Forwarded from Sant Shri AsharamJi Bapu
🌹 उत्तरायण ध्यान योग शिविर निमित्त पूज्यश्री का संदेश-ऋषि प्रसाद सेवाधारियों हेतु विशेष 14-01-2020
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उत्तरायण ध्यान योग शिविर निमित्त पूज्यश्री का संदेश | ऋषि प्रसाद सेवाधारियों हेतु विशेष | 14-01-2020
Jodhpur se uttarayan dhyan yog shivir nimitt Pujyashri ka sandesh 14-1-2020
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🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 15 जनवरी 2020*
⛅ *दिन - बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - पौष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - पंचमी दोपहर 12:10 तक तत्पश्चात षष्ठी*
⛅ *नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी 16 जनवरी प्रातः 04:07 तत्पश्चात हस्त*
⛅ *योग - शोभन रात्रि 09:14 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:36 से दोपहर 01:57 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:16*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - मकर संक्रांति पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक*
💥 *विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *उत्तरायण / सूर्य मंत्र* 🌷
🙏🏻 *सूर्य मंत्र है ..*
🌷 *ॐ ध्रीं सूर्य आदित्येम् ।*
🙏🏻 *इसका जप करें । वो ब्रह्मवेत्ता महाव्याधि और भय, दरिद्रता और पाप से मुक्त हो जाता है ।*
🌞 *सूर्य देव का मूल मंत्र है --*
🌷 *ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः ।*
🙏🏻 *ये पद्म पुराण में आता है ....*
🌞 *सूर्य नमस्कार करने से ओज, तेज और बुद्धि की बढोत्तरी होती है |*
🌷 *ॐ सूर्याय नमः ।*
🌷 *ॐ रवये नमः ।*
🌷 *ॐ भानवे नमः ।*
🌷 *ॐ खगाय नमः ।*
🌷 *ॐ अर्काय नमः ।*
🙏🏻 *सूर्य नमस्कार करने से आदमी ओजस्वी, तेजस्वी और बलवान बनता है इसमें प्राणायाम भी हो जाते हैं ।*
💥 *विशेष -15 जनवरी 2020 बुधवार को मकर संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त तक ) है ।*
🙏🏻 *- Pujya Bapuji Ahemdabad 12th Jan' 2013*
🌞 *~ हिन्दू - पंचांग ~* 🌞
🌷 *मकर संक्रांति* 🌷
🌷 *नारद पुराण के अनुसार*
*“मकरस्थे रवौ गङ्गा यत्र कुत्रावगाहिता । पुनाति स्नानपानाद्यैर्नयन्तीन्द्रपुरं जगत् ।।”*
🌞 *सूर्य के मकर राशिपर रहते समय जहाँ कहीं भी गंगा में स्नान किया जाय , वह स्नान - पान आदि के द्वारा सम्पूर्ण जगत् को पवित्र करती और अन्त में इन्द्रलोक पहुँचाती है।*
🌷 *पद्मपुराण के सृष्टि खंड अनुसार मकर संक्रांति में स्नान करना चाहिए। इससे दस हजार गोदान का फल प्राप्त होता है। उस समय किया हुआ तर्पण, दान और देवपूजन अक्षय होता है।*
🌷 *गरुड़पुराण के अनुसार मकर संक्रान्ति, चन्द्रग्रहण एवं सूर्यग्रहण के अवसर पर गयातीर्थ में जाकर पिंडदान करना तीनों लोकों में दुर्लभ है।*
👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन लक्ष्मी प्राप्ति व रोग नाश के लिए गोरस (दूध, दही, घी) से भगवान सूर्य, विपत्ति तथा शत्रु नाश के लिए तिल-गुड़ से भगवान शिव, यश-सम्मान एवं ज्ञान, विद्या आदि प्राप्ति के लिए वस्त्र से देवगुरु बृहस्पति की पूजा महापुण्यकाल / पुण्यकाल में करनी चाहिए।*
👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन तिल (सफ़ेद तथा काले दोनों) का प्रयोग तथा तिल का दान विशेष लाभकारी है। विशेषतः तिल तथा गुड़ से बने मीठे पदार्थ जैसे की रेवड़ी, गज्जक आदि। सुबह नहाने वाले जल में भी तिल मिला लेने चाहिए।*
🌷 *विष्णु पुराण, द्वितीयांशः अध्यायः 8 के अनुसार*
*कर्कटावस्थिते भानौ दक्षिणायनमुच्यते । उत्तरायणम्प्युक्तं मकरस्थे दिवाकरे ।।*
🌞 *सूर्य के कर्क राशि में उपस्थित होने पर दक्षिणायन कहा जाता है और उसके मकर राशि पर आने से उत्तरायण कहलाता है ॥*
🌷 *धर्मसिन्धु के अनुसार*
*तिलतैलेन दीपाश्च देया: शिवगृहे शुभा:। सतिलैस्तण्डुलैर्देवं पूजयेद्विधिवद् द्विजम्।। तस्यां कृष्ण तिलै: स्नानं कार्ये चोद्वर्त्नम तिलै: . तिला देवाश्च होतव्या भक्ष्याश्चैवोत्तरायणे*
👉🏻 *उत्तरायण के दिन तिलों के तेल के दीपक से शिवमंदिर में प्रकाश करना चाहिए , तिलों सहित चावलों से विधिपूर्वक शिव पूजन करना चाहिए. ये भी बताया है की उत्तरायण में तिलों से उबटना, काले तिलों से स्नान, तिलों का दान, होम तथा भक्षण करना चाहिए .*
🌞 *अत्र शंभौ घृताभिषेको महाफलः . वस्त्रदानं महाफलं*
👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन महादेव जी को घृत से अभिषेक (स्नान) कराने से महाफल होता है . गरीबों को वस्त्रदान से महाफल होता है .*
