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लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi PDF in Marathi
लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----laxmi-pooja-vidhi-591.jpg">लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi</a>PDF Name<b>लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>13</b>PDF Size<b>0.60 MB</b>Language<b>Marathi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi Marathi PDF SummaryDear readers, here we are presenting Laxmi Puja Vidhi PDF in Marathi for all of you. There are many people who are suffering from poverty and financial crisis. if you are one of them, you can observe the Shri Lakshmi Pujan in front of Goddess Lakshmi Ji to please her and seek her blessings to overcome all kinds of financial problems.हिंदू धर्मात उपवास आणि उपवासाचे अनेक प्रकार आहेत. लक्ष्मीमातेचे व्रत हे देखील अशाच व्रतांपैकी एक आहे. लक्ष्मी व्रत खूप लोकप्रिय आहे. हे व्रत फार पूर्वीपासून पाळले जात आहे. माता वैभव लक्ष्मीच्या कृपेने व्यक्तीच्या जीवनात धन-समृद्धीचा वर्षाव होतो. जर तुम्ही देखील तुमच्या जीवनातील आर्थिक समस्यांमुळे खूप त्रस्त असाल आणि आता त्या संकटातून बाहेर पडायचे असेल तर माता लक्ष्मीजीचे व्रत पूर्ण विधीपूर्वक करा. या व्रताच्या यशस्वितेसाठी व्रताच्या वेळी श्री लक्ष्मी व्रत कथेचे पठण व पाठ करावे. लक्ष्मी पूजन कसे करावे याची माहिती / Laxmi Puja Vidhi in Marathi PDFवेळ: या पद्धतीने महालक्ष्मी पूजन करण्यासाठी पंधरा मिनिटे वेळ लागतो. ज्या व्यक्तीकडे वेळ नाही किंवा मोठी पूजा करण्याची इच्छा नाही. तसेच त्याला संस्कृतचे ज्ञान नाही ती व्यक्ती हा विधी करू शकते.विधी: आपण विकत घेतलेल्या नवीन प्रतिमेची, मूर्तीची पूजा करण्यासाठी विधी निर्देश व मंत्रांचा भावार्थ मराठीत प्रस्तुत केला जात आहे. ज्यामुळे संस्कृतच्या अडचणी दूर होऊ शकतील.पूजन सामग्री: आवश्यक ती पूजन सामग्री पूजेपूर्वीच मांडून ठेवा.मुहूर्त: मूहूर्त पंचांगात पहा.वस्त्र: पूजा सूरू करण्यापूर्वी आंघोळ करून नवीन वस्त्र परिधान करा.गंध: कपाळाला गंध लावून पूजा करा.दिशा: दिवसा पूर्वेला तोंड करून किंवा संध्याकाळी उत्तरेला तोंड करून पूजा करा.आसन: कुशाच्या किंवा लाल उशीच्या आसनावर बसून पूजा करा. फाटलेले किंवा कपड्याचे आसन किंवा दगडावर बसून पूजा करू नये.पूजन सामग्री: पूजन सूरू करण्यापूर्वी पूजेचे सर्व साहित्य आपल्याजवळ आणून ठेवा. शुद्ध पाणी एखाद्या पवित्र भांड्यात घ्या.वस्त्र : हात धुण्यासाठी स्वच्छ कपडा आपल्याजवळ ठेवा. परिधान केलेल्या वस्त्राने हात धुऊ नये.मूर्ती स्थापना: पूजा सुरू करण्यापूर्वी श्री महालक्ष्मीची प्रतिमा एखाद्या लाकडाच्या पाटावर किंवा गहू, मूग, ज्वारीच्या धान्यावर लाल कपडा अंथरून स्थापित करा. (<strong>Note : For complete Lakshmi Puja Vidhi Kindly download the PDF</strong>)लक्ष्मी देवीची आरती मराठी मध्ये / Lakshmi Aarti in Marathi Lyrics PDFजयदेवी जयदेवी जय महालक्ष्मी
वससी व्यापकरुपे तू स्थुलसुक्ष्मी ॥धृ॥करविरपुरवासिनी सुरवरमुनिमाता
पुरहरवरदायिनी मुरहरप्रियकांता
कमलाकरे‍ जठरी जन्मविला धाता
सहस्त्रवदनी भूधर न पुरे गुण गाता ॥१॥मातुलिंग गदा खेटक रविकिरणीं
झळके हाटकवाटी पीयुषरसपाणी
माणिकरसना सुरंगवसना मृगनयनी
शशिकरवदना राजस मदनाची जननी ॥२॥तारा शक्ति अगम्या शिवभजकां गौरी
सांख्य म्हणती प्रकृती निर्गुण निर्धारी
गायत्री निजबीजा निगमागम सारी
प्रगटे पद्मावती निजधर्माचारी ॥३॥अमृत भरिते सरिते अघदुरितें वारीं
मारी दुर्घट असुरां भव दुस्तर तारीं
वारी मायापटल प्रणमत परिवारी
हे रुप चिद्रुप तद्रुप दावी निर्धारी ॥४॥चतुरानने कुत्सित कर्माच्या ओळी
लिहिल्या असतील माते माझे निजभाळी
पुसोनि चरणातळी पदसुमने क्षाळी
मुक्तेश्वर नागर क्षीरसागरबाळी ॥५॥<strong>You can download Laxmi Puja Vidhi in Marathi PDF by clicking on the following downloading button.</strong>#लकषम #पजन #कस #करव #Laxmi #Pooja #Vidhi #PDF #MarathiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a5%87-laxmi-pooja-vidhi-pdf-i">लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi PDF in Marathi</a> appeared first on <a href="https://www.e…
मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti PDF in Hindi
मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/----mangalwar-aarti-404.jpg">मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti</a>PDF Name<b>मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.47 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख में हम मंगलवार की आरती PDF प्रस्तुत कर रहे हैं। यह आरती मंगलवार व्रत में गायी जाने वाली अत्यधिक प्रचलित आरती है। यह बहुत ही मधुर आरती है तथा हनुमान जी को समर्पित है। यदि आप भी मंगलवार के दिन व्रत का पालन करते हैं तथा आपने मंगलवार व्रत का संकल्प लिया हुआ है तो अपने व्रत को पूरा करने के लिए पूजन के अंत में श्री मंगलवार व्रत आरती अवश्य करें।मंगलवार का दिन न केवल मंगल गृह द्वारा नियंत्रित किया जाता है बल्कि हनुमान जी भी उसका नियंत्रण करते हैं। मंगलवार की दिन अधिक से अधिक लाल रंग का प्रयोग करें। यदि आपकी कुंडली में मंगलदोष है तो इस आरती का प्रतीदिन गायन अवश्य करें। यदि प्रतिदिन संभव न हो तो प्रत्येक मंगलवार को आप इसका गायन कर सकते हैं। मंगलवार के व्रत की आरती / Mangalvar Vrat Aarti Lyrics in Hindiमंगल मूरति जय जय हनुमन्ता, मंगल मंगल देव अनन्ताहाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजेशंकर सुवन केसरी नन्दन, तेज प्रताप महा जग वन्दन॥लाल लंगोट लाल दोउ नयना, पर्वत सम फारत है सेनाकाल अकाल जुद्ध किलकारी, देश उजारत क्रुद्ध अपारी॥राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनि पुत्र पवन सुत नामामहावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥भूमि पुत्र कंचन बरसावे, राजपाट पुर देश दिवावशत्रुन काट-काट महिं डारे, बन्धन व्याधि विपत्ति निवारें॥आपन तेज सम्हारो आपे, तीनो लोक हांक ते कांपैसब सुख लहैं तुम्हारी शरणा, तुम रक्षक काहू को डरना॥भजन सकल संसारा, दया करो सुख दृष्टि अपारारामदण्ड कालहु को दण्डा, तुमरे परस होत सब खण्डा॥पवन पुत्र धरती के पूता, दो मिल काज करो अवधूताहर प्राणी शरणागत आये, चरण कमल में शीश नवाये॥रोग शोक बहुत विपत्ति घिराने, दरिद्र दुःख बन्धन प्रकटानेतुम तज और न मेटन हारा, दोउ तुम हो महावीर अपारा॥दारिद्र दहन ऋण त्रासा, करो रोग दुःस्वप्न विनाशाशत्रुन करो चरन के चेरे, तुम स्वामी हम सेवक तेरे॥विपत्ति हरन मंगल देवा अंगीकार करो यह सेवामुदित भक्त विनती यह मोरी, देउ महाधन लाख करोरी॥श्री मंगल जी की आरती हनुमत सहितासु गाईहोइ मनोरथ सिद्ध जब अन्त विष्णुपुर जाई मंगलवार व्रत कथा / Mangalvar Vrat Katha in Hindi PDF in Hindiप्राचीन काल की बात है एक नगरी में एक ब्राह्मण पति-पत्नी रहते थे उनके पास कोई भी संतान न होन की वजह से वह बहुत दुखी रहते थे। हर बार की तरह इस बार भी ब्राह्मण वन में पूजा के करने के लिए गया और वह ब्राह्मण वन में बैठकर पूजा करने लगा तथा पूजा होने के बाद वह हनुमान जी से पुत्र प्राप्ति के लिए प्राथना करने लगा और दसर ओर उस ब्राह्मण की पत्नी भी अपने घर पर पुत्र की प्राप्त करने के लिये हर मंगलवार का व्रत रखती थी और हर मंगलवार को व्रत के अंत में बजरंगबली का भोग लगाकर भोजन ग्रहण करती थी। व्रत के एक दिन वह ब्राह्मणी किसी कारण ना तो भोजन तैयार कर सकी और ना ही वह हनुमान जी को भोग लगा सकी। तभी उस दिन उस ब्राह्मणी ने प्रण लिया कि वह आने वाले अगले मंगलवार को हनुमान जी का भोग लगाकर ही अन्न ग्रहण करेगी। भूखे प्यासे छः दिन के विताने के बाद ही वह मंगलवार के दिन वह ब्राह्मणी बेहोश हो गयी। और तब उसकी इस निष्ठा, त्याग एवं सच्ची लगन व् भक्ति को देखकर हनुमान जी प्रसन्न हो गये। और उस ब्रह्माणी को दर्शन दिया और कहा कि वह उस ब्रह्माणी से बहुत प्रसन्न है और उसे पुत्र प्राप्ति का वर देते है। तथा वर स्वरूप उस ब्रह्माणी को हनुमान जी पुत्र देकर अंतर्धान हो जाते है। ब्राह्मणी पुत्र प्राप्ति से अति प्रसन्न हो जाती है और उस पुत्र का का नाम मंगल रख देती है। कुछ समय के बाद जब ब्राह्मण अपने घर वापस आया, तो वह उस बालक को देखकर पूछाता है कि यह बालक कौन है। जब उसकी पत्नी उस ब्राह्मण को पूरी कथा बताती है। वह ब्राह्मणी की बातों को छल पूर्ण जानकर उस ब्राह्मण ने अपनी पत्नी पर विश्वास नहीं किया। एक दिन ब्राह्मण को जब मौका मिला तो ब्राह्मण ने उस बालक को कुएं में गिरा दिया और घर लौटने के बाद जब ब्राह्मणी ने ब्राह्मण से पूछा कि पुत्र मंगल कहां है? उसी समय पीछे से मंगल मुस्कुरा…
मंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi PDF in Hindi
मंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/----mangalvar-vrat-katha-hindi-846.jpg">मंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi</a>PDF Name<b>मंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi PDF</b>No. of Pages<b>5</b>PDF Size<b>0.62 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
मंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के द्वारा आप मंगलवार व्रत कथा PDF प्राप्त कर सकते हैं। मंगलवार के दिन का आधिपत्य मंगलदेव तो करते ही हैं, साथ ही श्री हनुमान जी भी इस दिन को नियंत्रित व प्रभावित करते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल की महादशा अथवा अंतर्दशा चल रही हो, उन्हें श्री मंगलवार व्रत अवश्य करना चाहिए।जो लोग मांगलिक हैं अथवा उनकी कुंडली में मंगलदोष है, वह यदि श्रद्धापूर्वक इस व्रत का पालन करते हैं, तो उनके जीवन में मंगलदोष के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं में बहुत अधिक लाभ होगा। यदि आप भी जीवन में विभिन्न प्रकार के मंगलदोषों के कारण गंभीर परिणाम भुगत रहे हैं तो इस व्रत का पालन अवश्य करें तथा मंगलवार व्रत कथा को व्रत के दौरान अवश्य पढ़ें। मंगलवार व्रत कथा हिंदी में / Mangalvar Vrat Hatha in Hindiप्राचीन काल की बात है एक नगरी में एक ब्राह्मण पति-पत्नी रहते थे उनके पास कोई भी संतान न होन की वजह से वह बहुत दुखी रहते थे। हर बार की तरह इस बार भी ब्राह्मण वन में पूजा के करने के लिए गया और वह ब्राह्मण वन में बैठकर पूजा करने लगा तथा पूजा होने के बाद वह हनुमान जी से पुत्र प्राप्ति के लिए प्राथना करने लगा और दसर ओर उस ब्राह्मण की पत्नी भी अपने घर पर पुत्र की प्राप्त करने के लिये हर मंगलवार का व्रत रखती थी और हर मंगलवार को व्रत के अंत में बजरंगबली का भोग लगाकर भोजन ग्रहण करती थी। व्रत के एक दिन वह ब्राह्मणी किसी कारण ना तो भोजन तैयार कर सकी और ना ही वह हनुमान जी को भोग लगा सकी। तभी उस दिन उस ब्राह्मणी ने प्रण लिया कि वह आने वाले अगले मंगलवार को हनुमान जी का भोग लगाकर ही अन्न ग्रहण करेगी। भूखे प्यासे छः दिन के विताने के बाद ही वह मंगलवार के दिन वह ब्राह्मणी बेहोश हो गयी। और तब उसकी इस निष्ठा, त्याग एवं सच्ची लगन व् भक्ति को देखकर हनुमान जी प्रसन्न हो गये। और उस ब्रह्माणी को दर्शन दिया और कहा कि वह उस ब्रह्माणी से बहुत प्रसन्न है और उसे पुत्र प्राप्ति का वर देते है। तथा वर स्वरूप उस ब्रह्माणी को हनुमान जी पुत्र देकर अंतर्धान हो जाते है। ब्राह्मणी पुत्र प्राप्ति से अति प्रसन्न हो जाती है और उस पुत्र का का नाम मंगल रख देती है। कुछ समय के बाद जब ब्राह्मण अपने घर वापस आया, तो वह उस बालक को देखकर पूछाता है कि यह बालक कौन है। जब उसकी पत्नी उस ब्राह्मण को पूरी कथा बताती है। वह ब्राह्मणी की बातों को छल पूर्ण जानकर उस ब्राह्मण ने अपनी पत्नी पर विश्वास नहीं किया। एक दिन ब्राह्मण को जब मौका मिला तो ब्राह्मण ने उस बालक को कुएं में गिरा दिया और घर लौटने के बाद जब ब्राह्मणी ने ब्राह्मण से पूछा कि पुत्र मंगल कहां है? उसी समय पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ जाता है और ब्राह्मण उसे वापस देखकर चौंक जाता है। उसी रात हनुमान जी ने ब्राह्मण को सपने में दर्शन देकर कहा कि वह पुत्र उन्होंने ही ब्राह्मणी को दिया है तथा सच जानकर ब्राह्मण अति प्रसन्न हिओ जाता है और वह ब्राह्मण पति-पत्नी नियमित रूप से हर मंगलवार को व्रत रखने लगते है। अतः इस प्रकार मंगलवार को व्रत रखने वाले हर मनुष्य पर हनुमान जी की असीम कृपा बानी रहती है। मंगलवार व्रत की आरती / Mangalwar Vrat Aarti Lyricsआरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥जाके बल से गिरवर काँपे। रोग दोष जाके निकट न झाँके॥अंजनीपुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई॥दे बीड़ा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥लंक सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज सँवारे॥लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। लाय संजीवन प्राण उबारे॥पैठि पताल तोरि जम कारे। अहिरावण की भुजा उखारे॥बाएँ भुजा असुर संहारे। दाहिने भुजा संत जन तारे॥सुर नर मुनि आरती उतारें। जै जै जै हनुमान उचारें॥कंचन थार कपूर लौ छाई। आरति करत अंजना माई॥जो हनुमानजी की आरती गावै। बसि बैकुंठ परमपद पावै<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/mangalwar-aarti-hindi/">मंगलवार…
गोवत्स द्वादशी व्रत कथा | Govatsa Dwadashi Vrat Katha PDF in Hindi
गोवत्स द्वादशी व्रत कथा | Govatsa Dwadashi Vrat Katha PDF Detailsगोवत्स द्वादशी व्रत कथा | Govatsa Dwadashi Vrat KathaPDF Nameगोवत्स द्वादशी व्रत कथा | Govatsa Dwadashi Vrat Katha PDFNo. of Pages4PDF Size0.49 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गोवत्स द्वादशी व्रत कथा | Govatsa Dwadashi Vrat Katha Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप गोवत्स द्वादशी व्रत कथा PDF प्राप्त कर सकते हैं। गोवत्स द्वादशी को कई क्षेत्रों में बछ बारस के नाम से भी जाना जाता है। गोवत्स द्वादशी के दिन गाय-बछड़े की पूजा करने का ‍महत्व माना गया है तथा इस अवसर पर गाय और बछड़ों की सेवा व पूजा की जाती है।यह दिन हमें प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने की शिक्षा देता है। गौ माता तथा उनके बछड़े को हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। गाय दूध देती है जो की विभिन्न आहार का श्रोत होता है तथा बैल खेत में हल चलाकर किसान की सहायता करता है। यदि आप भी गोवत्स द्वादशी का व्रत रख रहे हैं, तो निम्नलिखित गोवत्स द्वादशी व्रत कथा को अवश्य पढ़ें। बछ बारस व्रत कथा / Bach Baras Vrat Katha in Hindiगोवत्स द्वादशी/बछ बारस की पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन समय में भारत में सुवर्णपुर नामक एक नगर था। वहां देवदानी नाम का राजा राज्य करता था। उसके पास एक गाय और एक भैंस थी। उनकी दो रानियां थीं, एक का नाम ‘सीता’ और दूसरी का नाम ‘गीता’ था। सीता को भैंस से बड़ा ही लगाव था। वह उससे बहुत नम्र व्यवहार करती थी और उसे अपनी सखी के समान प्यार करती थी। राजा की दूसरी रानी गीता गाय से सखी-सहेली के समान और बछडे़ से पुत्र समान प्यार और व्यवहार करती थी।यह देखकर भैंस ने एक दिन रानी सीता से कहा- गाय-बछडा़ होने पर गीता रानी मुझसे ईर्ष्या करती है। इस पर सीता ने कहा- यदि ऐसी बात है, तब मैं सब ठीक कर लूंगी। सीता ने उसी दिन गाय के बछडे़ को काट कर गेहूं की राशि में दबा दिया। इस घटना के बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं चलता। किंतु जब राजा भोजन करने बैठा तभी मांस और रक्त की वर्षा होने लगी। महल में चारों ओर रक्त तथा मांस दिखाई देने लगा। राजा की भोजन की थाली में भी मल-मूत्र आदि की बास आने लगी। यह सब देखकर राजा को बहुत चिंता हुई।उसी समय आकाशवाणी हुई- ‘हे राजा! तेरी रानी ने गाय के बछडे़ को काटकर गेहूं की राशि में दबा दिया है। इसी कारण यह सब हो रहा है। कल ‘गोवत्स द्वादशी’ है। इसलिए कल अपनी भैंस को नगर से बाहर निकाल दीजिए और गाय तथा बछडे़ की पूजा करें। इस दिन आप गाय का दूध तथा कटे फलों का भोजन में त्याग करें। इससे आपकी रानी द्वारा किया गया पाप नष्ट हो जाएगा और बछडा़ भी जिंदा हो जाएगा। अत: तभी से गोवत्स द्वादशी के दिन गाय-बछड़े की पूजा करने का ‍महत्व माना गया है तथा गाय और बछड़ों की सेवा की जाती है।गौ माता की आरती  / Gau Mata Ki Aarti in Hindi Lyricsॐ जय जय गौमाता, मैया जय जय गौमाताजो कोई तुमको ध्याता, त्रिभुवन सुख पातासुख समृद्धि प्रदायनी, गौ की कृपा मिलेजो करे गौ की सेवा, पल में विपत्ति टलेआयु ओज विकासिनी, जन जन की माईशत्रु मित्र सुत जाने, सब की सुख दाईसुर सौभाग्य विधायिनी, अमृती दुग्ध दियोअखिल विश्व नर नारी, शिव अभिषेक कियोममतामयी मन भाविनी, तुम ही जग माताजग की पालनहारी, कामधेनु मातासंकट रोग विनाशिनी, सुर महिमा गाईगौ शाला की सेवा, संतन मन भाईगौ मां की रक्षा हित, हरी अवतार लियोगौ पालक गौपाला, शुभ संदेश दियोश्री गौमाता की आरती, जो कोई सुत गावेपदम् कहत वे तरणी, भव से तर जावेYou can download Govatsa Dwadashi Vrat Katha PDF in Hindi by clicking on the following download button.#गवतस #दवदश #वरत #कथ #Govatsa #Dwadashi #Vrat #Katha #PDF #HindiThe post गोवत्स द्वादशी व्रत कथा | Govatsa Dwadashi Vrat Katha PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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Rajasthan Patwari Paper 2021 PDF
Rajasthan Patwari Paper 2021 PDF DetailsRajasthan Patwari Paper 2021PDF NameRajasthan Patwari Paper 2021 PDFNo. of Pages22PDF Size7.83 MBLanguageEnglishCategoryReligion & SpiritualityAvailable atwpassets.adda247.comDownload LinkAvailable Downloads26
Rajasthan Patwari Paper 2021 PDF SummaryDear readers, here we are offering Rajasthan Patwari Paper 2021 to you. The Patwari exam is one of the most attended exams in the Indian government job sector. There are a huge number of students who prepared for the exam of Patwari designation. Along with this, we will also provide you with all the information related to Rajasthan Patwari Syllabus 2021.Earlier the department has come out with Rajasthan Patwari Recruitment 2021 according to the notification of the Rajasthan Department. The main subjects of RSMSSB Patwari Syllabus 2021 and main marks are required for RSMSSB Patwari Bharti 2021. These Rajasthan Patwari Paper 2021 PDF will help you to make better preparation for your turn.Rajasthan Patwari Selection ProcessSelection Procedure will include only 1 Examination of 3 hours duration in which 150 multiple choice questions are asked.SubjectNo. Of QuestionsTotal MarksDurationGeneral Science;
History, Polity, and Geography Of India;
General Knowledge, Current Affairs38763 hoursGeography, History, Culture, and Polity Of Rajasthan3060General English & Hindi2244Mental Ability and Reasoning,
