मेल मर्ज के तीन भाग (Components) होते है :
मुख्य दस्तावेज (Main Document) :
मेल मर्ज में उच्च दस्तावेज ही सार्वजनिक पत्र होता है जिसमें मर्ज को चलाने के लिए निर्देश होते हैं। इसमें सामान्य टेक्स्ट के साथ फील्ड के नाम होते हैं। मुख्य दस्तावेज में सूचनाओं ठीक वैसी ही रहती हैं । वर्ड मर्ज दस्तावेजों में उन विशेष स्थानों, नामों और पतों का प्रवेशन करता है। मर्ज दस्तावेज में शब्दों को डालने से पहले आपको मुख्य दस्तावेज में फील्ड के नामों का प्रवेशन करना चाहिए।
फील्ड नेम (Field Name) :
फील्ड नेम इस बात की और संकेत करता है कि बदली जाने वाली सूचनाओं का प्रवेशन कहाँ होना है । डाटा सोर्स में, फील्ड के नाम प्रत्येक कॉलम में सूचना के वर्गों की और संकेत करते हैं । इनका मिलान डाटा फाइन में फील्ड नामों के साथ होना चाहिए।
डाटा स्त्रोत (Data Source) :
डाटा फाइन में वे सूचनाएँ होती हैं जिन्हें मुख्य दस्तावेज में लाना होता है। डाटा सोर्स को डाटा फाइल भी कहते हैं। आप इसमें केवल वाक्यों को ही स्टोर नहीं कर सकते बल्कि कोई भी टेक्स्ट या डाटा, जिसे आप बार-बार प्रयोग करना चाहते हैं, स्टोर कर सकते हैं।
मुख्य दस्तावेज (Main Document) :
मेल मर्ज में उच्च दस्तावेज ही सार्वजनिक पत्र होता है जिसमें मर्ज को चलाने के लिए निर्देश होते हैं। इसमें सामान्य टेक्स्ट के साथ फील्ड के नाम होते हैं। मुख्य दस्तावेज में सूचनाओं ठीक वैसी ही रहती हैं । वर्ड मर्ज दस्तावेजों में उन विशेष स्थानों, नामों और पतों का प्रवेशन करता है। मर्ज दस्तावेज में शब्दों को डालने से पहले आपको मुख्य दस्तावेज में फील्ड के नामों का प्रवेशन करना चाहिए।
फील्ड नेम (Field Name) :
फील्ड नेम इस बात की और संकेत करता है कि बदली जाने वाली सूचनाओं का प्रवेशन कहाँ होना है । डाटा सोर्स में, फील्ड के नाम प्रत्येक कॉलम में सूचना के वर्गों की और संकेत करते हैं । इनका मिलान डाटा फाइन में फील्ड नामों के साथ होना चाहिए।
डाटा स्त्रोत (Data Source) :
डाटा फाइन में वे सूचनाएँ होती हैं जिन्हें मुख्य दस्तावेज में लाना होता है। डाटा सोर्स को डाटा फाइल भी कहते हैं। आप इसमें केवल वाक्यों को ही स्टोर नहीं कर सकते बल्कि कोई भी टेक्स्ट या डाटा, जिसे आप बार-बार प्रयोग करना चाहते हैं, स्टोर कर सकते हैं।
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♦️ Disk Drive/Hard Disk Drive क्या है ?
