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अभ्यर्थियों की मांग के अनुरूप में आज का आलेख लिख रहा हूँ। आलेख लिखने से पूर्व अभ्यर्थियों को कुछ बाते बताना चाहूंगा जिनको ज़हन में रखकर अभ्यर्थी अपनी तैयारी प्रारम्भ करें -
सर्वप्रथम अपने आपको मानसिक रूपसे तैयार कर ले की आप RAS की तैयारी कर रहे हैं या प्रारम्भ करने जा रहे हैं।उसके बाद प्रारम्भिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम प्रिंट करवाकरस्टडी टेबल पर चस्पा कर दे या उसकी एक अलग फ़ाइल बना दे तथा उस पाठ्यक्रम को प्रति दिन अच्छे से देखें, इससे न केवल आंतरिक जोश बना रहेगा बल्कि टॉपिक चयन में भी मदद मिलेगी साथ ही साथ हमेशा मानसिक रूप से भी प्रेरित होंगे।पाठ्यक्रम के बाद उस हेतु गुणवत्ता युक्त तथा उपयोगी सामग्री खरीद के लाए, ध्यान रहे यहाँ गुणवत्तापूर्ण युक्त समग्र की बात कर रहा हूँ न कि अधिक सामग्री की। गुणवत्ता से तात्पर्य किसी कोचिंग के नोट्स से नहीं है, इसका तात्पर्य सन्दर्भ पुस्तक से है। सनद रहे किसी भी कोचिंग के नोट्स आपको मदद नहीं करेंगे यह अलग बिंदु है कि अगर आपने स्वयं ने क्लासेज अटेंड की हो और स्वयं के हैंड नोट्स हैं तो फ़ायदेमंद हो सकते हैं। अतः मेरी सलाह यह है कि किसी के भी नोट्स मत पढ़ो क्योंकि वो कभी पूर्ण नहीं होते, जिस अभ्यर्थी ने वो नोट्स बनाये हैं वो उसके ख़ुद के लिए बनाए थे ना कि आपके लिए।सामग्री लाने के बाद आप मासिक टाइम टेबल बनाये। कभी भी अपने आप को घण्टो में न बांधे। जैसे आपने टाइमटेबल बना दिया कि 7 बजे उठना फिर 3 घण्टे अर्थशास्त्र फिर 2 घण्टे ये विषय वो विषय, ऐसे टाइम टेबल कभी नहीं बनाने चाहिए क्योंकि अगर एक जगह भी टाइम टेबल मिस कर गए तो पूरा दिन खराब हो जाएगा। अतःमासिक समयसारिणी बनाये तथा साप्ताहिक कार्यक्रम पर अपनी तैयारी को निर्धारित करें। जैसे प्रथम सप्ताह यह पढ़ना, द्वितीय सप्ताह यह... इसका फायदा यह है कि अगर एक दिन कहीं इधर उधर हो भी जाओ तो दूसरे दिन भरपाई कर सकते हो।समय सारणी निर्माण के बाद आगामी 5 महीने के लिए अपने आपको तैयारी में समर्पित कर दें, क्योंकि बिना समर्पण के कभी आप गति और नियमितता में नहीं आ पाओगे न ही पाठ्यक्रम पूर्ण हो पाएगा, गति और नियमितता के अभाव में आप आंतरिक रूप से टूट जाओगे आपकी आगामी तैयारी बुरी तरह से प्रभावित होगी और हौसला और मनोबल गिर जाएगा। अतः 5 घण्टे ही सही मगर नियमितता बहुत जरूरी है, और नियमितता के लिए समर्पण जरूरी है।अपनी तैयारी के दौरान केवल ऐसे लोगों से सम्पर्क रखे जो आपसे ज्यादा बुद्धिजीवी हो जिससे आपको कुछ सीखने को मिले। सोशल मीडिया से जहां तक सम्भव हो दूरी बनाए रखें लेकिन बदलते परिदृश्य में यह दूरी सम्भव नहीं है ऐसे में दिन में दो या तीन बार ही अपना फ़ोन चेक करें। फ़ेसबुक में केवल ऐसे मित्रों को ही फॉलो करें जो ज्ञानवर्धन लिखते हो बाकी सभी को अनफॉलो करना चाहिए। साथ ही साथ सरकारी विभाग, मंत्रालय, संगठन तथा समाचार पत्रों के पेज को फॉलो करना चाहिए।अगर सम्भव हो तो ग्रुप डिस्कशन अवश्य करे। इससे नवीन विचारों का उद्भव होता है जो कि मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के लिए जरूरी होगा।जिस दिन तैयारी प्रारंभ करो उसी दिन से समसामयिकी का अध्ययन प्रारंभ कर दो, बहुत अच्छा रहेगा कि आप एक अलग रजिस्टर रखो जिसमें अखबार से प्रतिदिन कम से कम एक न्यूज आप सारगर्भित तरीके से लिख सको।अखबार के अलावा कोई एक मासिक पत्रिका का गहन अध्ययन नियमित रूप से जरूरी है। हिंदी माध्यम वालों के लिए दृष्टि पत्रिका बेस्ट विकल्प है।
अब आता हूँ इस प्रश्न के उत्तर पर कि तैयारी कैसे करनी है ?