Basic Numerical Efficiency4590Basic Computer1530Total150300You may also like :Rajasthan Patwari Syllabus 2021 PDFYou can download Rajasthan Patwari Paper 2021 PDF by clicking on the following download button.#Rajasthan #Patwari #Paper #PDFThe post Rajasthan Patwari Paper 2021 PDF appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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Karwa Chauth Katha Book PDF in Hindi
Karwa Chauth Katha Book PDF DetailsKarwa Chauth Katha BookPDF NameKarwa Chauth Katha Book PDFNo. of Pages38PDF Size1.41 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
Karwa Chauth Katha Book Hindi PDF SummaryDear Users, Here we are going to share Karwa Chauth Katha Book PDF in Hindi with you. In this book, you can read Karwa Chauth Vrat Kath PDF and Pooja Vidhi and aarti in Hindi language. Karva Chauth fasting is observed by married women for their husband’s long life and happy married life. This time this fast will be kept on October 24. On this day women observe a Nirjala fast and after moonrise, they break the fast after seeing the moon. In this fast, worship is done in the evening with the law. After which it is considered very necessary to listen to the fast story. Below we have given the download link for Karwa Chauth Katha Book in Hindi PDF.Karwa Chauth Katha Book PDF in Hindi | Karwa Chauth Vrat Katha PDFएक ब्राह्मण के सात पुत्र थे और वीरावती नाम की इकलौती पुत्री थी। सात भाइयों की अकेली बहन होने के कारण वीरावती सभी भाइयों की लाडली थी और उसे सभी भाई जान से बढ़कर प्रेम करते थे. कुछ समय बाद वीरावती का विवाह किसी ब्राह्मण युवक से हो गया। विवाह के बाद वीरावती मायके आई और फिर उसने अपनी भाभियों के साथ करवाचौथ का व्रत रखा लेकिन शाम होते-होते वह भूख से व्याकुल हो उठी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्‍य देकर ही खा सकती है। लेकिन चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।वीरावती की ये हालत उसके भाइयों से देखी नहीं गई और फिर एक भाई ने पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा लगा की चांद निकल आया है। फिर एक भाई ने आकर वीरावती को कहा कि चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चांद को देखा और उसे अर्घ्‍य देकर खाना खाने बैठ गई।उसने जैसे ही पहला टुकड़ा मुंह में डाला है तो उसे छींक आ गई। दूसरा टुकड़ा डाला तो उसमें बाल निकल आया। इसके बाद उसने जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुंह में डालने की कोशिश की तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिल गया।उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं। एक बार इंद्र देव की पत्नी इंद्राणी करवाचौथ के दिन धरती पर आईं और वीरावती उनके पास गई और अपने पति की रक्षा के लिए प्रार्थना की। देवी इंद्राणी ने वीरावती को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करवाचौथ का व्रत करने के लिए कहा। इस बार वीरावती पूरी श्रद्धा से करवाचौथ का व्रत रखा। उसकी श्रद्धा और भक्ति देख कर भगवान प्रसन्न हो गए और उन्होंनें वीरावती सदासुहागन का आशीर्वाद देते हुए उसके पति को जीवित कर दिया। इसके बाद से महिलाओं का करवाचौथ व्रत पर अटूट विश्वास होने लगा।Karwa Chauth Vrat Katha PDFनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Karwa Chauth Katha Book PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#Karwa #Chauth #Katha #Book #PDF #HindiThe post Karwa Chauth Katha Book PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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करवा चौथ की कहानी | Karwa Chauth Ki Kahani PDF in Hindi
करवा चौथ की कहानी | Karwa Chauth Ki Kahani PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/karwa-chauth-vrat-ki-kahani-154.jpg">करवा चौथ की कहानी | Karwa Chauth Ki Kahani</a>PDF Name<b>करवा चौथ की कहानी | Karwa Chauth Ki Kahani PDF</b>No. of Pages<b>5</b>PDF Size<b>0.80 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
करवा चौथ की कहानी | Karwa Chauth Ki Kahani Hindi PDF SummaryFriends, today we are going to present the करवा चौथ की कहानी PDF / Karwa Chauth Ki Kahani PDF in Hindi for married women of India. Karva Chauth fast is observed on the Chaturthi Tithi of Krishna Paksha of Kartik month. On this day, married women keep a Nirjala fast for the long life of their husbands. The fast is broken after offering Arghya to the moon on Karva Chauth Vrat. This year Karva Chauth fast is on 24th October. If you are also going to fast for the first time this year, then know the worship material, worship method, and sixteen adornments of this fast. In this article, you can download the करवा चौथ की कहानी PDF / Karwa Chauth Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान का पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब ४ बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है।करवा चौथ की कहानी PDF | Karwa Chauth Ki Kahani PDF in Hindiएक ब्राह्मण के सात पुत्र थे और वीरावती नाम की इकलौती पुत्री थी। सात भाइयों की अकेली बहन होने के कारण वीरावती सभी भाइयों की लाडली थी और उसे सभी भाई जान से बढ़कर प्रेम करते थे. कुछ समय बाद वीरावती का विवाह किसी ब्राह्मण युवक से हो गया। विवाह के बाद वीरावती मायके आई और फिर उसने अपनी भाभियों के साथ करवाचौथ का व्रत रखा लेकिन शाम होते-होते वह भूख से व्याकुल हो उठी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्‍य देकर ही खा सकती है। लेकिन चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।वीरावती की ये हालत उसके भाइयों से देखी नहीं गई और फिर एक भाई ने पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा लगा की चांद निकल आया है। फिर एक भाई ने आकर वीरावती को कहा कि चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चांद को देखा और उसे अर्घ्‍य देकर खाना खाने बैठ गई।उसने जैसे ही पहला टुकड़ा मुंह में डाला है तो उसे छींक आ गई। दूसरा टुकड़ा डाला तो उसमें बाल निकल आया। इसके बाद उसने जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुंह में डालने की कोशिश की तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिल गया।उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं। एक बार इंद्र देव की पत्नी इंद्राणी करवाचौथ के दिन धरती पर आईं और वीरावती उनके पास गई और अपने पति की रक्षा के लिए प्रार्थना की। देवी इंद्राणी ने वीरावती को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करवाचौथ का व्रत करने के लिए कहा। इस बार वीरावती पूरी श्रद्धा से करवाचौथ का व्रत रखा। उसकी श्रद्धा और भक्ति देख कर भगवान प्रसन्न हो गए और उन्होंनें वीरावती सदासुहागन का आशीर्वाद देते हुए उसके पति को जीवित कर दिया। इसके बाद से महिलाओं का करवाचौथ व्रत पर अटूट विश्वास होने लगा।करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindiकरवा चौथ पूजा करने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ  करलें और लकड़ी की चौकी बिछाकर  उस पर शिवजी, मां गौरी और गणेश जी की तस्वीर या चित्र रखें. साथ ही, उत्तर दिशा में एक जल से भरा कलश स्थापित कर उसमें  थोड़े-से अक्षत डालें।इसके बाद कलश पर रोली, अक्षत का टीका लगाएं और गर्दन पर मौली बांधें।तीन जगह चार पूड़ी और 4 लड्डू लें, अब एक हिस्से को कलश के ऊपर, दूसरे को मिट्टी या चीनी के करवे पर और तीसरे हिस्से को पूजा के समय महिलाएं अपने साड़ी…
करवा चौथ गणेश जी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi
करवा चौथ गणेश जी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF Detailsकरवा चौथ गणेश जी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki KahaniPDF Nameकरवा चौथ गणेश जी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDFNo. of Pages2PDF Size0.31 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ गणेश जी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको करवा चौथ गणेश जी की कथा PDF / Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। करवा चौथ व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। इस बार ये व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रोदय के बाद चंद्र दर्शन करके व्रत खोलती हैं। इस व्रत में शाम के समय विधि विधान से पूजा की जाती है। जिसके बाद व्रत कथा सुनना बेहद अनिवार्य माना जाता है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप गणेश जी की कथा PDF / Ganesh Ji Ki Katha PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।कथा सुने बिना ये व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत करने के बाद शाम को चंद्रमा देखकर व्रत का पारण करती हैं। वहीं पूजा के दौरान शुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है।करवा चौथ गणेश जी की कथा PDF | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindiएक बुढ़िया थी। वह बहुत ही गरीब और दृष्टिहीन थीं। उसके एक बेटा और बहू थे। वह बुढ़िया सदैव गणेश जी की पूजा किया करती थी। एक दिन गणेश जी प्रकट होकर उस बुढ़िया से बोले- ‘बुढ़िया मां! तू जो चाहे सो मांग ले।’बुढ़िया बोली- ‘मुझसे तो मांगना नहीं आता। कैसे और क्या मांगू?’तब गणेशजी बोले – ‘अपने बहू-बेटे से पूछकर मांग ले।’तब बुढ़िया ने अपने बेटे से कहा- ‘गणेशजी कहते हैं ‘तू कुछ मांग ले’ बता मैं क्या मांगू?’