👉 हार्ड डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल हम अपने डाटा को Store करने के लिए करते है। हार्ड डिस्क डाटा को Permanently स्टोर करता है। सबसे पहला हार्ड डिस्क IBMकंपनी ने बनाया था जिसकी स्टोरेज क्षमता महज़ 5 MB थी और वजन करीब 250 KG था बाद मे इसमें अनेको बदलाव किये गये जिसका परिणाम आज का आधुनिक Hard Disk है। इसमें एक गोलाकार डिस्क होती है जिसपे Digitally डाटा Save होती है जो बहुत तेजी से घूमती है जिसके स्पीड को हम RPM (Revolutions Per Minute) में मापते है, जाहिर सी बात है जितना ज्यादा RPM उतना ही ज्यादा डाटा Read और Write करने की स्पीड होती है।
📍 डिस्क ड्राइव्स का प्रयोग सी.डी.-रोम या फ्लॉपी डिस्क में जमा आँकड़ों को पढ़ने और लिखने के लिए किया जाता है । जब हम डिस्क को डिस्क ड्राइव में डालते हैं तो यह एक मोटर की मदद से डिस्क को घुमाता है । ये सभी डिस्क आँकड़ों को भविष्य में प्रयोग के लिए स्थायी तौर पर जमा करते हैं इसलिए ये स्टोरेज उपकरण भी कहलाते हैं ।
हार्ड डिस्क कंप्यूटर सिस्टम से किस प्रकार जुड़ा होता है इसके आधार पर ये दो प्रकार के होते हैं:-
👉 Internal Hard Disk Drive
👉 External Hard Disk Drive
विभिन्न प्रकार के हार्ड डिस्क के डेटा ट्रांसफर और डेटा को भंडारण करने की अवधि अलग-अलग होती है, इसके आधार पर ये दो प्रकार के होते हैं:-
📍 SATA Drive
📍 PATA Drives
👉 हार्ड डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल हम अपने डाटा को Store करने के लिए करते है। हार्ड डिस्क डाटा को Permanently स्टोर करता है। सबसे पहला हार्ड डिस्क IBMकंपनी ने बनाया था जिसकी स्टोरेज क्षमता महज़ 5 MB थी और वजन करीब 250 KG था बाद मे इसमें अनेको बदलाव किये गये जिसका परिणाम आज का आधुनिक Hard Disk है। इसमें एक गोलाकार डिस्क होती है जिसपे Digitally डाटा Save होती है जो बहुत तेजी से घूमती है जिसके स्पीड को हम RPM (Revolutions Per Minute) में मापते है, जाहिर सी बात है जितना ज्यादा RPM उतना ही ज्यादा डाटा Read और Write करने की स्पीड होती है।
📍 डिस्क ड्राइव्स का प्रयोग सी.डी.-रोम या फ्लॉपी डिस्क में जमा आँकड़ों को पढ़ने और लिखने के लिए किया जाता है । जब हम डिस्क को डिस्क ड्राइव में डालते हैं तो यह एक मोटर की मदद से डिस्क को घुमाता है । ये सभी डिस्क आँकड़ों को भविष्य में प्रयोग के लिए स्थायी तौर पर जमा करते हैं इसलिए ये स्टोरेज उपकरण भी कहलाते हैं ।
हार्ड डिस्क कंप्यूटर सिस्टम से किस प्रकार जुड़ा होता है इसके आधार पर ये दो प्रकार के होते हैं:-
👉 Internal Hard Disk Drive
👉 External Hard Disk Drive
विभिन्न प्रकार के हार्ड डिस्क के डेटा ट्रांसफर और डेटा को भंडारण करने की अवधि अलग-अलग होती है, इसके आधार पर ये दो प्रकार के होते हैं:-
📍 SATA Drive
📍 PATA Drives
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Forwarded from Judiciary UP
#CurrentAffairs
31 मई, 2021 के मुख्य समाचार :
🇮🇳 राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
👉 सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों को 4 राष्ट्रीय स्तर के COVID-19 हेल्पलाइन नंबरों को बढ़ावा देने के लिए कहा।
👉 एनएसए अजीत डोभाल ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत ‘सजग’ को कमीशन किया।
👉 कच्छ के महाराजा, महाराव प्रगमलजी III, का 85 वर्ष की आयु में भुज, गुजरात में निधन।
👉 गोवा का राज्य स्थापना दिवस 30 मई को मनाया गया।
👉 सीपीआई (एम) नेता मैथिली शिवरामन का चेन्नई में 81 वर्ष की आयु में निधन।
💹 आर्थिक करेंट अफेयर्स
👉 कोविड-19 से मरने वाले ESIC ग्राहकों के आश्रितों को वही लाभ मिलेगा जो रोजगार में चोट से मरने वालों के आश्रितों को मिलता है।
👉 ईपीएफओ की योजना के तहत अधिकतम बीमा लाभ कोविड-19 पीड़ितों के आश्रितों के लिए 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख किया गया।
👉 नागरिक उड्डयन क्षेत्र को ECLGS (Emergency Credit Line Guarantee Scheme) के तहत लाभ प्रदान किया गया।
👉 ECLGS (Emergency Credit Line Guarantee Scheme) स्वास्थ्य सुविधाओं पर ऑन-साइट ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए ₹ 2 करोड़ तक के ऋण को कवर करेगी।
👉 कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर में FDI, 2020-21 में तीन गुना बढ़कर 26.14 बिलियन डॉलर पर पहुंचा: DPIIT डेटा
🌏 अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
👉 चीन: कार्गो अंतरिक्ष यान Tianzhou -2 ने अंतरिक्ष स्टेशन के कोर मॉड्यूल तियान्हे के साथ डॉक किया।
🏟️ खेल-कूद करेंट अफेयर्स
👉 चैंपियंस लीग फुटबॉल फाइनल में चेल्सी ने मैनचेस्टर सिटी को 1-0 से हराया।
👉 पूजा रानी बोहरा (75 किग्रा) ने दुबई में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता; मैरी कॉम (51 किग्रा), लालबुतसाई (64 किग्रा), अनुपमा (+81 किग्रा) ने रजत जीता।
