) वाला होता है।
2. इसमे सृजनत्मकता को बढ़ावा दिया
जाता है।
3. इसमें किसी समस्या के एक से अधिक
हल होते हैं। जैसे कि उपरोक्त
उदाहरण।
4. यह रूढ़िबद्ध नहीं है अर्थात किसी एक
ही बिंदु पर केंद्रित होकर उसका
समर्थन नहीं करता बल्कि उसका पूरा
अवलोकन कर के एक से अधिक
नतीजे प्रस्तुत करता है। जैसे उपरोक्त
उदाहरण
5. इसमें लचीलापन है।
6. ये कल्पनाशीलता को बढ़ावा देता है।
7. ये एक प्रकार का पार्श्व चिंतन है।
अतः जिस चिंतन में उपरोक्त गुण दिखाई दें वहाँ पर अपसारी चिंतन होगा।
🌿अभिसारी चिंतन🌿
( Convergent thinking )
🌿इसमें समस्या एक ही बिंदु पर केंद्रित
होती है तथा समस्या का एक ही हल
होता है।
उदाहरण -- जब शिक्षक बालक से प्रश्न
करता है कि बताओ उत्तर प्रदेश की
राजधानी क्या है??
तो बालक उत्तर देता है कि लखनऊ।
इस प्रश्न का उत्तर एक ही बिंदु पर
केंद्रित है, की उत्तर प्रदेश की राजधानी
लखनऊ ही है, कोई और नहीं ।
अतः यहाँ पर बालक अभिसारी चिंतन
का प्रयोग कर के प्रश्न का उत्तर देता
है।
🌿अभिसारी चिंतन के बारे में महत्वपूर्ण
बिंदु--
1. इसके द्वारा खोजा गया समाधान बन्द
अंत ( Closed Ended ) होता है।
2. ये बुद्धि को बढ़ावा देता है या बुद्धि से
सम्बंधित है।
3. इसमे गति होती है अर्थात इसे द्वारा
शीघ्र समाधान प्रस्तुत किया जाता है।
4. इसके द्वारा खोजे गए समाधान अधिक
शुद्ध होते हैं।
5. ये तथ्यों पर आधारित होता है।
6. ये ज्यादा प्रतिष्ठत होता है।
7. ये एक प्रकार का रैखिक चिंतन है।
जिस चिंतन में उपरोक्त गुण दिखाई दें
वो अभिसारी चिंतन होगा।
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🌿अनेकार्थक शब्द🌿
• पट – वस्त्र, पर्दा, दरवाजा, स्थान, चित्र
का आधार।
• पत्र – चिट्ठी, पत्ता, रथ, बाण, शंख,
पुस्तक का पृष्ठ।
• पद्म – कमल, सर्प विशेष, एक संख्या।
• पद – पाँव, चिह्न, विशेष, छन्द का
चतुर्थाँश, विभक्ति युक्त शब्द,
उपाधि, स्थान, ओहदा, कदम।
• पतंग - पतिँगा, सूर्य, पक्षी, नाव, उड़ाने
का पतंग।
• पय – दूध, अन्न, जल।
• पयोधर – बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना, तालाब।
• पानी – जल, मान, चमक, जीवन,
लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान।
• पुष्कर – तालाब, कमल, हाथी की सूँड,
एक तीर्थ, पानी मद।
• पृष्ठ – पीठ, पीछे का भाग, पुस्तक का
पेज।
• प्रत्यक्ष – आँखोँ के सामने, सीधा,
साफ।
• प्रकृति – स्वभाव, वातावरण,
मूलावस्था, कुदरत, धर्म, राज्य
, खजाना, स्वामी, मित्र।
• कल – मशीन, आराम, सुख, पुर्जा,
मधुर ध्वनि, शान्ति, बीता हुआ
दिन, आने वाला दिन।
• कक्ष – काँख, कमरा, कछौटा, सूखी
घास, सूर्य की कक्षा।
• कर्त्ता – स्वामी, करने वाला, बनाने
वाला, ग्रन्थ निर्माता, ईश्वर,
पहला कारक, परिवार का
मुखिया।
• कलम – लेखनी, कूँची, पेड़-पौधोँ की
हरी लकड़ी, कनपटी के बाल।
• कलि – कलड, दुःख, पाप, चार युगोँ मेँ
चौथा युग।
• कशिपु – चटाई, बिछौना, तकिया, अन्न,
वस्त्र, शंख।
• काल – समय, मृत्यु, यमराज, अकाल,
मुहूर्त, अवसर, शिव, युग।
