आप सभी से विनम्र अपील है, हमारे वीर जवानों के सम्मान में हम सब एक साथ आकर उनका समर्थन करें
देश की सीमाओं पर इन दिनों परिस्थितियाँ पूरी तरह सामान्य नहीं हैं। ऐसे समय में हमारे वीर जवानों को फिर से अपने कर्तव्यों पर लौटने के आदेश मिले हैं। कई सैनिक जो कुछ समय के लिए अपने घर आए थे, अब अचानक मिले निर्देशों के चलते बगैर किसी आरक्षण के, भारी बैग्स के साथ अपनी पोस्टिंग की ओर निकल चुके हैं या निकलने की तैयारी में हैं।
ये वो लोग हैं जो थकते नहीं, रुकते नहीं, बस हर परिस्थिति में तैयार रहते हैं। वे अपने आराम से ज़्यादा देश के आदेश को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में हम सभी देशवासियों की जिम्मेदारी बनती है कि जब भी किसी सैनिक को यात्रा करते देखें, उन्हें पूरा सम्मान दें। अगर हमारे पास सीट हो तो उन्हें दें, अगर मदद कर सकें तो ज़रूर करें।
छोटी-छोटी मददें उनके लिए बहुत बड़ी होती हैं। जब हम उन्हें सम्मान देते हैं, उनके सफर को थोड़ा आसान बनाते हैं, तो यह उनके लिए सिर्फ सुविधा नहीं बल्कि यह महसूस कराना होता है कि देश उनके साथ है। उनका कर्तव्य देश की सुरक्षा है, और हमारा कर्तव्य है उनकी इज्जत को बनाए रखना।
आज जब वो हमारे लिए खड़े हैं, तो आइए हम उनके लिए खड़े हों। यही एक सच्चे नागरिक की पहचान है।
जय हिन्द 🇮🇳
वंदे मातरम् 🚩
देश की सीमाओं पर इन दिनों परिस्थितियाँ पूरी तरह सामान्य नहीं हैं। ऐसे समय में हमारे वीर जवानों को फिर से अपने कर्तव्यों पर लौटने के आदेश मिले हैं। कई सैनिक जो कुछ समय के लिए अपने घर आए थे, अब अचानक मिले निर्देशों के चलते बगैर किसी आरक्षण के, भारी बैग्स के साथ अपनी पोस्टिंग की ओर निकल चुके हैं या निकलने की तैयारी में हैं।
ये वो लोग हैं जो थकते नहीं, रुकते नहीं, बस हर परिस्थिति में तैयार रहते हैं। वे अपने आराम से ज़्यादा देश के आदेश को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में हम सभी देशवासियों की जिम्मेदारी बनती है कि जब भी किसी सैनिक को यात्रा करते देखें, उन्हें पूरा सम्मान दें। अगर हमारे पास सीट हो तो उन्हें दें, अगर मदद कर सकें तो ज़रूर करें।
छोटी-छोटी मददें उनके लिए बहुत बड़ी होती हैं। जब हम उन्हें सम्मान देते हैं, उनके सफर को थोड़ा आसान बनाते हैं, तो यह उनके लिए सिर्फ सुविधा नहीं बल्कि यह महसूस कराना होता है कि देश उनके साथ है। उनका कर्तव्य देश की सुरक्षा है, और हमारा कर्तव्य है उनकी इज्जत को बनाए रखना।
आज जब वो हमारे लिए खड़े हैं, तो आइए हम उनके लिए खड़े हों। यही एक सच्चे नागरिक की पहचान है।
जय हिन्द 🇮🇳
वंदे मातरम् 🚩
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I’m in Jammu right now, and the atmosphere here feels intense and serious. Our Indian Army is fully alert, standing strong with air defence missiles, protecting us with complete dedication. Watching them in action fills me with deep respect and pride. Salute to our brave soldiers who are always ready, no matter the situation.
I had come here to meet a friend who studies at Jammu Central University. Now I’m returning to my city, Gaya, by bus, carrying with me a heart full of respect and a mind full of thoughts.
I had come here to meet a friend who studies at Jammu Central University. Now I’m returning to my city, Gaya, by bus, carrying with me a heart full of respect and a mind full of thoughts.
