दृष्टिकोण | गरीबी तथा असमानता | अज्ञात गरीबों की खोज : अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की पहचान और लक्ष्यीकरण | शगुन सबरवाल, परिक्रमा चौधरी
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://www.ideasforindia.in/topics/poverty-inequality/finding-the-indiscernible-poor-identification-and-targeting-of-people-living-in-extreme-poverty-hindi.html
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अज्ञात गरीबों की खोज: अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की पहचान और लक्ष्यीकरण
गरीबी के बारे में अलग-अलग अनुमानों के परिणामस्वरूप कुछ वंचित समुदाय अक्सर सरकारी कल्याण योजनाओं से बाहर रह जाते हैं। सबरवाल और चौधरी बिहार में लागू ‘सतत जीविकोपार्जन योजना’ का अध्ययन करते हैं, जिसमें अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की पहचान करने और यह सुनिश्चित…
दृष्टिकोण | पर्यावरण | जलवायु परिवर्तन और नदी प्रदूषण : भारत में उच्च गुणवत्ता के पर्यावरण डेटा की आवश्यकता | अनुपमा मेहता, संजीब पोहित ((नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://www.ideasforindia.in/topics/environment/the-need-for-high-quality-environment-data-in-india-the-case-of-riverine-pollution-hindi.html
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जलवायु परिवर्तन और नदी प्रदूषण : भारत में उच्च गुणवत्ता के पर्यावरण डेटा की आवश्यकता
भारत में जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और जल संसाधनों की सुरक्षा के लिए गहन डेटा संग्रह और निगरानी की आवश्यकता है। पोहित और मेहता इस लेख में, एनसीएईआर और टीसीडी की एक परियोजना का वर्णन करते हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के प्रमुख स्थानों…
लेख | मानव विकास | भारत में महिलाओं का सशक्तिकरण : क्या औपनिवेशिक इतिहास मायने रखता है? | भारती नंदवानी (IGIDR Mumbai), पुनर्जीत रॉयचौधरी (Shiv Nadar University)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://www.ideasforindia.in/topics/human-development/women-empowerment-in-india-does-colonial-history-matter-hindi.html
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भारत में महिलाओं का सशक्तिकरण : क्या औपनिवेशिक इतिहास मायने रखता है?
क्या औपनिवेशिक इतिहास भारत में महिलाओं के समकालीन आर्थिक परिणामों की दृष्टि से मायने रखता है? इसकी जांच करते हुए यह लेख इस बात की ओर इशारा करता है कि जो क्षेत्र सीधे ब्रिटिश शासन के अधीन रहा, महिला सशक्तिकरण के लगभग सभी मानदण्डों के आधार पर वहां की निवासी…
लेख | पर्यावरण | भारत में पराली जलना कम करने के लिए स्थानांतरण भुगतान डिज़ाइन करना | केल्सी जैक (कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा), सीमा जयचंद्रन (प्रिंसटन विश्वविद्यालय), नम्रता काला (एमआईटी स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट), रोहिणी पांडे (येल विश्वविद्यालय)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://www.ideasforindia.in/topics/environment/designing-transfer-payments-to-reduce-crop-burning-in-india-hindi.html
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दृष्टिकोण | मानव विकास | भारत में महिला बाल विवाह के संबंध में एक डेटा अध्ययन | शुभम मुदगिल, स्वाति रमेश राव (The Quantum Hub)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/human-development/a-data-story-on-female-child-marriage-in-india-hindi.html
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भारत में महिला बाल विवाह के संबंध में एक डेटा अध्ययन
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 के उपलक्ष्य में I4I के महीने भर चलने वाले अभियान के आठवें लेख में, क्वांटम हब के शुभम मुदगिल और स्वाति राव देश भर के संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में बाल विवाह पर डेटा हाइलाइट्स प्रस्तुत करने के लिए एनएफएचएस पर आधारित एक नवीनतम…
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अग्रवाल एवं अन्य का एक शोध आलेख जिससे यह पता चलता है कि कैसे फिल्में मानसिक अवस्था के बारे में लोगों के दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं और फिल्म 'माई नेम इज़ ख़ान' की रिलीज़ ने कैसे देश के बाज़ारों में एंटीसाइकोटिक्स दवाओं के विकल्पों और उपलब्धता को प्रभावित किया।
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : bit.ly/43TQlPn