• काम – कार्य, नौकरी, सिलाई आदि
धंधा, वासना, कामदेव,
मतलब, कृति।
• किनारा – तट, सिरा, पार्श्व, हाशिया।
• कुल – वंश, जोड़, जाति, घर, गोत्र,
सारा।
• कुशल –चतुर, सुखी, निपुण, सुरक्षित।
• कुंजर – हाथी, बाल।
• कूट – नीति, शिखर, श्रेणी, धनुष का
सिरा।
• कोटि – करोड़, श्रेणी, धनुष का सिरा।
• कोष – खजाना, फूल का भीतरी भाग।
• क्षुद्र – नीच, कंजूस, छोटा, थोड़ा।
• खंड – टुकड़े करना, हिस्सोँ मेँ बाँटना,
प्रत्याख्यान, विरोध।
• खग – पक्षी, बाण, देवता, चन्द्रमा,
सूर्य, बादल।
• खर – गधा, तिनका, दुष्ट, एक राक्षस,
तीक्ष्ण, धतूरा, दवा कूटने की
खरल।
• खत – पत्र, लिखाई, कनपटी के बाल।
• खल –दुष्ट, चुगलखोर, खरल, तलछट,
धतूरा।
• खेचर – पक्षी, देवता, ग्रह।
• गंदा – मैला, अश्लील, बुरा।
• गड – ओट, घेरा, टीला, अन्तर, खाई।
• गण – समूह, मनुष्य, भूतप्रेत, शिव के
अनुचर, दूत, सेना।
• गति – चाल, हालत, मोक्ष, रफ्तार।
• गद्दी – छोटा गद्दा, महाजन की बैठकी,
शिष्य परम्परा, सिँहासन।
• गहन – गहरा, घना, दुर्गम, जटिल।
• ग्रहण – लेना, सूर्य व चन्द ग्रहण।
• गुण – कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव,
विशेषता, हुनर, महत्त्व, तीन गुण
(सत, तम व रज), प्रत्यंचा (धनुष
की डोरी)।
• गुरु – शिक्षक, बड़ा, भारी, श्रेष्ठ,
बृहस्पति, द्विमात्रिक अक्षर, पूज्य,
आचार्य, अपने से बड़े।
• गौ – गाय, बैल, इन्द्रिय, भूमि, दिशा,
बाण, वज्र, सरस्वती, आँख, स्वर्ग,
सूर्य।
• घट – घड़ा, हृदय, कम, शरीर, कलश,
कुंभ राशि।
• घर – मकान, कुल, कार्यालय, अंदर
समाना।
• घन – बादल, भारी हथौड़ा, घना, छः
सतही रेखागणितीय आकृति।
• घोड़ा – एक प्रसिद्ध चौपाया, बंदूक का
. खटका, शतरंज का एक मोहरा।
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🌿अनेकार्थक शब्द🌿
• पट – वस्त्र, पर्दा, दरवाजा, स्थान, चित्र
का आधार।
• पत्र – चिट्ठी, पत्ता, रथ, बाण, शंख,
पुस्तक का पृष्ठ।
• पद्म – कमल, सर्प विशेष, एक संख्या।
• पद – पाँव, चिह्न, विशेष, छन्द का
चतुर्थाँश, विभक्ति युक्त शब्द,
उपाधि, स्थान, ओहदा, कदम।
• पतंग - पतिँगा, सूर्य, पक्षी, नाव, उड़ाने
का पतंग।
• पय – दूध, अन्न, जल।
• पयोधर – बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना, तालाब।
• पानी – जल, मान, चमक, जीवन,
लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान।
• पुष्कर – तालाब, कमल, हाथी की सूँड,
एक तीर्थ, पानी मद।
• पृष्ठ – पीठ, पीछे का भाग, पुस्तक का
पेज।
• प्रत्यक्ष – आँखोँ के सामने, सीधा,
साफ।
• प्रकृति – स्वभाव, वातावरण,
मूलावस्था, कुदरत, धर्म, राज्य
, खजाना, स्वामी, मित्र।
• कल – मशीन, आराम, सुख, पुर्जा,
मधुर ध्वनि, शान्ति, बीता हुआ
दिन, आने वाला दिन।
• कक्ष – काँख, कमरा, कछौटा, सूखी
घास, सूर्य की कक्षा।
• कर्त्ता – स्वामी, करने वाला, बनाने
वाला, ग्रन्थ निर्माता, ईश्वर,
पहला कारक, परिवार का
मुखिया।
• कलम – लेखनी, कूँची, पेड़-पौधोँ की
हरी लकड़ी, कनपटी के बाल।
• कलि – कलड, दुःख, पाप, चार युगोँ मेँ
