करीब दो महीने पहले मैं मगध विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से मिलने गया था। मेरा सत्र 2023–25 है, पीजी वोकेशनल कोर्स का, और उस समय सेमेस्टर III की परीक्षा के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। मैं सेमेस्टर I के रिजल्ट को लेकर बात करने गया था कि रिजल्ट अब तक क्यों नहीं आया।
लेकिन जब मैं वहां पहुंचा तो परीक्षा नियंत्रक ने तो मुँह तक खोलना ज़रूरी नहीं समझा। सारी बात उनके असिस्टेंट ने की और जो जवाब मिला वो सुनकर मैं हैरान भी हुआ और गुस्से में भी। असिस्टेंट ने बताया कि रिजल्ट इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि उनके एक स्टाफ के घर में शादी थी। सोचिए, एक साल हो चुका है परीक्षा हुए और रिजल्ट सिर्फ इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि किसी कर्मचारी के घर शादी थी।
क्या यही है करोड़ों के फंड और लाखों की सैलरी वाली यूनिवर्सिटी का काम करने का स्तर? एक स्टाफ की शादी हो गई तो पूरे विभाग का काम ठप। जैसे यूनिवर्सिटी कोई संस्थान नहीं, बल्कि किसी का निजी घर हो। जब एक रिजल्ट जारी करने जैसी जरूरी प्रक्रिया को शादी जैसे निजी कारणों से रोक दिया जाता है तो ये प्रशासन की नहीं, निर्लज्जता की हद होती है।
यूनिवर्सिटी के कर्मचारी अब इसे अपना निजी कारोबार समझ बैठे हैं। छात्रों के भविष्य, उनका समय, उनका मानसिक तनाव किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ता। बस सैलरी समय पर मिलनी चाहिए और अगर घर में शादी है तो काम ठप्प हो जाना चाहिए। ये सोच दिखाती है कि मगध यूनिवर्सिटी अब एक शिक्षण संस्थान नहीं बल्कि कुछ लोगों का पारिवारिक दुकान बन चुकी है।
लेकिन जब मैं वहां पहुंचा तो परीक्षा नियंत्रक ने तो मुँह तक खोलना ज़रूरी नहीं समझा। सारी बात उनके असिस्टेंट ने की और जो जवाब मिला वो सुनकर मैं हैरान भी हुआ और गुस्से में भी। असिस्टेंट ने बताया कि रिजल्ट इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि उनके एक स्टाफ के घर में शादी थी। सोचिए, एक साल हो चुका है परीक्षा हुए और रिजल्ट सिर्फ इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि किसी कर्मचारी के घर शादी थी।
क्या यही है करोड़ों के फंड और लाखों की सैलरी वाली यूनिवर्सिटी का काम करने का स्तर? एक स्टाफ की शादी हो गई तो पूरे विभाग का काम ठप। जैसे यूनिवर्सिटी कोई संस्थान नहीं, बल्कि किसी का निजी घर हो। जब एक रिजल्ट जारी करने जैसी जरूरी प्रक्रिया को शादी जैसे निजी कारणों से रोक दिया जाता है तो ये प्रशासन की नहीं, निर्लज्जता की हद होती है।
यूनिवर्सिटी के कर्मचारी अब इसे अपना निजी कारोबार समझ बैठे हैं। छात्रों के भविष्य, उनका समय, उनका मानसिक तनाव किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ता। बस सैलरी समय पर मिलनी चाहिए और अगर घर में शादी है तो काम ठप्प हो जाना चाहिए। ये सोच दिखाती है कि मगध यूनिवर्सिटी अब एक शिक्षण संस्थान नहीं बल्कि कुछ लोगों का पारिवारिक दुकान बन चुकी है।
मगध विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण वे सभी छात्र-छात्राएं जिन्होंने डिग्री प्रमाणपत्र हेतु आवेदन किया था, उन्हें सूचित किया जाता है कि विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए हैं। जिन छात्रों का प्रमाणपत्र तैयार हो चुका है, उनके नाम की सूची नीचे दिए गए लिंक में पीडीएफ प्रारूप में उपलब्ध है।
कृपया सभी छात्र-छात्राएं अपना नाम सूची में देखकर समय पर अपने महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय से डिग्री प्रमाणपत्र प्राप्त करें।
