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Directorate of Public Relations, Chhattisgarh Government, India
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*कंजेक्टिवाइटिस से बचने के उपायों और सावधानियों का किया जाए व्यापक प्रचार-प्रसार : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल*


*मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में कंजेक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपायों की गहन समीक्षा की*

*प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर तक जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध*

*मरीजों को दी जा रही हैं निःशुल्क दवाईयां*

रायपुर, 28 जुलाई 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक में कंजेक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपायों की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कंजेक्टिवाइटिस से बचने के उपायों और सावधानियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने विशेषज्ञों की सलाह का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों को यह बताया जाए हाथों को बिना साफ किए हाथ आंखों में ना लगाएं, जिससे संक्रमण ना हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में कंजेक्टिवाइटिस के मरीजों का प्राथमिकता के साथ इलाज किया जाए। ताकि उन्हें अस्पतालों में ज्यादा समय न रुकना पड़े। स्कूलों में भी यदि किसी बच्चे को कंजेक्टिवाइटिस होता है तो संक्रमण से बचने के लिए उन्हें घर भेज जाए। मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में कंजेक्टिवाइटिस के मरीजों की जांच और इलाज तथा दवाईयों की उपलब्धता की समीक्षा भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कंजेक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपायों का सोशल मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है। पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध हैं और मरीजों को निःशुल्क दवाईयां दी जा रही हैं।

बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री सिध्दार्थ कोमल सिंह परदेशी, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक लोक शिक्षण श्री सुनील जैन, स्वास्थ्य मिशन के एमडी श्री विलास भोसकर संदीपन, संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने बैठक में कहा कि पिछले सप्ताह कंजेक्टिवाइटिस के जो मरीज मिले थे, उनमें से अधिकांश स्वस्थ हो गये है। दुर्ग, रायपुर में ज्यादा मरीज मिले थे। उन्होंने कहा कि लोग मेडिकल स्टोर से स्वयं स्टेराइड दवाईयां लेकर आंखों में डाल रहे है, ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

*कंजेक्टिवाइटिस से डरने की नहीं, सावधानी की जरूरत*

बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस से डरने की जरूरत नहीं है, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक जांच और उपचार की व्यवस्था है। लोगों को निःशुल्क दवाईयां दी जा रही हैं। अस्पतालों में यह ध्यान रखा जाए कि यदि संक्रमण है तो आपरेशन नहीं किया जाए। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि सामान्यतः यह बीमारी 3 दिन में ठीक हो जाती है। यदि ठीक नहीं होती, आंखों में तकलीफ रहती है या दृष्टि में धुंधलापन आता है तो नेत्र विशेषज्ञ को तुरंत दिखाएं। लोग हाथ मिलाने से बचें और बिना साफ किए हाथ आंखों में ना लगाएं।
*Average rainfall of 461.1 mm recorded in Chhattisgarh so far*
 
Raipur, 28 July 2023/
According to the information compiled by the State Level Control Room set up by the State Government's Revenue and Disaster Management Department, an average rainfall of 461.1 mm was recorded in the state since June 1, 2023. Based on the rainfall recorded in various districts of the state from June 1, 2023, until today, July 28, the highest average rainfall of 1000.5 mm was recorded in Bijapur district and the lowest of 154.2 mm in Surguja district.
 
According to the information received from the state-level flood control room, since June 1, an average rainfall of 287.9 mm was recorded in Surajpur district, 288.0 mm in Balrampur, 312.8 mm in Jashpur, 391.3 mm in Koriya, and 384.4 mm in Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur.
 
Similarly, an average rainfall of 535.7 mm in Raipur district, 421.9 mm in Balodabazar, 483.9 mm in Gariyaband, 448.2 mm in Mahasamund, 553.2 mm in Dhamtari, 422.9 mm in Bilaspur, 541.7 mm in Mungeli, 432.8 mm in Raigarh, 372.3 mm in Sarangarh-Bilaigarh, 319.4 mm in Janjgir-Champa, 334.0 mm in Sakti, 395.9 mm in Korba, 312.6 mm in Gaurela-Pendra-Marwahi, and 387.7 mm in Durg was recorded.
 