चौथा युग।
• कशिपु – चटाई, बिछौना, तकिया, अन्न,
वस्त्र, शंख।
• काल – समय, मृत्यु, यमराज, अकाल,
मुहूर्त, अवसर, शिव, युग।
• काम – कार्य, नौकरी, सिलाई आदि
धंधा, वासना, कामदेव,
मतलब, कृति।
• किनारा – तट, सिरा, पार्श्व, हाशिया।
• कुल – वंश, जोड़, जाति, घर, गोत्र,
सारा।
• कुशल –चतुर, सुखी, निपुण, सुरक्षित।
• कुंजर – हाथी, बाल।
• कूट – नीति, शिखर, श्रेणी, धनुष का
सिरा।
• कोटि – करोड़, श्रेणी, धनुष का सिरा।
• कोष – खजाना, फूल का भीतरी भाग।
• क्षुद्र – नीच, कंजूस, छोटा, थोड़ा।
• खंड – टुकड़े करना, हिस्सोँ मेँ बाँटना,
प्रत्याख्यान, विरोध।
• खग – पक्षी, बाण, देवता, चन्द्रमा,
सूर्य, बादल।
• खर – गधा, तिनका, दुष्ट, एक राक्षस,
तीक्ष्ण, धतूरा, दवा कूटने की
खरल।
• खत – पत्र, लिखाई, कनपटी के बाल।
• खल –दुष्ट, चुगलखोर, खरल, तलछट,
धतूरा।
• खेचर – पक्षी, देवता, ग्रह।
• गंदा – मैला, अश्लील, बुरा।
• गड – ओट, घेरा, टीला, अन्तर, खाई।
• गण – समूह, मनुष्य, भूतप्रेत, शिव के
अनुचर, दूत, सेना।
• गति – चाल, हालत, मोक्ष, रफ्तार।
• गद्दी – छोटा गद्दा, महाजन की बैठकी,
शिष्य परम्परा, सिँहासन।
• गहन – गहरा, घना, दुर्गम, जटिल।
• ग्रहण – लेना, सूर्य व चन्द ग्रहण।
• गुण – कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव,
विशेषता, हुनर, महत्त्व, तीन गुण
(सत, तम व रज), प्रत्यंचा (धनुष
की डोरी)।
• गुरु – शिक्षक, बड़ा, भारी, श्रेष्ठ,
बृहस्पति, द्विमात्रिक अक्षर, पूज्य,
आचार्य, अपने से बड़े।
• गौ – गाय, बैल, इन्द्रिय, भूमि, दिशा,
बाण, वज्र, सरस्वती, आँख, स्वर्ग,
सूर्य।
• घट – घड़ा, हृदय, कम, शरीर, कलश,
कुंभ राशि।
• घर – मकान, कुल, कार्यालय, अंदर
समाना।
• घन – बादल, भारी हथौड़ा, घना, छः
सतही रेखागणितीय आकृति।
• घोड़ा – एक प्रसिद्ध चौपाया, बंदूक का
. खटका, शतरंज का एक मोहरा।
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🎴# छोटी छोटी मगर महत्वपूर्ण बातें
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🌿भाषा के सम्बन्ध में 'हिन्दी' शब्द का
प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया?
A.अमीर ख़ुसरो
B. मलूक दास
C. माखनलाल चतुर्वेदी
D. रामधारी सिंह दिनकर
उत्तर- अमीर ख़सरो
🌿हिन्दी खड़ी बोली के पहले लोकप्रिय
कवि अमीर ख़ुसरो ने कई ग़ज़ल,
ख़याल, कव्वाली, रुबाई, तराना साथ
ही मुकरियाँ, पहेली, निसबते, सुख़न
आदि की रचना की है। इन्हें भारत का
तूती-ए-हिंद भी कहा जाता है। अमीर
ख़ुसरो का जन्म सन् 1253 ई. में
एटा, उत्तरप्रदेश के पटियाली नामक
क़स्बे में गंगा किनारे हुआ था। अमीर
ख़ुसरो मध्य एशिया की लाचन जाति
के तुर्क सैफ़द्दीन के पुत्र हैं। लाचन
जाति के तुर्क चंगेज़ ख़ाँ के आक्रमणों
से पीड़ित होकर बलबन (1266-
1286 ई.) के राज्यकाल में शरणार्थी
के रूप मे भारत में आ बसे थे।
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🌿भाषा के सम्बन्ध में 'हिन्दी' शब्द का
प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया?
