Forwarded from Depression Relief Group
"डिप्रेशन"यानि तनाव में अक्सर ही लोग अवसाद भरा जीवन बिताने को मजबूर हो जाते हैं!
इसका क्या वजह हैं ?
डिप्रेशन किसी को इसलिए होता हैं कि उनकी मनोस्थिति समझने वाला कोई नहीं होता,सबको यही लगता है वो तो हंस रहा है, इसलिए उसका सब कुछ ठीक चल रहा होगा,
उसे कोई समस्या नहीं हो सकती!
अक्सर लोग भूल जाते हैं हंसता हुआ इंसान अपने भीतर बहुत दुःख समेटे हुआ हो सकता है!
अगर कोई भी अपनी बात बताना चाहता है या वह कोई समस्या बताना चाहता है और उस बात करना चाहता है तो ग्रुप को ज्वाइन कर लें।
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इसका क्या वजह हैं ?
डिप्रेशन किसी को इसलिए होता हैं कि उनकी मनोस्थिति समझने वाला कोई नहीं होता,सबको यही लगता है वो तो हंस रहा है, इसलिए उसका सब कुछ ठीक चल रहा होगा,
उसे कोई समस्या नहीं हो सकती!
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👍35❤5🔥3👏2
◾️आधार पैन लिंक करने की आज आखिरी दिन
▪️लिंक करने की फीस ₹1000
▪️ आधार पैन लिंक है या नही यह जानने के लिए इस लिंक पर पैन और आधार डाल कर चेक कर सकते है
👇👇
https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/pre-login/link-aadhaar-status
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▪️चंद्रयान-3 मिशन के बारे में रोचक तथ्य
👉 2008 में चंद्रयान -1 और 2019 में चंद्रयान -2 मिशन के बाद चंद्रयान -3 भारत का तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन है।
👉 चंद्रयान -3 मिशन का प्राथमिक उद्देश्य चंद्र सतह पर एक सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना है, जिसे चंद्रयान-2 मिशन में प्राप्त नहीं किया गया था।
👉 इस अंतरिक्ष यान में एक लैंडर, रोवर और प्रणोदन मॉड्यूल शामिल होगा जो संचार रिले उपग्रह के रूप में कार्य करेगा।
👉 प्रणोदन मॉड्यूल लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन को 100 किमी चंद्र कक्षा में ले जाएगा। एक बार चंद्र की कक्षा में पहुंचने के बाद, लैंडर और रोवर प्रणोदन मॉड्यूल से अलग हो जाएंगे और चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेंगे। इसके बाद लैंडर और रोवर चांद की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
👉 इसके लैंडर का नाम विक्रम है और रोवर का नाम प्रज्ञान है।
👉 चंद्रयान -3 लगभग 23 अगस्त के आसपास चन्द्रमा के सतह पर लैंडिंग करेगा।
लांच के समय इसका कुल वजन लगभग 3900 किलोग्राम था।
👉 इस मिशन को लांच करने के लिए इसरो के LVM3 M4 राकेट का इस्तेमाल किया गया, जो कि इसरो के सबसे शक्तिशाली राकेट में से एक है।
👉 2008 में चंद्रयान -1 और 2019 में चंद्रयान -2 मिशन के बाद चंद्रयान -3 भारत का तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन है।
👉 चंद्रयान -3 मिशन का प्राथमिक उद्देश्य चंद्र सतह पर एक सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना है, जिसे चंद्रयान-2 मिशन में प्राप्त नहीं किया गया था।
👉 इस अंतरिक्ष यान में एक लैंडर, रोवर और प्रणोदन मॉड्यूल शामिल होगा जो संचार रिले उपग्रह के रूप में कार्य करेगा।
👉 प्रणोदन मॉड्यूल लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन को 100 किमी चंद्र कक्षा में ले जाएगा। एक बार चंद्र की कक्षा में पहुंचने के बाद, लैंडर और रोवर प्रणोदन मॉड्यूल से अलग हो जाएंगे और चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेंगे। इसके बाद लैंडर और रोवर चांद की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
👉 इसके लैंडर का नाम विक्रम है और रोवर का नाम प्रज्ञान है।
👉 चंद्रयान -3 लगभग 23 अगस्त के आसपास चन्द्रमा के सतह पर लैंडिंग करेगा।
लांच के समय इसका कुल वजन लगभग 3900 किलोग्राम था।
👉 इस मिशन को लांच करने के लिए इसरो के LVM3 M4 राकेट का इस्तेमाल किया गया, जो कि इसरो के सबसे शक्तिशाली राकेट में से एक है।
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Cyber Law में 'DOS' का पूरा रूप (Full Form) क्या है ?
Anonymous Quiz
13%
डिनाइअल ऑफ सरविस
67%
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम
12%
डिसटेंन्स ऑपरेटिंग सरविस
8%
डिनाइअल ऑपरेटिंग सिस्टम
👍6❤3👏2
कम्प्यूटर के निर्देशों (Computer Commands) को क्रियान्वित (Executes) कौन करता है?
Anonymous Quiz
11%
ऐरिथमेटिक यूनिट (Arithmetic Unit)
17%
लॉजिक यूनिट (Logic Unit)
44%
(A) व (B) दोनों
29%
कन्ट्रोल यूनिट (Control Unit)
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पैकमैन (Pac-Man) नामक प्रसिद्ध कम्प्यूटर किस काम के लिए बना था?
