#RAS 2016 Aaj Tak : Ek Nazar
प्रारंभिक परीक्षा में उत्तर कुंजी में गलत उत्तरों के अाक्षेपों के चलते और एसबीसी आरक्षण मामला लंबित होने के कारण विवादों और चर्चाओं में रहने वाली आरएएस प्रारंभिक परीक्षा 2016 के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका संख्या 3595 /2017 के मामले में सुनवाई करते हुए दिनांक 10 मार्च 2017 को याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए आरपीएससी को इन याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए | मामले में आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता द्वारा प्रारंभिक परीक्षा 2016 के प्रश्न संख्या 74 और 76 के संबंध में विशेषज्ञ रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई | उक्त रिपोर्ट को देखने के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए अाक्षेपों और तथ्यों में बल प्रतीत होता है अतः माननीय न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को मामले में अंतरिम राहत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को किए जाने के आदेश दिए| यह बता दें कि ras प्रारंभिक परीक्षा2016 के प्रश्न संख्या 74 और 76 के संबंध में अभ्यर्थियों द्वारा इनके उत्तरों के संबंध मैं शुरू से ही आपत्तियां आरपीएससी को दर्ज करवाई जा रही थी परंतु आयोग ने इन आपत्तियों को दरकिनार करते हुए अपनी उत्तर कुंजी को कायम रखा जिसके कारण मामला हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा| इन दोनों ही प्रश्नों का भारांक , इसमें नेगेटिव मार्किंग को जोड़ते हुए 3.65 अंक है जिसके कारण सभी कैटेगरीज़ और वर्गों के हजारों अभ्यर्थी परीक्षा में प्रविष्ट होगें | यह बात भी गौर करने योग्य है कि हाल ही में माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा एसबीसी आरक्षण को अवैध करार दे दिया गया था जिसके विरुद्ध अपील माननीय सर्वोच्च न्यायालय में राजस्थान सरकार द्वारा की गई है | माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एसबीसी आरक्षण मामले में सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश दिया कि जब तक एसबीसी आरक्षण मामले का अंतिम रुप से निस्तारण सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नहीं कर दिया जाता तब तक एसबीसी आरक्षण से प्रभावित सभी भर्तियों और दाखिलों को (स्टेटस-को )यथास्थिति रखा जाए | दिनांक 3 फरवरी 2017 को दिए गए इस अंतरिम आदेश के अंतिम पैरा में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि जब तक मामले का अंतिम रुप से निस्तारण नहीं हो जाता तब तक एसबीसी आरक्षण मामले से संबंधित आगे किसी प्रकार की नियुक्तियां और एडमिशन नहीं किए जाएं | विदित रहे कि माननीय न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में यह कहीं भी उल्लेख नहीं किया है कि अंतरिम आदेश के बाद, सरकार द्वारा नियुक्तियों और एडमिशन के संबंध में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी जिस का तात्पर्य यह हुआ कि राज्य सरकार या आयोग एसबीसी आरक्षण मामलों में किसी भी प्रकार का कोई अपॉइंटमेंट या एडमिशन या एडमिट कार्ड (प्रवेश पत्र ) इत्यादि मामले के अंतिम निस्तारण तक जारी नहीं कर सकेगी इस अंतरिम आदेश पर आरपीएससी ने विधि विशेषज्ञों द्वारा सलाह-मशविरा करने के पश्चात ras मुख्य परीक्षा 2016 को दिनांक 27 और 28 मार्च 2017 को संपन्न करवाने का निश्चय लिया | परीक्षा आयोजन के पीछे आयोग का तर्क यह है कि एसबीसी की मेरिट सामान्य कैटेगरी के बराबर होने के कारण प्रारंभिक परीक्षा में किसी को भी किसी प्रकार का अनुचित लाभ नहीं मिला है और इस प्रकार मुख्य परीक्षा एसबीसी आरक्षण मामले से किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होती है जब कि वस्तुस्थिति यह है कि प्रारंभिक परीक्षा में एसबीसी महिला की मेरिट सामान्य महिला की मेरिट से लगभग 12 अंक नीचे है | परंतु