पुत्र ने कहा- ‘मां! तू धन मांग ले।’बहू से पूछा तो बहू ने कहा- ‘नाती मांग ले।’तब बुढ़िया ने सोचा कि ये तो अपने-अपने मतलब की बात कह रहे हैं। अत: उस बुढ़िया ने पड़ोसिनों से पूछा, तो उन्होंने कहा- ‘बुढ़िया! तू तो थोड़े दिन जीएगी, क्यों तू धन मांगे और क्यों नाती मांगे। तू तो अपनी आंखों की रोशनी मांग ले, जिससे तेरी जिंदगी आराम से कट जाए।’इस पर बुढ़िया बोली- ‘यदि आप प्रसन्न हैं, तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आंखों की रोशनी दें, नाती दें, पोता, दें और सब परिवार को सुख दें और अंत में मोक्ष दें।’यह सुनकर तब गणेशजी बोले- ‘बुढ़िया मां! तुमने तो हमें ठग लिया। फिर भी जो तूने मांगा है वचन के अनुसार सब तुझे मिलेगा।’ और यह कहकर गणेशजी अंतर्धान हो गए। उधर बुढ़िया मां ने जो कुछ मांगा वह सबकुछ मिल गया। हे गणेशजी महाराज! जैसे तुमने उस बुढ़िया मां को सबकुछ दिया, वैसे ही सबको देना।गणेश जी की कथा PDF | Ganesh Ji Ki Katha PDF in Hindiनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप करवा चौथ गणेश जी की कथा PDF / Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#करव #चथ #गणश #ज #क #कथ #Karwa #Chauth #Ganesh #Kahani #PDF #HindiThe post करवा चौथ गणेश जी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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Karwa Chauth Vrat Katha/Kahani in Hindi PDF
Karwa Chauth Vrat Katha/Kahani in Hindi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/karwa-chauth-katha-english-136.jpg">Karwa Chauth Vrat Katha/Kahani in Hindi</a>PDF Name<b>Karwa Chauth Vrat Katha/Kahani in Hindi PDF</b>No. of Pages<b>5</b>PDF Size<b>0.73 MB</b>Language<b>English</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
Karwa Chauth Vrat Katha/Kahani in Hindi PDF SummaryDear readers, here we are offering Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi PDF / Karwa Chauth Kahani in Hindi PDF to you. Karwa Chauth is one of the most celebrated festivals in India. On this day, married women observe a fast for the long life of their husbands. It is said that if a married woman observes this fast with full dedication, her husband will have a fit and healthy life. Below we have given the download link for Karwa Chauth Story in Hindi PDF.Karwa Chauth is a very significant festival for women. It is said that the fast of Krva Chauth is incomplete without the reciting Karva Chauth Vrat Katha. It is also known as Legends of Karwa Chauth which tells us about the significance of the fast of Krwa Chauth which is described in the religious scriptures.Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi PDF“A long long time ago, there lived a beautiful princess by the name of Veeravati. When she was of marriageable age, Veeravati was married to a king. On the occasion of the first Karva Chauth after her marriage, she went to her parents ‘ house.”“After sunrise, she observed a strict fast. However, the queen was too delicate and couldn’t stand the rigors of fasting. By evening, Veeravati was too weak and fainted. Now, the queen had seven brothers who loved her dearly. They couldn’t stand the plight of their sister and decided to end her fast by deceiving her. They made a fire at the nearby hill and asked their sister to see the glow. They assured her that it was the moonlight and since the moon had risen, she could break her fast.”“However, the moment the gullible queen ate her dinner, she received the news that her husband, the king, was dead. The queen was heartbroken and hastened to her husband’s palace. On the way, she met Lord Shiva and his consort, Goddess However, when the queen asked her for forgiveness, the goddess granted her the boon that the king would be revived but would be ill. ”“When the queen reached the palace, she found the king lying unconscious with hundreds of needles inserted in his body. Each day, the queen managed to remove one needle from the king’s body. Next year, on the day of Karva Chauth, only one needle remained embedded in the body of the unconscious king.”“The queen observed a strict fast that day and when she went to the market to buy the Karva for the puja, her maid removed the remaining needle from the king’s body. The king regained consciousness and mistook the maid for his queen. When The real queen returned to the palace, she was made to serve as a maid.”“However, Veeravati was true to her faith and religiously observed the Karva Chauth Vrat. Once when the king was going to some other kingdom, he asked the real queen (now turned maid) if she wanted anything. The queen asked for a pair of identical dolls. The king obliged and the queen kept singing a song ” Roli ki Goli ho gayi… Goli ki Roli ho gayi ” (the queen has turned into a maid and the maid has turned into a queen).”Karwa Chauth Story in Hindi PDF“On being asked by the king as to why did she keep repeating that song, Veeravati narrated the entire story. The king repented and restored the queen to her royal status. It was only the queen’s devotion and her faith that won her husband’s affection and the blessings of Goddess Parvati.”Karwa Chauth Samagri List PDF in EnglishA sturdy platform for performing the Karva Chauth poojaA plate for keeping all the…
करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDF in Hindi
करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDF Detailsकरवा चौथ आरती | Karva Chauth AartiPDF Nameकरवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.55 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप करवा चौथ आरती PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं। करवा चौथ माता का व्रत संपन्न करने के लिए पूजा के अंत में करवाचौथ माता की आरती करना अत्यधिक आवश्यक है। यह आरती करवा चौथ के दिन गायी जाती है। करवा चौथ का व्रत सुहागिनें अपने पति की लम्बी आयु के लिए करती हैं।इस व्रत में सारे दिन कुछ भी खाया – पिया नहीं जाता तथा रात्रि में करवा चौथ मईया का पूजन करके चन्द्रमा को अर्घ्य देने के पश्चात इस व्रत को संपन्न किया जाता है। जब भी करवाचौथ मईया का पूजन करें तो पूजनोपरांत इस आरती का गायन अवश्य करें। इससे आपका पूजन संपन्न माना जायेगा तथा आपको उसका पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।करवा चौथ आरती PDF | Karwa Chauth Aarti PDF in Hindiऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।।ऊँ जय करवा मइया।सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।।
ऊँ जय करवा मइया।कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ।।ऊँ जय करवा मइया।होए सुहागिन नारी,  सुख सम्पत्ति पावे।गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।ऊँ जय करवा मइया।करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे।व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।ऊँ जय करवा मइया।You may also like :चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत की कहानी | Karwa Chauth Vrat Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in HindiYou can download करवा चौथ आरती PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#करव #चथ #आरत #Karva #Chauth #Aarti #PDF #HindiThe post करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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કરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti PDF in Gujarati
કરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti PDF Detailsકરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth AartiPDF Nameકરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti PDFLanguageGujaratiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
કરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti Gujarati PDF SummaryDear users, today we are going to share કરવા ચોથ ની આરતી PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Gujarati language with you. In this article, you can read the complete Karwa Chauth Mata Aarti in Gujarati language. This is the famous festival of India in which married women get nirjala fast for the long life of their husbands. In this fast women observed Nirjala fast and east something after giving the arag to the moon. Every married woman in India observed this fast. In this post you can download the કરવ ચોથ આરતી PDF / Karwa Chauth Aarti in Gujarati PDF directly by using the link below.કરવા ચોથ ની આરતી PDF | Karwa Chauth Aarti PDF in Gujaratiઓહ જય કરવ મૈયા, માતા જય કરવ મૈયા.જે તમારા માટે ઉપવાસ કરે છે, તે નૈયાને પાર કરે છે.ઓહ જય કરવ મૈયા.તમે સમગ્ર વિશ્વની માતા છો, તમે રુદ્રાણી છો.તમારો મહિમા, વિશ્વના તમામ જીવો.
