मेरे मध्यमवर्गीय पिता ने मुझे बस एक महामंत्र सिखाया -
“ पढ़ाई मेरे पैसों से करो, ऐश अपने पैसों से करना “
अशेष
“ पढ़ाई मेरे पैसों से करो, ऐश अपने पैसों से करना “
अशेष
आपकी कृत्रिम महानता वही दम तोड़ देती है
जब आप किसी की तारीफ़ भी अहसान की तरह करते है
अशेष
जब आप किसी की तारीफ़ भी अहसान की तरह करते है
अशेष
इतना ना ढूँढ अपने आप को दूसरो में,
जो दूसरे मसरूफ़ हो गये अपनी ज़िंदगी में
तो तेरा वजूद भी साथ ले जाएँगे
अज्ञात
जो दूसरे मसरूफ़ हो गये अपनी ज़िंदगी में
तो तेरा वजूद भी साथ ले जाएँगे
अज्ञात
ख़ाली जेब लेकर निकलो कभी बाज़ार में वहम दूर हो जाएगा इज़्ज़त कमाने का।
~ अज्ञात
~ अज्ञात
जो ये मंदी का जमाना है गुजर जाने दे
फिर पता चलेगा तुझे मेरी क़ीमत क्या है
राहत इंदौरी
फिर पता चलेगा तुझे मेरी क़ीमत क्या है
राहत इंदौरी
पैसा कमाइए ,
पूरा देश
आपको अच्छा व्यक्ति कहने की साज़िश रचेगा
- जॉर्ज बर्नॉर्ड शॉ
पूरा देश
आपको अच्छा व्यक्ति कहने की साज़िश रचेगा
- जॉर्ज बर्नॉर्ड शॉ
छिप छिप अश्रु बहाने वालों ,
मोती व्यर्थ बहाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से ,
जीवन नहीं मरा करते है
- गोपालदास नीरज
मोती व्यर्थ बहाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से ,
जीवन नहीं मरा करते है
- गोपालदास नीरज
मुझसे दामन ना छुड़ा
मुझको बचा कर रख ले ,
मुझसे एक रोज़
तुझे प्यार भी हो सकता है
Khalil UR
मुझको बचा कर रख ले ,
मुझसे एक रोज़
तुझे प्यार भी हो सकता है
Khalil UR
एक दिन तुम्हारे ही कर्म
तुमसे मिलने आयेंगे,
बस उस दिन
तुम हैरान ना होना
अज्ञात
तुमसे मिलने आयेंगे,
बस उस दिन
तुम हैरान ना होना
अज्ञात
क्योंकि तुम लड़के हों..
लड़के..जिनको ना कभी कविताओं में जगह मिलीं और ना हीं उनके हृदय के सौंदर्य को कभी कहीं जगह मिलीं,इंतजार करते रहें जीवन भर किसी की हां का,कह ना सकें कभी अपने मन में छुपे प्रेम को,रो ना सकें बहन की विदाई में क्योंकि उनको हमेशा कहा गया लड़कों तुम कठोर हों..
स्वाद ना चख सकें खाने का अपनी बहन की शादी में क्योंकि लड़के तो व्यस्त हैं पूर्ति करने में कि कहीं कोई कमी ना रह जाएं बहन की विदाई में.. बहन बेटी को बैठाने के लिए हमेशा खड़े रहे ट्रेनों बसों में अपनी सीट छोड़कर क्योंकि कहा गया कि तुम लड़के हों...
घर का कोई जिम्मेदारी का काम हैं लड़कों तुम्हें करना हैं क्योंकि तुम लड़के हों. लड़कों को कहां सहूलियत है कि घर पर बैठ जाएं...मां पिता की बीमारी से लेकर उनके अंतिम संस्कार की अंतिम लकड़ियों के जलने तक खड़े रहें..
उनकी गंगा में अस्थियां प्रवाहित होने तक विचलित होते हैं परंतु तुम दिखा नहीं सकतें क्योंकि तुम लड़के हों...
शरीर तो तुम्हारा भी ईश्वर की हीं रचना हैं क्या तुम्हें कभी कोई दर्द होता नहीं.. क्या कभी तुम्हारी पीठ अकड़ती नहीं क्योंकि तुम लड़के हों ❤️
~ वंदना
लड़के..जिनको ना कभी कविताओं में जगह मिलीं और ना हीं उनके हृदय के सौंदर्य को कभी कहीं जगह मिलीं,इंतजार करते रहें जीवन भर किसी की हां का,कह ना सकें कभी अपने मन में छुपे प्रेम को,रो ना सकें बहन की विदाई में क्योंकि उनको हमेशा कहा गया लड़कों तुम कठोर हों..
स्वाद ना चख सकें खाने का अपनी बहन की शादी में क्योंकि लड़के तो व्यस्त हैं पूर्ति करने में कि कहीं कोई कमी ना रह जाएं बहन की विदाई में.. बहन बेटी को बैठाने के लिए हमेशा खड़े रहे ट्रेनों बसों में अपनी सीट छोड़कर क्योंकि कहा गया कि तुम लड़के हों...
घर का कोई जिम्मेदारी का काम हैं लड़कों तुम्हें करना हैं क्योंकि तुम लड़के हों. लड़कों को कहां सहूलियत है कि घर पर बैठ जाएं...मां पिता की बीमारी से लेकर उनके अंतिम संस्कार की अंतिम लकड़ियों के जलने तक खड़े रहें..