➥ DEGREE UG/PG
https://www.magadhuniversity.ac.in/ug_pg
➥ DEGREE B.Ed / M.Ed
https://www.magadhuniversity.ac.in/bed_med
➥ DEGREE VOCATIONAL
https://www.magadhuniversity.ac.in/noticeall/resultVocational
नोट :- डिग्री प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए पहचान-पत्र एवं आवेदन रसीद साथ लाना अनिवार्य है।
कृपया सभी छात्र-छात्राएं अपना नाम सूची में देखकर समय पर अपने महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय से डिग्री प्रमाणपत्र प्राप्त करें।
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नोट :- डिग्री प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए पहचान-पत्र एवं आवेदन रसीद साथ लाना अनिवार्य है।
CBCS स्नातक सत्र (2023–27) SEM. III के परीक्षार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सूचना।
सभी संबंधित परीक्षार्थियों को सूचित किया जाता है कि जिन विद्यार्थियों की MIC-3 तथा MDC-3 (Psychology) विषय की परीक्षा दिनांक 02.05.2025 एवं 03.05.2025 को निर्धारित थी, उनकी परीक्षा अब संशोधित कर 10.05.2025 एवं 13.05.2025 को, पूर्व निर्धारित समय एवं पाली में आयोजित की जाएगी।
⭐️ ध्यानपूर्वक समझ ले केवल एक विषय Psychology परीक्षा की तिथि बदली गई है। अन्य सभी विषयों की परीक्षाएं, जिनकी तिथियां 02.05.2025 एवं 03.05.2025 को निर्धारित हैं, वे यथावत अपने निर्धारित समय पर ही आयोजित होंगी।
सभी संबंधित परीक्षार्थियों को सूचित किया जाता है कि जिन विद्यार्थियों की MIC-3 तथा MDC-3 (Psychology) विषय की परीक्षा दिनांक 02.05.2025 एवं 03.05.2025 को निर्धारित थी, उनकी परीक्षा अब संशोधित कर 10.05.2025 एवं 13.05.2025 को, पूर्व निर्धारित समय एवं पाली में आयोजित की जाएगी।
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आज से सारे Funny Memes आपको इस चैनल पर मिलेगा जिनको Memes पसंद हो वो ज्वाइन कर लें:
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मगध यूनिवर्सिटी इन्फो के एडमिन टीम की ओर से आप सभी को मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
हर साल 1 मई को हम मजदूर दिवस मनाते हैं, जो उन सभी मेहनतकश लोगों को समर्पित है, जो बिना थके दिन-रात मेहनत करके हमारे समाज की बुनियाद को मजबूत बनाते हैं। चाहे वो निर्माण कार्य में लगे मजदूर हों, फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिक हों या खेतों में पसीना बहाने वाले किसान, हर एक हाथ जो मेहनत करता है, हमारे भविष्य की नींव रखता है।
इस दिन हम न सिर्फ उनके योगदान को याद करते हैं, बल्कि यह भी समझने की कोशिश करते हैं कि बिना उनके, हमारी दुनिया अधूरी है। हर ईंट-पत्थर के पीछे एक मेहनती हाथ होता है, जिसे सम्मान देना हमारा फर्ज है।
हर साल 1 मई को हम मजदूर दिवस मनाते हैं, जो उन सभी मेहनतकश लोगों को समर्पित है, जो बिना थके दिन-रात मेहनत करके हमारे समाज की बुनियाद को मजबूत बनाते हैं। चाहे वो निर्माण कार्य में लगे मजदूर हों, फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिक हों या खेतों में पसीना बहाने वाले किसान, हर एक हाथ जो मेहनत करता है, हमारे भविष्य की नींव रखता है।
इस दिन हम न सिर्फ उनके योगदान को याद करते हैं, बल्कि यह भी समझने की कोशिश करते हैं कि बिना उनके, हमारी दुनिया अधूरी है। हर ईंट-पत्थर के पीछे एक मेहनती हाथ होता है, जिसे सम्मान देना हमारा फर्ज है।
क्या शिक्षा का मंदिर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है?