ઓહ જય કરવ મૈયા.કાર્તિક કૃષ્ણ ચતુર્થી, જે સ્ત્રી ઉપવાસ કરે છે.પતિ દીર્ઘ આયુષ્ય ધરો, બધા દુ:ખ દૂર થાય.ઓહ જય કરવા મૈયા.તમે એક પરિણીત સ્ત્રી બનો, સુખ અને સંપત્તિ મેળવો.ગણપતિજી ખૂબ જ દયાળુ છે, તમામ અવરોધો નાશ પામ્યા છે.ઓહ જય કરવા મૈયા.કરવ મૈયાની આરતી, જેઓ ઉપવાસ પછી ગાય છે.ઉપવાસ પુરાણ બને, બધી પદ્ધતિઓ આશીર્વાદિત બને.ઓહ જય કરવ મૈયા.કરવ ચોથ આરતી PDF | Karwa Chauth Aarti in Gujarati PDFHere you can download the કરવા ચોથ ની આરતી PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Gujarati by click on the link given below.#કરવ #ચથ #ન #આરત #Karwa #Chauth #Aarti #PDF #GujaratiThe post કરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti PDF in Gujarati appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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करवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in Hindi
करवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/------karwa-chauth-katha-991.jpg">करवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha</a>PDF Name<b>करवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF</b>No. of Pages<b>5</b>PDF Size<b>0.80 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
करवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप करवा चौथ व्रत कथा PDF / Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं। करवा चौथ भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं तथा पूजन करती हैं। करवा चौथ व्रत के नियम अलग – अलग स्थानों के अनुसार अलग – अलग हो सकते हैं। बहुत सी जगह पर इस व्रत को निर्जला किया जाता है मतलब कि व्रत के दौरान पानी नहीं पिया जाता। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप करवा चौथ की कहानी PDF | Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।लेकिन बहुत से क्षेत्रों में इस व्रत के दौरान पानी व चाय आदि पी लिया जाता है। इसलिए आप अपने क्षेत्र के अनुसार व्रत का पालन कर सकते हैं। इस व्रत में करवा चौथ व्रत कथा का बहुत अधिक महत्व होता है। व्रत की सफलता के लिए इस व्रत कथा को पढ़ना व सुनना दोनों ही आवश्यक है तथा इस व्रत कथा के द्वारा ही हमें इस व्रत के महत्व के बारे में पता चलता है।करवा चौथ व्रत कथा PDF | Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Hindiएक ब्राह्मण के सात पुत्र थे और वीरावती नाम की इकलौती पुत्री थी। सात भाइयों की अकेली बहन होने के कारण वीरावती सभी भाइयों की लाडली थी और उसे सभी भाई जान से बढ़कर प्रेम करते थे. कुछ समय बाद वीरावती का विवाह किसी ब्राह्मण युवक से हो गया। विवाह के बाद वीरावती मायके आई और फिर उसने अपनी भाभियों के साथ करवाचौथ का व्रत रखा लेकिन शाम होते-होते वह भूख से व्याकुल हो उठी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्‍य देकर ही खा सकती है। लेकिन चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।वीरावती की ये हालत उसके भाइयों से देखी नहीं गई और फिर एक भाई ने पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा लगा की चांद निकल आया है। फिर एक भाई ने आकर वीरावती को कहा कि चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चांद को देखा और उसे अर्घ्‍य देकर खाना खाने बैठ गई।उसने जैसे ही पहला टुकड़ा मुंह में डाला है तो उसे छींक आ गई। दूसरा टुकड़ा डाला तो उसमें बाल निकल आया। इसके बाद उसने जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुंह में डालने की कोशिश की तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिल गया।उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं। एक बार इंद्र देव की पत्नी इंद्राणी करवाचौथ के दिन धरती पर आईं और वीरावती उनके पास गई और अपने पति की रक्षा के लिए प्रार्थना की। देवी इंद्राणी ने वीरावती को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करवाचौथ का व्रत करने के लिए कहा। इस बार वीरावती पूरी श्रद्धा से करवाचौथ का व्रत रखा। उसकी श्रद्धा और भक्ति देख कर भगवान प्रसन्न हो गए और उन्होंनें वीरावती सदासुहागन का आशीर्वाद देते हुए उसके पति को जीवित कर दिया। इसके बाद से महिलाओं का करवाचौथ व्रत पर अटूट विश्वास होने लगा।करवा चौथ व्रत की विधि PDF / Karwa Chauth Pooja Samagri List PDFकरवा चौथ व्रत में पूजा के लिए आपको मिट्टी का एक करवा और उसका ढक्कन चाहिए।मां गौरी या चौथ माता एवं गणेश जी की मूर्ति बनाने के लिए काली या पीली मिट्ठी चाहिए।पानी के लिए एक लोटागंगाजलगाय का कच्चा दूध, दही एवं देसी घीअगरबत्ती, रूई और एक दीपकअक्षत, फूल, चंदन, रोली, हल्दी और कुमकुममिठाई, शहद, चीनी और उसका बूराबैठने के लिए आसनइत्र, मिश्री, पान एवं खड़ी सुपारीपूजा के लिए पंचामृतअर्घ्य के समय छलनीभोग के लिए फल एवं हलवा-पूड़ीसुहाग सामग्री: महावर, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, कंघा, बिछुआ, चुनरी आदि।Karwa Chauth 2021 Shubh Muhurt | करवा चौथ 2021 शुभ मुहूर्तचतुर्थी तिथि प्रारंभ – रविवार सुबह 03 बजकर 01 मिनट पर…
करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi
करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF Detailsकरवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja VidhiPDF Nameकरवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.73 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से हम आपको करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF / Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं तथा पूजन करती हैं। करवा चौथ व्रत के नियम अलग – अलग स्थानों के अनुसार अलग – अलग हो सकते हैं। बहुत सी जगह पर इस व्रत को निर्जला किया जाता है मतलब कि व्रत के दौरान पानी नहीं पिया जाता। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप करवा चौथ पूजा विधि PDF / Karwa Chauth Poojan Vidhi PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।इस साल करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर को है। अगर आप भी इस साल पहली बार व्रत रखने जा रही हैं तो जान लें पूजन साम्रगी, पूजा विधि और सोलह श्रंगार-करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindiकरवा चौथ पूजा करने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ  करलें और लकड़ी की चौकी बिछाकर  उस पर शिवजी, मां गौरी और गणेश जी की तस्वीर या चित्र रखें. साथ ही, उत्तर दिशा में एक जल से भरा कलश स्थापित कर उसमें  थोड़े-से अक्षत डालें।इसके बाद कलश पर रोली, अक्षत का टीका लगाएं और गर्दन पर मौली बांधें।तीन जगह चार पूड़ी और 4 लड्डू लें, अब एक हिस्से को कलश के ऊपर, दूसरे को मिट्टी या चीनी के करवे पर और तीसरे हिस्से को पूजा के समय महिलाएं अपने साड़ी या चुनरी के पल्ले में बांध कर रख लें। अब करवाचौथ माता के सामने घी का दीपक जलाकर कथा पढ़ें।पूजा करने के बाद साड़ी के पल्ले और करवे पर रखे प्रसाद को बेटे या अपने पति को खिला दें. वहीं, कलश पर रखे प्रसाद को गाय को खिला दें।पानी से भरे हुए कलश को पूजा स्थल पर ही रहने दें. चन्द्रोदय के समय इसी कलश के जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दें और घर में जो कुछ भी बना हो, उसका भोग चंद्रमा को  लगाएं. इसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें।करवा चौथ व्रत में पूजा के लिए आपको मिट्टी का एक करवा और उसका ढक्कन चाहिए।मां गौरी या चौथ माता एवं गणेश जी की मूर्ति बनाने के लिए काली या पीली मिट्ठी चाहिए।पानी के लिए एक लोटागंगाजलगाय का कच्चा दूध, दही एवं देसी घीअगरबत्ती, रूई और एक दीपकअक्षत, फूल, चंदन, रोली, हल्दी और कुमकुममिठाई, शहद, चीनी और उसका बूराबैठने के लिए आसनइत्र, मिश्री, पान एवं खड़ी सुपारीपूजा के लिए पंचामृतअर्घ्य के समय छलनीभोग के लिए फल एवं हलवा-पूड़ीसुहाग सामग्री: महावर, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, कंघा, बिछुआ, चुनरी आदि।Karwa Chauth 2021 Shubh Muhurt | करवा चौथ 2021 शुभ मुहूर्तचतुर्थी तिथि प्रारंभ – रविवारसुबह 03 बजकर 01 मिनट पर (24 अक्टूबर 2021)चतुर्थी तिथि समाप्त – सुबह  05 बजकर 43 मिनटपर (25 अक्टूबर 2021)चंद्रोदय का समय – रात 8 बजकर 16 मिनट परकरवा चौथ पूजा मुहूर्त –  05 बजकर 43 मिनट से 06 बजकर 59 मिनट तकनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF / Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#करव #चथ #वरत #पज #वध #Karwa #Chauth #Vrat #Pooja #Vidhi #PDF #HindiThe post करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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કરવ ચોથ ઉપવાસની વાર્તા | Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Gujarati
કરવ ચોથ ઉપવાસની વાર્તા | Karwa Chauth Vrat Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/karwa-chauth-vrat-katha-gujarati-959.jpg">કરવ ચોથ ઉપવાસની વાર્તા | Karwa Chauth Vrat Katha</a>PDF Name<b>કરવ ચોથ ઉપવાસની વાર્તા | Karwa Chauth Vrat Katha PDF</b>No. of Pages<b>2</b>PDF Size<b>0.32 MB</b>Language<b>Gujarati</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
