✭ ★ ﺑِﺴْــــــــــــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ ★ ✭
*_🛌 मैं सो जाऊँ या मुस्तफा ﷺ कहते कहते.!_*
*_🌅 खुले आँख सल्ले अला कहते कहते!_*
⇩ ❏ सोते वक़्त पढ़ने की दुआ ❏ ⇩
*अल्लाहुम्मा बिअस्मिका अमूतु व'आहया*
اللَّهُمَّ بِاسْمِكَ أَمُوتُ وَأَحْيَا ⇩ ✪ ترجمہ ✪ ⇩
*ऐ अल्लाह ﷻ मैं तेरे नाम के साथ ही मरता हूँ और जीता हूँ।* (या'नी सोता हूँ औऱ जागता हूँ )
*⇩ ❏ अल्लाह ग़नी कर देगा ❏ ⇩*
╭┈► *हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अकबर رضی اللہ تعالیٰ عنہ फरमाते हैं :* अल्लाह पाक ने जो तुम्हें निकाह का हु़क्म फ़रमाया, तुम उस की इता़अ़त करो उस ने जो ग़नी करने का वादा किया है पूरा फरमाएगा। अल्लाह पाक ने फरमाया : “अगर वोह फ़की़र होंगे तो अल्लाह पाक उन्हें अपने फ़्जल़ से ग़नी कर देगा।”
*(📮 تفسیر ابن ابی حاتم، النور، تحت الایۃ :8,32 /2582 )*
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*अल्लाहुम्मा बिअस्मिका अमूतु व'आहया*
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╭┈► *हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अकबर رضی اللہ تعالیٰ عنہ फरमाते हैं :* अल्लाह पाक ने जो तुम्हें निकाह का हु़क्म फ़रमाया, तुम उस की इता़अ़त करो उस ने जो ग़नी करने का वादा किया है पूरा फरमाएगा। अल्लाह पाक ने फरमाया : “अगर वोह फ़की़र होंगे तो अल्लाह पाक उन्हें अपने फ़्जल़ से ग़नी कर देगा।”
*(📮 تفسیر ابن ابی حاتم، النور، تحت الایۃ :8,32 /2582 )*
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🌹✊🏻 یـــــــــــــــــــــــــــا رسول الــــلّٰــــه ﷺ
नज़र हो जिस पे तेरी उसका पूछना ही क्या
तेरी नज़र है नबी ﷺ की नजर ग़रीब नवाज़
*आओ बा - ज़मात नमाज़ ए फजर अदा करे*
📢 *अस्सलातो खैरूम मीनन नोम*
बेशक नमाज़ नींद से बेहतर है।
*▣ थर्सडे 17/08/2023 ▣*
▬ ▭▭▭ ▭▭▭ ★ ▭▭▭ ▭▭▭ ▬
*▣ जुमेरात 29/01/1445 ▣*
▬ ▭▭▭ ▭▭▭ ★ ▭▭▭ ▭▭▭ ▬
*🇸🇦 🌙 माहे मुहर्रम-उल-हराम 🌙 🇸🇦*
🌅 सुबह बेदार होते वक्त की दुआ ⁀➷
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِي أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا وَإِلَيْهِ النُّشُورُ
*࿅ तर्जुमा ࿅* ➫ अल्लाह के लिए ही तमाम तारीफें हैं जिसने हमें जिंदा किया इसके बाद इसी ने मौत तारी ( दे दी ) कर दी थी और उसी की तरफ लौटना है।
⚠नॉट ❁☞ *बन्दा जिस दिन नमाज नहीं पड़ता वह दिन उसके लिए मनहूस हो जाता है!*
╭•∽–∽–∽–∽–∽ ∽–∽•╮
┆ *आज का पैग़ाम*
╰•∽–∽–∽–∽–∽–∽•╮
•••➲ हुज़ूर ने फ़रमायाﷺ : ख़ामोशी हिक्मत हैं मगर इसको इख्तियार करने वाले थोड़े हैं.!