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति डॉ. शशि प्रताप शाही पर एक महिला प्राचार्या से रिश्वत माँगने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला तब सामने आया जब सांसद अभय कुमार सिन्हा ने इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज की।
यह घटना बेहद शर्मनाक और चिंता जनक है। जिस पद पर बैठकर शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और मजबूत बनाया जाना चाहिए, वहीं इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगना न केवल व्यवस्था को कलंकित करता है, बल्कि योग्य और ईमानदार लोगों का मनोबल भी तोड़ता है।
अगर यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह पूरा मामला हमारे शिक्षा तंत्र की साख पर गहरा सवाल खड़ा करता है।
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति डॉ. शशि प्रताप शाही पर एक महिला प्राचार्या से रिश्वत माँगने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला तब सामने आया जब सांसद अभय कुमार सिन्हा ने इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज की।
यह घटना बेहद शर्मनाक और चिंता जनक है। जिस पद पर बैठकर शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और मजबूत बनाया जाना चाहिए, वहीं इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगना न केवल व्यवस्था को कलंकित करता है, बल्कि योग्य और ईमानदार लोगों का मनोबल भी तोड़ता है।
अगर यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह पूरा मामला हमारे शिक्षा तंत्र की साख पर गहरा सवाल खड़ा करता है।
स्नातक सत्र 2023-27 सेमेस्टर III के सभी छात्र-छात्राओं को उनके आज से प्रारंभ होने वाली परीक्षा के लिए शुभकामनाएं। सभी विद्यार्थी परीक्षा देते समय अपने कॉपी में अपना सेंटर कोड, कॉलेज कोड, रोल नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर, विषय, स्क्रिप्ट तथा दिनांक अच्छे से लिखेंगे क्युकी अगर इनमे कुछ गलत होता है तो आपका रिज़ल्ट पेंडिंग हो सकता है, इसलिए इन जानकारियों को ध्यानपूर्वक भरें।
साथ ही अपना अटेंडेंस सेंटर के द्वारा उपलब्ध करवाए गए रजिस्टर में जरूरी से करवाएं और एक बार अंत में कॉपी जमा करने से पहले ये सभी जानकारियां अच्छे से एडमिट कार्ड से मिलाकर ही कॉपी जमा करे ताकि गलती की कोई उम्मीद ना रहें।
नोट: एडमिट कार्ड पर विद्यार्थी अपने सभी विषयों के उत्तरपुस्तिका नंबर जरूर नोट कर लें, भविष्य में परीक्षाफत संबंधित किसी प्रकार की शिकायत उत्तर पुस्तिका नंबर से करना ही करना है।
All the best to all the students for your exams! Stay focused and give it your best.