🌞 *अत्र क्षीरेण भास्करं स्नानपयेव्सूर्यलोकप्राप्तिः*
👉🏻 *इस संक्रांति को दूध से सूर्य को स्नान करावै तो सूर्यलोक की प्राप्ति होती है .*
🌷 *नारद पुराण के अनुसार “क्षीराद्यैः स्नापयेद्यस्तु रविसंक्रमणे हरिम् । स वसेद्विष्णुसदने त्रिसप्तपुरुषैः सह ।।”*
🌞 *जो सूर्यकी संक्रान्तिके दिन दूध आदिसे श्रीहरिको नहलाता है , वह इक्कीस पीढ़ियोंके साथ विष्णुलोक में वास करता है।*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू - पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷🍀🌹🌻🌺💐🍁🌸🙏🏻
⛅ *दिनांक 15 जनवरी 2020*
⛅ *दिन - बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - पौष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - पंचमी दोपहर 12:10 तक तत्पश्चात षष्ठी*
⛅ *नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी 16 जनवरी प्रातः 04:07 तत्पश्चात हस्त*
⛅ *योग - शोभन रात्रि 09:14 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:36 से दोपहर 01:57 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:16*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - मकर संक्रांति पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक*
💥 *विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
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🌷 *उत्तरायण / सूर्य मंत्र* 🌷
🙏🏻 *सूर्य मंत्र है ..*
🌷 *ॐ ध्रीं सूर्य आदित्येम् ।*
🙏🏻 *इसका जप करें । वो ब्रह्मवेत्ता महाव्याधि और भय, दरिद्रता और पाप से मुक्त हो जाता है ।*
🌞 *सूर्य देव का मूल मंत्र है --*
🌷 *ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः ।*
🙏🏻 *ये पद्म पुराण में आता है ....*
🌞 *सूर्य नमस्कार करने से ओज, तेज और बुद्धि की बढोत्तरी होती है |*
🌷 *ॐ सूर्याय नमः ।*
🌷 *ॐ रवये नमः ।*
🌷 *ॐ भानवे नमः ।*
🌷 *ॐ खगाय नमः ।*
🌷 *ॐ अर्काय नमः ।*
🙏🏻 *सूर्य नमस्कार करने से आदमी ओजस्वी, तेजस्वी और बलवान बनता है इसमें प्राणायाम भी हो जाते हैं ।*
💥 *विशेष -15 जनवरी 2020 बुधवार को मकर संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त तक ) है ।*
🙏🏻 *- Pujya Bapuji Ahemdabad 12th Jan' 2013*
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🌷 *मकर संक्रांति* 🌷
🌷 *नारद पुराण के अनुसार*
*“मकरस्थे रवौ गङ्गा यत्र कुत्रावगाहिता । पुनाति स्नानपानाद्यैर्नयन्तीन्द्रपुरं जगत् ।।”*
🌞 *सूर्य के मकर राशिपर रहते समय जहाँ कहीं भी गंगा में स्नान किया जाय , वह स्नान - पान आदि के द्वारा सम्पूर्ण जगत् को पवित्र करती और अन्त में इन्द्रलोक पहुँचाती है।*
🌷 *पद्मपुराण के सृष्टि खंड अनुसार मकर संक्रांति में स्नान करना चाहिए। इससे दस हजार गोदान का फल प्राप्त होता है। उस समय किया हुआ तर्पण, दान और देवपूजन अक्षय होता है।*
🌷 *गरुड़पुराण के अनुसार मकर संक्रान्ति, चन्द्रग्रहण एवं सूर्यग्रहण के अवसर पर गयातीर्थ में जाकर पिंडदान करना तीनों लोकों में दुर्लभ है।*
👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन लक्ष्मी प्राप्ति व रोग नाश के लिए गोरस (दूध, दही, घी) से भगवान सूर्य, विपत्ति तथा शत्रु नाश के लिए तिल-गुड़ से भगवान शिव, यश-सम्मान एवं ज्ञान, विद्या आदि प्राप्ति के लिए वस्त्र से देवगुरु बृहस्पति की पूजा महापुण्यकाल / पुण्यकाल में करनी चाहिए।*
👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन तिल (सफ़ेद तथा काले दोनों) का प्रयोग तथा तिल का दान विशेष लाभकारी है। विशेषतः तिल तथा गुड़ से बने मीठे पदार्थ जैसे की रेवड़ी, गज्जक आदि। सुबह नहाने वाले जल में भी तिल मिला लेने चाहिए।*
🌷 *विष्णु पुराण, द्वितीयांशः अध्यायः 8 के अनुसार*
*कर्कटावस्थिते भानौ दक्षिणायनमुच्यते । उत्तरायणम्प्युक्तं मकरस्थे दिवाकरे ।।*
🌞 *सूर्य के कर्क राशि में उपस्थित होने पर दक्षिणायन कहा जाता है और उसके मकर राशि पर आने से उत्तरायण कहलाता है ॥*
🌷 *धर्मसिन्धु के अनुसार*
*तिलतैलेन दीपाश्च देया: शिवगृहे शुभा:। सतिलैस्तण्डुलैर्देवं पूजयेद्विधिवद् द्विजम्।। तस्यां कृष्ण तिलै: स्नानं कार्ये चोद्वर्त्नम तिलै: . तिला देवाश्च होतव्या भक्ष्याश्चैवोत्तरायणे*
👉🏻 *उत्तरायण के दिन तिलों के तेल के दीपक से शिवमंदिर में प्रकाश करना चाहिए , तिलों सहित चावलों से विधिपूर्वक शिव पूजन करना चाहिए. ये भी बताया है की उत्तरायण में तिलों से उबटना, काले तिलों से स्नान, तिलों का दान, होम तथा भक्षण करना चाहिए .*