📘 शोएब उल ईमान
🛄 https://www.facebook.com/SultaneHinDGuropAHLeSunnTNetwork/
• -------------------- •• ⊰❂⊱ •• ------------------- •
📡 https://t.me/SULTAANEHIND 📧
*तालिब ए दुआ एडमिन टीम*
🌹⌨⚪⌨⚪🔮⚪⌨⚪⌨🌹
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*Ꭺ@j ҡα ιѕLαɱi sᏆαTus .:°°:.📲*
*🎊 29/30 Muharram Urs Mubarak HAZRAT SAYYED ALI MIRA DATAR HUSSAINI SOHARWARDI رَحْمَۃُ اللہِ تَعَالٰی عَلَیْہِ*
⏰ 00: 30 MinuᏆe's ⏰
*࿅ ᴛᴀʟɪʙ ᴇ ᴅᴜ'ᴀᴀ 🤲🏻 ᴀᴅᴍɪɴ ᴛᴇᴀᴍ ࿅*
🌹⌨⚪⌨ 🔮 ⌨⚪⌨🌹
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*🌹💚 Agar Be-pardah woh Aaye.😍*
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🌹⌨⚪⌨ 🔮 ⌨⚪⌨🌹
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🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 322* ༺❘
*❝ वफ्दे कन्दा ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ येह लोग यमन के अतराफ़ में रहते थे। इस क़बीले के सत्तर या अस्सी सुवार बड़े ठाठ बाट के साथ मदीने आए। खूब बालों में कंघी किये हुए और रेशमी गोंट के जुब्बे पहने हुए, हथियारों से सजे हुए मदीने की आबादी में दाखिल हुए। जब येह लोग दरबारे रिसालत में बारयाब हुए तो आप ﷺ ने उन लोगों से दरयाफ्त फ़रमाया कि क्या तुम लोगों ने इस्लाम क़बूल कर लिया है ? सब ने अर्ज़ किया कि "जी हां" आप ने फ़रमाया कि फिर तुम लोगों ने येह रेशमी लिबास क्यूं पहन रखा है ? येह सुनते ही उन लोगों ने अपने जुब्बों को बदन से उतार दिया और रेशमी गोंटों को फाड़ फाड़ कर जुब्बों से अलग कर दिया।
*वफ्दे बनी अश्अर* येह लोग यमन के बाशिन्दे और "क़बीलए अश्अर" के मुअज्ज़ज़ और नामवर हज़रात थे। जब येह लोग मदीने में दाखिल होने लगे तो जोशे महब्बत और फ़र्ते अकीदत से रज्ज़ का येह शे'र आवाज़ मिला कर पढ़ते हुए शहर में दाखिल हुए की
*कल हम लोग अपने महबूबो से यानी हज़रत मुहम्मद ﷺ और आप के सहाबा से मुलाकात करेंगे।*
हज़रते अबू हुरैरा का बयान है कि मैं ने रसूले खुदा ﷺ को येह इर्शाद फ़रमाते हुए सुना कि यमन वाले आ गए। ये लोग बहुत ही नर्म दिल हैं ईमान तो यमनियों का ईमान है और हिक्मत भी यमनियों में है। बकरी पालने वालों में सुकून व वकार है और ऊंट पालने वालों में फख्र और घमन्ड है। चुनान्चे इस इर्शादे नबवी की बरकत से अहले यमन ईल्म व सफ़ाइये कल्ब और हिक्मत व मारिफ्ते इलाही की दौलतों से हमेशा मालामाल रहे। खास कर हज़रते अबू मूसा अशअरी कि येह निहायत ही खुश आवाज़ थे और कुरआन शरीफ़ ऐसी खुश इल्हानी के साथ पढ़ते थे कि सहाबए किराम में इन का कोई हम मिषल न था। इल्मे अक़ाइद में अहले सुन्नत के इमाम शेख अबुल हसन अशअरी इन्ही हज़रते अबू मूसा अशअरी की औलाद में से है।
*वफ्दे बनी असद* की तफ्सील अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह- 506 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
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*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 322* ༺❘
*❝ वफ्दे कन्दा ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ येह लोग यमन के अतराफ़ में रहते थे। इस क़बीले के सत्तर या अस्सी सुवार बड़े ठाठ बाट के साथ मदीने आए। खूब बालों में कंघी किये हुए और रेशमी गोंट के जुब्बे पहने हुए, हथियारों से सजे हुए मदीने की आबादी में दाखिल हुए। जब येह लोग दरबारे रिसालत में बारयाब हुए तो आप ﷺ ने उन लोगों से दरयाफ्त फ़रमाया कि क्या तुम लोगों ने इस्लाम क़बूल कर लिया है ? सब ने अर्ज़ किया कि "जी हां" आप ने फ़रमाया कि फिर तुम लोगों ने येह रेशमी लिबास क्यूं पहन रखा है ? येह सुनते ही उन लोगों ने अपने जुब्बों को बदन से उतार दिया और रेशमी गोंटों को फाड़ फाड़ कर जुब्बों से अलग कर दिया।