अधोलिखित बातों को ज़हन में बिठाने के बाद अब आप अपने आपको तैयारी में झोंक दे, इस हेतु मासिक समयसारणी तय करें। मैं आपको प्रथम 5 महीने का कार्यक्रम बताना चाहूंगा जिसका अनुसरण आप कर सकते हैं।
प्रथम माह :
आप नियमित रूप से 8-10 घण्टेअध्ययन करें। इस दौरानसमसामयिकी (2-3 घण्टे) तथाराजव्यवस्था का अध्ययन करें। राजव्यवस्था के यह टॉपिक आपकोमुख्य परीक्षा (75 अंक) एवं प्रारंभिक परीक्षा (50 अंक) में समान रूप से मदद करेंगे।राजव्यवस्था के नोट्स बनाने का प्रयास कभी नहीं करना चहिये, क्योंकि जो दो पुस्तके में बताने वाला हूँ वह अपने आप में ही महत्वपूर्ण हैं। राजनीति के लिए आप दो पुस्तकें पढ़ें -
1. भारतीय राजव्यवस्था - M लक्ष्मीकांत
2. राजस्थान राजव्यवस्था - जनक सिंह मीणा
द्वितीय माह :
इस माह में समसामयिक की साथ भूगोल को पढ़ लेना चाहिए। भूगोल का पाठ्यक्रम मुख्य परीक्षा के अनुरूप पढ़ना चाहिए। जिससे मुख्य परीक्षा (65 अंक) एवं प्रारम्भिक (40 अंक) दोनों परीक्षाओं में फायदा होगा। इस हेतु आप निम्न पुस्तकों के अध्ययन को वरीयता दें -
1. भौतिक भूगोल - साविन्द्र सिंह ( केवल वही टॉपिक जो पाठ्यक्रम में हैं, टॉपिक को 2-3 बार पढ़ लें और अगर सम्भव हो त
अभ्यर्थियों की मांग के अनुरूप में आज का आलेख लिख रहा हूँ। आलेख लिखने से पूर्व अभ्यर्थियों को कुछ बाते बताना चाहूंगा जिनको ज़हन में रखकर अभ्यर्थी अपनी तैयारी प्रारम्भ करें -
सर्वप्रथम अपने आपको मानसिक रूपसे तैयार कर ले की आप RAS की तैयारी कर रहे हैं या प्रारम्भ करने जा रहे हैं।उसके बाद प्रारम्भिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम प्रिंट करवाकरस्टडी टेबल पर चस्पा कर दे या उसकी एक अलग फ़ाइल बना दे तथा उस पाठ्यक्रम को प्रति दिन अच्छे से देखें, इससे न केवल आंतरिक जोश बना रहेगा बल्कि टॉपिक चयन में भी मदद मिलेगी साथ ही साथ हमेशा मानसिक रूप से भी प्रेरित होंगे।पाठ्यक्रम के बाद उस हेतु गुणवत्ता युक्त तथा उपयोगी सामग्री खरीद के लाए, ध्यान रहे यहाँ गुणवत्तापूर्ण युक्त समग्र की बात कर रहा हूँ न कि अधिक सामग्री की। गुणवत्ता से तात्पर्य किसी कोचिंग के नोट्स से नहीं है, इसका तात्पर्य सन्दर्भ पुस्तक से है। सनद रहे किसी भी कोचिंग के नोट्स आपको मदद नहीं करेंगे यह अलग बिंदु है कि अगर आपने स्वयं ने क्लासेज अटेंड की हो और स्वयं के हैंड नोट्स हैं तो फ़ायदेमंद हो सकते हैं। अतः मेरी सलाह यह है कि किसी के भी नोट्स मत पढ़ो क्योंकि वो कभी पूर्ण नहीं होते, जिस अभ्यर्थी ने वो नोट्स बनाये हैं वो उसके ख़ुद के लिए बनाए थे ना कि आपके लिए।सामग्री लाने के बाद आप मासिक टाइम टेबल बनाये। कभी भी अपने आप को घण्टो में न बांधे। जैसे आपने टाइमटेबल बना दिया कि 7 बजे उठना फिर 3 घण्टे अर्थशास्त्र फिर 2 घण्टे ये विषय वो विषय, ऐसे टाइम टेबल कभी नहीं बनाने चाहिए क्योंकि अगर एक जगह भी टाइम टेबल मिस कर गए तो पूरा दिन खराब हो जाएगा। अतःमासिक समयसारिणी बनाये तथा साप्ताहिक कार्यक्रम पर अपनी तैयारी को निर्धारित करें। जैसे प्रथम सप्ताह यह पढ़ना, द्वितीय सप्ताह यह... इसका फायदा यह है कि अगर एक दिन कहीं इधर उधर हो भी जाओ तो दूसरे दिन भरपाई कर सकते हो।समय सारणी निर्माण के बाद आगामी 5 महीने के लिए अपने आपको तैयारी में समर्पित कर दें, क्योंकि बिना समर्पण के कभी आप गति और नियमितता में नहीं आ पाओगे न ही पाठ्यक्रम पूर्ण हो पाएगा, गति और नियमितता के अभाव में आप आंतरिक रूप से टूट जाओगे आपकी आगामी तैयारी बुरी तरह से प्रभावित होगी और हौसला और मनोबल गिर जाएगा। अतः 5 घण्टे ही सही मगर नियमितता बहुत जरूरी है, और नियमितता के लिए समर्पण जरूरी है।अपनी तैयारी के दौरान केवल ऐसे लोगों से सम्पर्क रखे जो आपसे ज्यादा बुद्धिजीवी हो जिससे आपको कुछ सीखने को मिले। सोशल मीडिया से जहां तक सम्भव हो दूरी बनाए रखें लेकिन बदलते परिदृश्य में यह दूरी सम्भव नहीं है ऐसे में दिन में दो या तीन बार ही अपना फ़ोन चेक करें। फ़ेसबुक में केवल ऐसे मित्रों को ही फॉलो करें जो ज्ञानवर्धन लिखते हो बाकी सभी को अनफॉलो करना चाहिए। साथ ही साथ सरकारी विभाग, मंत्रालय, संगठन तथा समाचार पत्रों के पेज को फॉलो करना चाहिए।अगर सम्भव हो तो ग्रुप डिस्कशन अवश्य करे। इससे नवीन विचारों का उद्भव होता है जो कि मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के लिए जरूरी होगा।जिस दिन तैयारी प्रारंभ करो उसी दिन से समसामयिकी का अध्ययन प्रारंभ कर दो, बहुत अच्छा रहेगा कि आप एक अलग रजिस्टर रखो जिसमें अखबार से प्रतिदिन कम से कम एक न्यूज आप सारगर्भित तरीके से लिख सको।अखबार के अलावा कोई एक मासिक पत्रिका का गहन अध्ययन नियमित रूप से जरूरी है। हिंदी माध्यम वालों के लिए दृष्टि पत्रिका बेस्ट विकल्प है।
अब आता हूँ इस प्रश्न के उत्तर पर कि तैयारी कैसे करनी है ?