निवेदक: Magadh University Info⭐️
साथ ही अपना अटेंडेंस सेंटर के द्वारा उपलब्ध करवाए गए रजिस्टर में जरूरी से करवाएं और एक बार अंत में कॉपी जमा करने से पहले ये सभी जानकारियां अच्छे से एडमिट कार्ड से मिलाकर ही कॉपी जमा करे ताकि गलती की कोई उम्मीद ना रहें।
नोट: एडमिट कार्ड पर विद्यार्थी अपने सभी विषयों के उत्तरपुस्तिका नंबर जरूर नोट कर लें, भविष्य में परीक्षाफत संबंधित किसी प्रकार की शिकायत उत्तर पुस्तिका नंबर से करना ही करना है।
निवेदक: Magadh University Info
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स्नातक सत्र 2022-25 के लिए रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी
सभी छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि स्नातक सत्र 2022-25 के लिए रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी कर दिया गया है। वे अपने यूज़र आईडी (User ID) और पासवर्ड (Password) का उपयोग करके आधिकारिक पोर्टल पर लॉगिन कर अपना रजिस्ट्रेशन कार्ड डाउनलोड कर सकते है।
स्नातक सत्र 2022-25 में लॉगिन के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे :-
👉 https://www.magadhonline.co.in/student-login
महत्वपूर्ण निर्देश:
➥ रजिस्ट्रेशन कार्ड का एक प्रिंट आउट निकालकर अपने पास सुरक्षित रखें।
➥ भविष्य में किसी भी प्रशासनिक या शैक्षणिक प्रक्रिया के लिए यह आवश्यक हो सकता है, इसलिए इसे संभालकर रखें।
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स्नातक तृतीय खण्ड (Part-III) सत्र-2022-25 के नामांकित छात्र छात्राएं अपने User I.D. एवं Password की सहायता से स्नातक तृतीय खण्ड का परीक्षा प्रपत्र शुल्क सामान्य छात्र हेतु परीक्षा शुल्क Rs.-1370/
S.C./S.T./B.C.1 हेतु परीक्षा शुल्क Rs.-1190/ ऑनलाईन माध्यम से दिनांक:02/05/2025 से 12/05/2025 तक जमा करना सुनिश्चित करेंगे।
➥ परीक्षा प्रपत्र एवं शुल्क जमा करने हेतु नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।
👉 https://www.magadhonline.co.in/student-login
नोट :- USER ID आपके पार्ट 1 एवं पार्ट 2 एडमिट कार्ड में लिखा होगा 22G00.... ये आपका यूजर आईडी हुआ और पासवर्ड में अपने नाम के पहले चार अक्षर (सभी कैपिटल लेटर में) और अपनी जन्मतिथि (DDMMYYYY फॉर्मेट में) भरें।
उदाहरण: अगर आपका नाम "SANGAM" है और जन्मतिथि 11 जनवरी 2002 है, तो पासवर्ड "SANG11012002" होगा।
S.C./S.T./B.C.1 हेतु परीक्षा शुल्क Rs.-1190/ ऑनलाईन माध्यम से दिनांक:02/05/2025 से 12/05/2025 तक जमा करना सुनिश्चित करेंगे।
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A.N. कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. शशि प्रताप शाही पर 21 लाख की अवैध निकासी का आरोप, अब हैं मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति!
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति प्रो. (डॉ.) शशि प्रताप शाही पर उनके पूर्व कार्यकाल के दौरान पटना स्थित A.N. कॉलेज में लगभग 21.90 लाख रुपये की अवैध निकासी का गंभीर आरोप लगा है। कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य डॉ. प्रवीण कुमार द्वारा कुलाधिपति को भेजे गए पत्र के अनुसार, यह राशि "केंद्र अधीक्षक फंड" के खाते से बिना किसी अनुमति के 15 फरवरी 2023 से 6 जुलाई 2024 के बीच निकाली गई। हैरानी की बात यह है कि खाता प्रो. शाही द्वारा तब संचालित किया गया जब वे उस पद पर नहीं थे। इतने गंभीर वित्तीय आरोपों के बावजूद उनका मगध विश्वविद्यालय जैसे बड़े संस्थान का नेतृत्व करना शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गहरा सवाल खड़ा करता है।
