तिष्यरक्षिता
यह श्रीलंका के सम्राट तिष्य की दासी थी और एक बार इन्होंने शासक तिष्य को सर्पदंश से पीड़ित होने पर उसका जहर भी अपने मुंह से पिया था इस प्रकार वह शासक की प्रियपात्री बन गई थी इसी समय भारत में मौर्य शासक अशोक का शासनकाल चल रहा था और उन्होंने श्रीलंका में बौद्ध धर्म प्रचार करने के लिए अपने पुत्र महेंद्र तथा संघमित्रा को भेजा था जब यह दोनों वापस आए तब शासक ने तिष्यरक्षिता को वहां के शासक ने अशोक के लिए भेंट स्वरूप भेजी... अशोक उसमें जनकल्याणकारी कार्यों में व्यस्त था तथा बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार में व्यस्त होने के कारण इसको वह ज्यादा समय नहीं दे पाया तब इससे विमुख करने के लिए तिष्य रक्षिता ने उस बोधि वृक्ष को ही कटवा दिया लेकिन दोनों के बीच उम्र का ज्यादा अंतर होने के कारण मेलजोल नहीं बैठ पाया तब तिष्यरक्षिता ने कुणाल जो उस समय में तक्षशिला का गवर्नर हुआ करता था के पास विवाह का प्रस्ताव रखा लेकिन कुणाल ने इसे इनकार कर दिया तब षडयंत्र पूर्वक तिष्यरक्षिता ने कुणाल की आंखें निकलवा दी हालांकि अशोक को इसका पता लगने पर उन्होंने तिष्यरक्षिता की हत्या करवा दी थी
इस प्रकार एक पक्षीय प्यार ने एक युवा राजकुमार की आंखें छिन ली
यहां इस तथ्य को लिखित करना प्रासंगिक होगा कि मौर्य सम्राट अशोक के मुख्य रूप से 5 रानियां थी जिसमें कुणाल पद्मावती का पुत्र था तथा कुणाल का पुत्र सम्प्रति था जो जैन धर्म का अनुयाई था...
यह श्रीलंका के सम्राट तिष्य की दासी थी और एक बार इन्होंने शासक तिष्य को सर्पदंश से पीड़ित होने पर उसका जहर भी अपने मुंह से पिया था इस प्रकार वह शासक की प्रियपात्री बन गई थी इसी समय भारत में मौर्य शासक अशोक का शासनकाल चल रहा था और उन्होंने श्रीलंका में बौद्ध धर्म प्रचार करने के लिए अपने पुत्र महेंद्र तथा संघमित्रा को भेजा था जब यह दोनों वापस आए तब शासक ने तिष्यरक्षिता को वहां के शासक ने अशोक के लिए भेंट स्वरूप भेजी... अशोक उसमें जनकल्याणकारी कार्यों में व्यस्त था तथा बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार में व्यस्त होने के कारण इसको वह ज्यादा समय नहीं दे पाया तब इससे विमुख करने के लिए तिष्य रक्षिता ने उस बोधि वृक्ष को ही कटवा दिया लेकिन दोनों के बीच उम्र का ज्यादा अंतर होने के कारण मेलजोल नहीं बैठ पाया तब तिष्यरक्षिता ने कुणाल जो उस समय में तक्षशिला का गवर्नर हुआ करता था के पास विवाह का प्रस्ताव रखा लेकिन कुणाल ने इसे इनकार कर दिया तब षडयंत्र पूर्वक तिष्यरक्षिता ने कुणाल की आंखें निकलवा दी हालांकि अशोक को इसका पता लगने पर उन्होंने तिष्यरक्षिता की हत्या करवा दी थी
इस प्रकार एक पक्षीय प्यार ने एक युवा राजकुमार की आंखें छिन ली
यहां इस तथ्य को लिखित करना प्रासंगिक होगा कि मौर्य सम्राट अशोक के मुख्य रूप से 5 रानियां थी जिसमें कुणाल पद्मावती का पुत्र था तथा कुणाल का पुत्र सम्प्रति था जो जैन धर्म का अनुयाई था...