अधोलिखित बातों को ज़हन में बिठाने के बाद अब आप अपने आपको तैयारी में झोंक दे, इस हेतु मासिक समयसारणी तय करें। मैं आपको प्रथम 5 महीने का कार्यक्रम बताना चाहूंगा जिसका अनुसरण आप कर सकते हैं।
प्रथम माह :
आप नियमित रूप से 8-10 घण्टेअध्ययन करें। इस दौरानसमसामयिकी (2-3 घण्टे) तथाराजव्यवस्था का अध्ययन करें। राजव्यवस्था के यह टॉपिक आपकोमुख्य परीक्षा (75 अंक) एवं प्रारंभिक परीक्षा (50 अंक) में समान रूप से मदद करेंगे।राजव्यवस्था के नोट्स बनाने का प्रयास कभी नहीं करना चहिये, क्योंकि जो दो पुस्तके में बताने वाला हूँ वह अपने आप में ही महत्वपूर्ण हैं। राजनीति के लिए आप दो पुस्तकें पढ़ें -
1. भारतीय राजव्यवस्था - M लक्ष्मीकांत
2. राजस्थान राजव्यवस्था - जनक सिंह मीणा
द्वितीय माह :
इस माह में समसामयिक की साथ भूगोल को पढ़ लेना चाहिए। भूगोल का पाठ्यक्रम मुख्य परीक्षा के अनुरूप पढ़ना चाहिए। जिससे मुख्य परीक्षा (65 अंक) एवं प्रारम्भिक (40 अंक) दोनों परीक्षाओं में फायदा होगा। इस हेतु आप निम्न पुस्तकों के अध्ययन को वरीयता दें -
1. भौतिक भूगोल - साविन्द्र सिंह ( केवल वही टॉपिक जो पाठ्यक्रम में हैं, टॉपिक को 2-3 बार पढ़ लें और अगर सम्भव हो त
ो नोट्स जरूर बना ले ताकि बार बार पुस्तक पढ़नी नहीं पड़ेगी)
2. भारत का भूगोल - बौद्धिक प्रकाशन
3. राजस्थान का भूगोल - हरि मोहन सेक्सेना
2. भारत का भूगोल - बौद्धिक प्रकाशन
3. राजस्थान का भूगोल - हरि मोहन सेक्सेना
https://youtu.be/YW4rOEXJLC0
खुशियों को कैसे बढ़ाएं आज कल के बढ़ते प्रतिस्पर्धा के तनावपूर्ण माहौल में (5 मिनट)👆
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Two line mantra for happiness by Brahma Kumari Sister Shivani
Life is better when you are happy, But Life is best when other People are happy because of you ! Be an inspiration, share your smile. ~ OM SHANTI
"पूरी संभावना है कि RAS pre 2016 का रिजल्ट वापिस निकाला जाएगा और दुबारा मैन्स होगा । इसलिए सभी अभ्यर्थी तैयारी में जुट जाएं । "
नीति आयोग ने ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट जारी की:
भारत को ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार करना है तो उसे बिजनेस की राह में आने वाली सरकारी अड़चनों का हटाना होगा। यह बात 28 अगस्त 2017 को नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और वाणिज्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह रिपोर्ट सार्वजनिक की। नीति आयोग के लिए आईडीएफसी इंस्टीट्यूट द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की 3500 मैन्युफैक्चरिंग फर्म पर सर्वे किया गया।
रिपोर्ट से जुड़े प्रमुख तथ्य:
रिपोर्ट में कहा गया है कि 19 फीसदी लेबर इन्टेंसिव फर्म्स में स्क्लिड वर्कर्स की ओर से काफी दिक्कतें आती हैं। 33 फीसदी ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट लेबर का हायर करने में परेशानी होती है। इसके अलावा लेबर इन्टेंसिव फर्म को इन्वायरमेंटल अप्रूवल्स में दिक्कत आती है।
इसके अनुसार देश में नया कारोबार शुरू करने में कम से कम 118 दिन लगते हैं। विश्व बैंक की सालाना ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रिपोर्ट में यह बताया जाता रहा है कि भारत में कारोबार शुरू करने में मात्र 26 दिन लगते हैं।
हालांकि विश्व बैंक यह रिपोर्ट सिर्फ दो शहरों- दिल्ली और मुंबई के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है जबकि नीति आयोग ने आइडीएफसी इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर यह सर्वे परे देश में किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकारों को ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को इंप्रूव करने के लिए अवेरनेस बढ़ानी हागी। सर्वे में पाया गया कि ज्यादातर एंटरप्रेन्योर्स को राज्यों में चल रहे सिंगल विंडो सिस्टम के बारे में नहीं बताया।
केवल 20 फीसदी स्टार्ट अप्स को पता था कि राज्यों में नए बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार की ओर से सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया है। यहां तक कि 41 फीसदी एक्सपटर्स ही इस बारे में पता था।
'ईज ऑफ डूइंग: एन एंटरप्राइजेज सर्वे ऑफ इंडियन स्टेट्स’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के ये नतीजे चौंकाने वाले हैं। इस सर्वे में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की 23 श्रेणियों को कवर किया गया है। यह पहला ऐसा सर्वे है जिसमें सरकार की ओर अब तक ईज ऑफ डूइंग के लिए हुए उपायों के जमीनी प्रभाव को दर्शाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे कम समय 63 दिन तमिलनाडु में लगते हैं जबकि आंध्र प्रदेश में इसमें 67 दिन का वक्त लगता है। दूसरी ओर केरल में व्यवसाय शुरू करने में 214 दिन तथा असम में 248 दिन लगते हैं। रिपोर्ट में हालांकि यह उल्लेख नहीं किया गया है कि अन्य राज्यों में बिजनेस शुरू करने में कितना वक्त लगता है।रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों को जमीन अधिग्रहण में औसतन 156 दिन लगते हैं। भूमि अधिग्रहण में सबसे कम समय हिमाचल प्रदेश में लगता है जहां यह काम 28 दिन में होता है जबकि पंजाब में 242 दिन और छत्तीसगढ़ में 213 दिन का समय लगता है। इसी तरह कंस्ट्रक्शन परमिट पाने में औसतन 112 दिन का समय लगता है। विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट-2017 में कहा गया था कि भारत में कंस्ट्रक्शन परमिट पाने में 190 दिन लगते हैं। इसमें भारत की रैंक 187 देशों में से 185वें नंबर पर थी।