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31 मई, 2021 के मुख्य समाचार :
🇮🇳 राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
👉 सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों को 4 राष्ट्रीय स्तर के COVID-19 हेल्पलाइन नंबरों को बढ़ावा देने के लिए कहा।
👉 एनएसए अजीत डोभाल ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत ‘सजग’ को कमीशन किया।
👉 कच्छ के महाराजा, महाराव प्रगमलजी III, का 85 वर्ष की आयु में भुज, गुजरात में निधन।
👉 गोवा का राज्य स्थापना दिवस 30 मई को मनाया गया।
👉 सीपीआई (एम) नेता मैथिली शिवरामन का चेन्नई में 81 वर्ष की आयु में निधन।
💹 आर्थिक करेंट अफेयर्स
👉 कोविड-19 से मरने वाले ESIC ग्राहकों के आश्रितों को वही लाभ मिलेगा जो रोजगार में चोट से मरने वालों के आश्रितों को मिलता है।
👉 ईपीएफओ की योजना के तहत अधिकतम बीमा लाभ कोविड-19 पीड़ितों के आश्रितों के लिए 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख किया गया।
👉 नागरिक उड्डयन क्षेत्र को ECLGS (Emergency Credit Line Guarantee Scheme) के तहत लाभ प्रदान किया गया।
👉 ECLGS (Emergency Credit Line Guarantee Scheme) स्वास्थ्य सुविधाओं पर ऑन-साइट ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए ₹ 2 करोड़ तक के ऋण को कवर करेगी।
👉 कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर में FDI, 2020-21 में तीन गुना बढ़कर 26.14 बिलियन डॉलर पर पहुंचा: DPIIT डेटा
🌏 अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
👉 चीन: कार्गो अंतरिक्ष यान Tianzhou -2 ने अंतरिक्ष स्टेशन के कोर मॉड्यूल तियान्हे के साथ डॉक किया।
🏟️ खेल-कूद करेंट अफेयर्स
👉 चैंपियंस लीग फुटबॉल फाइनल में चेल्सी ने मैनचेस्टर सिटी को 1-0 से हराया।
👉 पूजा रानी बोहरा (75 किग्रा) ने दुबई में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता; मैरी कॉम (51 किग्रा), लालबुतसाई (64 किग्रा), अनुपमा (+81 किग्रा) ने रजत जीता।
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👉 Generations of Computer (कंप्यूटर की पीढियां):
📍 सन् 1946 में प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) युक्त एनिएक कम्प्यूटर की शुरूआत ने कम्प्यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया कम्प्यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्वपूर्ण डिवाइसेज की सहायता से कम्प्यूटर ने आज तक की यात्रा तय की इस विकास के क्रम को हम कम्प्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार पर निम्नलिखित पाँच पीढ़ियों में बॉंटते हैं:
📍 सन् 1946 में प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) युक्त एनिएक कम्प्यूटर की शुरूआत ने कम्प्यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया कम्प्यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्वपूर्ण डिवाइसेज की सहायता से कम्प्यूटर ने आज तक की यात्रा तय की इस विकास के क्रम को हम कम्प्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार पर निम्नलिखित पाँच पीढ़ियों में बॉंटते हैं:
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👉 कम्प्यूटरों की प्रथम पीढ़ी (First Generation of Computer) :- 1946 1956
📍 कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरुआत सन् 1946 में एकर्ट और मुचली के एनिएक (ENIAC-Electronic Numerical Integrator And Computer) नामक कम्प्यूटर के निर्माण से हुआ था इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था जिसका आविष्कार सन् 1904 John Ambrose Fleming ने किया था इस पीढ़ी में एनिएक के अलावा और भी कई अन्य कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम एडसैक (EDSEC
📍 Electronic Delay Storage Automatic Calculator), एडवैक (EDVAC Electronic Discrete Variable Automatic Computer), यूनिवैक (UNIVAC Universal Automatic Computer), एवं यूनीवैक - 1 (UNIVAC - 1) हैं।
📍 कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरुआत सन् 1946 में एकर्ट और मुचली के एनिएक (ENIAC-Electronic Numerical Integrator And Computer) नामक कम्प्यूटर के निर्माण से हुआ था इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था जिसका आविष्कार सन् 1904 John Ambrose Fleming ने किया था इस पीढ़ी में एनिएक के अलावा और भी कई अन्य कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम एडसैक (EDSEC
📍 Electronic Delay Storage Automatic Calculator), एडवैक (EDVAC Electronic Discrete Variable Automatic Computer), यूनिवैक (UNIVAC Universal Automatic Computer), एवं यूनीवैक - 1 (UNIVAC - 1) हैं।
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Q1. लगभग 40 हज़ार माइक्रो कंप्यूटरजितनी कार्य करने की क्षमता रखने वाले सुपर कंप्यूटर की गति को क्या कहते है?