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लेख | शासन | बिहार में शराबबंदी का जीवन साथी द्वारा हिंसा पर प्रभाव | सिसिर देबनाथ, सौरभ पॉल, कोमल सरीन (IIT Delhi)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/governance/impact-of-bihar-s-alcohol-ban-on-intimate-partner-violence-hindi.html
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बिहार में शराबबंदी का जीवन साथी द्वारा हिंसा पर प्रभाव
इस लेख में वर्ष 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के कारण महिलाओं के प्रति उनके जीवन साथी द्वारा होने वाली हिंसा की घटनाओं पर पड़े प्रभाव की जांच की गई है। एनएफएचएस आंकड़ों का उपयोग करते हुए पाया गया कि इस प्रतिबंध के बाद बिहार…
फ़ील्ड नोट | मानव विकास | ‘समय पर चेतावनी’ के रूप में स्कूल में अनुपस्थिति | अनुराग कुंडू (दिल्ली सरकार)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/human-development/school-absences-as-an-early-warning-system-hindi.html
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समय पर चेतावनी’ के रूप में स्कूल में अनुपस्थिति
जब बच्चे अक्सर स्कूल में अनुपस्थित रहते हैं तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि वे प्रतिकूल व्यक्तिगत परिस्थितियों से गुज़र रहे हैं। अनुराग कुंडू इस लेख में, स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पर नज़र रखने और कमज़ोर छात्रों को सहायता प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने…
दृष्टिकोण| शासन | क्या वर्ष 2023-24 का बजट लैंगिक प्राथमिकताओं को संतुलित करने में सफल रहा है? | तान्या राणा और नेहा सुज़ैन जैकब (Centre for Policy Research)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/governance/has-budget-2023-24-been-successful-in-balancing-gender-priorities-hindl.html
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क्या वर्ष 2023-24 का बजट लैंगिक प्राथमिकताओं को संतुलित करने में सफल रहा है?
तान्या राणा और नेहा सुज़ैन जैकब केंद्रीय बजट के लैंगिक बजट वक्तव्य या जेंडर बजट स्टेटमेंट (जीबीएस) के माध्यम से, उसके दो हिस्सों के तहत विभिन्न मंत्रालय और विभाग किन योजनाओं को प्राथमिकता देते हैं, इस पर ध्यान देते हुए योजना आवंटन को वर्गीकृत कर के उसका विश्लेषण…
दृष्टिकोण | शहरीकरण | क्या भारत के शहर उसके महत्वाकांक्षी शून्य उत्सर्जन (नेट ज़ीरो) लक्ष्य तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं? | सैम डाउन्स और जगन शाह (Artha Global)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://ideasforindia.in/topics/urbanisation/are-cities-holding-india-back-from-reaching-its-ambitious-net-zero-targets-hindi.html
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क्या भारत के शहर उसके महत्वाकांक्षी शून्य उत्सर्जन (नेट ज़ीरो) लक्ष्य तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं?
विश्व के शहरों में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन राष्ट्रीय औसत से काफी कम है, जबकि दिल्ली और कोलकाता जैसे बड़े भारतीय शहरों में राष्ट्रीय औसत से दोगुना तक उत्सर्जन होता है। शाह और डाउन्स इस बात का पता लगाते हैं कि भारत में हो रहा शहरीकरण देश के राष्ट्रीय डीकार्बोनाइज़ेशन…
लेख | पर्यावरण | क्षेत्रीय असमानताओं पर जलवायु परिवर्तन के आघात का प्रभाव | रावी अग्रवाल (CECFEE, ISI Delhi)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/environment/effects-of-climate-shocks-on-sectoral-inequality-hindi.html
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क्षेत्रीय असमानताओं पर जलवायु परिवर्तन के आघात का प्रभाव
पिछले तीन दशकों में, तापमान में वृद्धि के कारण कृषि और औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों को खपत में कमी का सामना करना पड़ा है, जबकि सेवा क्षेत्र में खपत की वृद्धि दर्ज हुई है। इस लेख में विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की व्यापकता पर चर्चा की…
लेख | शासन | क्या परिवहन में ढाँचागत विकास से ग्रामीण भूमि असमानता बढ़ती है? | क्लॉडिया बर्ग (World Bank), ब्रायन ब्लैंकेसपुअर (World Bank), एम. शाहे इमरान (Columbia University), फ़रहाद शिल्पी (DRG, World Bank)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/trade/does-development-of-transport-infrastructure-increase-rural-land-inequality-hindi.html
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क्या परिवहन में ढाँचागत विकास से ग्रामीण भूमि असमानता बढ़ती है?