કરવ ચોથ ઉપવાસની વાર્તા | Karwa Chauth Vrat Katha Gujarati PDF SummaryHello Friends, if you are searching for the કરવ ચોથ ઉપવાસની વાર્તા PDF / Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Gujarati language but you didn’t find it anywhere so don’t worry you are on the right page. Here we have uploaded the Karwa Chauth Vrat Katha Gujarati PDF to help you. On this day women observe fast and worship for the long life of their husbands. The rules of Karva Chauth fasting may be different according to different places. In many places, this fast is made anhydrous, meaning that water is not drunk during the fast.But in many areas, water and tea are consumed during this fast. So you can observe the fast according to your region. Karva Chauth fasting story has a lot of importance in this fast. For the success of the fast, both reading and listening to this fasting story is necessary and through this fasting story we get to know about the importance of this fast.કરવ ચોથ ઉપવાસની વાર્તા PDF | Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Gujaratiએક બ્રાહ્મણને સાત પુત્રો અને વીરવતી નામની એક માત્ર પુત્રી હતી. સાત ભાઈઓની એકમાત્ર બહેન હોવાથી, વીરાવતી તમામ ભાઈઓની પ્રિયતમ હતી અને બધા ભાઈઓ તેને તેમના જીવન કરતાં વધારે પ્રેમ કરતા હતા. થોડા સમય પછી વીરાવતીના લગ્ન એક બ્રાહ્મણ યુવક સાથે થયા. લગ્ન પછી, વીરાવતી તેના મામાના ઘરે આવી અને પછી તેણે તેની ભાભીઓ સાથે કરવ ચોથનું વ્રત રાખ્યું, પરંતુ સાંજના અંત સુધીમાં તે ભૂખથી ત્રાસી ગઈ. બધા ભાઈઓ ભોજન કરવા બેઠા અને બહેનને પણ જમવા વિનંતી કરવા લાગ્યા, પણ બહેને કહ્યું કે આજે તેની પાસે કરવ ચોથનું પાણી વગરનું વ્રત છે અને તે ચંદ્રને જોઈને અને અર્ઘ્ય ચ offeringાવ્યા પછી જ ખાઈ શકાય છે. પરંતુ ચંદ્ર હજી બહાર આવ્યો નથી, તેથી તે ભૂખ અને તરસથી પરેશાન છે.વીરાવતીની આ હાલત તેના ભાઈઓએ જોઈ નહોતી અને પછી એક ભાઈ પીપળાના ઝાડ પર દીવો પ્રગટાવે છે અને ચાળણીમાં મૂકે છે. દૂરથી જોતાં તેને લાગ્યું કે જાણે ચંદ્ર બહાર આવ્યો છે. ત્યારે એક ભાઈએ આવીને વીરવતીને કહ્યું કે ચંદ્ર બહાર આવ્યો છે, તમે તેને અર્ઘ્ય ચઢાવીને ભોજન કરી શકો છો. બહેન આનંદથી સીડીઓ ઉપર ચડી અને ચંદ્રને જોયો અને અર્ઘ્ય અર્પણ કરીને ભોજન કરવા બેઠી.તેમણે પહેલો ટુકડો મોંમાં મૂકતાં જ તેને છીંક આવી. જ્યારે બીજો ટુકડો નાખ્યો ત્યારે તેમાં વાળ બહાર આવ્યા. આ પછી, તેણીએ ત્રીજો ટુકડો મોંમાં નાખવાનો પ્રયાસ કર્યો કે તરત જ તેને તેના પતિના મૃત્યુના સમાચાર મળ્યા.તેની ભાભી તેને સત્યની જાણ કરે છે કે તેની સાથે આવું કેમ થયું. ખોટી રીતે કરવા ચોથનું વ્રત તોડવાને કારણે દેવતાઓ તેમનાથી નારાજ છે. એકવાર ઈન્દ્રાણીની પત્ની ઈન્દ્રાણી કરવચૌથના દિવસે પૃથ્વી પર આવી અને વીરાવતી તેની પાસે ગઈ અને તેના પતિની સુરક્ષા માટે પ્રાર્થના કરી. દેવી ઈન્દ્રાણીએ વીરવતીને પૂર્ણ ભક્તિ અને ધાર્મિક વિધિઓ સાથે કરવા ચોથનું વ્રત કરવાનું કહ્યું. આ વખતે વીરવતીએ પૂર્ણ ભક્તિ સાથે કરવા ચોથનું વ્રત રાખ્યું. તેમની ભક્તિ અને ભક્તિ જોઈને ભગવાન પ્રસન્ન થયા અને વીરવતી સદસુહાગનને તેમના પતિને પુનર્જીવિત કરવા આશીર્વાદ આપ્યા. ત્યારથી, મહિલાઓએ કરવ ચોથ વ્રતમાં અતૂટ શ્રદ્ધા રાખવાનું શરૂ કર્યું.કરવ ચોથ વ્રત પૂજા પદ્ધતિ PDF | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Gujaratiકરવા ચોથ વ્રતમાં પૂજા કરવા માટે તમારે માટીનો કરવો અને તેનું વાસણ જોઈએ.મા ગૌરી અથવા ચોથ માતા અને ગણેશજીની મૂર્તિ બનાવવા માટે કાળી કે પીળી માટીની જરૂર છે.પાણી માટે વાસણગંગાજલગાયનું કાચું દૂધ, દહીં અને દેશી ઘીધૂપ લાકડીઓ, કપાસ અને દીવોઅક્ષત, ફૂલ, ચંદન, રોલી, હળદર અને કુમકુમમીઠાઈઓ, મધ, ખાંડ અને તેની ચાસણીબેઠક બેઠકઅત્તર, ખાંડની કેન્ડી, સોપારી અને સોપારીપૂજા માટે પંચામૃતપૂજા સમયે ચાળણીઆનંદ માટે ફળો અને ખીરમધ સામગ્રી: મહાવાર, મહેંદી, બિંદી, સિંદૂર, બંગડી, કાંગા, ખીજવવું, ચુનરી વગેરે.<strong>Here you can download the કરવ ચોથ ઉપવાસની વાર્તા PDF / Karwa…
करवा चौथ व्रत कथा मराठी | Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Marathi
करवा चौथ व्रत कथा मराठी | Karwa Chauth Vrat Katha PDF Detailsकरवा चौथ व्रत कथा मराठी | Karwa Chauth Vrat KathaPDF Nameकरवा चौथ व्रत कथा मराठी | Karwa Chauth Vrat Katha PDFNo. of Pages2PDF Size0.32 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ व्रत कथा मराठी | Karwa Chauth Vrat Katha Marathi PDF Summaryनमस्कार वाचकांनो, या लेखाद्वारे आम्ही तुम्हाला करवा चौथ व्रत कथा मराठी PDF/ Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Marathi डाउनलोड लिंक देत आहोत. करवा चौथ हा भारतातील प्रमुख सणांपैकी एक आहे. या दिवशी स्त्रिया आपल्या पतीच्या दीर्घायुष्यासाठी व्रत आणि पूजा करतात. करवा चौथ उपवासाचे नियम वेगवेगळ्या ठिकाणी वेगवेगळे असू शकतात. अनेक ठिकाणी हा उपवास निर्जल केला जातो, म्हणजे उपवासादरम्यान पाणी प्यायले जात नाही. या पोस्टमध्ये दिलेल्या लिंकवर क्लिक करून तुम्ही Karwa Chauth Vrat Katha Book PDF खूप सहज डाउनलोड करू शकता.पण अनेक प्रदेशात या उपवासात पाणी आणि चहाचे सेवन केले जाते. त्यामुळे तुम्ही तुमच्या प्रदेशानुसार उपवास करू शकता. करवा चौथ उपवासाच्या कथेला या व्रतामध्ये खूप महत्त्व आहे. उपवासाच्या यशासाठी, या उपवासाची कथा वाचणे आणि ऐकणे दोन्ही आवश्यक आहे आणि या उपवासाच्या कथेद्वारे आपल्याला या उपवासाचे महत्त्व कळते.करवा चौथ व्रत कथा मराठी PDF | Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Marathiएका ब्राह्मणाला सात मुलगे आणि वीरवती नावाची एकुलती एक मुलगी होती. सात भावांची एकुलती एक बहीण असल्याने वीरावती सर्व भावांची लाडकी होती आणि सर्व भावांनी तिच्यावर जीवापेक्षा जास्त प्रेम केले. काही काळानंतर वीरावतीचे लग्न एका ब्राह्मण तरुणाशी झाले. लग्नानंतर, वीरावती तिच्या माहेरच्या घरी आली आणि मग तिने तिच्या मेहुण्यांसोबत करवा चौथचे व्रत ठेवले, पण संध्याकाळ अखेरीस ती भुकेने व्याकुळ झाली. सर्व भाऊ जेवायला बसले आणि बहिणीलाही जेवण्याचा आग्रह करू लागले, पण बहिणीने सांगितले की आज करवा चौथचा निर्जल उपवास आहे आणि चंद्र पाहून अर्घ्य दिल्यावरच अन्न खाऊ शकतो. पण चंद्र अजून बाहेर आलेला नाही, म्हणून ती भूक आणि तहानाने त्रस्त आहे.वीरवतीची ही अवस्था तिच्या भावांनी पाहिली नाही आणि मग एक भाऊ पिंपळाच्या झाडावर दिवा लावून चाळणीत ठेवतो. दुरून पाहिलं तर चंद्र बाहेर आल्यासारखं वाटलं. तेवढ्यात एक भाऊ आला आणि त्याने वीरवतीला सांगितले की चंद्र बाहेर आला आहे, तिला अर्घ्य दिल्यावर तू भोजन करू शकतेस. बहिणीने आनंदाने पायऱ्या चढून चंद्राला पाहून अर्घ्य दिले आणि जेवायला बसली.तिने पहिला तुकडा तोंडात टाकताच तिला शिंक आली. दुसरा तुकडा घातल्यावर त्यात केस बाहेर आले. यानंतर तिने तिसरा तुकडा तोंडात घालण्याचा प्रयत्न करताच तिला पतीच्या मृत्यूची बातमी मिळाली.त्याच्या वहिनीने त्याला असे का घडले याची सत्य माहिती दिली. करवा चौथचा उपवास चुकीच्या पद्धतीने मोडल्याबद्दल देवता त्याच्यावर नाराज आहेत. एकदा इंद्राणीची पत्नी इंद्राणी करवाचौथच्या दिवशी पृथ्वीवर आली आणि वीरावती त्याच्याकडे गेली आणि तिच्या पतीच्या संरक्षणासाठी प्रार्थना केली. देवी इंद्राणीने वीरवतीला पूर्ण भक्तिभावाने आणि कर्मकांडाने करवा चौथ व्रत करण्यास सांगितले. यावेळी वीरवतीने करवा चौथचे व्रत पूर्ण भक्तिभावाने ठेवले. तिची भक्ती आणि भक्ती पाहून भगवंत प्रसन्न झाले आणि वीरवती सदासुहागनला तिच्या पतीला जिवंत करण्याचा आशीर्वाद दिला. तेव्हापासून महिलांची करवा चौथ व्रतावर अतूट श्रद्धा सुरू झाली.Karwa Chauth Vrat Katha Book PDFHere you can download the करवा चौथ व्रत कथा मराठी PDF/ Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Marathi by click on the link given below.#करव #चथ #वरत #कथ #मरठ #Karwa #Chauth #Vrat #Katha #PDF #MarathiThe post करवा चौथ व्रत कथा मराठी | Karwa Chauth Vrat Katha PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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Karwa Chauth Thali Items List in English PDF
Karwa Chauth Thali Items List in English PDF DetailsKarwa Chauth Thali Items List in EnglishPDF NameKarwa Chauth Thali Items List in English PDFNo. of Pages4PDF Size0.93 MBLanguageEnglishCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