*वफ्दे बनी अश्अर* येह लोग यमन के बाशिन्दे और "क़बीलए अश्अर" के मुअज्ज़ज़ और नामवर हज़रात थे। जब येह लोग मदीने में दाखिल होने लगे तो जोशे महब्बत और फ़र्ते अकीदत से रज्ज़ का येह शे'र आवाज़ मिला कर पढ़ते हुए शहर में दाखिल हुए की
*कल हम लोग अपने महबूबो से यानी हज़रत मुहम्मद ﷺ और आप के सहाबा से मुलाकात करेंगे।*
हज़रते अबू हुरैरा का बयान है कि मैं ने रसूले खुदा ﷺ को येह इर्शाद फ़रमाते हुए सुना कि यमन वाले आ गए। ये लोग बहुत ही नर्म दिल हैं ईमान तो यमनियों का ईमान है और हिक्मत भी यमनियों में है। बकरी पालने वालों में सुकून व वकार है और ऊंट पालने वालों में फख्र और घमन्ड है। चुनान्चे इस इर्शादे नबवी की बरकत से अहले यमन ईल्म व सफ़ाइये कल्ब और हिक्मत व मारिफ्ते इलाही की दौलतों से हमेशा मालामाल रहे। खास कर हज़रते अबू मूसा अशअरी कि येह निहायत ही खुश आवाज़ थे और कुरआन शरीफ़ ऐसी खुश इल्हानी के साथ पढ़ते थे कि सहाबए किराम में इन का कोई हम मिषल न था। इल्मे अक़ाइद में अहले सुन्नत के इमाम शेख अबुल हसन अशअरी इन्ही हज़रते अबू मूसा अशअरी की औलाद में से है।
*वफ्दे बनी असद* की तफ्सील अगली पोस्ट में..أن شاء الله
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*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
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*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
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*🌹 👑 सुल्तान ए हिन्द ग्रुर्प 👑 🌹*
☟ की जानिब से पेश के नजर ☟
पोस्ट ► 🕋 ﷽ 🕋 6️⃣9️⃣1️⃣
*• इस्लाम पर किए गए एतराज के जवाब •*
l|l•••••• l|l•••••• l|l•••••• l|l•••••• l|l•••••• l|l
❐ सवाल ❐ ➻ इस की क्या वजह है कि नबी पर सारे ईमान ना लाए? बाज़ अंबिया ए किराम के दो चार ही उम्मति हुवे? हर नबी के मुक़ाबले में कुफ्फार ज़रूरी है!
❐ जवाब ❐ ➻ इस में नबी की ताक़त दिखाना मक़्सूद है, अगर पहलवान का मुक़ाबिल ही कोई न हो तो उसकी ताक़त का पता कैसे चलेगा, ज़ुल्मत से नूर, जहालत से इल्म, कुफ्र से ईमान, बात़िल से हक़, मुखालिफीन से नुबूवत की शान नज़र आती है, आज हुज़ूर ﷺ का चर्चा ज़्यादा इस वजह से भी है कि आप के मुख़ालिफ़ और आपका ज़िक्र रोकने वाले, शाने नुबूवत घटाने वाले बहुत है, किसी पैग़म्बर पर तमाम लोग ईमान न लाए, हर नबी के बाज़ मुन्किर ज़रूर रहे, आज भी किसी आ़लिम या शैखे तरीक़त को सब नहीं मान सकते, दुनिया में मुखालिफीन का होना भी ज़रूरी है, इस से बेदारी रहती है, आमाल में निखार होता है, गफ़लतें दूर होती है!
जिस आलिम या शैख़ को सब लोग माने और उसका कोई मुख़ालिफ़ न हो तो समझो ऐसा आदमी मुनाफिक़ है, जैसा कि एक रिवायत में आया है कि सहाबए किराम ने एक आदमी की बहुत तारीफ की और कहा या रसूलल्लाह ﷺ फलां शख्स इतना अच्छा है कि आज तक उसका कोई मुख़ालिफ़ नहीं, हुज़ूर ने फ़रमाया ऐसा शख्स जहन्नमी है, अगर वो हक़ बात कहता तो ज़रूर लोग उसकी मुख़ालिफत करते, उस ने सच्चाई को छुपाया होगा, लोगों के हां में हां मिलाया होगा, इसलिए इसका कोई मुख़ालिफ़ नहीं, ये हदीस हम सब के लिए बाइसे इबरत है, नबियों, वलियों, सवालेहीन और उलमाए हक़ के मुख़ालिफ़ और दुशमन हमेशा रहे हैं, जिस आ़लिम का कोई बे दीन मुख़ालिफ़ और दुशमन न हो वो आ़लिम खुद बे दीन और मुनाफ़िक़ है, के अपने मुनाफिक़ और पिलपिले पन से तमाम बे जीनों को राज़ी रखने की कोशिश करता है, ऐ लोगों सिर्फ और सिर्फ अल्लाह से डरो और हक़ बात कहो ख्वाह उस से तुम्हारे अ़ज़ीज़ व अक़ारिब रिश्तेदार को तक़लीफ़ ही क्यों न हो.!
