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🔰 कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) 🔰
👉कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए प्रमुख ऊर्जा स्रोत हैं।
👉ये C, H, O से बने कार्बनिक पदार्थ है।
👉 इनको पॉली हाइड्रोक्सी एल्डिहाइड या किटोन जाता है। जो हाइड्रोलिसिस यानि जल-अपघटन होने पर या तो एल्डिहाइड या किटोन उत्पन्न करते हैं।
◆कार्बोहाइड्रेट जो स्वाद में मीठे होते हैं उन्हें शर्करा या सेकेराइड (saccharides) कहा जाता है।
🌹 *कार्बोहाइड्रेट के प्रकार*
कार्बोहाइड्रेट को तीन भागों में विभक्त किया गया है। –
1⃣मोनोसेकेराइड
2⃣डाईसेकेराइड
3⃣पॉलीसेकेराइड
*1-मोनोसेकेराइड*
ये सेकेराइड की एकलक इकाई (monomer unit) से मिलकर बने होते है। इनका जल-अपघटन नहीं किया जा सकता ये रंगहीन, जल में घुलनशील (water soluble), क्रिस्टलीय होते है।
👉 इनका सामान्य सूत्र CnH2nOn या (CH20)nहोता है।
🔷 *ग्लूकोज (Glucose)*
👉यह जंतुओं में पाए जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कार्बोहाइड्रेट है।
👉 इसको Grape sugar, Blood sugar या Dextrose sugar भी कहा जाता है।
🔷 *फ्रुक्टोज (Fructose)*
यह शहद तथा मीठे फलों में पायी जाती है। इसलिए इसको Fruit sugar या लेवुलोज़ (Laevulose) sugar भी कहा जाता है।
*यह सबसे मीठी शर्करा है।*
🔷 *गैलेक्टोज*
👉यह दूध में पायी जाने वाली लैक्टोज शर्करा है।
👉 इसको Brain sugar भी कहा जाता है।
➖➖➖➖➖➖➖➖➖
*2-डाईसेकेराइड*
👉दो मोनोसेकेराइड इकाईयां जल के एक अणु का निष्कासन करके ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा जुड़कर डाईसेकेराइड का निर्माण करती है।
👉 इनका जल-अपघटन (Hydrolysis) हो सकता है।
🔷 *माल्टोज*
👉यह दो ग्लूकोज इकाईयां के जुड़ने से बनती है।
👉इसे माल्ट शर्करा भी कहते है।
👉 यह स्टार्च के पाचन से बनती है।
*alfa D-glucose + alfa D- glucose = Maltose*
🔷 *सुक्रोज*
👉यह ग्लूकोज तथा फ्रुक्टोज इकाईयां के जुड़ने से बनती है।
👉 इसे गन्ना शर्करा, टेबल शर्करा, प्रतीप शर्करा, चुकंदर शर्करा, रसोईघर की शर्करा या व्यापारिक शर्करा भी कहते है।
*alfa D-glucose + beta D-fructose = Sucrose*
🔷 *लैक्टोज*
👉इसे दूध शर्करा भी कहते है।
👉यह ग्लूकोज तथा गैलेक्टोज इकाईयां के जुड़ने से बनती
➖➖➖➖➖➖➖➖➖
*3-पॉलीसेकेराइड*
👉यह लगभग 10 से अधिक मोनो सेकेराइड इकाईयां जुड़कर जटिल कार्बोहाइड्रेट पॉलीसेकेराइड बनाती हैं।
👉इनको सामान्यतया ग्लाइकेन भी कहा जाता है।
👉 इनका जल-अपघटन हो सकता है।
👉ये जल में अघुलनशील (water insoluble) होती है।
👉 *ये मीठी नहीं होती।*
🔷 *Starch*- जब ग्लूकोस की अल्फा इकाइयां आपस मे ग्लाइकोसिडिक बॉन्ड द्वारा जुडती है तो स्टॉर्च का निर्माण होता है
🔷 *Cellulose* -यह पृथ्वी पर सर्वाधिक पाया जाने वाला कार्बनिक पदार्थ है।
👉पादपों की कोशिका भित्ति सेलूलोज़ की ही बनी होती है।
👉सेलूलोज़ के द्वारा Rayon रेशे भी बनाये जाते है।
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🔰 कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) 🔰
👉कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए प्रमुख ऊर्जा स्रोत हैं।
👉ये C, H, O से बने कार्बनिक पदार्थ है।
👉 इनको पॉली हाइड्रोक्सी एल्डिहाइड या किटोन जाता है। जो हाइड्रोलिसिस यानि जल-अपघटन होने पर या तो एल्डिहाइड या किटोन उत्पन्न करते हैं।