Karwa Chauth Thali Items List in English PDF SummaryDear readers, we are offering Karwa Chauth Thali Items List in English PDF to you. There are several items that you need during Karwa Chauth Puja. Karwa Chauth is a beautiful Indian festival that is highly celebrated in the entire country. All the married women keep fast without even drinking water on the day of Karva Chauth.You need to collect the following Puja items before Karwa Puja in the evening. Karwa Chauth Items List consists of various scared and pious items that are needed during Puja so that you don’t get into confusion before the moment of Puja. Karwa Chauth Items List in EnglishA sturdy platform for performing the Karva Chauth poojaA plate for keeping all the pooja items and Gadvi (glass) filled with waterCow-dung for making goddess Gora or Parvati’s imageKarwa Chauth story bookMatthi for bhogSindoor or kumkumRed thread (called kalawa)Karwa – a vessel filled with waterBaya or Bayana – Gifts for the mother-in-law which is usually dry fruits, a saree or money.Dhoop or agarbattiMatch-boxPaan LeavesGhee or oilMoney – for making an offeringFruits and sweets – as offerings to Karwa MaKapoor / Camphor ballsDiya, made of attaStrainer or channi to see the moon in the eveningRed or Pink cloth to cover your thaaliYou may also like :Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDFKarwa Chauth Katha in English PDFकरवा चौथ माता की आरती | Karva Chauth Mata Ki Aarti Lyrics PDF in Hindiचौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत की कहानी | Karwa Chauth Vrat Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF in HindiYou can download Karwa Chauth Thali Items List in English PDF by clicking on the following download button.#Karwa #Chauth #Thali #Items #List #English #PDFThe post Karwa Chauth Thali Items List in English PDF appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF
Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF DetailsKarwa Chauth Puja Vidhi in EnglishPDF NameKarwa Chauth Puja Vidhi in English PDFNo. of Pages4PDF Size0.95 MBLanguageEnglishCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF SummaryDear readers, here we are presenting Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF for you. Karwa Chauth is a very well-recognized Hindu festival in the world. Karwa Chauth represents the love bond between wife and husband. There are a huge number of people around the world who celebrate this festival with great joy.If you also want to observe the fast on Karva Chauth and want to do it as per the proper procedure, you can observe this fast according to the Karwa Chauth Puja Vidhi that is described in the following PDF. You can also follow these steps during the Pujan of Karwa Chauth Mata. Karwa Chauth Pooja Vidhi in English PDFSankalpOn the day of fasting, after taking morning bath women should take the pledge, which is called Sankalp, to keep the fast for the wellbeing of the husband and the family. It is also recited during Sankalp that the fasting would be without any food or water and the fast would be broken after sighting the moon. The Mantra to chant while taking the pledge –मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिरश्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।Translation – It means “I would observe the fasting of Karak Chaturthi for the wellbeing of the husband, sons, and grandsons and to gain fixed wealth”.Worship God MoonAfter Puja women should wait for the moon to rise. Women should worship God Chandra and after making an offering to him should break the fast.Note: – You can read the complete Puja Vidhi after downloading the PDF File.You may also like :Karwa Chauth Katha in English PDFकरवा चौथ माता की आरती | Karva Chauth Mata Ki Aarti Lyrics PDF in Hindiचौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत की कहानी | Karwa Chauth Vrat Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF in HindiYou can download Karwa Chauth Puja vidhi in English PDF by clicking on the following download button.#Karwa #Chauth #Puja #Vidhi #English #PDFThe post Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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करवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF in Hindi
करवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF Detailsकरवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali ItemsPDF Nameकरवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDFNo. of Pages4PDF Size0.37 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से करवा चौथ पूजन थाली की सामग्री लिस्ट के बारे में जानेंगे। करवा चौथ का त्यौहार भारत सहित पूरी दुनिया में बड़ी धूम – धाम से मनाया जाता है। करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं अपने सुहाग की लम्बी आयु के लिए बिना पानी पिए व्रत रखती हैं। यह व्रत बहुत कठिन होता है तथा रात्रिकाल में चंद्रोदय होने के पश्चात चन्द्रमा को अर्घ देने के बाद संपन्न होता है।चन्द्रमा को अर्घ देने से पूर्व करवाचौथ माता का पूजन किया जाता है। पूजन के समय पूजा की थाली तैयार की जाती है। पूजन थाली विभिन्न प्रकार की पूजन सामग्री होती है। इस सामग्री का प्रयोग करवाचौथ पूजन के दौरान किया जाता है। यदि आप भी करवाचौथ के दौरान अपनी पूजन थाली तैयार करना चाहते हैं, तो इस लेख को पूरा पढ़ें। करवा चौथ पूजा थाली सेट / Karva Chauth Pooja Thali Items List PDFचंदनशहदअगरबत्तीपुष्पकच्चा दूधशकरशुद्ध घीदहीमिठाईगंगाजलकुंकुमअक्षत (चावलसिंदूरमेहंदीमहावरकंघाबिंदीचुनरीचूड़ीबिछुआमिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कनदीपकरुईकपूरगेहूंशकर का बूराहल्दीपानी का लोटागौरी बनाने के लिए पीली मिट्टीलकड़ी का आसनचलनीआठ पूरियों की अठावरीहलुआदक्षिणा के लिए पैसेकथा की पुस्तकपूजा का पान।करवा चौथ पूजा मुहूर्त / Karwa Chauth Puja Muhurat 2021करवा चौथ रविवार, अक्टूबर 24, 2021 कोकरवा चौथ पूजा मुहूर्त – 05:43 पी एम से 06:59 पी एमअवधि – 01 घण्टा 17 मिनट्सकरवा चौथ व्रत समय – 06:27 ए एम से 08:07 पी एमअवधि – 13 घण्टे 40 मिनट्सकरवा चौथ के दिन चन्द्रोदय – 08:07 पी एमचतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 24, 2021 को 03:01 ए एम बजेचतुर्थी तिथि समाप्त – अक्टूबर 25, 2021 को 05:43 ए एम बजेYou may also like :करवा चौथ माता की आरती | Karva Chauth Mata Ki Aarti Lyrics PDF in Hindiचौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत की कहानी | Karwa Chauth Vrat Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in HindiYou can download Karwa Chauth Pooja Thali Items in Hindi PDF by clicking on the following download button.#करव #चथ #पज #थल #समगर #Karwa #Chauth #Pooja #Thali #Items #PDF #HindiThe post करवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindi
चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/------pdf--chauth-mata-ki-katha-415.jpg">चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki KathaPDF Name<b>चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF</b>No. of Pages<b>6</b>PDF Size<b>0.65 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & SpiritualityAvailable at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">Downloads26
चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF डाउनलोड कर सकते हैं। कार्तिक माह में करवा चौथ के दिन चौथ माता का पूजन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में दिवार पर गाय के गोवर से लीप कर उस पर सफ़ेद रंग से चौथ माता का चित्र बनाया जाता है तथा रात्रि काल में उसके सामने चौथ माता की कथा पढ़ी जाती है।<a href="https://pdffile.co.in/sakat-chauth-vrat-katha/">चौथ माता की पूजा में चौथ माता की कथा पढ़ने का बहुत अधिक महत्व होता है। चौथ माता की कथा का पाठ किये बिना चौथ माता का व्रत संपन्न नहीं माना जाता है तथा इसका पूर्ण फल भी प्राप्त नहीं होता है। अतः आप चौथ माता का व्रत कर रहे हैं तो चौथ माता व्रत कथा का पाठ अवश्य करें। वैसे आपकी जानकारी के लिये बता दें कि मार्गशीर्ष चतुर्थी पूजा विधि और व्रत कथा का भी बहुत महत्व होता है।चौथ माता की व्रत कथा / Chauth Mata Vrat Katha in Hindi PDF‘श्री गणेशाय नम:’।एक समय की बात है कि विष्णु भगवान का विवाह लक्ष्‍मीजी के साथ निश्चित हो गया। विवाह की तैयारी होने लगी। सभी देवताओं को निमंत्रण भेजे गए, परंतु गणेशजी को निमंत्रण नहीं दिया, कारण जो भी रहा हो।अब भगवान विष्णु की बारात जाने का समय आ गया। सभी देवता अपनी पत्नियों के साथ विवाह समारोह में आए। उन सबने देखा कि गणेशजी कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। तब वे आपस में चर्चा करने लगे कि क्या गणेशजी को नहीं न्योता है? या स्वयं गणेशजी ही नहीं आए हैं? सभी को इस बात पर आश्चर्य होने लगा। तभी सबने विचार किया कि विष्णु भगवान से ही इसका कारण पूछा जाए।