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👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन महादेव जी को घृत से अभिषेक (स्नान) कराने से महाफल होता है . गरीबों को वस्त्रदान से महाफल होता है .*
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👉🏻 *इस संक्रांति को दूध से सूर्य को स्नान करावै तो सूर्यलोक की प्राप्ति होती है .*
🌷 *नारद पुराण के अनुसार “क्षीराद्यैः स्नापयेद्यस्तु रविसंक्रमणे हरिम् । स वसेद्विष्णुसदने त्रिसप्तपुरुषैः सह ।।”*
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🌹 पूज्य बापूजी का जोधपुर से दिव्य संदेश - 15 जनवरी 2020
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जोधपुर से माघ मास निमित्त पूज्यश्री का संदेश | 15-01-2020
Jodhpur se maagh maas nimitt Pujya Shri ka sandesh 15-1-2020
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🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 16 जनवरी 2020*
⛅ *दिन - गुरुवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - पौष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - षष्ठी सुबह 09:41 तक तत्पश्चात सप्तमी*
⛅ *नक्षत्र - हस्त 17 जनवरी रात्रि 02:31 तत्पश्चात चित्रा*
⛅ *योग - अतिगण्ड शाम 06:03 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 01:57 से शाम 03:18 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:16*
⛅ *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *पौष्टिक गुणों से युक्त तिल की बर्फी* 🌷
🍛 *१ – १ कटोरी तिल व मूँगफली अलग – अलग सेंक लें व एक सूखा नारियल – गोला किस लें | ५०० ग्राम गुड़ की दो तार की चाशनी बनाकर इन सबकी बर्फी जमा लें |*
💪🏻 *स्वादिष्ट व पौष्टिक गुणों से युक्त यह बर्फी शीत ऋतु में बहुत लाभकारी है |*
🙏🏻 *स्त्रोत – ऋषि प्रसाद – जनवरी – २०१७ से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *पुण्यदायी तिथियाँ* 🌷
➡ *२८ जनवरी : मंगलवारी चतुर्थी ( सुबह ८:२३ से २९ जनवरी सूर्योदय तक )*
➡ *३० जनवरी : वसंत पंचमी ( इस दिन सारस्वत्य मंत्र का अधिक-से-अधिक जप करना चाहिए |)*
➡ *१ फरवरी : अचला सप्तमी (प्रात: पुन्यस्नान, व्रत करके गुरु-पूजन करनेवाला सम्पूर्ण माघ मास के स्नान का फल व वर्षभर के रविवार व्रत का पुण्य पा लेता है | यह सम्पूर्ण पापों को हरनेवाली व सुख-सौभाग्य की वृद्धि करनेवाली है |)*
➡ *५ फरवरी : जया एकादशी (व्रत से ब्रह्महत्यातुल्य पाप व पिशाचत्व का नाश होता है |)*
➡ *७ फरवरी : माघ शुक्ल त्रयोदशी [इस दिन से माघी पूर्णिमा (९ फरवरी) तक प्रात: पुण्यस्नान तथा दान, व्रत आदि पुण्यकर्म करने से सम्पूर्ण माघ-स्नान का फल मिलता है | - पद्म पुराण ]*
➡ *१३ फरवरी : विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल:सुबह ८-४१ से दोपहर ३-०५ तक )*
➡ *१४ फरवरी : मातृ-पितृ पूजन दिवस*
➡ *१९ फरवरी : विजया एकादशी (व्रत से इस लोक में विजयप्राप्ति होती है और परलोक भी अक्षय बना रहता है |)*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२० से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *ग्रहों दोष की शांति के लिए* 🌷
🙏🏻 *कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति हो तो दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है। किसी एक ग्रह की वजह से भी हमारे कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। यहां जानिए शिवजी के कुछ ऐसे उपाय,जिनसे ग्रहों के दोष दूर होते हैं और बाधाएं दूर हो सकती हैं।*
▶ *सूर्य से संबंधित दोष को दूर करने के लिए शिवलिंग पर पीले फूल अर्पित करना चाहिए ।*
▶ *चंद्र से संबंधित दोष दूर करने के लिए शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।*
▶ *मंगल दोष दूर करने के लिए शिवलिंग पर कुम -कुम और लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए ।*
▶ *बुध संबंधित दोषों से मुक्ति के लिए शिवलिंग पर बिल्ली पत्र अर्पित करें ।*
▶ *गुरु के दोषों को दूर करने के लिए शिवलिंग पर चने की दाल और बेसन के लड्डू अर्पित करें।*
▶ *शुक्र के दोष दूर करने के लिए शिवलिंग पर हर रोज जल अर्पित करें ।*
▶ *शनि, राहु और केतु से संबंधित दोषों से मुक्ति के लिए शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करना चाहिए ।*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
⛅ *दिनांक 16 जनवरी 2020*
⛅ *दिन - गुरुवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - पौष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - षष्ठी सुबह 09:41 तक तत्पश्चात सप्तमी*
⛅ *नक्षत्र - हस्त 17 जनवरी रात्रि 02:31 तत्पश्चात चित्रा*