◆कार्बोहाइड्रेट जो स्वाद में मीठे होते हैं उन्हें शर्करा या सेकेराइड (saccharides) कहा जाता है।
🌹 *कार्बोहाइड्रेट के प्रकार*
कार्बोहाइड्रेट को तीन भागों में विभक्त किया गया है। –
1⃣मोनोसेकेराइड
2⃣डाईसेकेराइड
3⃣पॉलीसेकेराइड
*1-मोनोसेकेराइड*
ये सेकेराइड की एकलक इकाई (monomer unit) से मिलकर बने होते है। इनका जल-अपघटन नहीं किया जा सकता ये रंगहीन, जल में घुलनशील (water soluble), क्रिस्टलीय होते है।
👉 इनका सामान्य सूत्र CnH2nOn या (CH20)nहोता है।
🔷 *ग्लूकोज (Glucose)*
👉यह जंतुओं में पाए जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कार्बोहाइड्रेट है।
👉 इसको Grape sugar, Blood sugar या Dextrose sugar भी कहा जाता है।
🔷 *फ्रुक्टोज (Fructose)*
यह शहद तथा मीठे फलों में पायी जाती है। इसलिए इसको Fruit sugar या लेवुलोज़ (Laevulose) sugar भी कहा जाता है।
*यह सबसे मीठी शर्करा है।*
🔷 *गैलेक्टोज*
👉यह दूध में पायी जाने वाली लैक्टोज शर्करा है।
👉 इसको Brain sugar भी कहा जाता है।
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*2-डाईसेकेराइड*
👉दो मोनोसेकेराइड इकाईयां जल के एक अणु का निष्कासन करके ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा जुड़कर डाईसेकेराइड का निर्माण करती है।
👉 इनका जल-अपघटन (Hydrolysis) हो सकता है।
🔷 *माल्टोज*
👉यह दो ग्लूकोज इकाईयां के जुड़ने से बनती है।
👉इसे माल्ट शर्करा भी कहते है।
👉 यह स्टार्च के पाचन से बनती है।
*alfa D-glucose + alfa D- glucose = Maltose*
🔷 *सुक्रोज*
👉यह ग्लूकोज तथा फ्रुक्टोज इकाईयां के जुड़ने से बनती है।
👉 इसे गन्ना शर्करा, टेबल शर्करा, प्रतीप शर्करा, चुकंदर शर्करा, रसोईघर की शर्करा या व्यापारिक शर्करा भी कहते है।
*alfa D-glucose + beta D-fructose = Sucrose*
🔷 *लैक्टोज*
👉इसे दूध शर्करा भी कहते है।
👉यह ग्लूकोज तथा गैलेक्टोज इकाईयां के जुड़ने से बनती
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*3-पॉलीसेकेराइड*
👉यह लगभग 10 से अधिक मोनो सेकेराइड इकाईयां जुड़कर जटिल कार्बोहाइड्रेट पॉलीसेकेराइड बनाती हैं।
👉इनको सामान्यतया ग्लाइकेन भी कहा जाता है।
👉 इनका जल-अपघटन हो सकता है।
👉ये जल में अघुलनशील (water insoluble) होती है।
👉 *ये मीठी नहीं होती।*
🔷 *Starch*- जब ग्लूकोस की अल्फा इकाइयां आपस मे ग्लाइकोसिडिक बॉन्ड द्वारा जुडती है तो स्टॉर्च का निर्माण होता है
🔷 *Cellulose* -यह पृथ्वी पर सर्वाधिक पाया जाने वाला कार्बनिक पदार्थ है।
👉पादपों की कोशिका भित्ति सेलूलोज़ की ही बनी होती है।
👉सेलूलोज़ के द्वारा Rayon रेशे भी बनाये जाते है।
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🔰सचिवालय से आ रही बड़ी खबर, तय समय पर होंगी #RPSC की आगामी परीक्षाएं, RPSC की आगामी परीक्षाओं में नहीं आचार संहिता की अड़चन, सैकेंड ग्रैड शिक्षक परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं का रास्ता साफ, RPSC चेयरमैन दीपक उप्रेती ने सीएस डीबी गुप्ता से की मुलाकात
🔰राज्य सरकार ने लिया बड़ा नीतिगत निर्णय, #RAS 2016 के अभ्यर्थियों को अभी ज्वॉइनिंग नहीं, सुप्रीम कोर्ट में 1 मामला चल रहा है पेंडिंग, ओबीसी के 189 अभ्यर्थियों के गलत चयन का मामला, इस मामले में जब तक निर्णय न हो, तब तक ज्वॉइनिंग के बारे में फैसला नहीं, सीएस से भी हुई नीतिगत मंत्रणा
🔰#RAS भर्ती 2018 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम इसी सप्ताह, राज्य लोक सेवा आयोग की तैयारियां पूरी, करीब 5 लाख अभ्यर्थी हुए थे परीक्षा में शामिल, #RPSC चेयरमैन दीपक उप्रेती ने दी जानकारी