A.अमीर ख़ुसरो
B. मलूक दास
C. माखनलाल चतुर्वेदी
D. रामधारी सिंह दिनकर
उत्तर- अमीर ख़सरो
🌿हिन्दी खड़ी बोली के पहले लोकप्रिय
कवि अमीर ख़ुसरो ने कई ग़ज़ल,
ख़याल, कव्वाली, रुबाई, तराना साथ
ही मुकरियाँ, पहेली, निसबते, सुख़न
आदि की रचना की है। इन्हें भारत का
तूती-ए-हिंद भी कहा जाता है। अमीर
ख़ुसरो का जन्म सन् 1253 ई. में
एटा, उत्तरप्रदेश के पटियाली नामक
क़स्बे में गंगा किनारे हुआ था। अमीर
ख़ुसरो मध्य एशिया की लाचन जाति
के तुर्क सैफ़द्दीन के पुत्र हैं। लाचन
जाति के तुर्क चंगेज़ ख़ाँ के आक्रमणों
से पीड़ित होकर बलबन (1266-
1286 ई.) के राज्यकाल में शरणार्थी
के रूप मे भारत में आ बसे थे।
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🌿उपनाम🌿
1. जयशंकर साहू - प्रसाद'
2. सूर्यकांत त्रिपाठी - 'निराला'
3. गुसाईं दत्त - सुमित्रानन्दन पन्त
4. धनपत राय – प्रेमचन्द
5. रामधारी सिंह - 'दिनकर’
6. मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग ख़ान – मिर्ज़ा
ग़ालिब
7. मुन्नन द्विवेदी - शांतिप्रिय द्विवेदी
8. हरिप्रसाद द्विवेदी - वियोगि हरि
9. वैद्यनाथ मिश्र – नागार्जुन
10. हरिवंश राय श्रीवास्तव - 'बच्चन'
11. रघुपति सहाय - फिराक गोरखपुरी
12. सम्पूर्ण सिंह कालरा – गुलज़ार
13. धर्मवीर सक्सेना - धर्मवीर भारती
14. पुष्पलता शर्मा – पुष्पा भारती
15. शिवमंगल सिंह - 'सुमन'
16. मदन मोहन गुगलानी - मोहन राकेश
17. कैलाश सक्सेना – कमलेश्वर
18. उपेन्द्रनाथ शर्मा - 'अश्क'
19. फणीश्वर नाथ - 'रेणु'
20. गोपालदास सक्सेना - 'नीरज'
21. श्रीराम वर्मा – अमरकान्त
22. रमेश चन्द्र - शैलेष मटियानी
23. सुदामा पाण्डेय - 'धूमिल'
24. बालस्वरूप भटनागर - 'राही'
25. गंगाप्रसाद उनियाल - 'विमल'
26. रामेश्वर शुक्ल - 'अंचल'
27. वासुदेव सिंह - त्रिलोचन शास्त्री
28. (सच्चिदानंद) हीरानन्द वात्स्यायन -
'अज्ञेय'
29. (तिरूमल्लै) नम्बाकम (वीर) राघव
(आचार्य) - रांगेय राघव
30. (पाण्डेय) बेचन शर्मा - 'उग्र'
31. (राय) देवीप्रसाद - 'पूर्ण'
32. (पण्डित) चन्द्रधर शर्मा - 'गुलेरी'
33. बालकृष्ण शर्मा - 'नवीन'
34. गजानन माधव - 'मुक्तिबोध'
35. गोपाल शरण सिंह - 'नेपाली'
36. जनार्दन प्रसाद झा - 'द्विज'
37. सत्यनारायण - 'कविरत्न'
38. भगवान वर्मा - लाला भगवानदीन
39. बालमुकुन्द गुप्त – शिवशम्भु
40. गयाप्रसाद शुक्ल - 'सनेही'
41. अयोध्यासिंह उपाध्याय - 'हरिऔध'
42. नाथूराम शर्मा - 'शंकर'
43. बदरीनारायण चौधरी - 'प्रेमघन'
44. जगन्नाथ दास - 'रत्नाकर'
45. सदासुख लाल - 'नियाज'
46. सैयद गुलाम नबी – रसलीन
47. सैयद इब्राहिम – रसखान
48. मलिक मोहम्मद - 'जायसी'
49. विश्वम्भर नाथ शर्मा - 'कौशिक'
50. चण्डीप्रसाद - 'हृदयेश'*
51. हरिकृष्ण शर्मा - 'प्रेमी'
52. गणेशबिहारी मिश्र, श्यामबिहारी
मिश्र, शुकदेवबिहारी मिश्र -
'मिश्रबन्धु'