परिवहन से जुड़े आधारभूत संरचना में निवेश से व्यापार लागत कम होती है और गांव शहरी बाज़ारों के साथ जुड़ जाते हैं। यह लेख दर्शाता है कि इस स्थानिक एकीकरण के कारण ग्रामीण भारत में भूमि असमानता बढ़ने का अनपेक्षित परिणाम भी निकल सकता है। यह लेख, औपनिवेशिक रेलमार्ग…
लेख | शासन | बिहार में स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से जोखिम साझा करने की सुविधा | ओराज़ियो एटेनासिओ (Yale University), अंजिनी कोचर (3ie), अपराजित महाजन, वैष्णवी सुरेंद्र (University of California Berkley)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/governance/facilitating-risk-sharing-through-self-help-groups-in-bihar-hindi.html
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बिहार में स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से जोखिम साझा करने की सुविधा
यह देखते हुए कि बिहार में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) कार्यक्रम से महिलाओं की कम ब्याज़-दर वाले ऋण तक पहुँच में सुधार हुआ है, इस लेख में उपभोग वृद्धि के गाँव-स्तरीय भिन्नता में अंतर की जांच करके इस बात का मूल्याँकन किया गया है कि क्या इससे जोखिम-साझाकरण में…
लेख | मानव विकास | ‘स्वीट कैश’- विकासशील देशों में महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल सम्बन्धी ज़रूरतें | शुभांगी अग्रवाल (IIM Ahmedabad), सोमदीप चटर्जी (IIM Kolkata), चिरंतन चटर्जी (University of Sussex)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/human-development/sweet-cash-women-s-demand-for-healthcare-in-developing-countries-hindi.html
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‘स्वीट कैश’- विकासशील देशों में महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल सम्बन्धी ज़रूरतें
अग्रवाल एवं अन्य, स्वास्थ्य देखभाल की मांग के संदर्भ में लिंग-आधारित प्राथमिकताओं की भूमिका का पता लगाते हैं। सीपीएचएस डेटा का उपयोग करते हुए वे पाते हैं कि ईपीएफ में योगदान की अनिवार्य दरों में बदलाव से उत्पन्न सकारात्मक आय-झटके के कारण चिकित्सा परामर्श…
लेख | सामाजिक पहचान | वर्ग और जाति किस प्रकार से स्कूल के चुनाव को प्रभावित करते हैं | सुकांत भट्टाचार्य (Calcutta University), अपराजिता दासगुप्ता (Ashoka University), कुमारजीत मंडल (Calcutta University), अनिर्बान मुखर्जी (Calcutta University)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/social-identity/how-class-and-caste-influence-school-choice-hindi.html
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वर्ग और जाति किस प्रकार से स्कूल के चुनाव को प्रभावित करते हैं
माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा के सम्बन्ध में लिए जाने वाले निर्णयों पर परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति प्रभाव डालती है। जाति और वर्ग की परस्पर-क्रिया को ध्यान में रखते हुए, यह लेख दर्शाता है कि परिवार जब बहुत अमीर या बहुत गरीब होते हैं, तब उनकी जाति…
फ़ील्ड नोट | मानव विकास | मासिक धर्म सम्बन्धी स्वास्थ्य को कल्याणकारी प्राथमिकता देना : तीन राज्यों से प्राप्त अंतर्दृष्टि | तान्या राणा (CPR)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://www.ideasforindia.in/topics/human-development/making-menstrual-health-a-welfare-priority-insights-from-three-states-hindi.html
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मासिक धर्म सम्बन्धी स्वास्थ्य को कल्याणकारी प्राथमिकता देना : तीन राज्यों से प्राप्त अंतर्दृष्टि
अक्तूबर 11 पूरी दुनिया में अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है देशों, समुदायों और समाजों को बालिकाओं के महत्त्व के बारे में याद दिलाना और उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में बराबरी का स्थान दिलाना। इसी सन्दर्भ…
