सरकारी कॉलेजों में बढ़ती नामांकन शुल्क की लूट: छात्रों की उम्मीदों पर कुठाराघात
1. मगध विश्वविद्यालय के कॉलेजों में जिस तरह से नामांकन शुल्क वसूला जा रहा है, उससे साफ लग रहा है कि अब गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे स्नातक की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे।
2. 2023-27 के छात्रों से जिस तरह फीस ली जा रही है, वो बेहद दुखद है। पहले SC/ST और लड़कियों को फीस में छूट दी जाती थी, लेकिन अब उनसे भी पूरा पैसा वसूला जा रहा है।
3. छात्रों को साल में दो बार नामांकन कराना पड़ता है और हर बार फीस के नाम पर अलग-अलग तरीकों से पैसा वसूला जा रहा है:
● Online Processing Fee
● Lab Fee
● कॉलेज में ऑफलाइन फॉर्म का पैसा
4. मतलब छात्र पहले ऑनलाइन भुगतान करते हैं, फिर कॉलेज जाकर फॉर्म लेते हैं और वहां भी पैसे देने पड़ते हैं। ये कैसा सिस्टम है?
5. अब तो ऐसा लग रहा है कि आने वाले सभी सत्रों में जैसे 2024–28, 2025–29 या आगे जो भी नामांकन होंगे, सभी से इसी तरह अधिक पैसा वसूला जाएगा। ये शिक्षा नहीं, लूट का सिस्टम बनता जा रहा है।
6. आखिर सरकारी कॉलेज किसलिए होते हैं? ताकि छात्र कम खर्च में पढ़ाई कर सकें। लेकिन मगध विश्वविद्यालय में तो जैसे नए वीसी के आने के बाद खुलेआम लूट मचाई जा रही है।
7. सरकार की तरफ से हर साल प्रोफेसरों और कर्मचारियों की सैलरी, कॉलेज के खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट आता है, फिर भी छात्रों से हर चीज़ के नाम पर पैसा लिया जा रहा है।
छात्रों की मजबूरी का इस तरह फायदा उठाना बेहद शर्मनाक है। इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन तो पहले ही बिक चुकी है। वरना धीरे-धीरे सरकारी कॉलेजों में पढ़ना गरीबों के लिए नामुमकिन हो जाएगा।
1. मगध विश्वविद्यालय के कॉलेजों में जिस तरह से नामांकन शुल्क वसूला जा रहा है, उससे साफ लग रहा है कि अब गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे स्नातक की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे।
2. 2023-27 के छात्रों से जिस तरह फीस ली जा रही है, वो बेहद दुखद है। पहले SC/ST और लड़कियों को फीस में छूट दी जाती थी, लेकिन अब उनसे भी पूरा पैसा वसूला जा रहा है।
3. छात्रों को साल में दो बार नामांकन कराना पड़ता है और हर बार फीस के नाम पर अलग-अलग तरीकों से पैसा वसूला जा रहा है:
● Online Processing Fee
● Lab Fee
● कॉलेज में ऑफलाइन फॉर्म का पैसा
4. मतलब छात्र पहले ऑनलाइन भुगतान करते हैं, फिर कॉलेज जाकर फॉर्म लेते हैं और वहां भी पैसे देने पड़ते हैं। ये कैसा सिस्टम है?
5. अब तो ऐसा लग रहा है कि आने वाले सभी सत्रों में जैसे 2024–28, 2025–29 या आगे जो भी नामांकन होंगे, सभी से इसी तरह अधिक पैसा वसूला जाएगा। ये शिक्षा नहीं, लूट का सिस्टम बनता जा रहा है।
6. आखिर सरकारी कॉलेज किसलिए होते हैं? ताकि छात्र कम खर्च में पढ़ाई कर सकें। लेकिन मगध विश्वविद्यालय में तो जैसे नए वीसी के आने के बाद खुलेआम लूट मचाई जा रही है।
7. सरकार की तरफ से हर साल प्रोफेसरों और कर्मचारियों की सैलरी, कॉलेज के खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट आता है, फिर भी छात्रों से हर चीज़ के नाम पर पैसा लिया जा रहा है।
छात्रों की मजबूरी का इस तरह फायदा उठाना बेहद शर्मनाक है। इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन तो पहले ही बिक चुकी है। वरना धीरे-धीरे सरकारी कॉलेजों में पढ़ना गरीबों के लिए नामुमकिन हो जाएगा।
Magadh University Spot Round Be Like:
2 Seats Tumhare 2 Seats Humare, Tum Bhi Khush Hum Bhi Khush
Students Leaders' New Mantra: No Protest, Only Adjustment, Protests Kyu Bhai System Ka Hissa Hai Hum...