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🌿उपनाम🌿
1. जयशंकर साहू - प्रसाद'
2. सूर्यकांत त्रिपाठी - 'निराला'
3. गुसाईं दत्त - सुमित्रानन्दन पन्त
4. धनपत राय – प्रेमचन्द
5. रामधारी सिंह - 'दिनकर’
6. मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग ख़ान – मिर्ज़ा
ग़ालिब
7. मुन्नन द्विवेदी - शांतिप्रिय द्विवेदी
8. हरिप्रसाद द्विवेदी - वियोगि हरि
9. वैद्यनाथ मिश्र – नागार्जुन
10. हरिवंश राय श्रीवास्तव - 'बच्चन'
11. रघुपति सहाय - फिराक गोरखपुरी
12. सम्पूर्ण सिंह कालरा – गुलज़ार
13. धर्मवीर सक्सेना - धर्मवीर भारती
14. पुष्पलता शर्मा – पुष्पा भारती
15. शिवमंगल सिंह - 'सुमन'
16. मदन मोहन गुगलानी - मोहन राकेश
17. कैलाश सक्सेना – कमलेश्वर
18. उपेन्द्रनाथ शर्मा - 'अश्क'
19. फणीश्वर नाथ - 'रेणु'
20. गोपालदास सक्सेना - 'नीरज'
21. श्रीराम वर्मा – अमरकान्त
22. रमेश चन्द्र - शैलेष मटियानी
23. सुदामा पाण्डेय - 'धूमिल'
24. बालस्वरूप भटनागर - 'राही'
25. गंगाप्रसाद उनियाल - 'विमल'
26. रामेश्वर शुक्ल - 'अंचल'
27. वासुदेव सिंह - त्रिलोचन शास्त्री
28. (सच्चिदानंद) हीरानन्द वात्स्यायन -
'अज्ञेय'
29. (तिरूमल्लै) नम्बाकम (वीर) राघव
(आचार्य) - रांगेय राघव
30. (पाण्डेय) बेचन शर्मा - 'उग्र'
31. (राय) देवीप्रसाद - 'पूर्ण'
32. (पण्डित) चन्द्रधर शर्मा - 'गुलेरी'
33. बालकृष्ण शर्मा - 'नवीन'
34. गजानन माधव - 'मुक्तिबोध'
35. गोपाल शरण सिंह - 'नेपाली'
36. जनार्दन प्रसाद झा - 'द्विज'
37. सत्यनारायण - 'कविरत्न'
38. भगवान वर्मा - लाला भगवानदीन
39. बालमुकुन्द गुप्त – शिवशम्भु
40. गयाप्रसाद शुक्ल - 'सनेही'
41. अयोध्यासिंह उपाध्याय - 'हरिऔध'
42. नाथूराम शर्मा - 'शंकर'
43. बदरीनारायण चौधरी - 'प्रेमघन'
44. जगन्नाथ दास - 'रत्नाकर'
45. सदासुख लाल - 'नियाज'
46. सैयद गुलाम नबी – रसलीन
47. सैयद इब्राहिम – रसखान
48. मलिक मोहम्मद - 'जायसी'
49. विश्वम्भर नाथ शर्मा - 'कौशिक'
50. चण्डीप्रसाद - 'हृदयेश'*
51. हरिकृष्ण शर्मा - 'प्रेमी'
52. गणेशबिहारी मिश्र, श्यामबिहारी
मिश्र, शुकदेवबिहारी मिश्र -
'मिश्रबन्धु'
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शुभ संध्या
साथियों
💐💐
विचार विमर्श समूह (discussion group) खुलने का समय--
सुबह 7:00 से 8:00- मेरे द्वारा दिया गया
प्रश्न पत्र को हल
करना।
दोपहर 12:00 से 1:00--हिंदी भाषा
शिक्षण प्रश्नोत्तरी
रात्रि 9:00 से 10:00--हिंदी व्याकरण
प्रश्नोत्तरी
बाकी समय विचार विमर्श समूह लॉक रहता है।
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@hindiwithrahulsir
मेरा व्यक्तिगत चैनल-
(My telegram channel)
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धन्यवाद।
शुभ संध्या
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दोपहर 12:00 से 1:00--हिंदी भाषा