⛅ *योग - अतिगण्ड शाम 06:03 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 01:57 से शाम 03:18 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:16*
⛅ *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *पौष्टिक गुणों से युक्त तिल की बर्फी* 🌷
🍛 *१ – १ कटोरी तिल व मूँगफली अलग – अलग सेंक लें व एक सूखा नारियल – गोला किस लें | ५०० ग्राम गुड़ की दो तार की चाशनी बनाकर इन सबकी बर्फी जमा लें |*
💪🏻 *स्वादिष्ट व पौष्टिक गुणों से युक्त यह बर्फी शीत ऋतु में बहुत लाभकारी है |*
🙏🏻 *स्त्रोत – ऋषि प्रसाद – जनवरी – २०१७ से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *पुण्यदायी तिथियाँ* 🌷
➡ *२८ जनवरी : मंगलवारी चतुर्थी ( सुबह ८:२३ से २९ जनवरी सूर्योदय तक )*
➡ *३० जनवरी : वसंत पंचमी ( इस दिन सारस्वत्य मंत्र का अधिक-से-अधिक जप करना चाहिए |)*
➡ *१ फरवरी : अचला सप्तमी (प्रात: पुन्यस्नान, व्रत करके गुरु-पूजन करनेवाला सम्पूर्ण माघ मास के स्नान का फल व वर्षभर के रविवार व्रत का पुण्य पा लेता है | यह सम्पूर्ण पापों को हरनेवाली व सुख-सौभाग्य की वृद्धि करनेवाली है |)*
➡ *५ फरवरी : जया एकादशी (व्रत से ब्रह्महत्यातुल्य पाप व पिशाचत्व का नाश होता है |)*
➡ *७ फरवरी : माघ शुक्ल त्रयोदशी [इस दिन से माघी पूर्णिमा (९ फरवरी) तक प्रात: पुण्यस्नान तथा दान, व्रत आदि पुण्यकर्म करने से सम्पूर्ण माघ-स्नान का फल मिलता है | - पद्म पुराण ]*
➡ *१३ फरवरी : विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल:सुबह ८-४१ से दोपहर ३-०५ तक )*
➡ *१४ फरवरी : मातृ-पितृ पूजन दिवस*
➡ *१९ फरवरी : विजया एकादशी (व्रत से इस लोक में विजयप्राप्ति होती है और परलोक भी अक्षय बना रहता है |)*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२० से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *ग्रहों दोष की शांति के लिए* 🌷
🙏🏻 *कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति हो तो दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है। किसी एक ग्रह की वजह से भी हमारे कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। यहां जानिए शिवजी के कुछ ऐसे उपाय,जिनसे ग्रहों के दोष दूर होते हैं और बाधाएं दूर हो सकती हैं।*
▶ *सूर्य से संबंधित दोष को दूर करने के लिए शिवलिंग पर पीले फूल अर्पित करना चाहिए ।*
▶ *चंद्र से संबंधित दोष दूर करने के लिए शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।*
▶ *मंगल दोष दूर करने के लिए शिवलिंग पर कुम -कुम और लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए ।*
▶ *बुध संबंधित दोषों से मुक्ति के लिए शिवलिंग पर बिल्ली पत्र अर्पित करें ।*
▶ *गुरु के दोषों को दूर करने के लिए शिवलिंग पर चने की दाल और बेसन के लड्डू अर्पित करें।*
▶ *शुक्र के दोष दूर करने के लिए शिवलिंग पर हर रोज जल अर्पित करें ।*
▶ *शनि, राहु और केतु से संबंधित दोषों से मुक्ति के लिए शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करना चाहिए ।*
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⛅ *तिथि - सप्तमी सुबह 07:28 तक तत्पश्चात अष्टमी*
⛅ *नक्षत्र - चित्रा 18 जनवरी रात्रि 02:13 तत्पश्चात स्वाती*
⛅ *योग - सुकर्मा शाम 03:07 तक तत्पश्चात धृति*
⛅ *राहुकाल - सुबह 11:16 से दोपहर 12:37 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:17*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - अष्टमी क्षय तिथि*
💥 *विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *माघ मास* 🌷
🙏🏻 *माघ मास हिंदू पञ्चाङ्ग का 11 वां चंद्रमास है। इस मास में मघा नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होने के कारण इसका नाम माघ रखा गया (मघायुक्ता पौर्णमासी यत्र मासे सः)।*
➡ *उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार माघ मास प्रारंभ हो चुका है।*
👉🏻 *माघ मास में श्रवण और मूल शून्य नक्षत्र हैं इनमें कार्य करने से धन का नाश होता है।*
🙏🏻 *माघ मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी व शुक्ल पक्ष की षष्ठी मास शून्य तिथियां होती हैं।*
➡ *इन तिथियों शुभ काम नहीं करना चाहिए।*
🙏🏻 *महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 106 के अनुसार*
*माघं तु नियतो मासमेकभक्तेन य: क्षिपेत्।*
*श्रीमत्कुले ज्ञातिमध्ये स महत्त्वं प्रपद्यते।।*
👉🏻 *अर्थात जो माघ मास में नियमपूर्वक एक समय भोजन करता है, वह धनवान कुल में जन्म लेकर अपने कुटुम्बजनों में महत्व को प्राप्त होता है।*