*⊆ ↬ बा - हवाला ↫ ⊇*
📬 किताब :- हम से पूछिए सफ़ा 138📗
✆ https://wa.me/917566980838 ☏
*🤲🏻 अपनी नेक दुआओं में याद रखें..✍🏻*
❏ ❐ ❑ ❒ ❏ ❐ ❏ ❐ ❑ ❒ ❏ ❐ ❑ ❒
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❐ सवाल ❐ ➻ इस की क्या वजह है कि नबी पर सारे ईमान ना लाए? बाज़ अंबिया ए किराम के दो चार ही उम्मति हुवे? हर नबी के मुक़ाबले में कुफ्फार ज़रूरी है!
❐ जवाब ❐ ➻ इस में नबी की ताक़त दिखाना मक़्सूद है, अगर पहलवान का मुक़ाबिल ही कोई न हो तो उसकी ताक़त का पता कैसे चलेगा, ज़ुल्मत से नूर, जहालत से इल्म, कुफ्र से ईमान, बात़िल से हक़, मुखालिफीन से नुबूवत की शान नज़र आती है, आज हुज़ूर ﷺ का चर्चा ज़्यादा इस वजह से भी है कि आप के मुख़ालिफ़ और आपका ज़िक्र रोकने वाले, शाने नुबूवत घटाने वाले बहुत है, किसी पैग़म्बर पर तमाम लोग ईमान न लाए, हर नबी के बाज़ मुन्किर ज़रूर रहे, आज भी किसी आ़लिम या शैखे तरीक़त को सब नहीं मान सकते, दुनिया में मुखालिफीन का होना भी ज़रूरी है, इस से बेदारी रहती है, आमाल में निखार होता है, गफ़लतें दूर होती है!
जिस आलिम या शैख़ को सब लोग माने और उसका कोई मुख़ालिफ़ न हो तो समझो ऐसा आदमी मुनाफिक़ है, जैसा कि एक रिवायत में आया है कि सहाबए किराम ने एक आदमी की बहुत तारीफ की और कहा या रसूलल्लाह ﷺ फलां शख्स इतना अच्छा है कि आज तक उसका कोई मुख़ालिफ़ नहीं, हुज़ूर ने फ़रमाया ऐसा शख्स जहन्नमी है, अगर वो हक़ बात कहता तो ज़रूर लोग उसकी मुख़ालिफत करते, उस ने सच्चाई को छुपाया होगा, लोगों के हां में हां मिलाया होगा, इसलिए इसका कोई मुख़ालिफ़ नहीं, ये हदीस हम सब के लिए बाइसे इबरत है, नबियों, वलियों, सवालेहीन और उलमाए हक़ के मुख़ालिफ़ और दुशमन हमेशा रहे हैं, जिस आ़लिम का कोई बे दीन मुख़ालिफ़ और दुशमन न हो वो आ़लिम खुद बे दीन और मुनाफ़िक़ है, के अपने मुनाफिक़ और पिलपिले पन से तमाम बे जीनों को राज़ी रखने की कोशिश करता है, ऐ लोगों सिर्फ और सिर्फ अल्लाह से डरो और हक़ बात कहो ख्वाह उस से तुम्हारे अ़ज़ीज़ व अक़ारिब रिश्तेदार को तक़लीफ़ ही क्यों न हो.!
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🌹✍🏻 Aaj ka Paigam ✍🏻🌹
*🌹Aao Quraan e Paak ke Noor se Apne DiL ko Roshan karen..✨♥*
Topic : • *"Dars - 699 / SuraH Tauba" 👌🏻🌹*
By : • 🎙️ Mufti Asif AbdullaH Qadri SaHaB
👨💻 Is paigam ko kHud Bhi Sune Or Apne Family's And Friend's ko Share karke Apne Liye Sadka e Jaariya Bnaye.
📡 https://t.me/Pyara_islam_786
*⚘ ᴛᴀʟɪʙ ᴇ ᴅᴜ'ᴀᴀ 🤲🏻 ᴀᴅᴍɪɴ ᴛᴇᴀᴍ ⚘*
🌹⌨⚪⌨ 🔮 ⌨⚪⌨🌹
*🌹Aao Quraan e Paak ke Noor se Apne DiL ko Roshan karen..✨♥*
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By : • 🎙️ Mufti Asif AbdullaH Qadri SaHaB
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🌹✍🏻اَلصَّلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
❘༻ *मुह़ासबा ए दींन* ༺❘
*आज की तफसील मालूमात नंबर ✧ 9️⃣6️⃣*
*हम आपसे यह बहुत उम्मीद रखते है कि तफसील को मुकम्मल पढ़ेंगे और ज़रूरत पर हमसे किताब (Reference) भी मांग सकते हैं!*
*सवाल :-* दूसरे के घर का आया हुआ बर्तन अपने घर में इस्तेमाल करना कैसा ?