आयोग की इस रिपोर्ट में दलील दी है गयी है कि विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में कंस्ट्रक्शन परमिट के संबंध में वास्तविक स्थिति नहीं दिखायी गयी। कंस्ट्रक्शन परमिट मिलने के मामले में राज्यवार स्थिति का सवाल है तो मध्य प्रदेश में यह 41 दिनों में मिल जाता है जबकि असम में इसके लिए 270 दिन और केरल में 117 दिन इंतजार करना पड़ता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंस्ट्रक्शन परमिट और अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर भारत को अपनी विकास दर दहाई के अंक में ले जानी है तो व्यावसायिक माहौल सुधारना होगा रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया है कि भारत में बड़ी कंपनियों को जरूरी मंजूरी लेने में अधिक समय लगता है जबकि छोटी कंपनियों को कम समय लगता है। मसलन 100 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली कंपनियों को आवश्यक अनुमति लेने में अधिक समय लगता है जबकि 10 से कम लोगों को रोजगार देने वाली कंपनियों को कम। इसके अलावा कारोबार करने में नियामक रुकावटों की शिकायतें भी बड़ी कंपनियों की ओर से अधिक आती हैं।
भारत को ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार करना है तो उसे बिजनेस की राह में आने वाली सरकारी अड़चनों का हटाना होगा। यह बात 28 अगस्त 2017 को नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और वाणिज्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह रिपोर्ट सार्वजनिक की। नीति आयोग के लिए आईडीएफसी इंस्टीट्यूट द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की 3500 मैन्युफैक्चरिंग फर्म पर सर्वे किया गया।
रिपोर्ट से जुड़े प्रमुख तथ्य:
रिपोर्ट में कहा गया है कि 19 फीसदी लेबर इन्टेंसिव फर्म्स में स्क्लिड वर्कर्स की ओर से काफी दिक्कतें आती हैं। 33 फीसदी ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट लेबर का हायर करने में परेशानी होती है। इसके अलावा लेबर इन्टेंसिव फर्म को इन्वायरमेंटल अप्रूवल्स में दिक्कत आती है।
इसके अनुसार देश में नया कारोबार शुरू करने में कम से कम 118 दिन लगते हैं। विश्व बैंक की सालाना ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रिपोर्ट में यह बताया जाता रहा है कि भारत में कारोबार शुरू करने में मात्र 26 दिन लगते हैं।
हालांकि विश्व बैंक यह रिपोर्ट सिर्फ दो शहरों- दिल्ली और मुंबई के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है जबकि नीति आयोग ने आइडीएफसी इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर यह सर्वे परे देश में किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकारों को ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को इंप्रूव करने के लिए अवेरनेस बढ़ानी हागी। सर्वे में पाया गया कि ज्यादातर एंटरप्रेन्योर्स को राज्यों में चल रहे सिंगल विंडो सिस्टम के बारे में नहीं बताया।
केवल 20 फीसदी स्टार्ट अप्स को पता था कि राज्यों में नए बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार की ओर से सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया है। यहां तक कि 41 फीसदी एक्सपटर्स ही इस बारे में पता था।
'ईज ऑफ डूइंग: एन एंटरप्राइजेज सर्वे ऑफ इंडियन स्टेट्स’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के ये नतीजे चौंकाने वाले हैं। इस सर्वे में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की 23 श्रेणियों को कवर किया गया है। यह पहला ऐसा सर्वे है जिसमें सरकार की ओर अब तक ईज ऑफ डूइंग के लिए हुए उपायों के जमीनी प्रभाव को दर्शाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे कम समय 63 दिन तमिलनाडु में लगते हैं जबकि आंध्र प्रदेश में इसमें 67 दिन का वक्त लगता है। दूसरी ओर केरल में व्यवसाय शुरू करने में 214 दिन तथा असम में 248 दिन लगते हैं। रिपोर्ट में हालांकि यह उल्लेख नहीं किया गया है कि अन्य राज्यों में बिजनेस शुरू करने में कितना वक्त लगता है।रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों को जमीन अधिग्रहण में औसतन 156 दिन लगते हैं। भूमि अधिग्रहण में सबसे कम समय हिमाचल प्रदेश में लगता है जहां यह काम 28 दिन में होता है जबकि पंजाब में 242 दिन और छत्तीसगढ़ में 213 दिन का समय लगता है। इसी तरह कंस्ट्रक्शन परमिट पाने में औसतन 112 दिन का समय लगता है। विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट-2017 में कहा गया था कि भारत में कंस्ट्रक्शन परमिट पाने में 190 दिन लगते हैं। इसमें भारत की रैंक 187 देशों में से 185वें नंबर पर थी।आयोग की इस रिपोर्ट में दलील दी है गयी है कि विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में कंस्ट्रक्शन परमिट के संबंध में वास्तविक स्थिति नहीं दिखायी गयी। कंस्ट्रक्शन परमिट मिलने के मामले में राज्यवार स्थिति का सवाल है तो मध्य प्रदेश में यह 41 दिनों में मिल जाता है जबकि असम में इसके लिए 270 दिन और केरल में 117 दिन इंतजार करना पड़ता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंस्ट्रक्शन परमिट और अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर भारत को अपनी विकास दर दहाई के अंक में ले जानी है तो व्यावसायिक माहौल सुधारना होगा रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया है कि भारत में बड़ी कंपनियों को जरूरी मंजूरी लेने में अधिक समय लगता है जबकि छोटी कंपनियों को कम समय लगता है। मसलन 100 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली कंपनियों को आवश्यक अनुमति लेने में अधिक समय लगता है जबकि 10 से कम लोगों को रोजगार देने वाली कंपनियों को कम। इसके अलावा कारोबार करने में नियामक रुकावटों की शिकायतें भी बड़ी कंपनियों की ओर से अधिक आती हैं।
https://youtu.be/PSPF_ELJ0cY
मेमोरी पावर कैसे बढ़ाए ....हर RAS/IAS की तैयारी करने वाले के लिए फायदेमंद👆
मेमोरी पावर कैसे बढ़ाए ....हर RAS/IAS की तैयारी करने वाले के लिए फायदेमंद👆
YouTube
Memory Management - Swaminathan Bhai, Brahma Kumaris
RAS टिप्स ......