➡ *माघ में मूली का त्याग करना चाहिए। देवता और पितर को भी मूली अर्पण न करें।*
🙏🏻 *श्री हरि नारायण को माघ मास अत्यंत प्रिय है। वस्तुत: यह मास प्रातः स्नान (माघ स्नान), कल्पवास, पूजा-जप-तप, अनुष्ठान, भगवद्भक्ति, साधु-संतों की कृपा प्राप्त करने का उत्तम मास है। माघ मास की विशिष्टता का वर्णन करते हुए महामुनि वशिष्ठ ने कहा है, ‘जिस प्रकार चंद्रमा को देखकर कमलिनी तथा सूर्य को देखकर कमल प्रस्फुटित और पल्लवित होता है, उसी प्रकार माघ मास में साधु-संतों, महर्षियों के सानिध्य से मानव बुद्धि पुष्पित, पल्लवित और प्रफुल्लित होती है। यानी प्राणी को आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।*
🙏🏻 *पद्मपुराण, उत्तरपर्व में कहा गया है*
*ग्रहाणां च यथा सूर्यो नक्षत्राणां यथा शशी*
*मासानां च तथा माघः श्रेष्ठः सर्वेषु कर्मसु*
👉🏻 *अर्थात जैसे ग्रहों में सूर्य और नक्षत्रों में चन्द्रमा श्रेष्ठ है, उसी प्रकार महीनों में माघ मास श्रेष्ठ है।*
🙏🏻 *पद्मपुराण में कहा गया है की माघ मास आने पर नाना प्रकार के फूलों से भगवान की पूजा करें। उस समय कपूर से तथा नाना प्रकार के नैवेद्य एवं लड्डूओं से पूजा होनी चाहिए। इस प्रकार देवदेवेश्वर के पूजित होने पर मनुष्य निश्चय ही मनोवाञ्छित फलों को प्राप्त कर लेता है।*
🙏🏻 *पद्मपुराण में वसिष्ठजी कहते हैं कि वैशाख में जल और अन्न का दान उत्तम है, कार्तिक में तपस्या और पूजा की प्रधानता है तथा माघ में जप, होम और दान ये तीन बातें विशेष हैं। जिन लोगों ने माघ में प्रातः स्नान, नाना प्रकार का दान और भगवान विष्णु का स्तोत्र पाठ किया है, वे दिव्यधाम में आनन्दपूर्वक निवास करते हैं।*
🌷 *माघ मास में प्रातःकाल स्नान का विशेष महत्व है*
*व्रतैर्दानैस्तपोभिश्च न तथा प्रीयते हरि:। माघमज्जनमात्रेण यथा प्रीणाति केशव:।।*
*प्रीतये वासुदेवस्य सर्वपापापनुक्तये। माघस्नानं प्रकुर्वीत स्वर्ग लाभाय मानव:।।*
👉🏻 *पूरे माघ मास में प्रयाग में निवास तथा प्रयाग में त्रिवेणी संगम में स्नान बहुत भाग्यशाली मनुष्य को प्राप्त होता है ।*
🙏🏻 *स्कन्दपुराण वैष्णवखण्ड के अनुसार*
*प्रयागो माघमासे तु पुष्करं कार्तिके तथा ।।*
*अवन्ती माधवे मासि हन्यात्पापं युगार्जितम् ।।*
👉🏻 *माघ मास में प्रयाग, कार्तिक में पुष्कर और वैशाख मास में अवन्तीपुरी (उज्जैन) - ये एक युगतक उपार्जित किये हुए पापों का नाश कर डालते हैं।*
🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार*
*जो व्रती पुरुष चैत्र अथवा माघ मास में शंकर की पूजा करता है तथा बेंत लेकर उनके सम्मुख रात-दिन भक्ति पूर्वक नृत्य करने में तत्पर रहता है, वह चाहे एक मास, आधा मास, दस दिन, सात दिन अथवा दो ही दिन या एक ही दिन ऐसा क्यों न करे, उसे दिन की संख्या के बराबर युगों तक भगवान शिव के लोक में प्रतिष्ठा प्राप्त हो जाती है।*
👉🏻 *माघ में तिलों का दान जरूर जरूर करना चाहिए। विशेषतः तिलों से भरकर ताम्बे का पात्र दान देना चाहिए।*
🙏🏻 *महाभारत अनुशासन पर्व के 66वें अध्याय के अनुसार*
*माघ मासे तिलान् यस्तु ब्राह्मणेभ्यः प्रयच्छति। सर्वसत्वसमकीर्णं नरकं स न पश्यति॥*
👉🏻 *जो माघ मास में ब्राह्मणों को तिल दान करता है, वह
⛅ *दिनांक 17 जनवरी 2020*
⛅ *दिन - शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - पौष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - सप्तमी सुबह 07:28 तक तत्पश्चात अष्टमी*
⛅ *नक्षत्र - चित्रा 18 जनवरी रात्रि 02:13 तत्पश्चात स्वाती*
⛅ *योग - सुकर्मा शाम 03:07 तक तत्पश्चात धृति*
⛅ *राहुकाल - सुबह 11:16 से दोपहर 12:37 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:17*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - अष्टमी क्षय तिथि*
💥 *विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *माघ मास* 🌷
🙏🏻 *माघ मास हिंदू पञ्चाङ्ग का 11 वां चंद्रमास है। इस मास में मघा नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होने के कारण इसका नाम माघ रखा गया (मघायुक्ता पौर्णमासी यत्र मासे सः)।*
➡ *उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार माघ मास प्रारंभ हो चुका है।*
👉🏻 *माघ मास में श्रवण और मूल शून्य नक्षत्र हैं इनमें कार्य करने से धन का नाश होता है।*
🙏🏻 *माघ मास में कृष्ण पक्ष की पंचमी व शुक्ल पक्ष की षष्ठी मास शून्य तिथियां होती हैं।*
➡ *इन तिथियों शुभ काम नहीं करना चाहिए।*
🙏🏻 *महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 106 के अनुसार*
*माघं तु नियतो मासमेकभक्तेन य: क्षिपेत्।*
*श्रीमत्कुले ज्ञातिमध्ये स महत्त्वं प्रपद्यते।।*