विष्णु भगवान से पूछने पर उन्होंने कहा कि हमने गणेशजी के पिता भोलेनाथ महादेव को न्योता भेजा है। यदि गणेशजी अपने पिता के साथ आना चाहते तो आ जाते, अलग से न्योता देने की कोई आवश्यकता भी नहीं थीं। दूसरी बात यह है कि उनको सवा मन मूंग, सवा मन चावल, सवा मन घी और सवा मन लड्डू का भोजन दिनभर में चाहिए। यदि गणेशजी नहीं आएंगे तो कोई बात नहीं। दूसरे के घर जाकर इतना सारा खाना-पीना अच्छा भी नहीं लगता।इतनी वार्ता कर ही रहे थे कि किसी एक ने सुझाव दिया- यदि गणेशजी आ भी जाएं तो उनको द्वारपाल बनाकर बैठा देंगे कि आप घर की याद रखना। आप तो चूहे पर बैठकर धीरे-धीरे चलोगे तो बारात से बहुत पीछे रह जाओगे। यह सुझाव भी सबको पसंद आ गया, तो विष्णु भगवान ने भी अपनी सहमति दे दी।होना क्या था कि इतने में गणेशजी वहां आ पहुंचे और उन्हें समझा-बुझाकर घर की रखवाली करने बैठा दिया। बारात चल दी, तब नारदजी ने देखा कि गणेशजी तो दरवाजे पर ही बैठे हुए हैं, तो वे गणेशजी के पास गए और रुकने का कारण पूछा। गणेशजी कहने लगे कि विष्णु भगवान ने मेरा बहुत अपमान किया है। नारदजी ने कहा कि आप अपनी मूषक सेना को आगे भेज दें, तो वह रास्ता खोद देगी जिससे उनके वाहन धरती में धंस जाएंगे, तब आपको सम्मानपूर्वक बुलाना पड़ेगा।अब तो गणेशजी ने अपनी मूषक सेना जल्दी से आगे भेज दी और सेना ने जमीन पोली कर दी। जब बारात वहां से निकली तो रथों के पहिए धरती में धंस गए। लाख कोशिश करें, परंतु पहिए नहीं निकले। सभी ने अपने-अपने उपाय किए, परंतु पहिए तो नहीं निकले, बल्कि जगह-जगह से टूट गए। किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाए।तब तो नारदजी ने कहा- आप लोगों ने गणेशजी का अपमान करके अच्छा नहीं किया। यदि उन्हें मनाकर लाया जाए तो आपका कार्य सिद्ध हो सकता है और यह संकट टल सकता है। शंकर भगवान ने अपने दूत नंदी को भेजा और वे गणेशजी को लेकर आए। गणेशजी का आदर-सम्मान के साथ पूजन किया, तब कहीं रथ के पहिए निकले। अब रथ के पहिए निकल तो गए, परंतु वे टूट-फूट गए, तो उन्हें सुधारे कौन?पास के खेत में खाती काम कर रहा था, उसे बुलाया गया। खाती अपना कार्य करने के पहले ‘श्री गणेशाय नम:’ कहकर गणेशजी की वंदना मन ही मन करने लगा। देखते ही देखते खाती ने सभी पहियों को ठीक कर दिया।तब खाती कहने लगा कि हे देवताओं! आपने सर्वप्रथम गणेशजी को नहीं मनाया…
शनि देव व्रत कथा | Shani Dev Vrat Katha PDF in Hindi
शनि देव व्रत कथा | Shani Dev Vrat Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/shani-dev-vrat-katha-567.jpg">शनि देव व्रत कथा | Shani Dev Vrat Katha</a>PDF Name<b>शनि देव व्रत कथा | Shani Dev Vrat Katha PDF</b>No. of Pages<b>5</b>PDF Size<b>0.29 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
शनि देव व्रत कथा | Shani Dev Vrat Katha Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, यदि आप शनि देव व्रत कथा PDF / Shani Dev Vrat Katha PDF in Hindi फ्री में डाउनलोड करना चाहते हैं, तो इस लेख के माध्यम से आप इसे आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।शनि, भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र हैं। इनकी दृष्टि में जो क्रूरता है, वह इनकी पत्नी के शाप के कारण है। ब्रह्मपुराण के अनुसार, बचपन से ही शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे। बड़े होने पर इनका विवाह चित्ररथ की कन्या से किया गया। इनकी पत्नि सती-साध्वी और परम तेजस्विनी थीं। एक बार पुत्र-प्राप्ति की इच्छा से वे इनके पास पहुचीं पर ये श्रीकृष्ण के ध्यान में मग्न थे।इन्हें बाह्य जगत की कोई सुधि ही नहीं थी। पत्नि प्रतिक्षा कर थक गयीं तब क्रोधित हो उसने इन्हें शाप दे दिया कि आज से तुम जिसे देखोगे वह नष्ट हो जाएगा। ध्यान टूटने पर जब शनिदेव ने उसे मनाया और समझाया तो पत्नि को अपनी भूल पर पश्चाताप हुआ, किन्तु शाप के प्रतिकार की शक्ति उसमें ना थी। तभी से शनिदेव अपना सिर नीचा करके रहने लगे। क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके द्वारा किसीका अनिष्ट हो।शनि देव व्रत कथा PDF | Shani Dev Vrat Katha PDF in Hindiएक समय में स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न पर नौ ग्रहों में वाद-विवाद हो गया। निर्णय के लिए सभी देवता देवराज इन्द्र के पास पहुंचे और बोले- हे देवराज, आपको निर्णय करना होगा कि हममें से सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न सुन इन्द्र उलझन में पड़ गए, फिर उन्होंने सभी को पृथ्वीलोक में राजा विक्रमादित्य के पास चलने का सुझाव दिया।सभी ग्रह भू-लोक राजा विक्रमादित्य के दरबार में पहुंचे। जब ग्रहों ने अपना प्रश्न राजा विक्रमादित्य से पूछा तो वह भी कुछ देर के लिए परेशान हो उठे क्योंकि सभी ग्रह अपनी-अपनी शक्तियों के कारण महान थे। किसी को भी छोटा या बड़ा कह देने से उनके क्रोध के प्रकोप से भयंकर हानि पहुंच सकती थी।अचानक राजा विक्रमादित्य को एक उपाय सूझा और उन्होंने विभिन्न धातुओं जैसे सोना, चांदी, कांसा, तांबा, सीसा, रांगा, जस्ता, अभ्रक व लोहे के नौ आसन बनवाएं। सबसे आगे सोना और सबसे पीछे लोहे का आसन रखा गया। उन्होंने सभी देवताओं को अपने-अपने आसन पर बैठने को कहा। उन्होंने कहा- जो जिसका आसन हो ग्रहण करें, जिसका आसन पहले होगा वह सबसे बड़ा तथा जिसका बाद में होगा वह सबसे छोटा होगा।चूंकि लोहे का आसन सबसे पीछे था इसलिए <strong>शनिदेव</strong> समझ गए कि राजा ने मुझे सबसे छोटा बना दिया है। इस निर्णय से शनि देव रुष्ट होकर बोले- हे राजन, तुमने मुझे सबसे पीछे बैठाकर मेरा अपमान किया है। तुम मेरी शक्तियों से परिचित नहीं हो।सूर्य एक राशि पर एक महीने, चन्द्रमा दो महीने दो दिन, मंगल डेढ़ महीने, बुध और शुक्र एक महीने, बृहस्पति तेरह महीने रहते हैं, लेकिन मैं किसी भी राशि पर ढ़ाई वर्ष से लेकर साढ़े सात वर्ष तक रहता हूं। बड़े-बड़े देवताओं को मैंने अपने प्रकोप से पीड़ित किया है अब तू भी मेरे प्रकोप से सावधान रहना। इस पर राजा विक्रमादित्य बोले- जो कुछ भाग्य में होगा देखा जाएगा।इसके बाद अन्य ग्रहों के देवता तो प्रसन्नता के साथ चले गए, परन्तु शनिदेव बड़े क्रोध के साथ वहां से विदा हुए। कुछ समय बाद जब राजा विक्रमादित्य पर साढ़े साती की दशा आई तो शनिदेव ने घोड़े के व्यापारी का रूप धारण किया और बहुत से घोड़ों के साथ विक्रमादित्य की नगर पहुंचे। राजा विक्रमादित्य उन घोड़ों को देखकर एक अच्छे-से घोड़े को अपनी सवारी के लिए चुनकर उस पर चढ़े। राजा जैसे ही उस घोड़े पर सवार हुए वह बिजली की गति से दौड़ पड़ा। तेजी से दौड़ता हुआ घोड़ा राजा को दूर एक जंगल में ले गया और फिर वहां राजा को गिराकर गायब हो गया। राजा अपने नगर लौटने के लिए जंगल में भटकने लगा पर उसे कोई रास्ता नहीं मिला। राजा को भूख प्यास लग आई। बहुत घूमने पर उन्हें एक चरवाहा मिला। राजा ने उससे पानी मांगा। पानी पीकर राजा ने उस चरवाहे को अपनी अंगूठी दे दी और उससे रास्ता पूछकर जंगल से निकलकर पास के नगर में चल दिए।नगर पहुंच कर राजा एक सेठ की दुकान पर बैठ गए। राजा के कुछ देर दुकान पर बैठने से सेठ की बहुत…
करवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindi
करवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF Detailsकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items ListPDF Nameकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDFNo. of Pages3PDF Size0.59 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप करवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट PDF डाउनलोड कर सकते हैं। करवा चौथ की पूजा में विभिन्न प्रकार की पूजन सामग्रियों की आवश्यकता होती है। इस पूजन का प्रयोग व्रत को संपन्न करने के लिए किया जाता है। यदि आप अपने घर पर करवाचौथ माता का पूजन करना चाहते हैं, तो इस सामग्री लिस्ट की सहायता से पूजा की सामग्री बाजार से ला सकते हैं ताकि आप समय पर पूजा संपन्न कर सकें।करवाचौथ के पूजन में सुहाग की समाग्री का भी बहुत महत्व होता है। सुहाग की सामग्री में सौलह शृंगार का सामान होता है। इस पूजा के लिए सर्वाधिक महत्पूर्ण वास्तु करवा होती है, करवा मिटटी का एक छोटा पात्र होता है जिसमे एक होती से टोंटी होती है जिससे जल की धारा बाहर आती है और उसकी सहायता से रात्रि काल में चंद्रदेव को अर्घ्य दिया जाता है। करवा चौथ पूजन सामग्री सूची / Karwa Chauth Puja Samagri List PDFचंदनशहदअगरबत्तीपुष्पकच्चा दूधशक्करशुद्ध घीदहीमिठाईगंगाजलअक्षत (चावल)सिंदूरमेहंदीमहावरकंघाबिंदीचुनरीचूड़ीबिछुआमिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कनदीपकरुईकपूरगेहूंशक्कर का बूराहल्दीजल का लोटा]गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टीलकड़ी का आसनचलनीआठ पूरियों की अठावरीहलुआदक्षिणा (दान) के लिए पैसे।You may also like :करवा चौथ व्रत की कहानी | Karwa Chauth Vrat Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in HindiYou can download Karwa Chauth Pooja Items List PDF by clicking on the following download button.#करव #चथ #पजन #समगर #लसट #Karwa #Chauth #Pooja #Items #List #PDF #HindiThe post करवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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