Average rainfall of 325.7 mm in Kabirdham district, 620.5 mm in Rajnandgaon, 691.2 mm in Mohla-Manpur-Ambagarh Chowki, 505.1 mm in Khairagarh-Chhuikhadan-Gandai, 623.4 mm in Balod, 314.4 mm in Bemetara, 559.7 mm in Bastar, 392.9 mm in Kondagaon, 474.6 mm in Kanker, 443.1 mm in Narayanpur, 667.5 mm in Dantewada, and 818.4 mm in Sukma was recorded since June 1.
*छत्तीसगढ़ के स्कूलों में ड्रॉप आउट राष्ट्रीय दर से कम*

*भारत सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी यूडाइस आंकड़ों में मिले उत्साहजनक परिणाम*

*छत्तीसगढ़ के स्कूलों में ड्रॉप आउट की दर तेजी से हुई कम*

*स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और नवाचारों से बेहतर हुई स्थिति*

रायपुर, 28 जुलाई 2023/ भारत सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्कूलों में पढ़ाई बीच में छोड़ने (ड्रॉप आउट) वाले छात्रों के लिए यूडाइस आंकड़े जारी किए गए हैं। इसमें अन्य राज्यों और राष्ट्रीय दर की तुलना में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर और उत्साहजनक है।

छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद तेजी से शिक्षा के स्तर में सुधार किया गया है, जिससे ड्रॉप आउट की संख्या घटी है। वर्ष 2018-19 में छत्तीसगढ़ का ड्रॉप आउट रेट प्राथमिक स्तर के लिए 3.4 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक के लिए, 7 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक के लिए 19.8 प्रतिशत था। वहीं 2021-22 के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ का ड्रॉप आउट रेट तेजी से कम हुआ है। प्राथमिक स्तर के लिए यह दर 0.8 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक के लिए, 4.1 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक के लिए 9.7 प्रतिशत है, जबकि पूरे भारत के लिए प्राथमिक स्तर पर यह दर 1.5 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक पर 3 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 12.6 प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या तेजी से कम हुई है। यह आंकड़े स्कूल स्तर के आधार पर छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग जारी किए गए हैं।

पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से तुलना में छत्तीसगढ़ में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों की दर बहुत कम है। मध्यप्रदेश का ड्रॉप आउट रेट प्राथमिक स्तर के लिए जहां 3.1 प्रतिशत है। वहीं छत्तीसगढ़ में यह दर 0.8 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश में ड्रॉप आउट रेट उच्च प्राथमिक के लिए 8.8 प्रतिशत और उच्चतर माध्यमिक के लिए 10.1 प्रतिशत है, जो कि छत्तीसगढ़ की तुलना में अधिक है। वर्ष 2021-22 के लिए जारी भारत सरकार के डेटा के अनुसार उच्चतर माध्यमिक स्तर पर सर्वाधिक ड्रॉप आउट की दर ओड़िसा में 27.3 प्रतिशत इसके बाद बिहार में 21.7 प्रतिशत दर्ज की गई है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के बजट में शिक्षा के लिए ज्यादा राशि खर्च की जा रही है। इससे शैक्षणिक संस्थाओं की अधोसंरचना बेहतर हो रही है। विद्यार्थियों को पढ़ाई-लिखाई का बेहतर माहौल देने के लिए स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है, इसके लिए स्कूलों में सबसे पहले आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया है। पुरानी बिल्डिंग का पुनरुद्धार कर उसे एक नया रूप दिया गया है। शैक्षणिक संस्थाओं का आकस्मिक निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग की जा रही है। इससे शिक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है। स्वामी आत्मानंद स्कूलों के खुलने से राज्य में शिक्षा के प्रति फिर से रूझान बढ़ा है और प्रत्येक वर्ग के लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। बालवाड़ी योजना के तहत 5 हजार 1 सौ 73 बालवाड़ी की शुरूआत की गयी है। स्कूल शिक्षा में निरंतर बेहतरी के प्रयासों के लिए छत्तीसगढ़ को कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। आँगन म शिक्षा पहल के लिए छत्तीसगढ़ को 2022 का स्कॉच अवार्ड प्रदान किया गया था। इसी तरह नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को राष्ट्रीय स्तर के एमबिलीयंथ अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
*कोसगाई दाई मछुआ सहकारी समिति के सदस्य कृषि के साथ*