👉🏻 *अर्थात जो माघ मास में नियमपूर्वक एक समय भोजन करता है, वह धनवान कुल में जन्म लेकर अपने कुटुम्बजनों में महत्व को प्राप्त होता है।*
➡ *माघ में मूली का त्याग करना चाहिए। देवता और पितर को भी मूली अर्पण न करें।*
🙏🏻 *श्री हरि नारायण को माघ मास अत्यंत प्रिय है। वस्तुत: यह मास प्रातः स्नान (माघ स्नान), कल्पवास, पूजा-जप-तप, अनुष्ठान, भगवद्भक्ति, साधु-संतों की कृपा प्राप्त करने का उत्तम मास है। माघ मास की विशिष्टता का वर्णन करते हुए महामुनि वशिष्ठ ने कहा है, ‘जिस प्रकार चंद्रमा को देखकर कमलिनी तथा सूर्य को देखकर कमल प्रस्फुटित और पल्लवित होता है, उसी प्रकार माघ मास में साधु-संतों, महर्षियों के सानिध्य से मानव बुद्धि पुष्पित, पल्लवित और प्रफुल्लित होती है। यानी प्राणी को आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।*
🙏🏻 *पद्मपुराण, उत्तरपर्व में कहा गया है*
*ग्रहाणां च यथा सूर्यो नक्षत्राणां यथा शशी*
*मासानां च तथा माघः श्रेष्ठः सर्वेषु कर्मसु*
👉🏻 *अर्थात जैसे ग्रहों में सूर्य और नक्षत्रों में चन्द्रमा श्रेष्ठ है, उसी प्रकार महीनों में माघ मास श्रेष्ठ है।*
🙏🏻 *पद्मपुराण में कहा गया है की माघ मास आने पर नाना प्रकार के फूलों से भगवान की पूजा करें। उस समय कपूर से तथा नाना प्रकार के नैवेद्य एवं लड्डूओं से पूजा होनी चाहिए। इस प्रकार देवदेवेश्वर के पूजित होने पर मनुष्य निश्चय ही मनोवाञ्छित फलों को प्राप्त कर लेता है।*
🙏🏻 *पद्मपुराण में वसिष्ठजी कहते हैं कि वैशाख में जल और अन्न का दान उत्तम है, कार्तिक में तपस्या और पूजा की प्रधानता है तथा माघ में जप, होम और दान ये तीन बातें विशेष हैं। जिन लोगों ने माघ में प्रातः स्नान, नाना प्रकार का दान और भगवान विष्णु का स्तोत्र पाठ किया है, वे दिव्यधाम में आनन्दपूर्वक निवास करते हैं।*
🌷 *माघ मास में प्रातःकाल स्नान का विशेष महत्व है*
*व्रतैर्दानैस्तपोभिश्च न तथा प्रीयते हरि:। माघमज्जनमात्रेण यथा प्रीणाति केशव:।।*
*प्रीतये वासुदेवस्य सर्वपापापनुक्तये। माघस्नानं प्रकुर्वीत स्वर्ग लाभाय मानव:।।*
👉🏻 *पूरे माघ मास में प्रयाग में निवास तथा प्रयाग में त्रिवेणी संगम में स्नान बहुत भाग्यशाली मनुष्य को प्राप्त होता है ।*
🙏🏻 *स्कन्दपुराण वैष्णवखण्ड के अनुसार*
*प्रयागो माघमासे तु पुष्करं कार्तिके तथा ।।*
*अवन्ती माधवे मासि हन्यात्पापं युगार्जितम् ।।*
👉🏻 *माघ मास में प्रयाग, कार्तिक में पुष्कर और वैशाख मास में अवन्तीपुरी (उज्जैन) - ये एक युगतक उपार्जित किये हुए पापों का नाश कर डालते हैं।*
🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार*
*जो व्रती पुरुष चैत्र अथवा माघ मास में शंकर की पूजा करता है तथा बेंत लेकर उनके सम्मुख रात-दिन भक्ति पूर्वक नृत्य करने में तत्पर रहता है, वह चाहे एक मास, आधा मास, दस दिन, सात दिन अथवा दो ही दिन या एक ही दिन ऐसा क्यों न करे, उसे दिन की संख्या के बराबर युगों तक भगवान शिव के लोक में प्रतिष्ठा प्राप्त हो जाती है।*
👉🏻 *माघ में तिलों का दान जरूर जरूर करना चाहिए। विशेषतः तिलों से भरकर ताम्बे का पात्र दान देना चाहिए।*
🙏🏻 *महाभारत अनुशासन पर्व के 66वें अध्याय के अनुसार*
*माघ मासे तिलान् यस्तु ब्राह्मणेभ्यः प्रयच्छति। सर्वसत्वसमकीर्णं नरकं स न पश्यति॥*
👉🏻 *जो माघ मास में ब्राह्मणों को तिल दान करता है, वह
्त जन्तुओं से भरे हुए नरक का दर्शन नहीं करता।*
🙏🏻 *माघ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया (27 जनवरी 2020) को मन्वंतर तिथि कहते है उस दिन जो कुछ दान दिया जाता है उसका फल अक्षय बताया गया है ( पद्मपुराण - सृष्टि खंड )*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
🙏🏻 *माघ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया (27 जनवरी 2020) को मन्वंतर तिथि कहते है उस दिन जो कुछ दान दिया जाता है उसका फल अक्षय बताया गया है ( पद्मपुराण - सृष्टि खंड )*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
*🌹क्या है आम जनता की राय आशाराम बापूजी के बारे में । A common man's perception about Asharamji Bapu*
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🖥 https://youtu.be/sifnYH_Z-a0
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क्या है आम जनता की राय आशाराम बापूजी के बारे में । A common man's permission about Asharamji Bapu
क्या है आम जनता की राय आशाराम बापूजी के बारे में । A common man's permission about Asharamji Bapu त्रिभुवन में कुशल वक्ता पूज्य बापूजी और कुशल श्रोता आप हैं ...
🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 18 जनवरी 2020*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - पौष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - नवमी 19 जनवरी प्रातः 04:00 तक तत्पश्चात दशमी*
⛅ *नक्षत्र - स्वाती रात्रि 12:13 तत्पश्चात विशाखा*
⛅ *योग - धृति दोपहर 12:26 तक तत्पश्चात शूल*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09:56 से सुबह 11:16 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:17*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *काले तिल* 🌷
🙏🏻 *अष्टांग संग्रहकर श्री वाग्भट्टाचार्यजी के अनुसार १५ से २५ ग्राम काले तिल सुबह चबा-चबाकर खाने व ऊपर से शीतल जलपीने से सम्पूर्ण शरीर–विशेषत: हड्डियाँ, दांत, संधियाँ व बाल मजबूत बनते हैं |*
🙏🏻 - *Rishiprasad January 2013*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *चार बातों को याद रखो* 🌷
➡ *१] ब्रह्मनिष्ठ महापुरुषों व ज्ञानवृद्ध बड़े-बुजुर्गों का आदर करना ।*
➡ *२] छोटों की रक्षा करना और उन पर स्नेह करना ।*
➡ *३] सत्संगी बुद्धिमानों से सलाह लेना और*
➡ *४] मूर्खों के साथ नहीं उलझना ।*
🌷 *नम्रता के तीन लक्षण*
👉🏻 *१] कडवी बात का मीठा जवाब देना ।*
👉🏻 *२] क्रोध के अवसर पर भी चुप्पी साधना और*
👉🏻 *३] किसीको दंड देना ही पड़े तो उस समय चित्त को कोमल रखना ।*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०१९ से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *छोटे-बड़े नुकसान से बचने के लिए* 🌷
🙏🏻 *धर्म-ग्रंथों में ऐसी कई बातें बताई गई हैं,जिनका ध्यान हर किसी को रखना बहुत ही जरुरी होता है। ग्रंथों में तीन ऐसी परिस्थितियां बताई गई हैं,जिनमें मनुष्य को बहुत ही सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। इन परिस्थितियों में बिना सोचे-समझे लिए गए फैसले आपके लिए कई तरह के नुकसानों का कारण बन सकते हैं।*
🌷 *श्लोक-*
*अनालोक्य व्ययं कर्ता ह्मनर्थः कलहप्रियः।*
*आतुरः सर्वक्षेत्रेषु नरः शीघ्रं विनश्यति।।*
👉🏻 *बचे रहना चाहते हैं हर छोटे-बड़े नुकसान से तो ध्यान रखें ग्रंथों में बताई ये 3 बातें*
1⃣ *बिना सोचे-समझे खर्च करना*
*कई लोगों को पैसों का मूल्य नहीं पता होता। वे मुनाफा या सैलेरी आते ही उसे खर्च करने के बारे में सोचने लगते हैं । पैसा खर्च करने से पहले अपने वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के बारे में भी सोचना बहुत ही जरुरी होता है। जो मनुष्य बिना आगे-पीछे की सोचे पैसों को हर जगह खर्च करता रहता है, उसे आगे चलकर कई परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता ही है।*
2⃣ *हर काम में जल्दी दिखाना*
*ग्रंथों में धैर्य रखने की बात कही जाती है। जिस मनुष्य के अंदर धैर्य और शांति की कमी रहती है, वे हर काम में जल्दबाजी करते हैं । ऐसे में कई बार काम बिगड़ जाते हैं। किसी भी काम को करने के पहले उसके बारे में अच्छी तरह से विचार करना बहुत ही जरुरी होता है। जो मनुष्य बिना विचार किए हर काम में जल्दी दिखाता है, उसे कई तरह के नुकसानों का सामना करना पड़ता है।*
3⃣ *हर बात पर झगड़ा करना*
*कई लोग गर्म मिजाज के होते हैं। छोटी-छोटी सी बातों पर भड़क जाते हैं और लड़ने-झगड़ने लगते हैं । छोटी-छोटी सी बातों पर गुस्सा होना या दूसरों से लड़ने लगना मनुष्य की सबसे बुरी आदतों में से एक मानी जाती है। जो मनुष्य इस तरह के स्वभाव का होता है, उसे अपनी आदत की वजह से कई बार सभी के सामने शर्मिदा होना पड़ता है। ऐसे स्वभाव की वजह से वे भविष्य में मिलने वाले कई अवसरों को भी खो देते हैं।*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
⛅ *दिनांक 18 जनवरी 2020*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - पौष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - नवमी 19 जनवरी प्रातः 04:00 तक तत्पश्चात दशमी*
⛅ *नक्षत्र - स्वाती रात्रि 12:13 तत्पश्चात विशाखा*
⛅ *योग - धृति दोपहर 12:26 तक तत्पश्चात शूल*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09:56 से सुबह 11:16 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:17*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *काले तिल* 🌷