आयोग ने इस तथ्य को दरकिनार कर sbc को gen माना गया है | गौर करने कि बात है कि एसबीसी की आरक्षित 5% सीटों के अनुपात में न तो सामान्य वर्ग की 5% सीटें नहीं बढ़ाई गई और नही साथ ही एसबीसी महिला से अधिक प्राप्तांक वाली सामान्य महिला अभ्यार्थियों को शामिल किया गया जबकि स्वयं rpsc और माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान ने एसबीसी को कोई आरक्षित कैटेगरी नहीं माना है जिस का तात्पर्य है कि तथाकथित एसबीसी को सामान्य ही माना जाएगा | यह सब जानते हुए भी मुख्य परीक्षा बाबत टाइम टेबल भी आयोग द्वारा जारी कर दिया गया है यहां हम यह भी बता दें कि आयोग द्वारा इससे पूर्व मुख्य परीक्षा की तिथि 29 और 30 जनवरी 2017 निर्धारित की गई थी और इस बाबत एडमिट कार्ड भी अभ्यर्थियों को आवंटित कर दिए गए थे किंतु इस बीच माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान द्वारा एसबीसी आरक्षण रद्द किए जाने के कारण आयोग को परीक्षा स्थगित करनी पड़ी थी इस बीच राज्य सरकार ने एसबीसी आरक्षण मामले में माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध माननीय सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर दी जिसके कारण अभ्यर्थियों में
प्रारंभिक परीक्षा में उत्तर कुंजी में गलत उत्तरों के अाक्षेपों के चलते और एसबीसी आरक्षण मामला लंबित होने के कारण विवादों और चर्चाओं में रहने वाली आरएएस प्रारंभिक परीक्षा 2016 के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका संख्या 3595 /2017 के मामले में सुनवाई करते हुए दिनांक 10 मार्च 2017 को याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए आरपीएससी को इन याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए | मामले में आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता द्वारा प्रारंभिक परीक्षा 2016 के प्रश्न संख्या 74 और 76 के संबंध में विशेषज्ञ रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई | उक्त रिपोर्ट को देखने के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए अाक्षेपों और तथ्यों में बल प्रतीत होता है अतः माननीय न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को मामले में अंतरिम राहत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को किए जाने के आदेश दिए| यह बता दें कि ras प्रारंभिक परीक्षा2016 के प्रश्न संख्या 74 और 76 के संबंध में अभ्यर्थियों द्वारा इनके उत्तरों के संबंध मैं शुरू से ही आपत्तियां आरपीएससी को दर्ज करवाई जा रही थी परंतु आयोग ने इन आपत्तियों को दरकिनार करते हुए अपनी उत्तर कुंजी को कायम रखा जिसके कारण मामला हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा| इन दोनों ही प्रश्नों का भारांक , इसमें नेगेटिव मार्किंग को जोड़ते हुए 3.65 अंक है जिसके कारण सभी कैटेगरीज़ और वर्गों के हजारों अभ्यर्थी परीक्षा में प्रविष्ट होगें | यह बात भी गौर करने योग्य है कि हाल ही में माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा एसबीसी आरक्षण को अवैध करार दे दिया गया था जिसके विरुद्ध अपील माननीय सर्वोच्च न्यायालय में राजस्थान सरकार द्वारा की गई है | माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एसबीसी आरक्षण मामले में सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश दिया कि जब तक एसबीसी आरक्षण मामले का अंतिम रुप से निस्तारण सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नहीं कर दिया जाता तब तक एसबीसी आरक्षण से प्रभावित सभी भर्तियों और दाखिलों को (स्टेटस-को )यथास्थिति रखा जाए | दिनांक 3 फरवरी 2017 को दिए गए इस अंतरिम आदेश के अंतिम पैरा में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि जब तक मामले का अंतिम रुप से निस्तारण नहीं हो जाता तब तक एसबीसी आरक्षण मामले से संबंधित आगे किसी प्रकार की नियुक्तियां और एडमिशन नहीं किए