शिक्षण प्रश्नोत्तरी
रात्रि 9:00 से 10:00--हिंदी व्याकरण
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Q. 1 आलस्य शब्द का विशेषण क्या है
A अलस
Bआलसी👍
Cआलसीपन
Dआलस
Q. 2 गुप्त का विलोम शब्द है
A प्रकट👍
B सुगम
C अभिमान
D नम्रता
Q. 3 हिंदी के अलावा कौनसी भाषा देवनागरी लिपि में लिखा जाता है
A संथाली
B कोंकणी
C कश्मीरी
D all👍
Q. 4 सर्वनाम के कितने भेद होते है
A 7
B 6👍
C 5
D8
Q. 5 हिन्दी में लिंग का निर्धारण किस से होता है
A सर्वनाम
B विशेषण
Cसंज्ञा से👍
D none of these
Q. 6 हिन्दी में कारक चिन्ह कितने होते है
A 8👍
B 5
C 7
D 5
Q. 7 वारिद का पर्यायवाची शब्द है
A क्षणप्रभा
Bबादल👍
Cक्षणप्रभ
Dक्षणप्रभा
Q. 8 नाक पर मक्खी न बैठने देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग
A अपकीर्ति न होना👍
B अधिकांशत
C एक दम क्रोधित हो जाना
D कुछ घटकर होना
Q. 9 जिन शब्दों के अन्त में ‘अ’ आता है, उन्हें क्या कहते है
A अकारांत👍
B अनुस्वार
C अंतस्थ
D अयोगवाह
Q. 10 अवमानना (Avamanna) का पर्यायवाची शब्द क्या है?
A अपमान
B निरादर
Cउपयुक्त सभी👍
Dतिरस्कार
A अलस
Bआलसी👍
Cआलसीपन
Dआलस
Q. 2 गुप्त का विलोम शब्द है
A प्रकट👍
B सुगम
C अभिमान
D नम्रता
Q. 3 हिंदी के अलावा कौनसी भाषा देवनागरी लिपि में लिखा जाता है
A संथाली
B कोंकणी
C कश्मीरी
D all👍
Q. 4 सर्वनाम के कितने भेद होते है
A 7
B 6👍
C 5
D8
Q. 5 हिन्दी में लिंग का निर्धारण किस से होता है
A सर्वनाम
B विशेषण
Cसंज्ञा से👍
D none of these
Q. 6 हिन्दी में कारक चिन्ह कितने होते है
A 8👍
B 5
C 7
D 5
Q. 7 वारिद का पर्यायवाची शब्द है
A क्षणप्रभा
Bबादल👍
Cक्षणप्रभ
Dक्षणप्रभा
Q. 8 नाक पर मक्खी न बैठने देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग
A अपकीर्ति न होना👍
B अधिकांशत
C एक दम क्रोधित हो जाना
D कुछ घटकर होना
Q. 9 जिन शब्दों के अन्त में ‘अ’ आता है, उन्हें क्या कहते है
A अकारांत👍
B अनुस्वार
C अंतस्थ
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Q. 10 अवमानना (Avamanna) का पर्यायवाची शब्द क्या है?
A अपमान
B निरादर
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🎴# छोटी छोटी मगर महत्वपूर्ण बाते
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🌿 पर्यायवाची🌿
( केवल 'क' वर्ण के )
कच- बाल, केश, कुन्तल, चिकुर ,
अलक, रोम, शिरोरूह।
कबूतर- कपोत, रक्तलोचन, पारावत,
कलरव, हारिल।
कामदेव- मदन, मनोज, अनंग, काम,
रतिपति, पुष्पधन्वा, मन्मथ।
कण्ठ- ग्रीवा, गर्दन, गला, शिरोधरा।
कृपा- प्रसाद, करुणा, दया, अनुग्रह।
किनारा- तीर, कूल, कगार, तट।
कपड़ा- चीर, वसन, पट, अंशु, कर,
मयुख, वस्त्र, अम्बर, परिधान।
क्रोध- रोष, कोप, अमर्ष, कोह, प्रतिघात।
कीर्ति- यश, प्रसिद्धि।
कमल- नलिन, अरविन्द, उत्पल, राजीव,