Ans. मेगाफ्लॉप
मेगाफ्लॉप – लगभग 40 हज़ार माइक्रो कंप्यूटरजितनी कार्य करने की क्षमता रखने वाले सुपर कंप्यूटर की गति को मेगाफ्लॉप कहा जाता है. सुपरकंप्यूटर अत्याधुनिक तकनीकों से लैस और बड़े-बड़े परिकलन साथ अति सूक्ष्म गणनाएं तीव्रता से कर सकता है
Ans. मेगाफ्लॉप
मेगाफ्लॉप – लगभग 40 हज़ार माइक्रो कंप्यूटरजितनी कार्य करने की क्षमता रखने वाले सुपर कंप्यूटर की गति को मेगाफ्लॉप कहा जाता है. सुपरकंप्यूटर अत्याधुनिक तकनीकों से लैस और बड़े-बड़े परिकलन साथ अति सूक्ष्म गणनाएं तीव्रता से कर सकता है
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Q 2. दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर क्रे. क्रे. 1 किस वर्ष बनाया गया था?
Ans. 1979
📍 1979 – विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर इल्लीआक 4/क्रे के-1 है जो की 1979 में बनाया गया था. यह कंप्यूटर एक बार में 64 कंप्यूटरों का काम कर सकता था. इस मेमोरी में 80 लाख शब्द आ सकते थे.
Ans. 1979
📍 1979 – विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर इल्लीआक 4/क्रे के-1 है जो की 1979 में बनाया गया था. यह कंप्यूटर एक बार में 64 कंप्यूटरों का काम कर सकता था. इस मेमोरी में 80 लाख शब्द आ सकते थे.
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Q3. निम्न में से कौन सा कंप्यूटर 1 सेकंड में शतरंज की 20 करोड़ चाल सोच सकता है?
Ans. डीप ब्लू कंप्यूटर
📍 डीप ब्लू कंप्यूटर - डीप ब्लू कंप्यूटर ने ही वर्ल्ड चैंपियन गेरी कर्पोरोवा को शतरंज में हराया था.
Ans. डीप ब्लू कंप्यूटर
📍 डीप ब्लू कंप्यूटर - डीप ब्लू कंप्यूटर ने ही वर्ल्ड चैंपियन गेरी कर्पोरोवा को शतरंज में हराया था.
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Q. इन्टरनेट पर जानकारी खोजने के लिए इस्तेमाल होने वाले आर्क को किस यूनिवर्सिटी ने बनाया था?
Ans. मैकगिल यूनिवर्सिटी
मैकगिल यूनिवर्सिटी - कनाडा की मोंट्रियल में मैकगिल यूनिवर्सिटी ने इन्टरनेट पर जानकारी खोजने के लिए इस्तेमाल होने वाले आर्क को बनाया था।
Ans. मैकगिल यूनिवर्सिटी
मैकगिल यूनिवर्सिटी - कनाडा की मोंट्रियल में मैकगिल यूनिवर्सिटी ने इन्टरनेट पर जानकारी खोजने के लिए इस्तेमाल होने वाले आर्क को बनाया था।
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Q. कंप्यूटर पर पुस्तक "सोल ऑफ़ द मशीन" लिखने वाले लेखक टेस्सी किडर को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था?
