दृष्टिकोण| शासन | क्या वर्ष 2023-24 का बजट लैंगिक प्राथमिकताओं को संतुलित करने में सफल रहा है? | तान्या राणा और नेहा सुज़ैन जैकब (Centre for Policy Research)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/governance/has-budget-2023-24-been-successful-in-balancing-gender-priorities-hindl.html
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क्या वर्ष 2023-24 का बजट लैंगिक प्राथमिकताओं को संतुलित करने में सफल रहा है?
तान्या राणा और नेहा सुज़ैन जैकब केंद्रीय बजट के लैंगिक बजट वक्तव्य या जेंडर बजट स्टेटमेंट (जीबीएस) के माध्यम से, उसके दो हिस्सों के तहत विभिन्न मंत्रालय और विभाग किन योजनाओं को प्राथमिकता देते हैं, इस पर ध्यान देते हुए योजना आवंटन को वर्गीकृत कर के उसका विश्लेषण…
दृष्टिकोण | शहरीकरण | क्या भारत के शहर उसके महत्वाकांक्षी शून्य उत्सर्जन (नेट ज़ीरो) लक्ष्य तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं? | सैम डाउन्स और जगन शाह (Artha Global)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://ideasforindia.in/topics/urbanisation/are-cities-holding-india-back-from-reaching-its-ambitious-net-zero-targets-hindi.html
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क्या भारत के शहर उसके महत्वाकांक्षी शून्य उत्सर्जन (नेट ज़ीरो) लक्ष्य तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं?
विश्व के शहरों में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन राष्ट्रीय औसत से काफी कम है, जबकि दिल्ली और कोलकाता जैसे बड़े भारतीय शहरों में राष्ट्रीय औसत से दोगुना तक उत्सर्जन होता है। शाह और डाउन्स इस बात का पता लगाते हैं कि भारत में हो रहा शहरीकरण देश के राष्ट्रीय डीकार्बोनाइज़ेशन…
लेख | पर्यावरण | क्षेत्रीय असमानताओं पर जलवायु परिवर्तन के आघात का प्रभाव | रावी अग्रवाल (CECFEE, ISI Delhi)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/environment/effects-of-climate-shocks-on-sectoral-inequality-hindi.html
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क्षेत्रीय असमानताओं पर जलवायु परिवर्तन के आघात का प्रभाव
पिछले तीन दशकों में, तापमान में वृद्धि के कारण कृषि और औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों को खपत में कमी का सामना करना पड़ा है, जबकि सेवा क्षेत्र में खपत की वृद्धि दर्ज हुई है। इस लेख में विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की व्यापकता पर चर्चा की…
लेख | शासन | क्या परिवहन में ढाँचागत विकास से ग्रामीण भूमि असमानता बढ़ती है? | क्लॉडिया बर्ग (World Bank), ब्रायन ब्लैंकेसपुअर (World Bank), एम. शाहे इमरान (Columbia University), फ़रहाद शिल्पी (DRG, World Bank)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/trade/does-development-of-transport-infrastructure-increase-rural-land-inequality-hindi.html
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क्या परिवहन में ढाँचागत विकास से ग्रामीण भूमि असमानता बढ़ती है?