भारतीय मीडिया की विश्वसनीयता खत्म होती जा रही है, अब सिर्फ दिखावा और TRP की होड़ बची है
भारतीय मीडिया जो कभी जनता की आवाज़ और सच्चाई का आईना हुआ करता था, आज पूरी तरह से अपने रास्ते से भटक चुका है। जिस मीडिया से लोग उम्मीद करते थे कि वह निष्पक्ष और तथ्य आधारित खबरें दिखाएगा, वही आज सनसनी फैलाने और फालतू की चीजें दिखाने में व्यस्त है। कल रात की बात ही लें, टीवी चैनलों पर ऐसी-ऐसी बेबुनियाद और बेमतलब की खबरें दिखाई गईं जिन्हें देखकर समझ नहीं आता कि ये समाचार चैनल हैं या कोई सस्ते मनोरंजन का शो।
आज का भारतीय मीडिया सिर्फ एक ही चीज़ के पीछे भाग रहा है और वो है TRP। इसके लिए ये लोग कुछ भी दिखाने को तैयार हैं। बिना किसी पुष्टि के, बिना तथ्यों के, झूठी हेडलाइंस और भड़काऊ बातें लोगों के सामने परोसी जाती हैं। इन्हें फर्क नहीं पड़ता कि इससे समाज में क्या असर पड़ेगा या लोग किस दिशा में गुमराह होंगे।
सबसे बड़ा नुकसान ये हो रहा है कि लोगों का भरोसा मीडिया से उठता जा रहा है। अब जब भी कोई बड़ी खबर आती है, तो लोग पहले शक करते हैं और सोचते हैं कि कहीं ये भी कोई फेक न्यूज तो नहीं है। यही वजह है कि मैंने खुद कई साल पहले भारतीय मीडिया को देखना बंद कर दिया था। मुझे समझ आ गया था कि अब इनसे सच्चाई की उम्मीद करना बेकार है।
अगर यही हाल रहा, तो बहुत जल्द भारतीय मीडिया उस कहानी जैसे हालात में पहुंच जाएगा जिसमें एक लड़का बार-बार झूठ बोलकर कहता था कि भेड़िया आया। शुरू में लोग दौड़ते थे, लेकिन जब सच्ची में भेड़िया आया तो किसी ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया। उसी तरह अगर मीडिया अपनी साख यूं ही खोता रहा, तो जिस दिन कोई बड़ी सच्ची खबर आएगी, लोग उस पर भी यकीन नहीं करेंगे।
अब वक्त आ गया है कि मीडिया अपनी भूमिका को समझे और फिर से सच्चाई, ईमानदारी और ज़िम्मेदारी के साथ काम करे। वरना लोग पूरी तरह से इनसे मुंह मोड़ लेंगे और तब मीडिया केवल शोर मचाने वाला एक मंच बनकर रह जाएगा, जिसकी आवाज़ कोई नहीं सुनेगा।
भारतीय मीडिया जो कभी जनता की आवाज़ और सच्चाई का आईना हुआ करता था, आज पूरी तरह से अपने रास्ते से भटक चुका है। जिस मीडिया से लोग उम्मीद करते थे कि वह निष्पक्ष और तथ्य आधारित खबरें दिखाएगा, वही आज सनसनी फैलाने और फालतू की चीजें दिखाने में व्यस्त है। कल रात की बात ही लें, टीवी चैनलों पर ऐसी-ऐसी बेबुनियाद और बेमतलब की खबरें दिखाई गईं जिन्हें देखकर समझ नहीं आता कि ये समाचार चैनल हैं या कोई सस्ते मनोरंजन का शो।
आज का भारतीय मीडिया सिर्फ एक ही चीज़ के पीछे भाग रहा है और वो है TRP। इसके लिए ये लोग कुछ भी दिखाने को तैयार हैं। बिना किसी पुष्टि के, बिना तथ्यों के, झूठी हेडलाइंस और भड़काऊ बातें लोगों के सामने परोसी जाती हैं। इन्हें फर्क नहीं पड़ता कि इससे समाज में क्या असर पड़ेगा या लोग किस दिशा में गुमराह होंगे।
सबसे बड़ा नुकसान ये हो रहा है कि लोगों का भरोसा मीडिया से उठता जा रहा है। अब जब भी कोई बड़ी खबर आती है, तो लोग पहले शक करते हैं और सोचते हैं कि कहीं ये भी कोई फेक न्यूज तो नहीं है। यही वजह है कि मैंने खुद कई साल पहले भारतीय मीडिया को देखना बंद कर दिया था। मुझे समझ आ गया था कि अब इनसे सच्चाई की उम्मीद करना बेकार है।
अगर यही हाल रहा, तो बहुत जल्द भारतीय मीडिया उस कहानी जैसे हालात में पहुंच जाएगा जिसमें एक लड़का बार-बार झूठ बोलकर कहता था कि भेड़िया आया। शुरू में लोग दौड़ते थे, लेकिन जब सच्ची में भेड़िया आया तो किसी ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया। उसी तरह अगर मीडिया अपनी साख यूं ही खोता रहा, तो जिस दिन कोई बड़ी सच्ची खबर आएगी, लोग उस पर भी यकीन नहीं करेंगे।
अब वक्त आ गया है कि मीडिया अपनी भूमिका को समझे और फिर से सच्चाई, ईमानदारी और ज़िम्मेदारी के साथ काम करे। वरना लोग पूरी तरह से इनसे मुंह मोड़ लेंगे और तब मीडिया केवल शोर मचाने वाला एक मंच बनकर रह जाएगा, जिसकी आवाज़ कोई नहीं सुनेगा।
Results-01-2023-Final-09-05-2025.pdf
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बिहार पुलिस में सिपाही पद की 21,391 रिक्तियों के विरुद्ध अंतिम रूप से चयन हेतु अनुशंसित अभ्यर्थियों की सूची।
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