Ans. पुलित्जर अवार्ड
पुलित्जर अवार्ड - कंप्यूटर पर पुस्तक "सोल ऑफ़ द मशीन" लिखने वाले लेखक टेस्सी किडर को पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया जो की अमेरिका का सबसे प्रमुख पुरस्कार है. जो समाचार पत्रों की पत्रकारिता, साहित्य एवं संगीत रचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को प्रदान किया जाता है।
Ans. पुलित्जर अवार्ड
पुलित्जर अवार्ड - कंप्यूटर पर पुस्तक "सोल ऑफ़ द मशीन" लिखने वाले लेखक टेस्सी किडर को पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया जो की अमेरिका का सबसे प्रमुख पुरस्कार है. जो समाचार पत्रों की पत्रकारिता, साहित्य एवं संगीत रचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को प्रदान किया जाता है।
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♦️ Generations of computer ( कंप्यूटर की पीढ़ियां )
👉 Computer First Generation ( प्रथम पीढ़ी 1942-1956 )
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में वैक्यूम ट्यूब रोका एवं डेटा भंडारण के लिए चुंबकीय ड्रम का इस्तेमाल किया गया
👉 Computer Second Generation ( दूसरी पीढ़ी 1956-1965 )
दूसरी पीढ़ी में इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया गया था
👉 Computer Third Generation ( तीसरी पीढ़ी 1965-1975 )
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल किया गया था
👉 Computer Fourth generation ( चतुर्थ पीढ़ी 1975-1988 )
इस पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर की शुरुआत हुई जिनमें हजारों IC एक कल चिप एक सिलिकॉन चिप पर निर्मित की जा सकती थी इसमें बड़े पैमाने पर एकीकृत सर्किट वी एल एस आई तकनीक का इस्तेमाल किया गया ।
👉 Computer Fifth generation ( पंचम पीढ़ी 1988 -present )
इस पीढ़ी में एक नई तकनीक उभरकर आई जिसे अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन कहा जाता है इसके अंतर्गत माइक्रो प्रोसेसर चिप में 1000000 तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को शामिल किया गया था इस पीढ़ी में कृत्रिम बुद्धि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अवधारणा वॉइस रिकग्निशन मोबाइल संचार सैटेलाइट सिग्नल डाटा प्रोसेसिंग को आरंभ किया गया।
👉 Computer First Generation ( प्रथम पीढ़ी 1942-1956 )
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में वैक्यूम ट्यूब रोका एवं डेटा भंडारण के लिए चुंबकीय ड्रम का इस्तेमाल किया गया
👉 Computer Second Generation ( दूसरी पीढ़ी 1956-1965 )
दूसरी पीढ़ी में इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया गया था
👉 Computer Third Generation ( तीसरी पीढ़ी 1965-1975 )
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल किया गया था
👉 Computer Fourth generation ( चतुर्थ पीढ़ी 1975-1988 )
इस पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर की शुरुआत हुई जिनमें हजारों IC एक कल चिप एक सिलिकॉन चिप पर निर्मित की जा सकती थी इसमें बड़े पैमाने पर एकीकृत सर्किट वी एल एस आई तकनीक का इस्तेमाल किया गया ।
👉 Computer Fifth generation ( पंचम पीढ़ी 1988 -present )
इस पीढ़ी में एक नई तकनीक उभरकर आई जिसे अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन कहा जाता है इसके अंतर्गत माइक्रो प्रोसेसर चिप में 1000000 तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को शामिल किया गया था इस पीढ़ी में कृत्रिम बुद्धि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अवधारणा वॉइस रिकग्निशन मोबाइल संचार सैटेलाइट सिग्नल डाटा प्रोसेसिंग को आरंभ किया गया।
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👉 Function Keys का उपयोग इस तरह से है :-