*मत्स्य पालन से कर रहे कमाई*

*मछली पालन व्यवसाय से समिति को 3 लाख रुपए से अधिक की हुई आय*

रायपुर 28 जुलाई 2023/ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं से लाभ उठाकर मछली पालन का कार्य करने वाले मछुआ सहकारी समिति के सदस्य आर्थिक संपन्नता की ओर बढ़ रहे हैं और स्वयं आत्मनिर्भर हो रहे हैं तथा अन्य लोगों को भी इस कार्य से रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। जिले के कटघोरा विकासखण्ड के ग्राम छुरीकला के कोसगाई दाई मछुआ सहकारी समिति विभागीय योजनाओं से जुड़कर मछली पालन का कार्य कर रहे है। समिति के सदस्य मछली पालन को अपने आय का प्रमुख जरिया बनाया है। समिति के सदस्यों ने सफलता प्राप्त की ही नही बल्कि अब वे अपने इस काम को नई ऊंचाईयां दे रही है। समिति के सदस्यों द्वारा कृषि कार्य के साथ-साथ मछली पालन का व्ययसाय भी किया जा रहा है। उन्हें मछली पालन विभाग द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन देकर मछली पालन के लिए प्रेरित किया गया, जिससे समिति के सदस्य इस कार्य में संलग्न होकर छुरी के भेलवाडबरा सिंचाई जलाशय को पट्टे पर लेकर मत्स्य पालन का कार्य प्रारंभ किया। समिति द्वारा जलाशय में रोहू, कतला, मिरगल, ग्रासकार्प जैसे अन्य मछली बीज का संचयन किया गया है।

दाई महुआ सहकारी समिति के अध्यक्ष श्री आत्माराम केंवट ने बताया कि मत्स्य पालन कार्य से जुड़कर समिति के सदस्यों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, इससे उन्हें आमदनी का अतिरिक्त साधन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा उन्हें योजना के तहत 3 लाख का अनुदान एवं सहायक सामग्री के रूप में मत्स्य बीज अंगुलिका, चटजाल, आईस बॉक्स इत्यादि सामग्री भी उपलब्ध कराया गया है। साथ ही उन्हें समय-समय पर आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। समिति के सदस्य मत्स्य बीज एवं जाल पाकर काफी उत्साहित हुए तथा मत्स्य पालन के प्रति रूचि लेने लगे, जिसका सकारात्मक परिणाम अब देखने को मिल रहा है। समिति द्वारा अपने दैनिक कामकाज करने के साथ-साथ मत्स्य पालन का कार्य भी जिम्मेदारी पूर्वक कर रहे हैं। उनके द्वारा जलाशय की आवश्यक साफ-सफाई, मछलियों की देख-रेख, उन्हें मत्स्य आहार देने के साथ ही नियमित रूप से जलाशय की रख-रखाव का कार्य भी किया जा रहा है। आत्माराम ने बताया कि योजना से जुड़कर अब तक 3000 किलोग्राम से अधिक का मत्स्य उत्पादन किया है जिसके विक्रय से उन्हें 3 लाख से अधिक की आमदनी हुई है। कोसगाई दाई मछुआ सहकारी समिति के सभी सदस्यों ने नियमित रूप से मछली पालन से जोड़कर रोजगार दिलाने एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु जिला प्रशासन एवं छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
*मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उजाला समय पत्रिका का किया विमोचन*

