SL_PEON_GAD_CGPSC_2022_28032024.pdf
2.5 MB
⭕️CGPSC PEON RESULT 👆
GHOTUL PUBLICATION BILASPUR
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⭕️ Hostel Warden के लिए 6 लाख फॉर्म
♦️ फॉर्म कितना भी ज्यादा चले जाए याद रखना कंपीटीशन सिर्फ 10% लोगो से है जो सीरियसली तैयारी कर रहे है । क्योंकि 3 लाख अनुपस्थित रहने वाले है और बाकी जो बचा उसका 10% से कंपीटीशन है ।
♦️ फॉर्म कितना भी ज्यादा चले जाए याद रखना कंपीटीशन सिर्फ 10% लोगो से है जो सीरियसली तैयारी कर रहे है । क्योंकि 3 लाख अनुपस्थित रहने वाले है और बाकी जो बचा उसका 10% से कंपीटीशन है ।
भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फिल्म 'IRAH'
• इस विषय पर बनी पहली हिंदी फिल्म "IRAH" का ट्रेलर और गाना लॉन्च मुंबई में हुआ।
• इस फिल्म में रोहित बोस रॉय, राजेश शर्मा, करिश्मा कोटक और रक्षित भंडारी हैं।
• इस फिल्म का निर्माण बिग फिल्म्स मीडिया ने किया है और इसका निर्देशन सैम भट्टाचार्य ने किया है।
• इस विषय पर बनी पहली हिंदी फिल्म "IRAH" का ट्रेलर और गाना लॉन्च मुंबई में हुआ।
• इस फिल्म में रोहित बोस रॉय, राजेश शर्मा, करिश्मा कोटक और रक्षित भंडारी हैं।
• इस फिल्म का निर्माण बिग फिल्म्स मीडिया ने किया है और इसका निर्देशन सैम भट्टाचार्य ने किया है।
बस्तर में वर्षों से चला आ रहा पारम्परिक "फागुन मड़ई उत्सव"
11 दिनों तक होने वाला यह उत्सव पुरे बस्तर क्षेत्र में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। फागुन मड़ई की शुरुआत बस्तर की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी मंदिर से की जाती है, जहाँ छत्तीसगढ़ सहित ओडिशा, आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना के 1000 से अधिक देवी-देवताओं को सम्मिलित होने का आमंत्रण भेजा जाता है। फागुन मड़ई का आयोजन विभिन्न रीति-रिवाजों के साथ किया जाता है, जिसमे माँ दंतेश्वरी मंदिर के प्रवेश द्वार में गरुड़ स्तम्भ के सामने डेरी गड़ई रस्म की जाती है और यहाँ के मुख्य पुजारी द्वारा पूजा-अर्चना कर त्रिशूल स्तम्भ की स्थापना की जाती है, साथ ही दंतेश्वरी मंदिर से नारायण मंदिर तक माई जी की डोली परिक्रमा की जाती है और माता की डोली को सलामी दी जाती है। बता दें कि होलिका दहन के दिन ताड के पत्तों और पलाश के फूलों से बने गुलाल को जलाकर होली खेली जाती है।
#बस्तर_फागुन_मड़ई
@gh0tul
11 दिनों तक होने वाला यह उत्सव पुरे बस्तर क्षेत्र में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। फागुन मड़ई की शुरुआत बस्तर की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी मंदिर से की जाती है, जहाँ छत्तीसगढ़ सहित ओडिशा, आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना के 1000 से अधिक देवी-देवताओं को सम्मिलित होने का आमंत्रण भेजा जाता है। फागुन मड़ई का आयोजन विभिन्न रीति-रिवाजों के साथ किया जाता है, जिसमे माँ दंतेश्वरी मंदिर के प्रवेश द्वार में गरुड़ स्तम्भ के सामने डेरी गड़ई रस्म की जाती है और यहाँ के मुख्य पुजारी द्वारा पूजा-अर्चना कर त्रिशूल स्तम्भ की स्थापना की जाती है, साथ ही दंतेश्वरी मंदिर से नारायण मंदिर तक माई जी की डोली परिक्रमा की जाती है और माता की डोली को सलामी दी जाती है। बता दें कि होलिका दहन के दिन ताड के पत्तों और पलाश के फूलों से बने गुलाल को जलाकर होली खेली जाती है।
#बस्तर_फागुन_मड़ई
@gh0tul
यूँ ही नही होती हाथ की लकीरों के आगे उंगलियाँ, रब ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है..!
#TodayMotivation
#CGPSCMAINS23
@gh0tul
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