📍 F1 Function key का यूज़ :- ये कंप्यूटर का सबसे पहला Function keys है ।अगर आप अपने कंप्यूटर या फिर लैपटॉप में F1 key को press करते है तो आपको किसी सॉफ्टवेर के बारे में जानना है तो आप F1 को दबा कर उसके हेल्प फाइल को ओपन कर सकते है।
📍 F2 Function key का यूज़ :- इस फोल्डर के इस्तेमाल से आप किसी भी फाइल या फोल्डर का नाम बदल सकते है। किसी भी फाइल या फोल्डर को सेलेक्ट करके जैसे ही आप F2 को प्रेस करते है तो उसके बाद आप फाइल का नाम बदल सकते है।
📍 F1 Function key का यूज़ :- ये कंप्यूटर का सबसे पहला Function keys है ।अगर आप अपने कंप्यूटर या फिर लैपटॉप में F1 key को press करते है तो आपको किसी सॉफ्टवेर के बारे में जानना है तो आप F1 को दबा कर उसके हेल्प फाइल को ओपन कर सकते है।
📍 F2 Function key का यूज़ :- इस फोल्डर के इस्तेमाल से आप किसी भी फाइल या फोल्डर का नाम बदल सकते है। किसी भी फाइल या फोल्डर को सेलेक्ट करके जैसे ही आप F2 को प्रेस करते है तो उसके बाद आप फाइल का नाम बदल सकते है।
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📍 F3 Function keys का यूज़ :- इस फंक्शन को प्रेस करके आप विंडो सर्च मेनू ला सकते हैं आप F3 प्रेस कर के कुछ सर्च करना चाहते है कोई वेबपेज या डॉक्यूमेंट में स्पेसिफिक वर्ड तो आप F3 फंक्शन कीज(Function keys) प्रेस कर के सर्च कर सकते है ।
📍F4 Function key का यूज़ :- इस फंक्शन कीज Function keys का यूज़ आप ऑल्ट(alt) के साथ कर सकते है अगर आप alt+F4 दबाये तो आपके कंप्यूटर में जो भी एप्लीकेशन सामने खुला हुआ है वो क्लोज हो जायेगा इसके साथ ही अगर आप डेक्सटॉप पर जाकर alt+F4 प्रेस करते है तो यह शट डाउन (Shut Down) का आप्शन दिखा देगा। तब आप इससे अपने computer system को shutdown या restart कर सकते है।
📍F4 Function key का यूज़ :- इस फंक्शन कीज Function keys का यूज़ आप ऑल्ट(alt) के साथ कर सकते है अगर आप alt+F4 दबाये तो आपके कंप्यूटर में जो भी एप्लीकेशन सामने खुला हुआ है वो क्लोज हो जायेगा इसके साथ ही अगर आप डेक्सटॉप पर जाकर alt+F4 प्रेस करते है तो यह शट डाउन (Shut Down) का आप्शन दिखा देगा। तब आप इससे अपने computer system को shutdown या restart कर सकते है।
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👉 F5 Function keys का यूज़ :- इस की के यूज़ से आप अपने लैपटॉप या फिर कंप्यूटर को रिफ्रेश कर सकते है और अगर आपने कोई वेबसाइट ओपन कर रखा है और आप पेज रीलोड करना चाहते है तो आप F5 प्रेस कर के पेज को रीलोड कर सकते है ।
👉 F6 Function keys का यूज़ :- अगर आप लैपटॉप में F6 press करते है तो इससे आप आवाज को कम कर सकते है और अगर आप ब्राउज़र पर कोई वेबसाइट ओपन कर रहे है और आप डायरेक्टली यूआरएल पे जाना चाहते है तो आप F6 प्रेस कर के सीधा address bar में जा सकते है ।
👉 F6 Function keys का यूज़ :- अगर आप लैपटॉप में F6 press करते है तो इससे आप आवाज को कम कर सकते है और अगर आप ब्राउज़र पर कोई वेबसाइट ओपन कर रहे है और आप डायरेक्टली यूआरएल पे जाना चाहते है तो आप F6 प्रेस कर के सीधा address bar में जा सकते है ।
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📍 F7 Function keys का यूज़ :- इस Function keys की मदद से आप वॉल्यूम बढ़ा सकते है अगर आप लैपटॉप में यूज़ कर रहे है तो , F7 Function keys का यूज़ ज्यादातर Ms-Word में किया जाता है, अगर आपको एमएस वर्ड में spelling चेक करना है तो आप F7 प्रेस कर के चेक कर सकते है।
📍 F8 Function key का यूज़ :- इस Function keys का यूज़ कर के आप safe mode option देख सकते है, अगर आपको safe mode में जाना है तो आपको इसके लिए विंडो के बूटिंग के समय F8 प्रेस कर के सेफ मोड सेलेक्ट कर सकते है।