रायपुर, 28 जुलाई 2023/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में मासिक पत्रिका उजाला समय का विमोचन किया। उजाला समय के संपादक श्री दीपक अरोरा ने बताया की इस पत्रिका का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं एवं उपलब्धियों की जानकारी लोगों तक पहुंचाना है। यह पत्रिका रायपुर और बालोद से प्रकाशित होगी। मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई दी। इस मौके पर उजाला समय के मुद्रक और प्रकाशक श्री सागर अरोरा मौजूद थे।
*It is important to widely publicize measures and precautions to prevent conjunctivitis: Chief Minister Mr. Bhupesh Baghel*

*Chief Minister Mr. Bhupesh Baghel chaired a high-level meeting on preventive measures for conjunctivitis*

*Patients receive treatment at the primary health center along with free medication*

Raipur, July 28, 2023/ Chief Minister Mr. Bhupesh Baghel chaired a high-level meeting to review preventive measures for conjunctivitis at his residence office on Friday. He stated that measures and precautions to avoid conjunctivitis should be widely publicized. Mentioning experts' advice, he added that people should be told not to touch their eyes with their hands without cleaning them to prevent infection. Chief Minister, Mr. Bhupesh Baghel, stated that patients suffering from conjunctivitis should be given priority treatment in hospitals. This will ensure that their hospital stay is not prolonged unnecessarily. Even in schools, if a child has conjunctivitis, they should be sent home to avoid infection. He also reviewed the examination and treatment of conjunctivitis patients in hospitals and the availability of medicines.

Chief Minister Mr. Bhupesh Baghel stressed the need for spreading awareness about preventing conjunctivitis through social, print, and electronic media.

During the meeting, the officials stated that it is possible to conduct investigations and treat patients at primary health centers. Medicines are available in sufficient quantities, and free medicines are given to patients.

Deputy Chief Minister and Health Minister Shri T.S. Singh Deo, Chief Secretary Mr. Amitabh Jain, Additional Chief Secretary of Health Mrs. Renu G. Pillay, Principal Secretary of School Education, Dr. Alok Shukla, Secretary of Health Department, Mr. Siddharth Komal Singh Pardeshi, Secretary of School Education Department, Dr. S.K. Bharatidasan, Director of Public Education, Mr. Sunil Jain, MD of Health Mission, Mr. Vilas Bhoskar Sandipan, Director of Epidemic Control, Dr. Subhash Mishra, and officials were present during the meeting.
Deputy Chief Minister and Health Minister Shri T.S. Singh Deo also addressed the meeting and stated that most of the conjunctivitis patients found last week have recovered. More cases were discovered in Durg and Raipur. It is reported that individuals are purchasing steroid medications from local pharmacies and applying them to their eyes. This practice can be dangerous and it is strongly recommended to seek advice from a medical professional before doing so.

*Preventive measures should be taken to avoid conjunctivitis*
During the meeting, experts reassured that conjunctivitis is nothing to be afraid of. Primary health centers have an investigation and treatment in place, and individuals can receive free medication. It is important to note that if there is an infection; operations should not be performed in hospitals. This disease can be cured within three days. In the case of eye-related issues, it is crucial to seek the expertise of an eye specialist to prevent more severe conditions. Eye check-ups and treatment options are available at no cost in district hospitals and primary health centers.
*ओडिशा के कलाकार के रामायण आधारित पटचित्र की मुख्यमंत्री ने की सराहना*

*भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष नितिन चौबे ने मुख्यमंत्री को पटचित्र की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी*