🔰#Jaipur : आचार संहिता में छूट के मामलों को लेकर बैठक, सीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक, आधा दर्जन विभागों के मामलों को लेकर हुआ विचार, तबादले,पदस्थापन,रिलीविंग से जुड़े हैं मामले, कुछ मामलों को भेजा जा रहा ECI को।
🔰सचिवालय से आ रही बड़ी खबर, तय समय पर होंगी #RPSC की आगामी परीक्षाएं, RPSC की आगामी परीक्षाओं में नहीं आचार संहिता की अड़चन, सैकेंड ग्रैड शिक्षक परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं का रास्ता साफ, RPSC चेयरमैन दीपक उप्रेती ने सीएस डीबी गुप्ता से की मुलाकात
🔰राज्य सरकार ने लिया बड़ा नीतिगत निर्णय, #RAS 2016 के अभ्यर्थियों को अभी ज्वॉइनिंग नहीं, सुप्रीम कोर्ट में 1 मामला चल रहा है पेंडिंग, ओबीसी के 189 अभ्यर्थियों के गलत चयन का मामला, इस मामले में जब तक निर्णय न हो, तब तक ज्वॉइनिंग के बारे में फैसला नहीं, सीएस से भी हुई नीतिगत मंत्रणा
🔰#RAS भर्ती 2018 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम इसी सप्ताह, राज्य लोक सेवा आयोग की तैयारियां पूरी, करीब 5 लाख अभ्यर्थी हुए थे परीक्षा में शामिल, #RPSC चेयरमैन दीपक उप्रेती ने दी जानकारी
🔰#Jaipur : आचार संहिता में छूट के मामलों को लेकर बैठक, सीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक, आधा दर्जन विभागों के मामलों को लेकर हुआ विचार, तबादले,पदस्थापन,रिलीविंग से जुड़े हैं मामले, कुछ मामलों को भेजा जा रहा ECI को।
Abdul Kalam – “The Missile Man Of India”
सर एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा कथन उनका अनुसरण एक बार जरूर किया जाये तो आपकी सफलता निश्चित ही आपके कदम चूमेगी...
1. सपने सच हों,इसके लिए सपने देखना जरूरी है।
2. हमें हार नहीं माननी चाहिए और समस्याओं को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए
3. अलग ढंग से सोचने का साहस करो, आविष्कार का साहस करो,अज्ञात पथ पर चलने का साहस करो,असंभव को खोजने का साहस करो और समस्याओं को जीतो और सफल बनो। ये वो महान गुण हैं,जिनकी दिशा में तुम अवश्य काम करो।
4. भगवान उसी की मदद करता है, जो कड़ी मेहनत करते हैं। यह सिद्धान्त स्पष्ट होना चाहिए।
5. इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं
6. तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पे ना पहुँच जाओ-तुम अद्वितीय हो। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञान प्राप्त करो,कड़ी मेहनत करो और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो।
7. अपनी पहली सफलता के बाद बाद आराम मत करो क्योकि आप दूसरी बार में असफल हुए तो बहुत से होंठ यह कहने के इंतजार मे होगें की आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी।
8. महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
9. जीवन में कठिनाइयाँ हमे बर्बाद करने नहीं आती है,बल्कि यह हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकलने में हमारी मदद करती है| कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आप उससे भी ज्यादा कठिन हो।
आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत,असफलता नामक बिमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है।
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका भविष्य बदल देगी?