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति प्रो. (डॉ.) शशि प्रताप शाही पर उनके पूर्व कार्यकाल के दौरान पटना स्थित A.N. कॉलेज में लगभग 21.90 लाख रुपये की अवैध निकासी का गंभीर आरोप लगा है। कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य डॉ. प्रवीण कुमार द्वारा कुलाधिपति को भेजे गए पत्र के अनुसार, यह राशि "केंद्र अधीक्षक फंड" के खाते से बिना किसी अनुमति के 15 फरवरी 2023 से 6 जुलाई 2024 के बीच निकाली गई। हैरानी की बात यह है कि खाता प्रो. शाही द्वारा तब संचालित किया गया जब वे उस पद पर नहीं थे। इतने गंभीर वित्तीय आरोपों के बावजूद उनका मगध विश्वविद्यालय जैसे बड़े संस्थान का नेतृत्व करना शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गहरा सवाल खड़ा करता है।
सबसे महत्वपूर्ण सूचना: सेना की मूवमेंट से जुड़ी जानकारी साझा न करें
हाल ही में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने एक महत्वपूर्ण संदेश साझा किया है, जो हर नागरिक को जानना बेहद जरूरी है। अगर आपके शहर या गांव में भारतीय सेना, वायुसेना या नौसेना के जवानों या उनके वाहनों की कोई मूवमेंट होती है, तो कृपया उसका वीडियो न बनाएं और न ही सोशल मीडिया पर पोस्ट करें। यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है। अनजाने में ऐसी जानकारियां दुश्मनों तक पहुँच सकती हैं, जिससे हमारे जवानों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। हम सभी का कर्तव्य है कि देश की रक्षा में सहयोग करें और सतर्क नागरिक बनें। ऐसी किसी भी जानकारी को निजी रखें और सोशल मीडिया पर साझा करने से बचें। एक छोटी सी लापरवाही, बहुत बड़ा नुकसान कर सकती है।
देश पहले है, बाकी सब बाद में।
जय हिंद।
हाल ही में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने एक महत्वपूर्ण संदेश साझा किया है, जो हर नागरिक को जानना बेहद जरूरी है। अगर आपके शहर या गांव में भारतीय सेना, वायुसेना या नौसेना के जवानों या उनके वाहनों की कोई मूवमेंट होती है, तो कृपया उसका वीडियो न बनाएं और न ही सोशल मीडिया पर पोस्ट करें। यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है। अनजाने में ऐसी जानकारियां दुश्मनों तक पहुँच सकती हैं, जिससे हमारे जवानों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। हम सभी का कर्तव्य है कि देश की रक्षा में सहयोग करें और सतर्क नागरिक बनें। ऐसी किसी भी जानकारी को निजी रखें और सोशल मीडिया पर साझा करने से बचें। एक छोटी सी लापरवाही, बहुत बड़ा नुकसान कर सकती है।
देश पहले है, बाकी सब बाद में।
जय हिंद।
3 मई: विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस और मगध विश्वविद्यालय की चुप्पी पर सवाल
हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, जो अभिव्यक्ति की आज़ादी और निष्पक्ष पत्रकारिता की अहमियत को दर्शाने वाला दिन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि एक स्वतंत्र और निडर मीडिया लोकतंत्र की रीढ़ होता है, जो जनता की आवाज़ बनकर सिस्टम से सवाल करता है। लेकिन क्या वाकई आज मीडिया उतनी ही स्वतंत्र और जागरूक है जितनी उसे होना चाहिए?
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया की स्थिति इन सवालों को और भी ज्यादा जरूरी बना देती है। यहां वर्षों से छात्र शोषण और अव्यवस्था का शिकार हो रहे हैं। परीक्षाएं समय पर नहीं होतीं, रिज़ल्ट महीनों तक पेंडिंग रहता है, मार्कशीट एक-एक साल बाद दी जाती है और डिग्रियां तो कई बार दो-दो साल तक भी नहीं मिलतीं। मेधासॉफ्ट पोर्टल पर स्कॉलरशिप के आवेदन जानबूझकर पेंडिंग में डाले जाते हैं ताकि उससे पैसे कमाए जा सकें। छात्र बार-बार गुहार लगाते हैं लेकिन उनकी बात न सुनी जाती है और न ही कोई कार्रवाई होती है।
सबसे दुखद बात यह है कि इतने बड़े स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार, अनियमितता और छात्रों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ पर कोई भी मीडिया संस्थान आवाज नहीं उठाता। किसी चैनल पर बहस नहीं होती, कोई पत्रकार इन मुद्दों को दिखाने नहीं आता, न ही किसी अखबार में इसका जिक्र होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मीडिया वाकई स्वतंत्र है? क्या उसे सिर्फ बड़े नेताओं और हाई-प्रोफाइल मामलों की ही फिक्र है, और आम छात्रों की आवाज उसकी प्राथमिकता नहीं?