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आधार जांच अनुमति के लिए राज्य सरकार ने गजट प्रकाशित कराया, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जल्द मिलेगी जांच की अनुमति पांच लाख स्नातक पास छात्राओं को प्रोत्साहन राशि जल्द
■ 01 माह के अंदर प्रोत्साहन राशि संबंधी आवेदन के लिए खुल जाएगा पोर्टल
■ शिक्षा विभाग ने प्रोत्साहन राशि के लिए तत्काल 200 करोड़ की राशि का प्रावधान किया
■ 01 माह के अंदर प्रोत्साहन राशि संबंधी आवेदन के लिए खुल जाएगा पोर्टल
■ शिक्षा विभाग ने प्रोत्साहन राशि के लिए तत्काल 200 करोड़ की राशि का प्रावधान किया
मगध विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति: सेवा नहीं, अब सिर्फ दिखावा और स्वार्थ की कहानी
मगध विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति अब पूरी तरह अपने असली मकसद से भटक चुकी है। पहले जहां छात्र राजनीति का मतलब था छात्रों की समस्याओं को समझना, उनके हक के लिए आवाज़ उठाना और बदलाव लाना, वहीं अब यह सिर्फ एक दिखावे और क्रेडिट लेने की होड़ बनकर रह गई है। आज की छात्र राजनीति अब सेवा का माध्यम नहीं बल्कि पैसे कमाने और नाम कमाने का जरिया बन चुकी है। कई लोग इसे एक करियर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमें छात्रों की भलाई से ज़्यादा उन्हें अपना फायदा दिखता है।
जैसे ही किसी मुद्दे पर समाधान की उम्मीद बनती है, तभी कुछ छात्र नेता अचानक सक्रिय हो जाते हैं। वे ज्ञापन देने पहुँचते हैं, सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते हैं और प्रचार करने लगते हैं कि उन्होंने यह काम करवाया है। जबकि असलियत यह होती है कि वह काम पहले से ही तय होता है और उसे लेकर सिर्फ श्रेय लेने की होड़ लग जाती है। हाल ही में 2025–29 सत्र के नामांकन की तारीख बढ़ाने को लेकर उच्च शिक्षा निदेशक की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें 15 दिन की समय सीमा बढ़ाने की बात कही गई थी। यह निर्णय पूरी तरह से प्रशासनिक था लेकिन फिर भी कुछ छात्र संगठनों ने इसे अपनी उपलब्धि बताकर प्रचार शुरू कर दिया।
हर कोई खुद को किसी बड़े संगठन से जुड़ा बताता है, कोई कहता है कि वह देश की सबसे बड़ी छात्र पार्टी का सदस्य है, तो कोई खुद को विश्वविद्यालय स्तर का प्रतिनिधि मान बैठा है। लेकिन सच्चाई यह है कि न तो कोई वास्तव में किसी पद पर है और न ही इनसे कोई बड़ी उम्मीद की जा सकती है। क्योंकि वर्षों से मगध विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव ही नहीं हुए हैं। जब चुनाव ही नहीं हुए हैं, तो कोई भी छात्र नेता आधिकारिक रूप से किसी भी पद पर नहीं है। ऐसे में जवाबदेही की कोई गुंजाइश नहीं बचती।
दूसरी बात यह है कि जो लोग खुद को छात्र नेता कहते हैं, वे भी खुलकर यह मांग नहीं करते कि विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव कराए जाएं। यह चुप्पी दिखाती है कि वे खुद भी इस स्थिति से संतुष्ट हैं और कोई बड़ा बदलाव नहीं चाहते। उधर विश्वविद्यालय प्रशासन को भी छात्र चुनाव की कोई जल्दी नहीं है, शायद इसलिए कि बिना चुनाव के एक शांत और मैनेज माहौल बना रहता है जहां कोई सवाल पूछने वाला नहीं होता।
मगध विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति आज एक निष्क्रिय, दिखावटी और स्वार्थ से भरी व्यवस्था में बदल चुकी है। न तो प्रशासन अपनी ज़िम्मेदारियां निभा रहा है और न ही छात्र संगठन छात्रों की असली आवाज़ बन पा रहे हैं। असली समस्याएं जैसे परीक्षा में देरी, रिजल्ट, डिग्री जैसी ज़रूरी चीज़ें पीछे छूट गई हैं और सबका ध्यान सिर्फ प्रचार और खुद को बड़ा दिखाने में लग गया है। ऐसी राजनीति छात्रों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है।
मगध विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति अब पूरी तरह अपने असली मकसद से भटक चुकी है। पहले जहां छात्र राजनीति का मतलब था छात्रों की समस्याओं को समझना, उनके हक के लिए आवाज़ उठाना और बदलाव लाना, वहीं अब यह सिर्फ एक दिखावे और क्रेडिट लेने की होड़ बनकर रह गई है। आज की छात्र राजनीति अब सेवा का माध्यम नहीं बल्कि पैसे कमाने और नाम कमाने का जरिया बन चुकी है। कई लोग इसे एक करियर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमें छात्रों की भलाई से ज़्यादा उन्हें अपना फायदा दिखता है।