परिवहन से जुड़े आधारभूत संरचना में निवेश से व्यापार लागत कम होती है और गांव शहरी बाज़ारों के साथ जुड़ जाते हैं। यह लेख दर्शाता है कि इस स्थानिक एकीकरण के कारण ग्रामीण भारत में भूमि असमानता बढ़ने का अनपेक्षित परिणाम भी निकल सकता है। यह लेख, औपनिवेशिक रेलमार्ग…
लेख | शासन | बिहार में स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से जोखिम साझा करने की सुविधा | ओराज़ियो एटेनासिओ (Yale University), अंजिनी कोचर (3ie), अपराजित महाजन, वैष्णवी सुरेंद्र (University of California Berkley)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/governance/facilitating-risk-sharing-through-self-help-groups-in-bihar-hindi.html
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बिहार में स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से जोखिम साझा करने की सुविधा
यह देखते हुए कि बिहार में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) कार्यक्रम से महिलाओं की कम ब्याज़-दर वाले ऋण तक पहुँच में सुधार हुआ है, इस लेख में उपभोग वृद्धि के गाँव-स्तरीय भिन्नता में अंतर की जांच करके इस बात का मूल्याँकन किया गया है कि क्या इससे जोखिम-साझाकरण में…
लेख | मानव विकास | ‘स्वीट कैश’- विकासशील देशों में महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल सम्बन्धी ज़रूरतें | शुभांगी अग्रवाल (IIM Ahmedabad), सोमदीप चटर्जी (IIM Kolkata), चिरंतन चटर्जी (University of Sussex)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/human-development/sweet-cash-women-s-demand-for-healthcare-in-developing-countries-hindi.html
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‘स्वीट कैश’- विकासशील देशों में महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल सम्बन्धी ज़रूरतें
अग्रवाल एवं अन्य, स्वास्थ्य देखभाल की मांग के संदर्भ में लिंग-आधारित प्राथमिकताओं की भूमिका का पता लगाते हैं। सीपीएचएस डेटा का उपयोग करते हुए वे पाते हैं कि ईपीएफ में योगदान की अनिवार्य दरों में बदलाव से उत्पन्न सकारात्मक आय-झटके के कारण चिकित्सा परामर्श…
लेख | सामाजिक पहचान | वर्ग और जाति किस प्रकार से स्कूल के चुनाव को प्रभावित करते हैं | सुकांत भट्टाचार्य (Calcutta University), अपराजिता दासगुप्ता (Ashoka University), कुमारजीत मंडल (Calcutta University), अनिर्बान मुखर्जी (Calcutta University)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/social-identity/how-class-and-caste-influence-school-choice-hindi.html
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वर्ग और जाति किस प्रकार से स्कूल के चुनाव को प्रभावित करते हैं
माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा के सम्बन्ध में लिए जाने वाले निर्णयों पर परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति प्रभाव डालती है। जाति और वर्ग की परस्पर-क्रिया को ध्यान में रखते हुए, यह लेख दर्शाता है कि परिवार जब बहुत अमीर या बहुत गरीब होते हैं, तब उनकी जाति…
फ़ील्ड नोट | मानव विकास | मासिक धर्म सम्बन्धी स्वास्थ्य को कल्याणकारी प्राथमिकता देना : तीन राज्यों से प्राप्त अंतर्दृष्टि | तान्या राणा (CPR)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://www.ideasforindia.in/topics/human-development/making-menstrual-health-a-welfare-priority-insights-from-three-states-hindi.html
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मासिक धर्म सम्बन्धी स्वास्थ्य को कल्याणकारी प्राथमिकता देना : तीन राज्यों से प्राप्त अंतर्दृष्टि
अक्तूबर 11 पूरी दुनिया में अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है देशों, समुदायों और समाजों को बालिकाओं के महत्त्व के बारे में याद दिलाना और उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में बराबरी का स्थान दिलाना। इसी सन्दर्भ…
लेख | कृषि | भारत की फसलों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव | मधु खन्ना (University of Illinois), सुरेंद्र कुमार (Delhi School of Economics)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://ideasforindia.in/topics/environment/the-impact-of-climate-change-on-indian-crops-hindi.html
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भारत की फसलों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
हर साल, 16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना हुई थी। इसे मनाने का उद्देश्य वैश्विक भुखमरी से निपटना और उसे पूरी दुनिया से खत्म करना है। खाद्य और इसलिए, भुखमरी का…
लेख | शासन | वन अधिकार अधिनियम- स्थानीय समुदायों की राजनीति में सहभागिता | भारती नंदवानी (IGIDR)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/governance/forest-rights-act-political-participation-of-indigenous-communities-hindi.html