अपने मिशन में कामयाब होने के लिए,आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
हम सभी के पास एक समान प्रतिभा नहीं होती, लेकिन हम सभी के पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने समान अवसर होते हैं।
इन चार सिद्धांतों का पालन करके कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं –
महान लक्ष्य बनाना , ज्ञान अर्जित करना, कड़ी मेहनत करना, दृढ़ रहना
अलग तरह से सोचने का साहस रखें, कुछ नया करने (अविष्कार) करने का साहस रखें, अनजाने रास्तों पर चलने का साहस रखें,असंभव को खोजने का साहस रखें,समस्याओं पर जीत हासिल करने का साहस रखें
सर एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा कथन उनका अनुसरण एक बार जरूर किया जाये तो आपकी सफलता निश्चित ही आपके कदम चूमेगी...
1. सपने सच हों,इसके लिए सपने देखना जरूरी है।
2. हमें हार नहीं माननी चाहिए और समस्याओं को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए
3. अलग ढंग से सोचने का साहस करो, आविष्कार का साहस करो,अज्ञात पथ पर चलने का साहस करो,असंभव को खोजने का साहस करो और समस्याओं को जीतो और सफल बनो। ये वो महान गुण हैं,जिनकी दिशा में तुम अवश्य काम करो।
4. भगवान उसी की मदद करता है, जो कड़ी मेहनत करते हैं। यह सिद्धान्त स्पष्ट होना चाहिए।
5. इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं
6. तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पे ना पहुँच जाओ-तुम अद्वितीय हो। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञान प्राप्त करो,कड़ी मेहनत करो और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो।
7. अपनी पहली सफलता के बाद बाद आराम मत करो क्योकि आप दूसरी बार में असफल हुए तो बहुत से होंठ यह कहने के इंतजार मे होगें की आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी।
8. महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
9. जीवन में कठिनाइयाँ हमे बर्बाद करने नहीं आती है,बल्कि यह हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकलने में हमारी मदद करती है| कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आप उससे भी ज्यादा कठिन हो।
आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत,असफलता नामक बिमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है।
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका भविष्य बदल देगी?
अपने मिशन में कामयाब होने के लिए,आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
हम सभी के पास एक समान प्रतिभा नहीं होती, लेकिन हम सभी के पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने समान अवसर होते हैं।
इन चार सिद्धांतों का पालन करके कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं –
महान लक्ष्य बनाना , ज्ञान अर्जित करना, कड़ी मेहनत करना, दृढ़ रहना
अलग तरह से सोचने का साहस रखें, कुछ नया करने (अविष्कार) करने का साहस रखें, अनजाने रास्तों पर चलने का साहस रखें,असंभव को खोजने का साहस रखें,समस्याओं पर जीत हासिल करने का साहस रखें
🎓RAS MAINS 🎓
🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰
🎓राजस्थान इतिहास🎓
GS Ist Paper
(अतिलघूरात्मक प्रश्न)
*प्रश्न-1 "फड़"*
*उत्तर- किसी कपड़े पर लोक देवता का चित्रण कर के उसके माध्यम से ऐतिहासिक और पौराणिक कथा का प्रस्तुतीकरण किया जाना "फड" कहलाता है।*
*प्रश्न-2 "विगत"*
*उत्तर- विगत इतिहास परक ग्रंथ लेखन की शैली है। 'मारवाड़ रा परगना री विगत' इस शैली की प्रमुख रचना है।*
*प्रश्न-3 "बिहारी मल"*
*उत्तर- बिहारी जयपुर नरेश मिर्जा जयसिंह के दरबारी कवि थे जिन्होंने "बिहारी सतसई" नामक ग्रंथ की रचना की। यह हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इस ग्रंथ के प्रत्येक दोहे पर राजा जयसिंह बिहारी को एक अशर्फी देता था*
*प्रश्न-4 " चंदबरदाई"*
*उत्तर- चंदबरदाई पृथ्वीराज के समकालीन,उनके मित्र एवं राज कवि थे। "पृथ्वीराज रासो" नामक एक हिंदी और राजस्थान के प्रसिद्ध महाकाव्य के रचयिता के रूप में चंदबरदाई प्रसिद्ध हुए। चंद्र बरदाई भट्ट जाति के चारण कवि थे इन्हीं के प्रसिद्ध दोहे "चार बांस चौबीस गज" के अनुमान से पृथ्वीराज चौहान ने शब्दभेदी बाण से मोहम्मद गोरी को मारा था*