लेख | कृषि | भारत की फसलों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव | मधु खन्ना (University of Illinois), सुरेंद्र कुमार (Delhi School of Economics)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://ideasforindia.in/topics/environment/the-impact-of-climate-change-on-indian-crops-hindi.html
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भारत की फसलों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
हर साल, 16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना हुई थी। इसे मनाने का उद्देश्य वैश्विक भुखमरी से निपटना और उसे पूरी दुनिया से खत्म करना है। खाद्य और इसलिए, भुखमरी का…
लेख | शासन | वन अधिकार अधिनियम- स्थानीय समुदायों की राजनीति में सहभागिता | भारती नंदवानी (IGIDR)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/governance/forest-rights-act-political-participation-of-indigenous-communities-hindi.html
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वन अधिकार अधिनियम- स्थानीय समुदायों की राजनीति में सहभागिता
वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के कार्यान्वयन के बारे में अपने दो लेखों में से पहले लेख में, भारती नंदवानी ने ओडिशा के अनुसूचित जनजातियों की राजनीति में सहभागिता के संदर्भ में भूमि स्वामित्व मान्यता की बढ़ती मांग के निहितार्थ पर प्रकाश डाला है। वे आय में वृद्धि…
लेख | उत्पादकता तथा नव प्रवर्तन | ‘प्लेटफ़ॉर्म’ अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने के लिए श्रम बाज़ार के आँकड़े एकत्रित करना | नेहा आर्य (IIT Delhi)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : http://ideasforindia.in/topics/productivity-innovation/collecting-labour-market-statistics-to-study-the-platform-economy-hindi.html
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'प्लेटफ़ॉर्म’ अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने के लिए श्रम बाज़ार के आँकड़े एकत्रित करना
हालाँकि भारत डिजिटल श्रम बाज़ार प्लेटफार्मों के मामले में एक अग्रणी देश के रूप में उभरा है, लेकिन गिग (अस्थाई और अल्पावधि के काम व सेवाएं) अर्थव्यवस्था के बारे में कम डेटा उपलब्ध है। नेहा आर्य सीपीएचएस में प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के बारे में डेटा एकत्र करने…
लेख | उत्पादकता तथा नव प्रवर्तन | प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रमों का विकेन्द्रीकृत लक्ष्यीकरण : एक पुनर्मूल्यांकन | दिलीप मुखर्जी (Boston University)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://ideasforindia.in/topics/governance/decentralised-targeting-of-transfer-programmes-a-reassessment-hindi.html
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प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रमों का विकेन्द्रीकृत लक्ष्यीकरण : एक पुनर्मूल्यांकन
'डिसेंट्रलाइज्ड गवर्नेंस : क्राफ्टिंग इफेक्टिव डेमोक्रेसीज़ अराउंड द वर्ल्ड' में दिलीप मुखर्जी कल्याण कार्यक्रमों के विकेन्द्रीकरण के खिलाफ राजनीतिक ग्राहकवाद और अभिजात वर्ग के कब्ज़े की घटनाओं सहित कुछ तर्क प्रस्तुत करते हैं और हाइब्रिड ‘पुनर्केन्द्रीकरण’…
लेख | मानव विकास | लचीली शिक्षा प्रणालियों की स्थापना : पाँच देशों से प्राप्त साक्ष्य | नाओम एंग्रिस्ट एवं अन्य (Youth Impact)
पूरा आलेख यहाँ पढ़ें : https://ideasforindia.in/topics/human-development/building-resilient-education-systems-evidence-from-five-countries-hindi.html
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लचीली शिक्षा प्रणालियों की स्थापना : पाँच देशों से प्राप्त साक्ष्य
देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जन्मतिथि के अवसर पर प्रति वर्ष 11 नवम्बर को मनाए जाने वाले राष्ट्रिय शिक्षा दिवस के उपलक्ष्य में यह आलेख प्रस्तुत है जिसमें कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में एक अरब से अधिक बच्चों की शिक्षा बाधित होने…