निम्नलिखित में से कौन-सा गांव दो बार बौद्ध संघ को दान में दिया गया
Anonymous Quiz
24%
अजकालकीय
41%
करजक
22%
बेटाना
13%
ओजेन
2nd Grade PTI History answer key-1.pdf
1.5 MB
2nd Grade PTI History answer key-1.pdf
1BB7A793AEDC425C9281EC8E2856121F.pdf
5.1 MB
1BB7A793AEDC425C9281EC8E2856121F.pdf
परंपरागत रूप से हम पढ़ते आये हैं कि महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के पश्चात अपना पहला उपदेश सारनाथ में अपने उन पांच ब्राह्मण साथियों को दिया था जो उन पर यह आरोप लगाकर उनसे अलग हो गए थे कि महात्मा बुद्ध कठोर तपस्या के मार्ग से विचलित हो गए हैं
इन दिनों विद्यार्थी इस प्रश्न को बार-बार पूछ रहे हैं क्योंकि कक्षा 9 की सामाजिक विज्ञान के पुरानी पुस्तक में यह उल्लेख है कि महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश बोधगया में दो बंजारों तपस्सु व मल्लिक(सही नाम भल्लिक) को दिया था
सही तथ्य क्या
असल में यह जो यह जो ऊपर उल्लेखित तथ्य है ,यह हमें महावगग नामक बौद्ध ग्रंथ में मिलता है जो कहता है इन बंजारों को बुद्ध ने सर्वप्रथम अपना अनुयायी बनाया
इसके अतिरिक्त ज्यादातर साहित्य बुद्ध के प्रथम उपदेश का स्थान सारनाथ को ही बताते हैं और उसे महाधर्मचक्र प्रवर्तन कहते है
अब विद्यार्थी के रूप में आप क्या करें यह प्रश्न आए और उसमें सारनाथ व बोधगया दोनों विकल्प में हो
आप सारनाथ पर जाएं यदि सारनाथ विकल्प में न है तो आप बोधगया पर जा सकते हैं इसका अभी यहीं हल है
पवन भँवरिया
असिस्टेंट प्रोफेसर हिस्ट्री
इन दिनों विद्यार्थी इस प्रश्न को बार-बार पूछ रहे हैं क्योंकि कक्षा 9 की सामाजिक विज्ञान के पुरानी पुस्तक में यह उल्लेख है कि महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश बोधगया में दो बंजारों तपस्सु व मल्लिक(सही नाम भल्लिक) को दिया था
सही तथ्य क्या
असल में यह जो यह जो ऊपर उल्लेखित तथ्य है ,यह हमें महावगग नामक बौद्ध ग्रंथ में मिलता है जो कहता है इन बंजारों को बुद्ध ने सर्वप्रथम अपना अनुयायी बनाया
इसके अतिरिक्त ज्यादातर साहित्य बुद्ध के प्रथम उपदेश का स्थान सारनाथ को ही बताते हैं और उसे महाधर्मचक्र प्रवर्तन कहते है
अब विद्यार्थी के रूप में आप क्या करें यह प्रश्न आए और उसमें सारनाथ व बोधगया दोनों विकल्प में हो
आप सारनाथ पर जाएं यदि सारनाथ विकल्प में न है तो आप बोधगया पर जा सकते हैं इसका अभी यहीं हल है
पवन भँवरिया
असिस्टेंट प्रोफेसर हिस्ट्री
10 गरीब आदमी एक चादर में सो सकते हैं लेकिन एक राज्य में दो राजा नहीं रह सकते
औरंगजेब ने हुमायूं की तरह अपने साम्राज्य का अपने मरने के पश्चात बांटने का आदेश दिया था और 1707 में जब दौलताबाद में औरंगजेब की मृत्यु हो गई तब उनके पुत्र मुअज्जम ने आजम को लिखा की हमें शांतिपूर्ण तरीके से अपने साम्राज्य का विभाजन कर लेना चाहिए तब आजम ने जवाब दिया कि 10 गरीब आदमी एक ही चादर में आराम से सो सकते हैं परंतु एक राज्य में दो राजा नहीं बन सकते , मेरा हिस्सा फर्श से छत तक है और तुम्हारा छत से अंतरिक्ष तक, हालांकि बाद में जब 20 जून 1707 को जाजऊ का युद्ध हुआ उसमें आजम पराजित हुआ और मुअज्जम बहादुर शाह प्रथम के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा हालांकि वह भी प्रशासनिक बेपरवाह के कारण शाह ए बेखबर कहा जाता हैं...
औरंगजेब ने हुमायूं की तरह अपने साम्राज्य का अपने मरने के पश्चात बांटने का आदेश दिया था और 1707 में जब दौलताबाद में औरंगजेब की मृत्यु हो गई तब उनके पुत्र मुअज्जम ने आजम को लिखा की हमें शांतिपूर्ण तरीके से अपने साम्राज्य का विभाजन कर लेना चाहिए तब आजम ने जवाब दिया कि 10 गरीब आदमी एक ही चादर में आराम से सो सकते हैं परंतु एक राज्य में दो राजा नहीं बन सकते , मेरा हिस्सा फर्श से छत तक है और तुम्हारा छत से अंतरिक्ष तक, हालांकि बाद में जब 20 जून 1707 को जाजऊ का युद्ध हुआ उसमें आजम पराजित हुआ और मुअज्जम बहादुर शाह प्रथम के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा हालांकि वह भी प्रशासनिक बेपरवाह के कारण शाह ए बेखबर कहा जाता हैं...