*जवाब : -* आजकल देखा जाता है कि बहुत सी औरतें दूसरे के बर्तनों को जिन में कोई चीज़ बतौरे तोहफा हदिया आई और उस वक़्त किसी वजह से वापस न किए गए बिला तकल्लुफ (हिचकिचाहट, झिझक) अपने घर में इस्तेमाल कर लेती है, हालांकि उनको अपने इस्तेमाल में लाना जाइज़ नहीं यह उसके पास अमानत के तौर पर है¹
*दर्से हिदाया : -* उमूमन काफी घरों में ऐसा होता है कि लोग पड़ोसी के यहाँ से जिस बर्तन में सब्ज़ी आती है तो उसे फौरन खाली कर के वापस नहीं देते हैं, और यह सोचते हैं कि जब हमारे यहाँ कोई अच्छी चीज़ बनेगी तो इसी बर्तन में डाल कर वापस कर देंगे, और उस बर्तन को खुद ही घर में इस्तेमाल करते रहते हैं, ऐसा फेल शरीअत में दुरुस्त नहीं, आपके लिए बेहतर है कि तुरन्त वापस कर दिया करें अगरचे खाली या कुछ अपनी तरफ से देकर, क्योंकि कई दफा पड़ोसी भी बर्तन मांगने में शर्म महसूस करते हैं और इसी इंतेज़ार में रहते हैं कि कब ये हमारा बर्तन वापस करेंगे, इसलिए फौरन दे देने में ही भलाई है, वरना जाने अनजाने में हम खुद ही वह बर्तन इस्तेमाल करने लगते हैं और यह जाइज़ नहीं है, और कहीं वो बर्तन हमसे खो न जाए, तो और लोचा हो सकता है! *वल्लाहु आलम*
¹📚 सुन्नी बहिश्ती ज़ेवर सफा 503
ज़ारी रहेगा..! *✍🏻 मुहासबा ए दींन•* اِنْ شَآءَ اللہ
•------------------------------------------------------------•
🔮 𝑆𝑢𝑙𝑡𝑎𝑛 𝑒 𝐻𝑖𝑛𝑑 𝑔𝑟𝑜𝑢𝑝 ☏ 𝟩𝟧𝟨𝟨𝟫𝟪𝟢𝟪𝟥𝟪
❘༻ *मुह़ासबा ए दींन* ༺❘
*आज की तफसील मालूमात नंबर ✧ 9️⃣6️⃣*
*हम आपसे यह बहुत उम्मीद रखते है कि तफसील को मुकम्मल पढ़ेंगे और ज़रूरत पर हमसे किताब (Reference) भी मांग सकते हैं!*
*सवाल :-* दूसरे के घर का आया हुआ बर्तन अपने घर में इस्तेमाल करना कैसा ?
*जवाब : -* आजकल देखा जाता है कि बहुत सी औरतें दूसरे के बर्तनों को जिन में कोई चीज़ बतौरे तोहफा हदिया आई और उस वक़्त किसी वजह से वापस न किए गए बिला तकल्लुफ (हिचकिचाहट, झिझक) अपने घर में इस्तेमाल कर लेती है, हालांकि उनको अपने इस्तेमाल में लाना जाइज़ नहीं यह उसके पास अमानत के तौर पर है¹
*दर्से हिदाया : -* उमूमन काफी घरों में ऐसा होता है कि लोग पड़ोसी के यहाँ से जिस बर्तन में सब्ज़ी आती है तो उसे फौरन खाली कर के वापस नहीं देते हैं, और यह सोचते हैं कि जब हमारे यहाँ कोई अच्छी चीज़ बनेगी तो इसी बर्तन में डाल कर वापस कर देंगे, और उस बर्तन को खुद ही घर में इस्तेमाल करते रहते हैं, ऐसा फेल शरीअत में दुरुस्त नहीं, आपके लिए बेहतर है कि तुरन्त वापस कर दिया करें अगरचे खाली या कुछ अपनी तरफ से देकर, क्योंकि कई दफा पड़ोसी भी बर्तन मांगने में शर्म महसूस करते हैं और इसी इंतेज़ार में रहते हैं कि कब ये हमारा बर्तन वापस करेंगे, इसलिए फौरन दे देने में ही भलाई है, वरना जाने अनजाने में हम खुद ही वह बर्तन इस्तेमाल करने लगते हैं और यह जाइज़ नहीं है, और कहीं वो बर्तन हमसे खो न जाए, तो और लोचा हो सकता है! *वल्लाहु आलम*
¹📚 सुन्नी बहिश्ती ज़ेवर सफा 503
ज़ारी रहेगा..! *✍🏻 मुहासबा ए दींन•* اِنْ شَآءَ اللہ
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🔮 𝑆𝑢𝑙𝑡𝑎𝑛 𝑒 𝐻𝑖𝑛𝑑 𝑔𝑟𝑜𝑢𝑝 ☏ 𝟩𝟧𝟨𝟨𝟫𝟪𝟢𝟪𝟥𝟪
🗒️ *तारीख़* 17/08/2023 *दिन* जुमेरात
▭▬▬ ▬ ▬▬▬▬▬▬▬ ▬ ▬▬▭
*⚘📖 इल्म नूर है ग्रुप 📖⚘*
▭▬▬ ▬ ▬▬▬▬▬▬▬ ▬ ▬▬▭
🕋 ﷽ 🕋
❥═❥ ❥ ≼ ज़ेहनी आज़माइश ≽ ❥ ❥═❥
❏┅╮ आज का सवाल ╭┅❏
🔒⏱ रोज़े महशर हिसाब में आसानी दिलाने वाली तीन चीज़ों में से एक चीज़ इनमें से कौन सी है..!?