पद्म, पंकज, नीरज, सरोज,
जलज, जलजात, वारिज,
शतदल, अम्बुज, पुण्डरिक,
अब्ज, सरसिज, इंदीवर,
ताम्ररस, कंज, वनज, अम्भोज,
सहस्रदल, पुष्कर, कुवलय,
पङ्करुह, सरसीरुह, कोकनद।
कल्पवृक्ष- देवदारु, सुरतरु, मन्दार
पारिजात, कल्पद्रुम, देववृक्ष,
सुरद्रुम, कल्पतरु।
कर्ण- अंगराज, सूतपुत्र, सूर्यपुत्र, राधेय,
कौन्तेय।
करुणा- दया, प्रसाद, अनुग्रह, अनुकंपा,
कृपा, मेहरबानी।
कर्ज- ऋण, उधार, देनदारी, देयता।
कलंक- लांछन, दोष, दाग, तोहमत,
धब्बा, कालिख पोतना।
कमर- कटि, श्रोणि, लंक, मध्यांग।
कस्तूरी- मृगनाभि, मृगमद, मदलता।
कवि- कल्पक, सृष्टा, काव्यकार,
रचनाकार।
कलश- घट, घड़ा, गागर, गगरी, मटका,
घटिका, कुंभ, कुट।
कपड़ा- वस्त्र, चीर, वसन, अंबर, पट,
कर्पट, दुकूल, परिधान।
कष्ट- दुःख, दर्द, पीड़ा, मुसीबत, व्यथा,
कठिनाई, व्याधि, कलेश, विषाद,
संताप, वेदना, यातना, यंत्रणा, पीर,
भीर, संकट, शोक, श्वेद, क्षोम,
उत्पीड़न।
कामदेव- काम, अनंग, मदन, मनोज,
मन्मथ, कन्दर्प, स्मर, रतिपति,
पुष्पधन्वी, मयन, मीनकेतु,
पंचशर, मकरध्वज, मनसिज,
पुष्पशायक, पंचबाण, मनोभव,
कुसुमायुध, मार, सारंग, दर्पक,
शम्बरारि।
कान- कर्ण, श्रवण, श्रवणेन्द्रिय, श्रोत,
श्रुतिपुट, श्रुतिपटल।
कान्ति- चमक, आभा, प्रभा, सुषमा,
द्युति।
किरण- रश्मि, कर, मरीचि, मयूख, अंशु,
दीधिति, वसु, ज्योति, दीप्ति।
किताब- पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक, गुटका।
किनारा- तट, तीर, कूल, पुलिन, पर्यंत
बेलातट।
कुबेर- यक्षराज, धनाधिप, धनद, धनपति।
कुत्ता- श्वान, शुनक, गंडक, कूकर, श्वजन।
क्रूर- निष्ठुर, निर्मोही, बर्बर, नृशंस,निर्दयी।
कृष्ण- श्याम, कन्हैया, वासुदेव, मोहन,
राधास्वामी, नंदलाल, मुरलीधर,
बनवारी, माधव, मधुसूदन,
गिरिधर, गोपाल, गोपीवल्लभ,
विश्वंभर, नटवर, गिरधारी,
चतुर्भुज, नारायण, जनार्दन,
पुरुषोत्तम, अच्युत, गरुड़ध्वज,
कैटमारि, घनश्याम, चक्रपाणि,
पद्मनाभ, राधापति, मुकुन्द,
गोविन्द, केशव।
कृतज्ञ- आभारी, उपकृत, अनुगृहीत,
कृतार्थ, ऋणी।
कृषक- किसान, हलवाहा, भूमिसुत,
खेतिहर, कृषिजीवी, हलधर,
अन्नदाता, भूमिपुत्र।
क्रोध- गुस्सा, रीस, अमर्ष, रोष, शेष,
कोप, कोह, प्रतिघात।
केला- कदली, भानुफल, रंभा, गजवसा,
कुंजरासरा, मोचा।
केश- बाल, शिरोरुह, कच, कुंतल, पश्म,
चिकुर, अलक।
कोयल- पिक, कलकंठ, कोकिला, श्यामा,
काकपाली, बसंतदूत, सारिका,
कुहुकिनी, वनप्रिया, सारंग,
कलापी, कोकिल, परभृत।
कौआ- काक, वायस, पिशुन, करटक,
काग।
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🌿 पर्यायवाची🌿
( केवल 'क' वर्ण के )
कच- बाल, केश, कुन्तल, चिकुर ,
अलक, रोम, शिरोरूह।
कबूतर- कपोत, रक्तलोचन, पारावत,
कलरव, हारिल।
कामदेव- मदन, मनोज, अनंग, काम,
रतिपति, पुष्पधन्वा, मन्मथ।
कण्ठ- ग्रीवा, गर्दन, गला, शिरोधरा।
कृपा- प्रसाद, करुणा, दया, अनुग्रह।
किनारा- तीर, कूल, कगार, तट।