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वन अधिकार अधिनियम- स्थानीय समुदायों की राजनीति में सहभागिता
वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के कार्यान्वयन के बारे में अपने दो लेखों में से पहले लेख में, भारती नंदवानी ने ओडिशा के अनुसूचित जनजातियों की राजनीति में सहभागिता के संदर्भ में भूमि स्वामित्व मान्यता की बढ़ती मांग के निहितार्थ पर प्रकाश डाला है। वे आय में वृद्धि…
लेख | उत्पादकता तथा नव प्रवर्तन | ‘प्लेटफ़ॉर्म’ अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने के लिए श्रम बाज़ार के आँकड़े एकत्रित करना | नेहा आर्य (IIT Delhi)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/productivity-innovation/collecting-labour-market-statistics-to-study-the-platform-economy-hindi.html
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'प्लेटफ़ॉर्म’ अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने के लिए श्रम बाज़ार के आँकड़े एकत्रित करना
हालाँकि भारत डिजिटल श्रम बाज़ार प्लेटफार्मों के मामले में एक अग्रणी देश के रूप में उभरा है, लेकिन गिग (अस्थाई और अल्पावधि के काम व सेवाएं) अर्थव्यवस्था के बारे में कम डेटा उपलब्ध है। नेहा आर्य सीपीएचएस में प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के बारे में डेटा एकत्र करने…
लेख | उत्पादकता तथा नव प्रवर्तन | प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रमों का विकेन्द्रीकृत लक्ष्यीकरण : एक पुनर्मूल्यांकन | दिलीप मुखर्जी (Boston University)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://ideasforindia.in/topics/governance/decentralised-targeting-of-transfer-programmes-a-reassessment-hindi.html
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प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रमों का विकेन्द्रीकृत लक्ष्यीकरण : एक पुनर्मूल्यांकन
'डिसेंट्रलाइज्ड गवर्नेंस : क्राफ्टिंग इफेक्टिव डेमोक्रेसीज़ अराउंड द वर्ल्ड' में दिलीप मुखर्जी कल्याण कार्यक्रमों के विकेन्द्रीकरण के खिलाफ राजनीतिक ग्राहकवाद और अभिजात वर्ग के कब्ज़े की घटनाओं सहित कुछ तर्क प्रस्तुत करते हैं और हाइब्रिड ‘पुनर्केन्द्रीकरण’…
लेख | मानव विकास | लचीली शिक्षा प्रणालियों की स्थापना : पाँच देशों से प्राप्त साक्ष्य | नाओम एंग्रिस्ट एवं अन्य (Youth Impact)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://ideasforindia.in/topics/human-development/building-resilient-education-systems-evidence-from-five-countries-hindi.html
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लचीली शिक्षा प्रणालियों की स्थापना : पाँच देशों से प्राप्त साक्ष्य
देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जन्मतिथि के अवसर पर प्रति वर्ष 11 नवम्बर को मनाए जाने वाले राष्ट्रिय शिक्षा दिवस के उपलक्ष्य में यह आलेख प्रस्तुत है जिसमें कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में एक अरब से अधिक बच्चों की शिक्षा बाधित होने…
📢 30 नवंबर 2023 को द्वितीय वार्षिक अशोक कोतवाल स्मारक व्याख्यान के उपलक्ष्य में प्रो. प्रणब के बर्धन द्वारा 'असमानता, श्रम व सामाजिक लोकतंत्र' विषय पर चर्चा के लिए आइडियाज़ फॉर इंडिया (I4I) आपको सादर आमंत्रित करता है।
👥 यदि आप 30 नवंबर को दिल्ली में मौजूद हों तो कृपया दोपहर 3 से 4.30 बजे, त्रिवेणी कला संगम, 205 तानसेन मार्ग, मंडी हाउस अवश्य पधारें। कार्यक्रम के लिए कृपया यहाँ पंजीकरण करें: http://bit.ly/memorial-lecture-2023-delhi
💻 इस अवसर पर वर्चुअली जुड़ने के लिए, यहाँ पंजीकरण करें : http://bit.ly/memorial-lecture-2023-zoom
व्याख्यान के बारे में अधिक विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें: https://www.ideasforindia.in/topics/miscellany/announcing-the-second-ashok-kotwal-memorial-lecture.html
👥 यदि आप 30 नवंबर को दिल्ली में मौजूद हों तो कृपया दोपहर 3 से 4.30 बजे, त्रिवेणी कला संगम, 205 तानसेन मार्ग, मंडी हाउस अवश्य पधारें। कार्यक्रम के लिए कृपया यहाँ पंजीकरण करें: http://bit.ly/memorial-lecture-2023-delhi
💻 इस अवसर पर वर्चुअली जुड़ने के लिए, यहाँ पंजीकरण करें : http://bit.ly/memorial-lecture-2023-zoom
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Annual Ashok Kotwal Memorial Lecture - Event Registration
The lecture will be delivered by Prof. Pranab K. Bardhan on the subject of ‘Inequality, Labour and Social Democracy’
Date: 30 November, 2023
Time: 3:00 pm - 4:30 pm
Venue: The Triveni Auditorium, Triveni Kala Sangam, Mandi House, New Delhi
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Date: 30 November, 2023
Time: 3:00 pm - 4:30 pm
Venue: The Triveni Auditorium, Triveni Kala Sangam, Mandi House, New Delhi