📍 F8 Function key का यूज़ :- इस Function keys का यूज़ कर के आप safe mode option देख सकते है, अगर आपको safe mode में जाना है तो आपको इसके लिए विंडो के बूटिंग के समय F8 प्रेस कर के सेफ मोड सेलेक्ट कर सकते है।
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👉 F9 Function keys का यूज़ :- इस key का विंडोज में तो कोई यूज़ नहीं है लेकिन इसका ज्यादातर यूज़ ms-word में यूज़ किया जाता है shift और alt की के साथ इस्तेमाल किया जाता है।
👉 F10 Function key का यूज़ :- इसका भी कंप्यूटर के विंडोज में कुछ यूज़ नहीं है अगर आप विंडो में F10 प्रेस करेंगे तो कुछ भी नहीं होगा इसका यूज़ एमएस वर्ड में किया जाता है अगर आप msword में shift+F10 तो आपको वर्ड में shortcut दिखा देगा जैसे की कॉपी पेस्ट इत्यादि।
👉 F10 Function key का यूज़ :- इसका भी कंप्यूटर के विंडोज में कुछ यूज़ नहीं है अगर आप विंडो में F10 प्रेस करेंगे तो कुछ भी नहीं होगा इसका यूज़ एमएस वर्ड में किया जाता है अगर आप msword में shift+F10 तो आपको वर्ड में shortcut दिखा देगा जैसे की कॉपी पेस्ट इत्यादि।
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👉 F11 Function key का यूज़ :- इस फंक्शन की Function keys का यूज़ कर के आप ब्राउज़र को फुल स्क्रीन मोड में यूज़ कर सकते है।
👉 F12 Function key का यूज़ :- F12 यूज़ एमएस वर्ड में फाइल को सेव करने के लिए किया जा सकता है।
👉 F12 Function key का यूज़ :- F12 यूज़ एमएस वर्ड में फाइल को सेव करने के लिए किया जा सकता है।
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♦️ डोमेन नाम क्या है ?
👉 वास्तव में Domain Name एक Web Address है. जिसकी सहायता से हम Particular Website पर जा सकते है। जब Internet की शुरुवात हुई थी. तब Internet पर बहोत कम Website थी. तब Domains name नहीं था. उस वक्त किसी भी Website पर जाने के लिये, Ip Address का Use होता था. वो ऐसे form में थे. > 1.01.21.52.25.002 जो की याद रखने में काफी मुश्किल हुआ करता था. भविष्य में आने वाले वाली परेशानी, और संभावना को ध्यान में रखते हुए. डोमेन की शुरूवात की गयी. जो याद रखने में काफी easy है।
👉 वास्तव में Domain Name एक Web Address है. जिसकी सहायता से हम Particular Website पर जा सकते है। जब Internet की शुरुवात हुई थी. तब Internet पर बहोत कम Website थी. तब Domains name नहीं था. उस वक्त किसी भी Website पर जाने के लिये, Ip Address का Use होता था. वो ऐसे form में थे. > 1.01.21.52.25.002 जो की याद रखने में काफी मुश्किल हुआ करता था. भविष्य में आने वाले वाली परेशानी, और संभावना को ध्यान में रखते हुए. डोमेन की शुरूवात की गयी. जो याद रखने में काफी easy है।
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👉 डोमेन नाम (Domain Name)एक विशेष नाम है जो इंटरनेट साइट की पहचान बताता है । किसी इंटरनेट वेबसाइट (Website) का यूआरएल (URL) के अंत में डॉट (.) के बाद के नाम को डोमेन कहते हैं ।
👉 यह किसी संस्था या देश को इंगित करता है । Domain Name या DNS (Domain Naming System) एक ऐसा नामकरण है जिससे हम किसी website को Internet में identify कर सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण डोमेन नेम निम्नलिखित है :
.acro - एवीएशन
.gov - सरकारी संस्था
.in - भारत
.net - नेटवर्क
.name - पर्सनल
.jobs - नोकरी
.biz - बिजनेस आर्गेनाईजेशन
.edu - शैक्षिक संस्था
.org - आर्गेनाईजेशन
.mil - सैनिक
.asia - एशिया
.com - कॉमर्शियल
👉 यह किसी संस्था या देश को इंगित करता है । Domain Name या DNS (Domain Naming System) एक ऐसा नामकरण है जिससे हम किसी website को Internet में identify कर सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण डोमेन नेम निम्नलिखित है :
.acro - एवीएशन
.gov - सरकारी संस्था
.in - भारत
.net - नेटवर्क
.name - पर्सनल
.jobs - नोकरी