जाएं | विदित रहे कि माननीय न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में यह कहीं भी उल्लेख नहीं किया है कि अंतरिम आदेश के बाद, सरकार द्वारा नियुक्तियों और एडमिशन के संबंध में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी जिस का तात्पर्य यह हुआ कि राज्य सरकार या आयोग एसबीसी आरक्षण मामलों में किसी भी प्रकार का कोई अपॉइंटमेंट या एडमिशन या एडमिट कार्ड (प्रवेश पत्र ) इत्यादि मामले के अंतिम निस्तारण तक जारी नहीं कर सकेगी इस अंतरिम आदेश पर आरपीएससी ने विधि विशेषज्ञों द्वारा सलाह-मशविरा करने के पश्चात ras मुख्य परीक्षा 2016 को दिनांक 27 और 28 मार्च 2017 को संपन्न करवाने का निश्चय लिया | परीक्षा आयोजन के पीछे आयोग का तर्क यह है कि एसबीसी की मेरिट सामान्य कैटेगरी के बराबर होने के कारण प्रारंभिक परीक्षा में किसी को भी किसी प्रकार का अनुचित लाभ नहीं मिला है और इस प्रकार मुख्य परीक्षा एसबीसी आरक्षण मामले से किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होती है जब कि वस्तुस्थिति यह है कि प्रारंभिक परीक्षा में एसबीसी महिला की मेरिट सामान्य महिला की मेरिट से लगभग 12 अंक नीचे है | परंतु आयोग ने इस तथ्य को दरकिनार कर sbc को gen माना गया है | गौर करने कि बात है कि एसबीसी की आरक्षित 5% सीटों के अनुपात में न तो सामान्य वर्ग की 5% सीटें नहीं बढ़ाई गई और नही साथ ही एसबीसी महिला से अधिक प्राप्तांक वाली सामान्य महिला अभ्यार्थियों को शामिल किया गया जबकि स्वयं rpsc और माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान ने एसबीसी को कोई आरक्षित कैटेगरी नहीं माना है जिस का तात्पर्य है कि तथाकथित एसबीसी को सामान्य ही माना जाएगा | यह सब जानते हुए भी मुख्य परीक्षा बाबत टाइम टेबल भी आयोग द्वारा जारी कर दिया गया है यहां हम यह भी बता दें कि आयोग द्वारा इससे पूर्व मुख्य परीक्षा की तिथि 29 और 30 जनवरी 2017 निर्धारित की गई थी और इस बाबत एडमिट कार्ड भी अभ्यर्थियों को आवंटित कर दिए गए थे किंतु इस बीच माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान द्वारा एसबीसी आरक्षण रद्द किए जाने के कारण आयोग को परीक्षा स्थगित करनी पड़ी थी इस बीच राज्य सरकार ने एसबीसी आरक्षण मामले में माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध माननीय सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर दी जिसके कारण अभ्यर्थियों में
मुख्य परीक्षा की तिथियों के संबंध में भ्रम और आशंका की स्थिति उत्पन्न हो गई थी अतएव अभ्यर्थियों के इस भ्रम को दूर करने के लिए आयोग अध्यक्ष के द्वारा दिनांक 23 Jan 2017 को etv राजस्थान पर और बाद मे Zee न्यूज राजस्थान पर विशेष साक्षात्कार के जरिए अभ्यर्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया गया जिसमें आयोग अध्यक्ष द्वारा यह कहा गया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसबीसी आरक्षण मामले पर अंतिम निर्णय के पश्चात ही मुख्य परीक्षा का आयोजन संभव हो सकेगा और यह परीक्षा अप्रैल माह या उसके बाद ही संभव हो सकेगी | बाद में अपने दूसरे साक्षात्कार में zee news राजस्थान से मुखातिब होते हुए आयोग अध्यक्ष ने यह भी कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पश्चात एक माह के भीतर ही मुख्य परीक्षा का आयोजन संभव हो पाएगा किंतु बाद में आयोग अध्यक्ष अपने द्वारा दिए गए इन साक्षात्कारों से मुकर गए और एसबीसी आरक्षण मामले पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय का इंतजार किए बिना ही आनन फानन में मुख्य परीक्षा की तिथि 27 और 28 मार्च 2017 घोषित कर दी जिससे अभ्यर्थी और अधिक भ्रम में पड़ गए अतः इन सब कारणों से यह परीक्षा और अधिक विवादों में आ गई है
"Admit cards of RAS Mains exam 2016 are available on RPSC official website "
All the best 👍
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