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लेख | शासन | वन अधिकार अधिनियम : विरोधाभासी संरक्षण कानूनों का लेखा-जोखा | भारती नंदवानी (IGIDR)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://ideasforindia.in/topics/governance/forest-rights-act-an-account-of-contradictory-conservation-laws-hindi.html
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वन अधिकार अधिनियम : विरोधाभासी संरक्षण कानूनों का लेखा-जोखा
वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के बारे में अपने दूसरे लेख में, भारती नंदवानी ने इस बात की जांच के लिए कि एफआरए की शुरूआत के बाद भूमि सम्बन्धी विवाद क्यों बढ़े, भूमि संघर्षों पर डेटा का उपयोग किया है। वे विरोधाभासी कानून की व्यापकता की ओर इशारा करते हुए, प्रतिपूरक…
लेख | सामजिक पहचान | घरेलू हिंसा का हृदय सम्बन्धी जोखिम पर प्रभाव| सीता मेनन (University of Southern Denmark)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें :http://ideasforindia.in/topics/social-identity/the-effect-of-domestic-violence-on-cardiovascular-risk-hindi.html
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घरेलू हिंसा का हृदय सम्बन्धी जोखिम पर प्रभाव
हर वर्ष 25 नवम्बर का, महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में पालन किया जाता है। इसी सन्दर्भ में प्रस्तुर इस लेख में, सीता मेनन घरेलू हिंसा और महिलाओं में हृदय रोग के बढ़ते जोखिम के बीच के कारण-सम्बन्ध की जांच करती हैं। एनएफएचएस…
फ़ील्ड नोट | शासन | आम भूमि रजिस्ट्री की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता | पूजा चंद्रन, सुब्रत सिंह (Foundation for Ecological Security)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें :
http://ideasforindia.in/topics/governance/making-the-case-for-a-common-land-registry1.html
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आम भूमि रजिस्ट्री की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता
भारत की आम भूमि के बारे में विस्तृत आँकड़ों की व्यापक कमी भूमि संरक्षण, संसाधन उपयोग और भूमि अधिकार को प्रभावित करती है। चंद्रन और सिंह ने सूचना विषमता को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए इस लेख में एक राष्ट्रीय आम भूमि रजिस्ट्री की आवश्यकता पर प्रकाश डाला…
दृष्टिकोण | पर्यावरण | क्या भारत में वायु प्रदूषण का प्रभाव स्वास्थ्य के अलावा भी कहीं पड़ता है? | सैंड्रा एगुइलर-गोमेज़ (Universidad Des Los Andes), होल्ट ड्वायर (University of California, San Diego) जोशुआ ग्रेफ़ ज़िविन ((University of California, San Diego), मैथ्यू नीडेल (Columbia University)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://www.ideasforindia.in/topics/environment/does-india-s-air-pollution-impact-more-than-just-health-hindihtml.html
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Ideas For India
क्या भारत में वायु प्रदूषण का प्रभाव स्वास्थ्य के अलावा भी कहीं पड़ता है?
भारत में होने वाला वायु प्रदूषण मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है, इस तथ्य को अब व्यापक रूप से माना जा रहा है। लेकिन बहुत कम ऐसे साक्ष्य प्रचलित हैं, जो यह दर्शाते हैं कि वायु प्रदूषण विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने की क्षमता में कमी और निर्णय…
परिवार में लैंगिक आधार पर संसाधनों का पक्षपातपूर्ण आवंटन स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग की असमानताओं को बढ़ता है। सार्वभौमिक हेल्थ कवरेज दिवस (#UniversalHealthCoverageDay) के अवसर पर यह लेख सुझाव देता है कि रणनीतियों को स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच ⬆️ और लागत ⬇️ के अलावा, विशेष रूप से लैंगिक अंतर को संबोधित करना चाहिए :
https://www.ideasforindia.in/topics/human-development/women-left-behind-gender-disparities-in-utilisation-of-government-health-insurance-hindi.html
https://www.ideasforindia.in/topics/human-development/women-left-behind-gender-disparities-in-utilisation-of-government-health-insurance-hindi.html
दृष्टिकोण | गरीबी और असमानता | क्या रोज़गार के सृजन से भारत में गरीबी कम हो सकती है? | एजाज़ ग़नी (World Bank, Pune International Center)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/poverty-inequality/could-job-creation-be-a-driver-of-poverty-reduction-in-india-hindi.html
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क्या रोज़गार के सृजन से भारत में गरीबी कम हो सकती है?
भारतीय अर्थव्यवस्था में जब लगातार वृद्धि हो रही है, इस बात पर आम सहमति बनी है कि गरीबी को कम करने के लिए अधिक से अधिक नौकरियों का सृजन किया जाना महत्वपूर्ण है। एजाज़ ग़नी उन रुझानों को साझा करते हैं जो दर्शाते हैं कि शहरों और छोटी तथा हाल ही में बनी कम्पनियों…