3 मई का यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि अगर मीडिया जनता की नहीं सुन रही, तो वह किसके लिए है? क्या वह सिर्फ दिखावे और टीआरपी के लिए रह गया है? अब वक्त है कि मीडिया संस्थान अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाएं, छात्रों की आवाज बनें और उन मुद्दों को भी उजागर करें जिन पर अक्सर पर्दा डाल दिया जाता है।
आज का दिन सिर्फ प्रेस की स्वतंत्रता का जश्न मनाने का नहीं, बल्कि प्रेस से यह सवाल पूछने का है कि जब छात्रों का भविष्य अंधेरे में है, तब वह क्यों खामोश है?
हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, जो अभिव्यक्ति की आज़ादी और निष्पक्ष पत्रकारिता की अहमियत को दर्शाने वाला दिन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि एक स्वतंत्र और निडर मीडिया लोकतंत्र की रीढ़ होता है, जो जनता की आवाज़ बनकर सिस्टम से सवाल करता है। लेकिन क्या वाकई आज मीडिया उतनी ही स्वतंत्र और जागरूक है जितनी उसे होना चाहिए?
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया की स्थिति इन सवालों को और भी ज्यादा जरूरी बना देती है। यहां वर्षों से छात्र शोषण और अव्यवस्था का शिकार हो रहे हैं। परीक्षाएं समय पर नहीं होतीं, रिज़ल्ट महीनों तक पेंडिंग रहता है, मार्कशीट एक-एक साल बाद दी जाती है और डिग्रियां तो कई बार दो-दो साल तक भी नहीं मिलतीं। मेधासॉफ्ट पोर्टल पर स्कॉलरशिप के आवेदन जानबूझकर पेंडिंग में डाले जाते हैं ताकि उससे पैसे कमाए जा सकें। छात्र बार-बार गुहार लगाते हैं लेकिन उनकी बात न सुनी जाती है और न ही कोई कार्रवाई होती है।
सबसे दुखद बात यह है कि इतने बड़े स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार, अनियमितता और छात्रों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ पर कोई भी मीडिया संस्थान आवाज नहीं उठाता। किसी चैनल पर बहस नहीं होती, कोई पत्रकार इन मुद्दों को दिखाने नहीं आता, न ही किसी अखबार में इसका जिक्र होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मीडिया वाकई स्वतंत्र है? क्या उसे सिर्फ बड़े नेताओं और हाई-प्रोफाइल मामलों की ही फिक्र है, और आम छात्रों की आवाज उसकी प्राथमिकता नहीं?
3 मई का यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि अगर मीडिया जनता की नहीं सुन रही, तो वह किसके लिए है? क्या वह सिर्फ दिखावे और टीआरपी के लिए रह गया है? अब वक्त है कि मीडिया संस्थान अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाएं, छात्रों की आवाज बनें और उन मुद्दों को भी उजागर करें जिन पर अक्सर पर्दा डाल दिया जाता है।
आज का दिन सिर्फ प्रेस की स्वतंत्रता का जश्न मनाने का नहीं, बल्कि प्रेस से यह सवाल पूछने का है कि जब छात्रों का भविष्य अंधेरे में है, तब वह क्यों खामोश है?
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मगध विश्वविद्यालय परीक्षा में फोटो या रील बनाना पड़ेगा भारी!