*(लघुरात्मक प्रश्न)*
*प्रश्न-5 "रूपायन संस्थान"*
*उत्तर- बोरुंदा गांव में (जोधपुर) 1960 में स्थापित संस्था "रुपयान" एक सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्था के रूप में कार्यरत है। राजस्थानी लोकगीतों,कथाओं एवं भाषाओं की परंपरागत धरोहर को खोज कर यह संस्था उन्हें क्रमबद्ध स्वरूप प्रदान कर रही है।*
*प्रश्न-6 राजस्थान में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं के नाम बताएं*
*उत्तर- 1961 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार यहां 73 प्रकार की बोलियां बोली जाती है। जिनमें मारवाड़ी,मेवाड़ी, मेवाती,हाडोती,ढूंढाड़ी आदि प्रमुख है।*
*प्रश्न-7 राजस्थानी लोक साहित्य की विशेषताएं बताएं..?*
*उत्तर- लोक साहित्य लिखित न होकर प्रायः मौखिक रूप से विकसित होता है। लोक साहित्य में लोक मानस की संस्कृति झलकती है। लोक साहित्य की शैली सरल और अलंकरण रहित होती है। लोक साहित्य में नैतिक मूल्यों और रीति-रिवाजों समायोजन होता है।*
*प्रश्न-8 "अरबी फारसी शोध संस्थान"*
*उत्तर- अरबी फारसी शोध संस्थान की स्थापना "1978" में "टोंक" जिले में हुई। इस संस्था में अरबी और फारसी भाषाओं के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अनुसंधान कार्य करवाए जाते हैं।*
*प्रश्न-9 कन्हैयालाल सेठिया द्वारा रचित कृतियों के नाम बताएं।*
*उत्तर-*
*1. "पाथल और पीथल"*
*2. "धरती धोरां री"*
*3. " जमीन रो धणी कुण"*
*(अतिलघुरात्मक & लघुरात्मक प्रश्न)*
*प्रश्न-9 राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की उपलब्धियों का विवेचन कीजिए*
*उत्तर- राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की स्थापना 1957 में जोधपुर में की गई।*
*इस अकादमी का मुख्य लक्ष्य भारतीय नृत्य,नाटक एवं संगीत का परिपोषण एवं उन्नयन के साथ भारतीय संस्कृति को सुदृढ़ करना है।*
*नृत्य,नाटक एवं संगीत के विभिन्न विचारों तथा तकनीक के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना*
*राजस्थान में रंगमंचों की स्थापना एवं विकास को प्रोत्साहित करना*
*नृत्य,नाटक एवं संगीत की शिक्षा का विकास करना*
*नृत्य,नाटक तथा संगीत के क्षेत्र में कार्यरत श्रेष्ठ संस्थाओं को सहायता प्रदान करना।*
*नये नाटकों के सृजन को पुरस्कार के रूप में सहायता देकर प्रोत्साहित करना।*
*लक्ष्यों के उन्नयन हेतु संस्था के लिए जमीन खरीद, रहन एवं संपत्ति निष्पादन का पूर्ण अधिकार अकादमी को होगा।*
Credit : #दिनेशजी
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Kannuaj remained a focal point for the three powerful dynasties, namely the Gurjara Pratiharas, Palas and Rashtrakutas, between the 8th and 10th centuries. The conflict between the three dynasties has been referred to as the Tripartite struggle by many historians.
Uniting for Consensus (UfC) is a movement, nicknamed the Coffee Club, that developed in the 1990s in opposition to the possible expansion of the United Nations Security Council. Under the leadership of Italy, it aims to counter the bids for permanent seats proposed by G4 nations (Brazil, Germany, India and Japan) and is calling for a consensus before any decision is reached on the form and size of the Security Council.
The DAC, set up in 2001 as part of the post-Kargil reforms in defence sector, approves the long-term integrated perspective plan for the forces, accords acceptance of necessity (AON) to begin acquisition proposals, and has to grant its approval to all major deals through all their important phases. It also has the power to approve any deviations in an acquisition, and recommends all big purchases for approval of the Cabinet committee on security.
Bankruptcy code has been introduced as a money bill.
Why it can't be money bill?