रायपुर, 28 जुलाई 2023/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (छत्तीसगढ़ ईकाई) के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। प्रदेश अध्यक्ष श्री नितिन चौबे ने रायपुर जिले की कार्यकारिणी के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी। श्री बघेल ने नवनियुक्त जिलाध्यक्ष श्री दिलीप साहू, महासचिव श्री नदीम मेमन, कोषाध्यक्ष श्री अमित बाघ, सहित सभी पदाधिकारियों को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी। प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश समन्वयक श्री पवन सिंह ठाकुर, सदस्यता प्रभारी श्री विक्की पंजवानी, प्रदेश प्रतिनिधि श्री जावेद जैदी, श्री शुभम वर्मा, सुश्री खुशबू ठाकरे में शामिल थे।

इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ओडिशा से लाई गई पट्टचित्र पेंटिंग भेंट की। बीएसपीएस के प्रदेश अध्यक्ष श्री नितिन चौबे ने मुख्यमंत्री को बताया कि रघुराजपुर ओड़िसा के पुरी जिला का ‘‘विरासत हस्तशिल्प गांव‘‘ है। 160 कलाकार का यह गांव पूरी तरह से सुंदर पट्टचित्र की कलाकारी और तालपत्रों पर चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध हैं, चित्रकारी के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। यह कलाकृति 2016 में राष्ट्रीय गोल्ड मेडल पुरस्कार प्राप्त चित्रकार श्री गोपाल दास द्वारा बनाई गई है। कलाकृति में इस्तेमाल कागज और रंग सभी प्राकृतिक हैं। पट्टचित्र जिस मोटे कागज पर बना है वह इमली के बीज के साथ कुछ पेड़ों की छाल को मिलाकर बनाया गया है। वहीं पेंटिंग में इस्तेमाल सफेद रंग सीपी को पीसकर तैयार किया गया है। काला रंग काजल का है तो अन्य रंग विविध प्रकार के फूलों और पेड़ों की पत्तियों से तैयार किए गए हैं। इस नायाब कलाकृति में सम्पूर्ण रामायण को चित्रकारी के जरिये उभारा गया है।

प्रदेश उपाध्यक्ष श्री सुखनंदन बंजारे और कोषाध्यक्ष श्री गंगेश कुमार द्विवेदी ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रादेशिक सम्मेलन में आमंत्रित किया।
*Mukhyamantri Suposhan Abhiyan helps Bhiyan overcome malnutrition*

*From 7.2 kg to 11.9 kg: Bhiyan's inspiring transformation with nutritious meals*

Raipur 28 July 2023// 'Mukhyamantri Suposhan Abhiyan' in Chhattisgarh is leaving no stone unturned to combat malnutrition and anaemia in the state. As part of this comprehensive initiative, Anganwadi centers are providing nutritious hot meals to children and women, yielding positive results and bringing smiles to many faces. Over the past four and half years, around 2.65 lakh children have been successfully freed from malnutrition, while 1.05 lakh women have recovered from anaemia. Among those who have benefited are Smt. Tomeshwari Patel and her son Bhiyan Patel from Baiga Khamariya village in Sector Patparpali of Mahasamund district.

Bhiyan Patel was once a victim of severe malnutrition, experiencing a constant decrease in weight, which plunged to a mere 7.2 Kg. The little one appeared sad and disinterested in eating. However, the intervention of an Anganwadi worker during a home visit brought hope. They provided valuable information about nutrition-related practices, and with the provision of hot nutritious meals at the Bagh Khamhariya Anganwadi under the Mukhyamantri Suposhan Abhiyan, Bhiyan's weight witnessed a remarkable increase of two Kgs within five months, propelling him out of the severe malnutrition category.

Officials stated that in May 2022, Bhiyan's weight was measured and found to be significantly below the expected weight for his age, classifying him in the severe malnutrition category. The Anganwadi center introduced him to ready-to-eat food and khichdi gradually, making sincere efforts to boost his interest in eating. Additionally, his parents received counselling and actively engaged with him during mealtime. Regular monitoring and follow-ups by officials further contributed to his progress. As a result, on October 10, 2022, he moved to the medium-weight category. This remarkable transformation has brought immense joy to his family. Bhiyan's weight has now increased from 7.2 kg to 11.9 kg, marking a significant achievement in his journey towards better health.
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