🕳 आपके ऑप्शन्स 🕳
👑 Ⓐ ➪ फ़राईज़ की अदाएगी पर सब्र करना.!
👑 Ⓑ ➪ जो तुम से रिश्ता तोड़े तुम उस से रिश्ता जोडों.!
👑 Ⓒ ➪ मुसीबत पर पहले सदमे के वक़्त सब्र करना.!
👑 Ⓓ ➪ अल्लाह अज़्ज़वजल की तरफ से हराम करदा चीज़ो पर सब्र करना.!
📝 Ⓔ ➪ *मुझे नहीं मालूम इंशाअल्लाह तआला इल्म हासिल करेंगें!*
इल्म ए दींन सीखना फ़र्ज़ हैं बगैर इल्म के कोई गुनाह हो जाये तो बन्दे का इल्म ए दींन ना सीखना उसके लिए गुनाह का सबब हैं औऱ उसके नाम ए अमाल में दुगुना गुनाह लिखा जाता है इस लिए मुनासिब है की अमल से पहले इल्म ए दींन सीखें जिससे अपनी इबादतों के साथ साथ ज़िन्दगी भी कामयाब हो اِنْ شَـــــــــآءَاللّٰـــــــــہُ
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*दींनी तालीम ख़्वातीन ए इस्लाम के लिए*
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*⚘🤲🏻 अपनी नेक दुआओं में याद रखें..✍🏻*
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*⚘📖 इल्म नूर है ग्रुप 📖⚘*
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🕋 ﷽ 🕋
❥═❥ ❥ ≼ ज़ेहनी आज़माइश ≽ ❥ ❥═❥
❏┅╮ आज का सवाल ╭┅❏
🔒⏱ रोज़े महशर हिसाब में आसानी दिलाने वाली तीन चीज़ों में से एक चीज़ इनमें से कौन सी है..!?
🕳 आपके ऑप्शन्स 🕳
👑 Ⓐ ➪ फ़राईज़ की अदाएगी पर सब्र करना.!
👑 Ⓑ ➪ जो तुम से रिश्ता तोड़े तुम उस से रिश्ता जोडों.!
👑 Ⓒ ➪ मुसीबत पर पहले सदमे के वक़्त सब्र करना.!