राजस्थान GK .....RAS एग्जाम के लिए बहुत important है इसलिए एक एक न्यूज अच्छे से तैयार करे ।
राजस्थान GK .....RAS एग्जाम के लिए बहुत important है इसलिए एक एक न्यूज अच्छे से तैयार करे ।
History 👇
लार्ड जॉन लॉरेंस (1864-69)
भूटान युद्ध (1865)
कलकत्ता, बम्बई में उच्च न्यायालयों और 1865 में मद्रास की स्थापना
अकाल आयोग का गठन
लार्ड मेयो (1869-1872)
भारत के सांख्यिकीय सर्वेक्षण की स्थापना
कृषि और वाणिज्य विभाग
1872 में भारत की प्रमुख जनगणना
1872 में अंडमान में हत्या कर दी गई
लॉर्ड लिटन (1876-1880)
रॉयल टाइटल अधिनियम 1876
महारानी विक्टोरिया द्वारा भारत की महारानी के खिताब की धारणा (दिल्ली दरबार)
वर्नाकुलर प्रेस एक्ट 1878
शस्त्र अधिनियम 1878
दूसरा अफगान युद्ध (1878-1880)
1878 में पहली बार अकाल आयोग की नियुक्ति.
ये भी पढें – GK Trick – भारत में युरोपीय कंपनियो के आगमन का क्रम
लार्ड रिपन (1880-1884)
पहले फैक्टरी अधिनियम
पहली नियमित जनगणना 1881 में
1882 में स्थानीय प्रशाशन
1882 में केंद्र की डिवीजन वित्त
शिक्षा पर हंटर आयोग
इल्बर्ट बिल विवाद
लार्ड रिपन को भारत के उद्धारक की संज्ञा दी जाती है
लार्ड डफरिन (1884-1888)
बर्मा युद्ध (1885-1886)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में
लार्ड लैंसडाउन (1888-1894)
1891 में दूसरा कारखाना अधिनियम
1892 के भारतीय परिषद अधिनियम
डूरंड आयोग की नियुक्ति और भारत (अब पाकिस्तान) और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा का निर्धारण
लॉर्ड कर्जन (1899-1905)
थॉमस रॉली आयोग
सिंचाई आयोग की स्थापना
पुलिस आयोग की स्थापना
विश्वविध्यालय अधिनियम
कल्कत्ता में विक्टोरिया हाल का निर्माण
भारतीय पुरातत्व बिभाग की स्थापना 1904
बिहार में पूसा में कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापना
1905 में बंगाल का विभाजन
GK Trick – लार्ड कर्जन द्वारा किए गए कार्य
लॉर्ड मिंटो द्वितीय (1905-1910)
एंटी विभाजन और स्वदेशी आंदोलनों का उद्भव
सूरत सत्र और कांग्रेस में विभाजन 1907
मिंटो मॉर्ले सुधारों 1990
1906 में ढाका के आगा खान नवाब द्वारा मुस्लिम लीग की स्थापना
लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916)
बंगाल की विभाजन का रद्द किया गया 1911
कलकत्त्ता से दिल्ली राजधानी स्थानांतरण
लार्ड चेल्म फ़ोर्ड (1916 -21)
गांधीजी की वापसी
होमरूल लीग
लखनऊ सत्र और 1916 में कांग्रेस का पुनर्मिलन
1916 में पूना में महिला विश्वविध्ध्यालय की स्थापना
1917 में शिक्षा पर सैंडलर आयोग का गठन
1919 में रौलेक्ट एक्ट
जलिांया वाला बाग नरसंहार (13 अप्रैल 1919)
खिलाफत आंदोलन (1919-1920).
GK Trick – महात्मा गाँधी द्वारा संचालित आंदोलन
लार्ड रीडिंग (1921-1926)
चौरी-चौरा की घटना (5 Feb. 1922)
1922 में सी. आर. दास व मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी का गठन
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के.बी.हेडगवार द्वारा की स्थापना (1925)
रोलेट एक्ट का निरसन
भारत और इंग्लैंड में एक साथ परीक्षाओं का आयोजन
लॉर्ड इरविन (1926-1931)
साइमन कमीशन और उसके बायकाट
हरकोर्ट बटलर भारतीय राज्यों आयोग (1927)
नेहरू रिपोर्ट और मुस्लिम लीग हिंदू महासभा आदि द्वारा अपनी अस्वीकृति
दीपावली घोषणा
लाहौर सत्र (1929)
पूर्ण स्वराज की घोषणा
सविनय अवज्ञा आंदोलन और दांडी मार्च का शुभारंभ
पहले गोलमेज कांग्रेस
गांधी इरविन पैक्ट
लार्ड वेलिंगटन (1931-1936)
दूसरे और तीसरे गोलमेज सम्मेलन
सांप्रदायिक पंचाट (1932) की घोषणा
गांधी और अम्बेडकर के बीच पूना पैक्ट (1932)
सरकार भारत अधिनियम 1935
लॉर्ड लिनलिथगो (1936-1943)
कांग्रेस मंत्रालयों का गठन
दूसरे विश्व युद्ध का आरंभ 1939
कांग्रेस के अध्यक्ष पद से सुभाष चंद्र बोस का इस्तीफा
फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन 1939
अगस्त प्रस्ताव को कांग्रेस द्वारा अपनी अस्वीकृति
क्रिप्स मिशन 1942
भारत छोड़ो आंदोलन 1942
लार्ड वावेल (1943-1947)
सी.राजगोपालाचारी द्वारा सी.आर.फार्मूला
बेबेल योजना और शिमला सम्मेलन 1945
नौसेना विद्रोह 1946
कैबिनेट मिशन 1946
अंतरिम सरकार और सीधी कार्रवाई दिवस के शुभारंभ का गठन
लार्ड जॉन लॉरेंस (1864-69)
भूटान युद्ध (1865)
कलकत्ता, बम्बई में उच्च न्यायालयों और 1865 में मद्रास की स्थापना
अकाल आयोग का गठन
लार्ड मेयो (1869-1872)
भारत के सांख्यिकीय सर्वेक्षण की स्थापना
कृषि और वाणिज्य विभाग
1872 में भारत की प्रमुख जनगणना
1872 में अंडमान में हत्या कर दी गई
लॉर्ड लिटन (1876-1880)
रॉयल टाइटल अधिनियम 1876
महारानी विक्टोरिया द्वारा भारत की महारानी के खिताब की धारणा (दिल्ली दरबार)
वर्नाकुलर प्रेस एक्ट 1878
शस्त्र अधिनियम 1878
दूसरा अफगान युद्ध (1878-1880)
1878 में पहली बार अकाल आयोग की नियुक्ति.