जैसे ही किसी मुद्दे पर समाधान की उम्मीद बनती है, तभी कुछ छात्र नेता अचानक सक्रिय हो जाते हैं। वे ज्ञापन देने पहुँचते हैं, सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते हैं और प्रचार करने लगते हैं कि उन्होंने यह काम करवाया है। जबकि असलियत यह होती है कि वह काम पहले से ही तय होता है और उसे लेकर सिर्फ श्रेय लेने की होड़ लग जाती है। हाल ही में 2025–29 सत्र के नामांकन की तारीख बढ़ाने को लेकर उच्च शिक्षा निदेशक की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें 15 दिन की समय सीमा बढ़ाने की बात कही गई थी। यह निर्णय पूरी तरह से प्रशासनिक था लेकिन फिर भी कुछ छात्र संगठनों ने इसे अपनी उपलब्धि बताकर प्रचार शुरू कर दिया।
हर कोई खुद को किसी बड़े संगठन से जुड़ा बताता है, कोई कहता है कि वह देश की सबसे बड़ी छात्र पार्टी का सदस्य है, तो कोई खुद को विश्वविद्यालय स्तर का प्रतिनिधि मान बैठा है। लेकिन सच्चाई यह है कि न तो कोई वास्तव में किसी पद पर है और न ही इनसे कोई बड़ी उम्मीद की जा सकती है। क्योंकि वर्षों से मगध विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव ही नहीं हुए हैं। जब चुनाव ही नहीं हुए हैं, तो कोई भी छात्र नेता आधिकारिक रूप से किसी भी पद पर नहीं है। ऐसे में जवाबदेही की कोई गुंजाइश नहीं बचती।
दूसरी बात यह है कि जो लोग खुद को छात्र नेता कहते हैं, वे भी खुलकर यह मांग नहीं करते कि विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव कराए जाएं। यह चुप्पी दिखाती है कि वे खुद भी इस स्थिति से संतुष्ट हैं और कोई बड़ा बदलाव नहीं चाहते। उधर विश्वविद्यालय प्रशासन को भी छात्र चुनाव की कोई जल्दी नहीं है, शायद इसलिए कि बिना चुनाव के एक शांत और मैनेज माहौल बना रहता है जहां कोई सवाल पूछने वाला नहीं होता।
मगध विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति आज एक निष्क्रिय, दिखावटी और स्वार्थ से भरी व्यवस्था में बदल चुकी है। न तो प्रशासन अपनी ज़िम्मेदारियां निभा रहा है और न ही छात्र संगठन छात्रों की असली आवाज़ बन पा रहे हैं। असली समस्याएं जैसे परीक्षा में देरी, रिजल्ट, डिग्री जैसी ज़रूरी चीज़ें पीछे छूट गई हैं और सबका ध्यान सिर्फ प्रचार और खुद को बड़ा दिखाने में लग गया है। ऐसी राजनीति छात्रों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है।
बिहार की स्नातक पास लड़कियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी जल्द ही मिलेगा ₹50,000 रुपए अकाउंट में
राज्य सरकार जल्द ही 5 लाख से अधिक स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को 50 हजार रुपये की दर से प्रोत्साहन राशि देने जा रही है। इसके लिए आधार जांच की प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार ने जरूरी अनुमति प्राप्त कर ली है और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जांच की मंजूरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए 200 करोड़ रुपये की राशि को स्वीकृति दे दी है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक राज्य की 2.85 लाख छात्राओं को 714 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। अब तक कुल 6 लाख से अधिक छात्राओं को लगभग 2600 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। यह योजना सरकार की तरफ से छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
इस बार भी जल्द ही पोर्टल खोला जाएगा, जहाँ छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगी। आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक पात्र छात्राएं इसका लाभ ले सकें। इस योजना से हजारों छात्राओं को सीधा लाभ मिलेगा और उनके भविष्य को मजबूती मिलेगी।