कपड़ा- चीर, वसन, पट, अंशु, कर,
मयुख, वस्त्र, अम्बर, परिधान।
क्रोध- रोष, कोप, अमर्ष, कोह, प्रतिघात।
कीर्ति- यश, प्रसिद्धि।
कमल- नलिन, अरविन्द, उत्पल, राजीव,
पद्म, पंकज, नीरज, सरोज,
जलज, जलजात, वारिज,
शतदल, अम्बुज, पुण्डरिक,
अब्ज, सरसिज, इंदीवर,
ताम्ररस, कंज, वनज, अम्भोज,
सहस्रदल, पुष्कर, कुवलय,
पङ्करुह, सरसीरुह, कोकनद।
कल्पवृक्ष- देवदारु, सुरतरु, मन्दार
पारिजात, कल्पद्रुम, देववृक्ष,
सुरद्रुम, कल्पतरु।
कर्ण- अंगराज, सूतपुत्र, सूर्यपुत्र, राधेय,
कौन्तेय।
करुणा- दया, प्रसाद, अनुग्रह, अनुकंपा,
कृपा, मेहरबानी।
कर्ज- ऋण, उधार, देनदारी, देयता।
कलंक- लांछन, दोष, दाग, तोहमत,
धब्बा, कालिख पोतना।
कमर- कटि, श्रोणि, लंक, मध्यांग।
कस्तूरी- मृगनाभि, मृगमद, मदलता।
कवि- कल्पक, सृष्टा, काव्यकार,
रचनाकार।
कलश- घट, घड़ा, गागर, गगरी, मटका,
घटिका, कुंभ, कुट।
कपड़ा- वस्त्र, चीर, वसन, अंबर, पट,
कर्पट, दुकूल, परिधान।
कष्ट- दुःख, दर्द, पीड़ा, मुसीबत, व्यथा,
कठिनाई, व्याधि, कलेश, विषाद,
संताप, वेदना, यातना, यंत्रणा, पीर,
भीर, संकट, शोक, श्वेद, क्षोम,
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कामदेव- काम, अनंग, मदन, मनोज,
मन्मथ, कन्दर्प, स्मर, रतिपति,
पुष्पधन्वी, मयन, मीनकेतु,
पंचशर, मकरध्वज, मनसिज,
पुष्पशायक, पंचबाण, मनोभव,
कुसुमायुध, मार, सारंग, दर्पक,
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कान- कर्ण, श्रवण, श्रवणेन्द्रिय, श्रोत,
श्रुतिपुट, श्रुतिपटल।
कान्ति- चमक, आभा, प्रभा, सुषमा,
द्युति।
किरण- रश्मि, कर, मरीचि, मयूख, अंशु,
दीधिति, वसु, ज्योति, दीप्ति।
किताब- पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक, गुटका।
किनारा- तट, तीर, कूल, पुलिन, पर्यंत
बेलातट।
कुबेर- यक्षराज, धनाधिप, धनद, धनपति।
कुत्ता- श्वान, शुनक, गंडक, कूकर, श्वजन।
क्रूर- निष्ठुर, निर्मोही, बर्बर, नृशंस,निर्दयी।
कृष्ण- श्याम, कन्हैया, वासुदेव, मोहन,
राधास्वामी, नंदलाल, मुरलीधर,
बनवारी, माधव, मधुसूदन,
गिरिधर, गोपाल, गोपीवल्लभ,
विश्वंभर, नटवर, गिरधारी,
चतुर्भुज, नारायण, जनार्दन,
पुरुषोत्तम, अच्युत, गरुड़ध्वज,
कैटमारि, घनश्याम, चक्रपाणि,
पद्मनाभ, राधापति, मुकुन्द,
गोविन्द, केशव।
कृतज्ञ- आभारी, उपकृत, अनुगृहीत,
कृतार्थ, ऋणी।
कृषक- किसान, हलवाहा, भूमिसुत,
खेतिहर, कृषिजीवी, हलधर,
अन्नदाता, भूमिपुत्र।
क्रोध- गुस्सा, रीस, अमर्ष, रोष, शेष,
कोप, कोह, प्रतिघात।
केला- कदली, भानुफल, रंभा, गजवसा,
कुंजरासरा, मोचा।
केश- बाल, शिरोरुह, कच, कुंतल, पश्म,
चिकुर, अलक।
कोयल- पिक, कलकंठ, कोकिला, श्यामा,
काकपाली, बसंतदूत, सारिका,
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"कौमोदकी"--
Anonymous Quiz
45%
विष्णु का शंख
15%
विष्णु की तलवार
18%
विष्णु का धनुष
23%
विष्णु की गदा