ये भी पढें – GK Trick – भारत में युरोपीय कंपनियो के आगमन का क्रम
लार्ड रिपन (1880-1884)
पहले फैक्टरी अधिनियम
पहली नियमित जनगणना 1881 में
1882 में स्थानीय प्रशाशन
1882 में केंद्र की डिवीजन वित्त
शिक्षा पर हंटर आयोग
इल्बर्ट बिल विवाद
लार्ड रिपन को भारत के उद्धारक की संज्ञा दी जाती है
लार्ड डफरिन (1884-1888)
बर्मा युद्ध (1885-1886)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में
लार्ड लैंसडाउन (1888-1894)
1891 में दूसरा कारखाना अधिनियम
1892 के भारतीय परिषद अधिनियम
डूरंड आयोग की नियुक्ति और भारत (अब पाकिस्तान) और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा का निर्धारण
लॉर्ड कर्जन (1899-1905)
थॉमस रॉली आयोग
सिंचाई आयोग की स्थापना
पुलिस आयोग की स्थापना
विश्वविध्यालय अधिनियम
कल्कत्ता में विक्टोरिया हाल का निर्माण
भारतीय पुरातत्व बिभाग की स्थापना 1904
बिहार में पूसा में कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापना
1905 में बंगाल का विभाजन
GK Trick – लार्ड कर्जन द्वारा किए गए कार्य
लॉर्ड मिंटो द्वितीय (1905-1910)
एंटी विभाजन और स्वदेशी आंदोलनों का उद्भव
सूरत सत्र और कांग्रेस में विभाजन 1907
मिंटो मॉर्ले सुधारों 1990
1906 में ढाका के आगा खान नवाब द्वारा मुस्लिम लीग की स्थापना
लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916)
बंगाल की विभाजन का रद्द किया गया 1911
कलकत्त्ता से दिल्ली राजधानी स्थानांतरण
लार्ड चेल्म फ़ोर्ड (1916 -21)
गांधीजी की वापसी
होमरूल लीग
लखनऊ सत्र और 1916 में कांग्रेस का पुनर्मिलन
1916 में पूना में महिला विश्वविध्ध्यालय की स्थापना
1917 में शिक्षा पर सैंडलर आयोग का गठन
1919 में रौलेक्ट एक्ट
जलिांया वाला बाग नरसंहार (13 अप्रैल 1919)
खिलाफत आंदोलन (1919-1920).
GK Trick – महात्मा गाँधी द्वारा संचालित आंदोलन
लार्ड रीडिंग (1921-1926)
चौरी-चौरा की घटना (5 Feb. 1922)
1922 में सी. आर. दास व मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी का गठन
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के.बी.हेडगवार द्वारा की स्थापना (1925)
रोलेट एक्ट का निरसन
भारत और इंग्लैंड में एक साथ परीक्षाओं का आयोजन
लॉर्ड इरविन (1926-1931)
साइमन कमीशन और उसके बायकाट
हरकोर्ट बटलर भारतीय राज्यों आयोग (1927)
नेहरू रिपोर्ट और मुस्लिम लीग हिंदू महासभा आदि द्वारा अपनी अस्वीकृति
दीपावली घोषणा
लाहौर सत्र (1929)
पूर्ण स्वराज की घोषणा
सविनय अवज्ञा आंदोलन और दांडी मार्च का शुभारंभ
पहले गोलमेज कांग्रेस
गांधी इरविन पैक्ट
लार्ड वेलिंगटन (1931-1936)
दूसरे और तीसरे गोलमेज सम्मेलन
सांप्रदायिक पंचाट (1932) की घोषणा
गांधी और अम्बेडकर के बीच पूना पैक्ट (1932)
सरकार भारत अधिनियम 1935
लॉर्ड लिनलिथगो (1936-1943)
कांग्रेस मंत्रालयों का गठन
दूसरे विश्व युद्ध का आरंभ 1939
कांग्रेस के अध्यक्ष पद से सुभाष चंद्र बोस का इस्तीफा
फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन 1939
अगस्त प्रस्ताव को कांग्रेस द्वारा अपनी अस्वीकृति
क्रिप्स मिशन 1942
भारत छोड़ो आंदोलन 1942
लार्ड वावेल (1943-1947)
सी.राजगोपालाचारी द्वारा सी.आर.फार्मूला
बेबेल योजना और शिमला सम्मेलन 1945
नौसेना विद्रोह 1946
कैबिनेट मिशन 1946
अंतरिम सरकार और सीधी कार्रवाई दिवस के शुभारंभ का गठन
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🇭🇷 रामनाथ कोविंद – राष्ट्रपति
• 🇭🇷 वेंकैया नायडू– उपराष्ट्रपति
•🇭🇷 सुमित्रा महाजन – अध्यक्ष, लोक सभा
•🇭🇷 एम. थंबीदुरई – उपाध्यक्ष, लोक सभा
•🇭🇷 वेंकैया नायडू– सभापति, राज्यसभा
• 🇭🇷पी. जे. कुरियन – उपसभापति, राज्यसभा
• 🇭🇷नरेन्द्र मोदी – अध्यक्ष, नीति (NITI) आयोग
• 🇭🇷डॉ. विजय केलकर – अध्यक्ष, 13वां वित्त आयोग
•🇭🇷 वाई. वी. रेड्डी – अध्यक्ष, 14वां वित्त आयोग
• 🇭🇷पी. वी. रेड्डी – अध्यक्ष, 19वां विधि आयोग
• ए. पी. शाह – अध्यक्ष, 20वां विधि आयोग
• 🇭🇷मुकुल रोहतगी – महान्यायवादी
• 🇭🇷रंजीत कुमार – भारत के महा–अधिवक्ता
• 🇭🇷डॉ. आर. चिदंबरम – भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार
• 🇭🇷अजीत कुमार डोभाल – राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
• 🇭🇷अजीत सेठ – कैबिनेट सचिव
• 🇭🇷एस. जयशंकर – विदेश सचिव
• 🇭🇷अशोक कुमार मुखर्जी – संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि
• 🇭🇷शेखर सेन – अध्यक्ष, संगीत नाटक अकादमी
• 🇭🇷के .के. चक्रवर्ती – अध्यक्ष, ललित कला अकादमी
•🇭🇷 वी. पी. तिवारी – अध्यक्ष, साहित्य अकादमी
• 🇭🇷आर. के. श्रीवास्तव – चेयरमैन, भारतीय विमानपत्तनम प्राधिकरण (AAI)
•🇭🇷 रत्न कुमार सिन्हा – अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC)
• 🇭🇷एस. एस. बजाज – अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (AERB)