राज्य सरकार जल्द ही 5 लाख से अधिक स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को 50 हजार रुपये की दर से प्रोत्साहन राशि देने जा रही है। इसके लिए आधार जांच की प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार ने जरूरी अनुमति प्राप्त कर ली है और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जांच की मंजूरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए 200 करोड़ रुपये की राशि को स्वीकृति दे दी है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक राज्य की 2.85 लाख छात्राओं को 714 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। अब तक कुल 6 लाख से अधिक छात्राओं को लगभग 2600 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। यह योजना सरकार की तरफ से छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
इस बार भी जल्द ही पोर्टल खोला जाएगा, जहाँ छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगी। आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक पात्र छात्राएं इसका लाभ ले सकें। इस योजना से हजारों छात्राओं को सीधा लाभ मिलेगा और उनके भविष्य को मजबूती मिलेगी।
स्नातकोत्तर (P.G.) सत्र ( 2019-2021, 2020-2022 एवं 2021-2023) के अंतर्गत अध्ययनरत समस्त विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ (1st, 2nd, 3rd & 4th) सेमेस्टर के अंक प्रमाण पत्र (Marksheet) आपके महाविद्यालय में उपलब्ध करा दिया गया है।
अतः सभी संबंधित छात्र-छात्राएं अपने प्रवेश पत्र (Admit Card) के साथ महाविद्यालय में उपस्थित होकर अपने-अपने अंक प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें।
अतः सभी संबंधित छात्र-छात्राएं अपने प्रवेश पत्र (Admit Card) के साथ महाविद्यालय में उपस्थित होकर अपने-अपने अंक प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें।
स्नातकोत्तर सत्र 2022-24 सेमेस्टर-III का एडमिट कार्ड हुआ जारी!
स्नातकोत्तर सत्र 2022-24 के सेमेस्टर 3 का एडमिट कार्ड जारी कर दिया गया है। सभी विद्यार्थी अपने यूजर आईडी और पासवर्ड की सहायता से पोर्टल पर लॉगिन करके अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
Download Your Admit Card:👇
https://pg.magadhonline.in/student-login
स्नातकोत्तर सत्र 2022-24 के सेमेस्टर 3 का एडमिट कार्ड जारी कर दिया गया है। सभी विद्यार्थी अपने यूजर आईडी और पासवर्ड की सहायता से पोर्टल पर लॉगिन करके अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
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प्रधान मंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन (PM-USP) योजना कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए केंद्रीय क्षेत्र छात्रवृत्ति योजना (NSP CSS)
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 2008 से कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की “प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन (पीएम-यूएसपी) केंद्रीय क्षेत्र योजना” लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे उच्च अध्ययन के दौरान अपने दैनिक खर्चों का एक हिस्सा पूरा कर सकें।
पात्रता की शर्तें:
➥ वे छात्र जो बिहार बोर्ड की कक्षा (XII 12th) में संबंधित स्ट्रीम में सफल उम्मीदवारों के 80 प्रतिशत से ऊपर हैं
➥ जिनकी पारिवारिक आय 4.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक है
➥ किसी भी प्रकार की कोई अन्य छात्रवृत्ति या शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त नहीं कर रहे हैं
➥ वे छात्र जिन्होंने 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी, वे इस योजना के तहत पात्र नहीं हैं।
➥ योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के चयन हेतु मेरिट सूची तैयार करने के लिए क्या पद्धति अपनाई गई है?
पात्र आवेदकों में से लड़के/लड़कियां),विज्ञान: वाणिज्य: कला), श्रेणी से (SC-15%, ST-7.5% और OBC-27%) आरक्षण के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाती है, और संबंधित राज्य शिक्षा बोर्डों के आवंटित स्लॉट से बेंचमार्क विकलांगता (40% या अधिक की विकलांगता) वाले छात्रों के लिए 5% क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया जाता है।
योजना के तहत छात्रवृत्ति की दर क्या है?