.biz - बिजनेस आर्गेनाईजेशन
.edu - शैक्षिक संस्था
.org - आर्गेनाईजेशन
.mil - सैनिक
.asia - एशिया
.com - कॉमर्शियल
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कम्प्यूटर का उदभव और विकास:
Development & Computer
1. अबेकस (Abacus): यह एक प्राचीन गणना यंत्र है जिसका अविष्कार प्राचीन देवीलोन में अंको की गणना के लिए किया गया था। इसका अविष्कार 16 वी सदी में
ली काई चेन ने किया था इसे संसार का प्रथम गणक यंत्र कहा जाता है। इसमें तारों गोलाकार मनके ( Beads) पिरोयी जाती है।
2. पास्कल लाइन (Pascaline):- फॉस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने 1642 में प्रथम यांत्रिक गणना मशीन का अविष्कार किया ।
• यह केवल जोड व घटा सकती थी • इसे एडिग मशीत भी कहा गया
3. डिफरेंस इंजन (Difference Engine) और एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine)
बिट्रिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने 1822 में DE का अविष्कार किया जो भाप से चलता था । तथा गणनाएँ कर सकता ।
1842 में चार्ल्स बैबेज ने एक स्वचालित मशीन एनालिटिकल इंजन बनाया जो पंचकार्ड के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करती थी। गणनाएँ (जोड़, घटाव गुणा भाग कर सकती थी।
लेडी एडा अगस्टा एनालिटिकल इंजन पहला प्रोग्रान डाला |
उन्हे दुनिया का प्रथम प्रोग्रामर भी कहा जाता है।
उन्हें दो अंकों की संख्या प्रणाली बाइनरी प्रणाली ( Binary System) के अविष्कार का श्रेय भी जाता है।
● चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर क्षेत्र में योगदान के लिए आधुनिक कम्प्यूटर विज्ञान का जनक (Father of Modern Computer) कहा जाता है।
4. सेंसस टेबुलेटर (Census Tabulator):- 1890 में यू एस ए (USA) में वैज्ञानिक हर्मन होलेरिथ (Herman Hollerith) ने इस विद्युत चलित यंत्र का अविष्कार किया जिसका प्रयोग अमेरिका जनगणना में किया गया उन्हे पंचकार्ड के अविष्कार का श्रेय दिया जाता है।
Development & Computer
1. अबेकस (Abacus): यह एक प्राचीन गणना यंत्र है जिसका अविष्कार प्राचीन देवीलोन में अंको की गणना के लिए किया गया था। इसका अविष्कार 16 वी सदी में
ली काई चेन ने किया था इसे संसार का प्रथम गणक यंत्र कहा जाता है। इसमें तारों गोलाकार मनके ( Beads) पिरोयी जाती है।
2. पास्कल लाइन (Pascaline):- फॉस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने 1642 में प्रथम यांत्रिक गणना मशीन का अविष्कार किया ।
• यह केवल जोड व घटा सकती थी • इसे एडिग मशीत भी कहा गया
3. डिफरेंस इंजन (Difference Engine) और एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine)
बिट्रिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने 1822 में DE का अविष्कार किया जो भाप से चलता था । तथा गणनाएँ कर सकता ।
1842 में चार्ल्स बैबेज ने एक स्वचालित मशीन एनालिटिकल इंजन बनाया जो पंचकार्ड के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करती थी। गणनाएँ (जोड़, घटाव गुणा भाग कर सकती थी।
लेडी एडा अगस्टा एनालिटिकल इंजन पहला प्रोग्रान डाला |
उन्हे दुनिया का प्रथम प्रोग्रामर भी कहा जाता है।
उन्हें दो अंकों की संख्या प्रणाली बाइनरी प्रणाली ( Binary System) के अविष्कार का श्रेय भी जाता है।
● चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर क्षेत्र में योगदान के लिए आधुनिक कम्प्यूटर विज्ञान का जनक (Father of Modern Computer) कहा जाता है।
4. सेंसस टेबुलेटर (Census Tabulator):- 1890 में यू एस ए (USA) में वैज्ञानिक हर्मन होलेरिथ (Herman Hollerith) ने इस विद्युत चलित यंत्र का अविष्कार किया जिसका प्रयोग अमेरिका जनगणना में किया गया उन्हे पंचकार्ड के अविष्कार का श्रेय दिया जाता है।
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