• 🇭🇷एस. एस. मंथा – अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE)
•🇭🇷 प्रफुल पटेल – अध्यक्ष, अखिल भारतीय फुटबॉल परिसंघ (AIFF)
• 🇭🇷रोहित नंदन – अध्यक्ष, एयर इंडिया (AI)
• 🇭🇷गौतम सेन गुप्ता – महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI)
• 🇭🇷सुनील कानोरिया – अध्यक्ष, एसोसिएटेड चैबर्स ऑफ कामर्स एंडइंडस्ट्रीज ऑफ इंडिया (ASSOCHAM)
• 🇭🇷शेखर बसु – निदेशक, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)
• 🇭🇷जगमोहन डालमिया – अध्यक्ष, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)
• 🇭🇷अनुपम श्रीवास्तव – अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी), भारत संचार निगम लि. (BSNL)
•🇭🇷 शशिकांत शर्मा – नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
• 🇭🇷अनिल कुमार सिन्हा – निदेशक, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)
• 🇭🇷विनीत जोशी – अध्यक्ष, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन (CBSE)
• 🇭🇷अनिता कपूर – अध्यक्ष, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT)•
• 🇭🇷नजीब शाह– अध्यक्ष, केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC)
•🇭🇷 पहलाज निहलानी – अध्यक्ष, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC)
• 🇭🇷नंदिता दास – अध्यक्ष, भारतीय बाल फिल्म सोसाइटी (CFSI)
• 🇭🇷आरके माथुर – मुख्य सूचना आयुक्त (CIC)
• डॉ. नसीम जैदी – मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC)
🇭🇷• अजय. एस. श्रीराम – अध्यक्ष, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
•🇭🇷 टी.एस. ठाकुर– सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (CJI)
🇭🇷• डी. आर. देशमुख – अध्यक्ष, कंपनी लॉ बोर्ड (CLB)
• 🇭🇷एम. ओ. गर्ग – महानिदेशक, औद्योगिक एवं वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद् (CSIR)
•🇭🇷 प्रेमा करियप्पा – अध्यक्ष, केंद्रीय सामाजिक कल्याण बोर्ड (CSWB)
• 🇭🇷राजीव – (कार्यवाहक) केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC)
🇭🇷• अश्विन पांड्या – अध्यक्ष, केंन्द्रीय जल आयोग (CWC)
🇭🇷• मंगू सिंह – प्रबंधक निदेशक, दिल्ली मैट्रो रेलवे कॉरपोरेशन (DMRC)
🇭🇷• आर. के. माथुर – अध्यक्ष, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
•🇭🇷 हर्षवर्धन नेओतिया – अध्यक्ष, फिक्की (FICCI)
• अशोक कुमार रॉय – अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (GIC)
•🇭🇷 निशी वासुदेवा – अध्यक्ष, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL)
• दिनेश्वर शर्मा – डायरेक्टर, गुप्तचर ब्यूरो (IB)
• 🇭🇷टी. एम. भसीन – अध्यक्ष, इंडियन बैंकस् एसोसिएशन (IBA)
• के. रघु – अध्यक्ष, भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI)
• 🇭🇷एस. अयप्पन – महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
• बासुदेव चटर्जी – अध्यक्ष, भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद् (ICHR)
•🇭🇷 एम. एस. राघवन – भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI)
• एम. असलम – कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)
•🇭🇷 एन. रामचंद्रन – अध्यक्ष, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA)
• बी. अशोक – अध्यक्ष, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC)
• टी. एस. विजयन – इंश्योरेंस रेगूलेटरी एंड डवलपमेंट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI)
🇭🇷• ए. एस. किरण कुमार – अध्यक्ष, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
🇭🇷• एस. के. रॉय – अध्यक्ष, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)
•🇭🇷 ए. के. गर्ग – अध्यक्ष, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL)
• 🇭🇷हर्षकुमार भनवाला – अध्यक्ष, नाबार्ड (NABARD)
• अंशुमन दास – अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO)
•🇭🇷 के. के. नटराजन – चेयरमैन, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर
🇭🇷 रामनाथ कोविंद – राष्ट्रपति
• 🇭🇷 वेंकैया नायडू– उपराष्ट्रपति
•🇭🇷 सुमित्रा महाजन – अध्यक्ष, लोक सभा
•🇭🇷 एम. थंबीदुरई – उपाध्यक्ष, लोक सभा
•🇭🇷 वेंकैया नायडू– सभापति, राज्यसभा
• 🇭🇷पी. जे. कुरियन – उपसभापति, राज्यसभा
• 🇭🇷नरेन्द्र मोदी – अध्यक्ष, नीति (NITI) आयोग
• 🇭🇷डॉ. विजय केलकर – अध्यक्ष, 13वां वित्त आयोग
•🇭🇷 वाई. वी. रेड्डी – अध्यक्ष, 14वां वित्त आयोग
• 🇭🇷पी. वी. रेड्डी – अध्यक्ष, 19वां विधि आयोग
• ए. पी. शाह – अध्यक्ष, 20वां विधि आयोग
• 🇭🇷मुकुल रोहतगी – महान्यायवादी
• 🇭🇷रंजीत कुमार – भारत के महा–अधिवक्ता
• 🇭🇷डॉ. आर. चिदंबरम – भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार
• 🇭🇷अजीत कुमार डोभाल – राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