Anonymous Quiz
23%
पुस्तक प्रकाशन
44%
शेयर बाजार
19%
बैंक
14%
खेल
👍4👏3
Microprocessor Computer किस पीढ़ी (Generation) से संबंधित है?
Anonymous Quiz
19%
प्रथम पीढ़ी
27%
द्वितीय पीढ़ी
28%
तृतीय पीढ़ी
26%
चतुर्थ पीढ़ी
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माया ऑपरेटिंग सिस्टम (Maya Operating System) क्या है?
भारत का रक्षा मंत्रालय स्वदेशी रूप से विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम, माया ओएस (Maya OS) पेश करके अपनी साइबर सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
माया ओएस (Maya OS)
माया ओएस साइबर हमलों के खिलाफ अपने कंप्यूटर सिस्टम को मजबूत करने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया एक अभिनव ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह मुफ़्त में उपलब्ध सॉफ़्टवेयर का उपयोग करते हुए ओपन-सोर्स उबंटू प्लेटफ़ॉर्म (Ubuntu platform) पर बेस्ड है। विशेष रूप से, माया ओएस का लक्ष्य विंडोज़ ओएस के इंटरफ़ेस और कार्यात्मकताओं को दोहराना है, जो मजबूत साइबर सुरक्षा प्रदान करते हुए उपयोगकर्ताओं के लिए एक सहज संक्रमण सुनिश्चित करता है।
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भारत का रक्षा मंत्रालय स्वदेशी रूप से विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम, माया ओएस (Maya OS) पेश करके अपनी साइबर सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
माया ओएस (Maya OS)
माया ओएस साइबर हमलों के खिलाफ अपने कंप्यूटर सिस्टम को मजबूत करने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया एक अभिनव ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह मुफ़्त में उपलब्ध सॉफ़्टवेयर का उपयोग करते हुए ओपन-सोर्स उबंटू प्लेटफ़ॉर्म (Ubuntu platform) पर बेस्ड है। विशेष रूप से, माया ओएस का लक्ष्य विंडोज़ ओएस के इंटरफ़ेस और कार्यात्मकताओं को दोहराना है, जो मजबूत साइबर सुरक्षा प्रदान करते हुए उपयोगकर्ताओं के लिए एक सहज संक्रमण सुनिश्चित करता है।
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सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर की सूची में भारत का ऐरावत (AIRAWAT) शामिल किया गया
👉 भारत ने Top 500 Global Supercomputing List में 75वां स्थान हासिल करते हुए अपने एआई सुपरकंप्यूटर ‘ऐरावत’ के साथ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
👉 जर्मनी में आयोजित nternational Supercomputing Conference (ISC 2023) के 61वें संस्करण के दौरान इस उपलब्धि की घोषणा की गई।
👉 AI पर भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम की अगुवाई में सी-डैक पुणे में ‘ऐरावत’ भारत को दुनिया भर में एआई सुपरकंप्यूटिंग देशों में सबसे आगे ले जा रहा है।
ऐरावत सुपर कंप्यूटर
👉 ‘ऐरावत’ कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमता का दोहन करने में भारत की छलांग को दर्शाता है। क्लस्टर की शक्ति से लैस, जो कई सर्वरों या कंप्यूट डिवाइसों की कम्प्यूटेशनल शक्ति को एकत्रित करता है, यह एआई सुपरकंप्यूटर भारी मात्रा में डेटा को प्रोसेस कर सकता है और जटिल गणनाएं कर सकता है।
👉 इसकी कम्प्यूटेशनल क्षमताएं आधुनिक लैपटॉप या डेस्कटॉप की तुलना में कहीं अधिक हैं, क्योंकि यह प्रति सेकंड क्वाड्रिलियन गणना कर सकता है।
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👉 भारत ने Top 500 Global Supercomputing List में 75वां स्थान हासिल करते हुए अपने एआई सुपरकंप्यूटर ‘ऐरावत’ के साथ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
👉 जर्मनी में आयोजित nternational Supercomputing Conference (ISC 2023) के 61वें संस्करण के दौरान इस उपलब्धि की घोषणा की गई।
👉 AI पर भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम की अगुवाई में सी-डैक पुणे में ‘ऐरावत’ भारत को दुनिया भर में एआई सुपरकंप्यूटिंग देशों में सबसे आगे ले जा रहा है।
ऐरावत सुपर कंप्यूटर
👉 ‘ऐरावत’ कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमता का दोहन करने में भारत की छलांग को दर्शाता है। क्लस्टर की शक्ति से लैस, जो कई सर्वरों या कंप्यूट डिवाइसों की कम्प्यूटेशनल शक्ति को एकत्रित करता है, यह एआई सुपरकंप्यूटर भारी मात्रा में डेटा को प्रोसेस कर सकता है और जटिल गणनाएं कर सकता है।
👉 इसकी कम्प्यूटेशनल क्षमताएं आधुनिक लैपटॉप या डेस्कटॉप की तुलना में कहीं अधिक हैं, क्योंकि यह प्रति सेकंड क्वाड्रिलियन गणना कर सकता है।
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