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📝 Ⓔ ➪ *मुझे नहीं मालूम इंशाअल्लाह तआला इल्म हासिल करेंगें!*
इल्म ए दींन सीखना फ़र्ज़ हैं बगैर इल्म के कोई गुनाह हो जाये तो बन्दे का इल्म ए दींन ना सीखना उसके लिए गुनाह का सबब हैं औऱ उसके नाम ए अमाल में दुगुना गुनाह लिखा जाता है इस लिए मुनासिब है की अमल से पहले इल्म ए दींन सीखें जिससे अपनी इबादतों के साथ साथ ज़िन्दगी भी कामयाब हो اِنْ شَـــــــــآءَاللّٰـــــــــہُ
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🗒️ *तारीख़* 17/08/2023 *दिन* जुमेरात
❥═❥ ❥⚘ ≼ *इल्म ए दीन* ≽ ⚘❥ ❥═❥
*🇮🇳 👑 सुल्तान // ए // हिन्द 👑 🇮🇳*
🕋💎🕋💎🕋💎🕋💎🕋💎🕋
🌹 *_ﺃﻋﻮﺫ ﺑﺎﻟﻠﻪ ﻣﻦ ﺍﻟﺸﻴﻄﺎﻥ ﺍﻟﺮﺟﻴﻢ_* 🌹
*_🌹بسم الله الرحمن الرحيم_*🌹
*_🌹الصــلوة والسلام عليك يارسول الله_*
*_صلی اللہ تعالی علیہ والہ وسلم_*🌹
🕋💎🕋💎🕋💎🕋💎🕋💎🕋
*☜◆█ 🔘 आज का जवाब 🔘█◆☞*
*🏐 🅱 🏐 जो तुम से रिश्ता तोड़े तुम उस से रिश्ता जोडों.!*
💻📃 तफसील 📃💻
🔰■☞ हुज़ूर सरकारे मदीना रहते क़ल्ब ओ सीना ﷺ ने इरशाद फ़रमाया की जिसमें ये तीन बातें होंगी अल्लाह عزوجل उस का हिसाब आसान तरीके से लेगा और उसे अपनी रहमत से जन्नत में दाखिल फ़रमायेगा।
1⃣ ⚘ जो तुम्हें मेहरूम करे उसे तुम अता करो।
2⃣ ⚘ जो तुम पर ज़ुल्म करे तुम उस को मुआफ करदो।
3⃣ ⚘ जो तुम से रिश्ता तोड़े तुम उस से रिश्ता जोडो।
⚘○ ➤ हज़रते सय्यिदना इमाम फ़क़ीह अबुल्लाइस رحمۃ اللہ تعالی علیہ फरमाते हैं की अगर किसी शख्स के रिश्तेदार क़रीब हों तो उस पर लाजिम है की तहा'फ व मुलाक़ात के ज़रिये उन के साथ सिला रहमी करे, अगर माली तौर पर सिला रहमी पर क़ादिर न हो तो उन से मिला करें और ज़रूरतें उन के कामो में हाथ बटाये और अगर दूर हो तो उन से खत व किताबत करे और सफर कर के उन के पास जाने की ताक़त रखता हो तो खत लिखने से खुद जाना अफ़्ज़ल है।...✍🏻
*❍↬ हवाला ↫❍*
*📬 दिलचस्प मलूमात जिल्द 2 सफ़ह 217 📚*
❦❦❦❦❦ तालिब - ए - दुआ ❦❦❦❦❦
*🌍 एडमिन टीम 🌍*
℡✆+91 7566980838 ☏
●•─┅━━━━━━━━━┅┄•●
★ दुआ ★
اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنْ عَذَابِ الْقَبْرِ، وَمِنْ عَذَابِ جَهَنَّمَ ، وَمِنْ فِتْنَةِ الْمَحْيَا وَالْمَمَاتِ، وَمِنْ فِتْنَةِ الْمَسِيحِ الدَّجَّالِ
*⚘तर्जुमा⚘* ❁☞ या अल्लाह मैं तेरी पनाह मांगता हूं क़ब्र के अज़ाब से जहन्नुम के अज़ाब से मौत और ज़िन्दगी के हयात से और मसीह दज्जाल के फ़ितनों से,
*📬 सुनन इब्न माजा जिल्द 1, 909 - सहीह*
⚘🤲 हम यहां जो कुछ भी सीख रहे हैं अल्लाह तआला सबसे पहले मुझे और तमाम तालिब ए इल्म को उस पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए
⚘💦 آمیــــن یارب العـالمیـــن 💦⚘
📃 ❈➧ सवाल जवाब का ये दिलचस्प सिलसिला आगे भी कंटीन्यू जारी रहेगा। इंशाअल्लाह फिर पेश ए खिदमत होंगे एक और सवाल के साथ तब तक आप आज के जवाब पर अमल करें औऱ इस पैगाम को , ज्यादा से ज्यादा आम ( शेयर ) करे..✍
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1⃣ ⚘ जो तुम्हें मेहरूम करे उसे तुम अता करो।
2⃣ ⚘ जो तुम पर ज़ुल्म करे तुम उस को मुआफ करदो।
3⃣ ⚘ जो तुम से रिश्ता तोड़े तुम उस से रिश्ता जोडो।
⚘○ ➤ हज़रते सय्यिदना इमाम फ़क़ीह अबुल्लाइस رحمۃ اللہ تعالی علیہ फरमाते हैं की अगर किसी शख्स के रिश्तेदार क़रीब हों तो उस पर लाजिम है की तहा'फ व मुलाक़ात के ज़रिये उन के साथ सिला रहमी करे, अगर माली तौर पर सिला रहमी पर क़ादिर न हो तो उन से मिला करें और ज़रूरतें उन के कामो में हाथ बटाये और अगर दूर हो तो उन से खत व किताबत करे और सफर कर के उन के पास जाने की ताक़त रखता हो तो खत लिखने से खुद जाना अफ़्ज़ल है।...✍🏻