मगध विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि परीक्षा के समय कक्षाओं के अंदर फोटो खींचना या रील्स/वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना एक गंभीर अनुशासनहीनता मानी जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है और जल्द ही ऐसे छात्रों के विरुद्ध उचित और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सभी छात्रों से अनुरोध है कि परीक्षा के दौरान मोबाइल का दुरुपयोग न करें और अनुशासन का पालन करें, अन्यथा इसका असर उनके शैक्षणिक भविष्य पर भी पड़ सकता है।
मगध विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि परीक्षा के समय कक्षाओं के अंदर फोटो खींचना या रील्स/वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना एक गंभीर अनुशासनहीनता मानी जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है और जल्द ही ऐसे छात्रों के विरुद्ध उचित और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सभी छात्रों से अनुरोध है कि परीक्षा के दौरान मोबाइल का दुरुपयोग न करें और अनुशासन का पालन करें, अन्यथा इसका असर उनके शैक्षणिक भविष्य पर भी पड़ सकता है।
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मगध यूनिवर्सिटी इन्फो सिर्फ एक चैनल नहीं है, यह हम सभी की पांच सालों की मेहनत और भरोसे की कहानी है।
यह चैनल उन हजारों छात्रों की उम्मीद बना, जिन्हें समय पर यूनिवर्सिटी से जुड़ी जानकारी नहीं मिल पाती थी। हर एक पोस्ट के पीछे हम सभी एडमिन्स की मेहनत, रिसर्च और समय जुड़ा होता है। यह सिर्फ एक अपडेट देने वाला प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है जिसे हम दिल से निभा रहे हैं।
इस चैनल की शुरुआत 2020 में मैंने की थी, जब मैं खुद मगध यूनिवर्सिटी का छात्र था। IT स्टूडेंट होने के बावजूद मुझे जानकारी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता था। तब मैंने सोचा कि जब मुझे इतनी परेशानी हो रही है, तो बाकी छात्रों को कितनी मुश्किल होती होगी। बस, इसी सोच से यह चैनल शुरू किया गया।
आज भले ही आप में से कई छात्र इस चैनल पर नए हों, लेकिन जो छात्र 2018-21, 2019-22 और 2020-23 सत्र के हैं, उन्हें इस चैनल की अहमियत ज़रूर याद होगी। खासकर उस समय जब बिहार में लॉकडाउन था और यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर था। यूनिवर्सिटी पूरी तरह बंद थी, वेबसाइट तक बंद हो चुका था और कोई VC तक बनने को तैयार नहीं था। उस अंधेरे समय में यही चैनल छात्रों के लिए एकमात्र भरोसेमंद सहारा बना।
हमने वो दौर देखा है जब छात्रों की आवाज़ सुनने वाला कोई नहीं था। ऐसे समय में इस चैनल ने न सिर्फ जानकारी दी, बल्कि एक रौशनी बनकर हजारों छात्रों को दिशा दिखाई। आज भी यह चैनल उसी भावना के साथ काम कर रहा है, आपके विश्वास और हमारी सच्ची नीयत के साथ।
यह चैनल उन हजारों छात्रों की उम्मीद बना, जिन्हें समय पर यूनिवर्सिटी से जुड़ी जानकारी नहीं मिल पाती थी। हर एक पोस्ट के पीछे हम सभी एडमिन्स की मेहनत, रिसर्च और समय जुड़ा होता है। यह सिर्फ एक अपडेट देने वाला प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है जिसे हम दिल से निभा रहे हैं।
इस चैनल की शुरुआत 2020 में मैंने की थी, जब मैं खुद मगध यूनिवर्सिटी का छात्र था। IT स्टूडेंट होने के बावजूद मुझे जानकारी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता था। तब मैंने सोचा कि जब मुझे इतनी परेशानी हो रही है, तो बाकी छात्रों को कितनी मुश्किल होती होगी। बस, इसी सोच से यह चैनल शुरू किया गया।
आज भले ही आप में से कई छात्र इस चैनल पर नए हों, लेकिन जो छात्र 2018-21, 2019-22 और 2020-23 सत्र के हैं, उन्हें इस चैनल की अहमियत ज़रूर याद होगी। खासकर उस समय जब बिहार में लॉकडाउन था और यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर था। यूनिवर्सिटी पूरी तरह बंद थी, वेबसाइट तक बंद हो चुका था और कोई VC तक बनने को तैयार नहीं था। उस अंधेरे समय में यही चैनल छात्रों के लिए एकमात्र भरोसेमंद सहारा बना।
हमने वो दौर देखा है जब छात्रों की आवाज़ सुनने वाला कोई नहीं था। ऐसे समय में इस चैनल ने न सिर्फ जानकारी दी, बल्कि एक रौशनी बनकर हजारों छात्रों को दिशा दिखाई। आज भी यह चैनल उसी भावना के साथ काम कर रहा है, आपके विश्वास और हमारी सच्ची नीयत के साथ।