उनकी गंगा में अस्थियां प्रवाहित होने तक विचलित होते हैं परंतु तुम दिखा नहीं सकतें क्योंकि तुम लड़के हों...
शरीर तो तुम्हारा भी ईश्वर की हीं रचना हैं क्या तुम्हें कभी कोई दर्द होता नहीं.. क्या कभी तुम्हारी पीठ अकड़ती नहीं क्योंकि तुम लड़के हों ❤️
~ वंदना
Forwarded from SS Motivation
मैं ये नहीं कहूंगा कि आज केवल खुशी का दिन है मेरे लिए,
बल्कि ये कहूंगा की बस आज ही के दिन का इंतजार था।
जब आपकी नियत और इरादे दोनों सही हों तो किस्मत को भी पलटना ही पड़ता है, अब तक ये बात रोज सोच के हिम्मत देता था खुद को की और बेहतर करना हैं कुछ जो लोगों के दिल और रूह को छू जाए। उम्मीद की एक छाया रोज मेरी पलकों पे बैठी होती थी।
और आज मेरा विश्वास यकीन में बदल गया।
आज शब्दों की कहानियां कम कहूंगा, बस जज्बातों को समझ लेना।
समय के झूले में रोज जिंदगी को धकेल रहा था, आज संघर्ष की कहानी सुनाऊंगा तो आंखे रो देगी।
जब 2018 में फेसबुक ने SS Motivation को वेरिफिकेशन देकर हमें इस काबिल होने का अहसास दिलाया तब से दिल में इच्छा थी इंस्टाग्राम पर भी हमारी एक अलग पहचान हो, और आज 5 साल बाद छलकती हुई आंखों से आप सबके सामने हूं आपका शुक्रिया कहने के लिए।
आपकी हसीं का रंग और गहरा करने का वादा करता हूं। आपका प्यार और साथ मेरे ज़िंदगी की कहानियों में सर्वोपरि रहेगा।
जलनखोरों को बस इतना ही कहूँगा 699/- rs में ब्राण्ड वेरिफ़ाइड नहीं होते 😁
आप जलते रहिये मैं यु ही आग लगाता रहूँगा 😛
सभी को प्यार और सम्मान। 🙏❤️
~ Sunil ydv SS
@SunilydvSS
बल्कि ये कहूंगा की बस आज ही के दिन का इंतजार था।
जब आपकी नियत और इरादे दोनों सही हों तो किस्मत को भी पलटना ही पड़ता है, अब तक ये बात रोज सोच के हिम्मत देता था खुद को की और बेहतर करना हैं कुछ जो लोगों के दिल और रूह को छू जाए। उम्मीद की एक छाया रोज मेरी पलकों पे बैठी होती थी।
और आज मेरा विश्वास यकीन में बदल गया।
आज शब्दों की कहानियां कम कहूंगा, बस जज्बातों को समझ लेना।
समय के झूले में रोज जिंदगी को धकेल रहा था, आज संघर्ष की कहानी सुनाऊंगा तो आंखे रो देगी।
जब 2018 में फेसबुक ने SS Motivation को वेरिफिकेशन देकर हमें इस काबिल होने का अहसास दिलाया तब से दिल में इच्छा थी इंस्टाग्राम पर भी हमारी एक अलग पहचान हो, और आज 5 साल बाद छलकती हुई आंखों से आप सबके सामने हूं आपका शुक्रिया कहने के लिए।
आपकी हसीं का रंग और गहरा करने का वादा करता हूं। आपका प्यार और साथ मेरे ज़िंदगी की कहानियों में सर्वोपरि रहेगा।
जलनखोरों को बस इतना ही कहूँगा 699/- rs में ब्राण्ड वेरिफ़ाइड नहीं होते 😁
आप जलते रहिये मैं यु ही आग लगाता रहूँगा 😛
सभी को प्यार और सम्मान। 🙏❤️
~ Sunil ydv SS
@SunilydvSS
शुरुआत से ही आदमी ने
ग़लत को सही ठहराने के लिए
ईश्वर का इस्तेमाल किया ।
सलमान रुश्दी
ग़लत को सही ठहराने के लिए
ईश्वर का इस्तेमाल किया ।
सलमान रुश्दी
औरत बेवा हो जाती है तो
उसकी चुड़िया तोड़ देते है ।
मर्द की घड़ी या ऐनक
या हुक्का तोड़ने का
कभी किसी को ख़्याल नहीं आया ।
-इस्म्त चुगताई
उसकी चुड़िया तोड़ देते है ।
मर्द की घड़ी या ऐनक
या हुक्का तोड़ने का
कभी किसी को ख़्याल नहीं आया ।
-इस्म्त चुगताई
कभी कभी आदमी इतना अभागा होता है
कि पाई हुई चीज़ भी नहीं पाता
- रवीन्द्रनाथ टैगोर
कि पाई हुई चीज़ भी नहीं पाता
- रवीन्द्रनाथ टैगोर
जिस तट पर प्यास बुझाने से अपमान प्यास का होता हो
उस तट पर प्यास बुझाने से प्यासा मर जाना बेहतर है
😔🙁
- जगपाल सिंह सरोज
उस तट पर प्यास बुझाने से प्यासा मर जाना बेहतर है
😔
- जगपाल सिंह सरोज
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