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✭ ★ ﺑِﺴْــــــــــــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ ★ ✭
*_🛌 मैं सो जाऊँ या मुस्तफा ﷺ कहते कहते.!_*
*_🌅 खुले आँख सल्ले अला कहते कहते!_*
⇩ ❏ सोते वक़्त पढ़ने की दुआ ❏ ⇩
*अल्लाहुम्मा बिअस्मिका अमूतु व'आहया*
اللَّهُمَّ بِاسْمِكَ أَمُوتُ وَأَحْيَا ⇩ ✪ ترجمہ ✪ ⇩
*ऐ अल्लाह ﷻ मैं तेरे नाम के साथ ही मरता हूँ और जीता हूँ।* (या'नी सोता हूँ औऱ जागता हूँ )
*⇩ ❏ नसीहत कब और कैसे करें ❏ ⇩*
╭┈► *हज़रते सय्यिदुना उम्मे दरदा फरमाती हैं :* “जिस किसी ने अपने भाई को ए'लानिया नसीहत की उस ने ऐब लगाया और जिस ने चुपके से की तो उसे ज़ीनत बख़्शी।”
*( شعب الایمان: ج - 6, ص- 112، رقم 7641 )*
अलबत्ता अगर पोशीदा नसीह़त नफ्अ न दे तो फिर (मौक़अ़ और मन्सब की मुनासबत से) ए'लानिया नसीहत करे।
*(تنبیه العالمین : ص - 49)*
•────────────────────────•
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*अल्लाहुम्मा बिअस्मिका अमूतु व'आहया*
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*ऐ अल्लाह ﷻ मैं तेरे नाम के साथ ही मरता हूँ और जीता हूँ।* (या'नी सोता हूँ औऱ जागता हूँ )
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*( شعب الایمان: ج - 6, ص- 112، رقم 7641 )*
अलबत्ता अगर पोशीदा नसीह़त नफ्अ न दे तो फिर (मौक़अ़ और मन्सब की मुनासबत से) ए'लानिया नसीहत करे।
*(تنبیه العالمین : ص - 49)*
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🌹✊🏻 یـــــــــــــــــــــــــــا رسول الــــلّٰــــه ﷺ
नज़र हो जिस पे तेरी उसका पूछना ही क्या
तेरी नज़र है नबी ﷺ की नजर ग़रीब नवाज़
*आओ बा - ज़मात नमाज़ ए फजर अदा करे*
📢 *अस्सलातो खैरूम मीनन नोम*
बेशक नमाज़ नींद से बेहतर है।
*▣ फ्राइडे 18/08/2023 ▣*
▬ ▭▭▭ ▭▭▭ ★ ▭▭▭ ▭▭▭ ▬
*▣ जुमुआ 30/01/1445 ▣*
▬ ▭▭▭ ▭▭▭ ★ ▭▭▭ ▭▭▭ ▬
*🇸🇦 🌙 माहे मुहर्रम-उल-हराम 🌙 🇸🇦*
🌅 सुबह बेदार होते वक्त की दुआ ⁀➷
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِي أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا وَإِلَيْهِ النُّشُورُ
*࿅ तर्जुमा ࿅* ➫ अल्लाह के लिए ही तमाम तारीफें हैं जिसने हमें जिंदा किया इसके बाद इसी ने मौत तारी ( दे दी ) कर दी थी और उसी की तरफ लौटना है।
⚠नॉट ❁☞ *बन्दा जिस दिन नमाज नहीं पड़ता वह दिन उसके लिए मनहूस हो जाता है!*
╭•∽–∽–∽–∽–∽ ∽–∽•╮
┆ *आज का पैग़ाम*
╰•∽–∽–∽–∽–∽–∽•╮
•••➲ सरकार आला हज़रत इमामे अहले सुन्नत फाज़ले बरेलवी फरमाते हैं : वक़्ते फातिहा खाना सामने रखने की मुमानिअत नहीं मगर इसे ज़रूरी जानना या ये समझना के बगैर इस के फातिहा नहीं हो सकती या सवाब कम मिलेगा गलत व बातिल ख्याल है.!
📕 फतावा रज़विया शरीफ, सफह 598
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*🌹💚 Dikha De ya illahi woh madina kaisi Basti Hain.😍*
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*࿅ ᴛᴀʟɪʙ ᴇ ᴅᴜ'ᴀᴀ 🤲🏻 ᴀᴅᴍɪɴ ᴛᴇᴀᴍ ࿅*
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*💚 Madine ki galiyan..🥹🥹*
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*⚘JumuaH MuBaRak Special Status⚘*
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