Forwarded from Dr Ganpat Singh Rajpurohit (Ganpat Singh Rajpurohit)
कर्नाटक की 1995 की एक भर्ती में एक अभ्यर्थी जिसने इंटरव्यू तक शैक्षणिक योग्यता पूर्ण कर ली थी , परीक्षा में शैक्षिक योग्यता पूर्ण थी नहीं , को सरकार ने नियुक्ति दे दी, तब वेटिंग में आये एक अभ्यर्थी के उच्च न्यायालय में वाद दायर कर दिया , न्यायालय की सिंगल बेंच ने उसे अपात्र घोषित कर दिया जिसे सरकार ने नियुक्ति दी थी , तब न्यायालय की डबल बेंच ने सिंगल बेंच का फ़ैसला बदलते हुए ,कहा था की परीक्षा या इंटरव्यू से पहले वांछित योग्यता पूर्ण होनी चाहिए ।
कल RPSC ने शैक्षणिक योग्यता के संबंध में एक प्रेस नोट के ज़रिए कर्नाटक उच्च न्यायालय के 2003 के फ़ैसले तथा 2022 के राजस्थान HC के फ़ैसले का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि निर्धारित दिनांक तक योग्यता पूर्ण होना आवश्यक है ।
निर्धारित दिनांक -
१. जिन भर्तियों में इंटरव्यू नहीं है उनमें परीक्षा के दिन से पहले शैक्षणिक योग्यता पूर्ण करनी होगी
२. जिनमें इंटरव्यू है उनमें भर्ती के इंटरव्यू के पहले दिन तक शैक्षणिक योग्यता पूर्ण चाहिए ।
३. फॉर्म भरते समय अंतिम वर्ष में शामिल हो जाना चाहिए ( अर्थात् इससे पूर्व वर्ष का परिणाम आया हुआ होना चाहिए )।
✍️गणपत सिंह राजपुरोहित
कल RPSC ने शैक्षणिक योग्यता के संबंध में एक प्रेस नोट के ज़रिए कर्नाटक उच्च न्यायालय के 2003 के फ़ैसले तथा 2022 के राजस्थान HC के फ़ैसले का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि निर्धारित दिनांक तक योग्यता पूर्ण होना आवश्यक है ।
निर्धारित दिनांक -
१. जिन भर्तियों में इंटरव्यू नहीं है उनमें परीक्षा के दिन से पहले शैक्षणिक योग्यता पूर्ण करनी होगी
२. जिनमें इंटरव्यू है उनमें भर्ती के इंटरव्यू के पहले दिन तक शैक्षणिक योग्यता पूर्ण चाहिए ।
३. फॉर्म भरते समय अंतिम वर्ष में शामिल हो जाना चाहिए ( अर्थात् इससे पूर्व वर्ष का परिणाम आया हुआ होना चाहिए )।
✍️गणपत सिंह राजपुरोहित
Forwarded from Ramavtar Aring Official
...शिक्षा विभाग में भर्ती के लिए वित्तीय स्वीकृति मिल गई है इस माह के अंत में स्कूल व्याख्याता और सेकंड ग्रेड आ सकती है.... पढ़ लो अब तो चुप चाप 😊
Forwarded from Dr Ganpat Singh Rajpurohit (Ganpat Singh Rajpurohit)
वायरल सच ।
आज एक ट्वीट घूम रहा है जिसमें व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक के पदों की वित्तीय स्वीकृति को लेके है , दरअसल इस सच का दूसरा पहलू ये भी है कि पूर्व के स्वीकृत पद इसमें ऐड होने है , मतलब व्याख्याता अब तक़रीबन 6500 पदों पर होगी तथा वरिष्ठ अध्यापक भी इतने ही पद होंगे , इसलिए आप सभी अभ्यर्थी बिना किसी तनाव के पढ़तें रहें ।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
आज एक ट्वीट घूम रहा है जिसमें व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक के पदों की वित्तीय स्वीकृति को लेके है , दरअसल इस सच का दूसरा पहलू ये भी है कि पूर्व के स्वीकृत पद इसमें ऐड होने है , मतलब व्याख्याता अब तक़रीबन 6500 पदों पर होगी तथा वरिष्ठ अध्यापक भी इतने ही पद होंगे , इसलिए आप सभी अभ्यर्थी बिना किसी तनाव के पढ़तें रहें ।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
बनावली की खोज किसने की थी
Anonymous Quiz
24%
एस आर राव
53%
रविंद्र सिंह बिष्ट
16%
सूरजभान
7%
जगपति जोशी
लिछवी दोहित्र किसे कहा गया
Anonymous Quiz
36%
चंद्रगुप्त द्वितीय
21%
स्कंद गुप्त
13%
कुमार गुप्त
30%
समुद्र गुप्त