Article 110 says that a money bill must "only" entertain provisions dealing with
-the imposition, abolition, remission, alteration or regulation of any tax
-regulations of borrowings by GoI
-regulation of CFI, including appropiriation of money out of it.
In case of Bnakruptcy code,
-proposes to consolidate and amend laws relating to reorganisation and insolvency resolution of corporate persons and other entities, and to establish an “insolvency and bankruptcy fund”.
-But this doesn't fall under the category of “imposition, abolition, remission, alteration or regulation of any tax”.
-Similarly there will be creation of an "insolvency and bankruptcy fund" but it has nothing to do with CFI.
Hence Bankruptcy code doesn't qualify to become a money bill...it is pure political calculation to avoid GST like fate.
Why it can't be money bill?
Article 110 says that a money bill must "only" entertain provisions dealing with
-the imposition, abolition, remission, alteration or regulation of any tax
-regulations of borrowings by GoI
-regulation of CFI, including appropiriation of money out of it.
In case of Bnakruptcy code,
-proposes to consolidate and amend laws relating to reorganisation and insolvency resolution of corporate persons and other entities, and to establish an “insolvency and bankruptcy fund”.
-But this doesn't fall under the category of “imposition, abolition, remission, alteration or regulation of any tax”.
-Similarly there will be creation of an "insolvency and bankruptcy fund" but it has nothing to do with CFI.
Hence Bankruptcy code doesn't qualify to become a money bill...it is pure political calculation to avoid GST like fate.
Case of SCR (Selective Catalytic Reduction):
-BS-VI vehicles also have to be equipped with an SCR (selective catalytic reduction) module to reduce oxides of nitrogen, which would be cumbersome and needs extra work by the auto engineers.
-BS-VI vehicles also have to be equipped with an SCR (selective catalytic reduction) module to reduce oxides of nitrogen, which would be cumbersome and needs extra work by the auto engineers.
इंतज़ार जारी रहेगा....दोस्तो लग जाये मैन्स की तैयारी में आज नही तो एक दिन तो रिजल्ट आना ही है ....👍
हम आपको RPSC की सभी खबरे (मीडिया वाली भी 😊) सबसे पहले पहुँचाते रहेंगे। राजस्थान की हर खबर सबसे पहले....आप तक 👍
RAS 2018 परीक्षा, अभी तो कार्मिक विभाग के जवाब का परीक्षण कर रहा है आयोग....नतीज़े के अरमान हुए धूमिल
जल्दबाजी में परिणाम जारी करने के पक्ष में नही है आयोग....सब कुछ समझने के बाद ही परिणाम को लेकर हो सकेगा कोई फैसला ....
RAS Exam™
【Special Topic 】 Victory Over Ravan ?【Must Watch】 सच्चा दशहरा https://youtu.be/AgkXeE_f-pY
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Vinoba Bhave
Bhoodan Movement:- In 1951, Vinoba Bhave started his land donation movement at Pochampally in Telangana, the Bhoodan Movement.He took donated land from land owner Indians and gave it away to the poor and landless, for them to cultivate.
Gramdan:-Then after 1954, he started to ask for donations of whole villages in a programme he called Gramdan. He got more than 1000 villages by way of donation. Out of these, he obtained 175 donated villages in Tamil Nadu alone.
The Brahma Vidya Mandir is one of the ashrams that Bhave created. It is a small community for women that was created in order for them to become self-sufficient and non-violent in a community. This group farms to get their own food, but uses Gandhi’s beliefs about food production, which include sustainability and social justice, as a guide.
Bhoodan Movement:- In 1951, Vinoba Bhave started his land donation movement at Pochampally in Telangana, the Bhoodan Movement.He took donated land from land owner Indians and gave it away to the poor and landless, for them to cultivate.
Gramdan:-Then after 1954, he started to ask for donations of whole villages in a programme he called Gramdan. He got more than 1000 villages by way of donation. Out of these, he obtained 175 donated villages in Tamil Nadu alone.
The Brahma Vidya Mandir is one of the ashrams that Bhave created. It is a small community for women that was created in order for them to become self-sufficient and non-violent in a community. This group farms to get their own food, but uses Gandhi’s beliefs about food production, which include sustainability and social justice, as a guide.
RPSC का नियमित कैलेंडर का फिर झुनझुना, आयोग के नियमित भर्ती कैलेंडर का अभी भी इंतज़ार
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