• 🇭🇷अजीत सेठ – कैबिनेट सचिव
• 🇭🇷एस. जयशंकर – विदेश सचिव
• 🇭🇷अशोक कुमार मुखर्जी – संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि
• 🇭🇷शेखर सेन – अध्यक्ष, संगीत नाटक अकादमी
• 🇭🇷के .के. चक्रवर्ती – अध्यक्ष, ललित कला अकादमी
•🇭🇷 वी. पी. तिवारी – अध्यक्ष, साहित्य अकादमी
• 🇭🇷आर. के. श्रीवास्तव – चेयरमैन, भारतीय विमानपत्तनम प्राधिकरण (AAI)
•🇭🇷 रत्न कुमार सिन्हा – अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC)
• 🇭🇷एस. एस. बजाज – अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (AERB)
• 🇭🇷एस. एस. मंथा – अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE)
•🇭🇷 प्रफुल पटेल – अध्यक्ष, अखिल भारतीय फुटबॉल परिसंघ (AIFF)
• 🇭🇷रोहित नंदन – अध्यक्ष, एयर इंडिया (AI)
• 🇭🇷गौतम सेन गुप्ता – महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI)
• 🇭🇷सुनील कानोरिया – अध्यक्ष, एसोसिएटेड चैबर्स ऑफ कामर्स एंडइंडस्ट्रीज ऑफ इंडिया (ASSOCHAM)
• 🇭🇷शेखर बसु – निदेशक, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)
• 🇭🇷जगमोहन डालमिया – अध्यक्ष, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)
• 🇭🇷अनुपम श्रीवास्तव – अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी), भारत संचार निगम लि. (BSNL)
•🇭🇷 शशिकांत शर्मा – नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
• 🇭🇷अनिल कुमार सिन्हा – निदेशक, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)
• 🇭🇷विनीत जोशी – अध्यक्ष, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन (CBSE)
• 🇭🇷अनिता कपूर – अध्यक्ष, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT)•
• 🇭🇷नजीब शाह– अध्यक्ष, केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC)
•🇭🇷 पहलाज निहलानी – अध्यक्ष, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC)
• 🇭🇷नंदिता दास – अध्यक्ष, भारतीय बाल फिल्म सोसाइटी (CFSI)
• 🇭🇷आरके माथुर – मुख्य सूचना आयुक्त (CIC)
• डॉ. नसीम जैदी – मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC)
🇭🇷• अजय. एस. श्रीराम – अध्यक्ष, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
•🇭🇷 टी.एस. ठाकुर– सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (CJI)
🇭🇷• डी. आर. देशमुख – अध्यक्ष, कंपनी लॉ बोर्ड (CLB)
• 🇭🇷एम. ओ. गर्ग – महानिदेशक, औद्योगिक एवं वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद् (CSIR)
•🇭🇷 प्रेमा करियप्पा – अध्यक्ष, केंद्रीय सामाजिक कल्याण बोर्ड (CSWB)
• 🇭🇷राजीव – (कार्यवाहक) केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC)
🇭🇷• अश्विन पांड्या – अध्यक्ष, केंन्द्रीय जल आयोग (CWC)
🇭🇷• मंगू सिंह – प्रबंधक निदेशक, दिल्ली मैट्रो रेलवे कॉरपोरेशन (DMRC)
🇭🇷• आर. के. माथुर – अध्यक्ष, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
•🇭🇷 हर्षवर्धन नेओतिया – अध्यक्ष, फिक्की (FICCI)
• अशोक कुमार रॉय – अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (GIC)
•🇭🇷 निशी वासुदेवा – अध्यक्ष, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL)
• दिनेश्वर शर्मा – डायरेक्टर, गुप्तचर ब्यूरो (IB)
• 🇭🇷टी. एम. भसीन – अध्यक्ष, इंडियन बैंकस् एसोसिएशन (IBA)
• के. रघु – अध्यक्ष, भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI)
• 🇭🇷एस. अयप्पन – महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
• बासुदेव चटर्जी – अध्यक्ष, भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद् (ICHR)
•🇭🇷 एम. एस. राघवन – भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI)
• एम. असलम – कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)
•🇭🇷 एन. रामचंद्रन – अध्यक्ष, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA)
• बी. अशोक – अध्यक्ष, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC)
• टी. एस. विजयन – इंश्योरेंस रेगूलेटरी एंड डवलपमेंट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI)
🇭🇷• ए. एस. किरण कुमार – अध्यक्ष, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
🇭🇷• एस. के. रॉय – अध्यक्ष, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)
•🇭🇷 ए. के. गर्ग – अध्यक्ष, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL)
• 🇭🇷हर्षकुमार भनवाला – अध्यक्ष, नाबार्ड (NABARD)
• अंशुमन दास – अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO)
•🇭🇷 के. के. नटराजन – चेयरमैन, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर
Rajasthan HC LDC Exam Result Declared 👇👇👇
http://hcraj.nic.in/recruitment/Notice-Exam-750-01.09.2017.pdf
http://hcraj.nic.in/recruitment/Notice-Exam-750-01.09.2017.pdf