➥ कॉलेज और विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों के पहले तीन वर्षों के लिए स्नातक स्तर पर छात्रवृत्ति की दर 12,000 रुपये प्रति वर्ष और स्नातकोत्तर स्तर पर 20,000 रुपये प्रति वर्ष है।
➥ तकनीकी पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्रों को चौथे और पांचवें वर्ष में 20,000 रुपये प्रति वर्ष का भुगतान किया जाता है।
➥ बी.टेक/बी.ई. करने वाले छात्रों को केवल 4 वर्षों के लिए छात्रवृत्ति मिलेगी, यानी पहले तीन वर्षों के लिए 12000 रुपये प्रति वर्ष और चौथे वर्ष में 20,000 रुपये प्रति वर्ष।
NSP CSS आवेदन की तिथि
📺 Renewal Session or New Apply Session :- 2025-26
➥ 02-06-2025 से छात्र छात्राएं आवेदन कर सकते है।
➥ 31-10-2025 तक आवेदन करने की अंतिम तिथि
➥ बिहार बोर्ड ने NSP CSS 2025 का मेरिट लिस्ट अभी जारी नहीं किया है। जल्द ही मेरिट लिस्ट जारी किया जाएगा।
➥ स्नातक सत्र 2023-27 एवं 2024-28 Renewal आवेदन करने वाले छात्र का आवेदन शुरू कर दिया गया है।
➥ आवेदन हेतु नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।
https://scholarships.gov.in/ApplicationForm/login📺
बिहार से जुड़ी स्कॉलरशिप संबंधित सूचना के लिए क्लिक करें:
https://t.me/Scholarship_Update_Bihar✅
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 2008 से कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की “प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन (पीएम-यूएसपी) केंद्रीय क्षेत्र योजना” लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे उच्च अध्ययन के दौरान अपने दैनिक खर्चों का एक हिस्सा पूरा कर सकें।
पात्रता की शर्तें:
➥ वे छात्र जो बिहार बोर्ड की कक्षा (XII 12th) में संबंधित स्ट्रीम में सफल उम्मीदवारों के 80 प्रतिशत से ऊपर हैं
➥ जिनकी पारिवारिक आय 4.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक है
➥ किसी भी प्रकार की कोई अन्य छात्रवृत्ति या शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त नहीं कर रहे हैं
➥ वे छात्र जिन्होंने 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी, वे इस योजना के तहत पात्र नहीं हैं।
➥ योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के चयन हेतु मेरिट सूची तैयार करने के लिए क्या पद्धति अपनाई गई है?
पात्र आवेदकों में से लड़के/लड़कियां),विज्ञान: वाणिज्य: कला), श्रेणी से (SC-15%, ST-7.5% और OBC-27%) आरक्षण के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाती है, और संबंधित राज्य शिक्षा बोर्डों के आवंटित स्लॉट से बेंचमार्क विकलांगता (40% या अधिक की विकलांगता) वाले छात्रों के लिए 5% क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया जाता है।
योजना के तहत छात्रवृत्ति की दर क्या है?
➥ कॉलेज और विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों के पहले तीन वर्षों के लिए स्नातक स्तर पर छात्रवृत्ति की दर 12,000 रुपये प्रति वर्ष और स्नातकोत्तर स्तर पर 20,000 रुपये प्रति वर्ष है।
➥ तकनीकी पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्रों को चौथे और पांचवें वर्ष में 20,000 रुपये प्रति वर्ष का भुगतान किया जाता है।
➥ बी.टेक/बी.ई. करने वाले छात्रों को केवल 4 वर्षों के लिए छात्रवृत्ति मिलेगी, यानी पहले तीन वर्षों के लिए 12000 रुपये प्रति वर्ष और चौथे वर्ष में 20,000 रुपये प्रति वर्ष।
NSP CSS आवेदन की तिथि
➥ 02-06-2025 से छात्र छात्राएं आवेदन कर सकते है।
➥ 31-10-2025 तक आवेदन करने की अंतिम तिथि
➥ बिहार बोर्ड ने NSP CSS 2025 का मेरिट लिस्ट अभी जारी नहीं किया है। जल्द ही मेरिट लिस्ट जारी किया जाएगा।
➥ स्नातक सत्र 2023-27 एवं 2024-28 Renewal आवेदन करने वाले छात्र का आवेदन शुरू कर दिया गया है।
➥ आवेदन हेतु नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।
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फरवरी 2025 तक स्नातक डिग्री सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किए हुए छात्र छात्राओं का डिग्री बन चुका है। एवं लिस्ट जारी किया जा रहा है।
फरवरी 2025 तक स्नातक डिग्री सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किए हुए छात्र छात्राओं का डिग्री बन चुका है। एवं लिस्ट जारी किया जा रहा है।