🙏🏻 *अष्टांग संग्रहकर श्री वाग्भट्टाचार्यजी के अनुसार १५ से २५ ग्राम काले तिल सुबह चबा-चबाकर खाने व ऊपर से शीतल जलपीने से सम्पूर्ण शरीर–विशेषत: हड्डियाँ, दांत, संधियाँ व बाल मजबूत बनते हैं |*
🙏🏻 - *Rishiprasad January 2013*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *चार बातों को याद रखो* 🌷
➡ *१] ब्रह्मनिष्ठ महापुरुषों व ज्ञानवृद्ध बड़े-बुजुर्गों का आदर करना ।*
➡ *२] छोटों की रक्षा करना और उन पर स्नेह करना ।*
➡ *३] सत्संगी बुद्धिमानों से सलाह लेना और*
➡ *४] मूर्खों के साथ नहीं उलझना ।*
🌷 *नम्रता के तीन लक्षण*
👉🏻 *१] कडवी बात का मीठा जवाब देना ।*
👉🏻 *२] क्रोध के अवसर पर भी चुप्पी साधना और*
👉🏻 *३] किसीको दंड देना ही पड़े तो उस समय चित्त को कोमल रखना ।*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०१९ से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *छोटे-बड़े नुकसान से बचने के लिए* 🌷
🙏🏻 *धर्म-ग्रंथों में ऐसी कई बातें बताई गई हैं,जिनका ध्यान हर किसी को रखना बहुत ही जरुरी होता है। ग्रंथों में तीन ऐसी परिस्थितियां बताई गई हैं,जिनमें मनुष्य को बहुत ही सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। इन परिस्थितियों में बिना सोचे-समझे लिए गए फैसले आपके लिए कई तरह के नुकसानों का कारण बन सकते हैं।*
🌷 *श्लोक-*
*अनालोक्य व्ययं कर्ता ह्मनर्थः कलहप्रियः।*
*आतुरः सर्वक्षेत्रेषु नरः शीघ्रं विनश्यति।।*
👉🏻 *बचे रहना चाहते हैं हर छोटे-बड़े नुकसान से तो ध्यान रखें ग्रंथों में बताई ये 3 बातें*
1⃣ *बिना सोचे-समझे खर्च करना*
*कई लोगों को पैसों का मूल्य नहीं पता होता। वे मुनाफा या सैलेरी आते ही उसे खर्च करने के बारे में सोचने लगते हैं । पैसा खर्च करने से पहले अपने वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के बारे में भी सोचना बहुत ही जरुरी होता है। जो मनुष्य बिना आगे-पीछे की सोचे पैसों को हर जगह खर्च करता रहता है, उसे आगे चलकर कई परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता ही है।*
2⃣ *हर काम में जल्दी दिखाना*
*ग्रंथों में धैर्य रखने की बात कही जाती है। जिस मनुष्य के अंदर धैर्य और शांति की कमी रहती है, वे हर काम में जल्दबाजी करते हैं । ऐसे में कई बार काम बिगड़ जाते हैं। किसी भी काम को करने के पहले उसके बारे में अच्छी तरह से विचार करना बहुत ही जरुरी होता है। जो मनुष्य बिना विचार किए हर काम में जल्दी दिखाता है, उसे कई तरह के नुकसानों का सामना करना पड़ता है।*
3⃣ *हर बात पर झगड़ा करना*
*कई लोग गर्म मिजाज के होते हैं। छोटी-छोटी सी बातों पर भड़क जाते हैं और लड़ने-झगड़ने लगते हैं । छोटी-छोटी सी बातों पर गुस्सा होना या दूसरों से लड़ने लगना मनुष्य की सबसे बुरी आदतों में से एक मानी जाती है। जो मनुष्य इस तरह के स्वभाव का होता है, उसे अपनी आदत की वजह से कई बार सभी के सामने शर्मिदा होना पड़ता है। ऐसे स्वभाव की वजह से वे भविष्य में मिलने वाले कई अवसरों को भी खो देते हैं।*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
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Forwarded from Sant Shri AsharamJi Bapu
🌹 *जोधपुर से पूज्य बापूजी का पावन संदेश* - 18 जनवरी 2020
🔹 *आश्रम के ऑफिशियल Telegram चैनल से जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें*
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*🔹आश्रम के Whatsapp नंबर से जुड़ने के लिए https://wa.me/919978782229 पर मैसेज करें ।*
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पूज्य श्री का जोधपुर से संदेश : 18 जनवरी 2020
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जोधपुर से पूज्यश्री का संदेश | Pujya Bapuji's message right from Jodhpur | 18-01-2020
jodhpur se Pujya Shri ka sandeshTo Get High-Quality Satsang Videos of Sant Shri Asharamji Bapu and Shri Sureshanandji Please Subscribe, Like, Comment and S...
🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 19 जनवरी 2020*
⛅ *दिन - रविवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - पौष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - दशमी 20 जनवरी रात्रि 02:51 तक तत्पश्चात एकादशी*
⛅ *नक्षत्र - विशाखा रात्रि 11:41 तत्पश्चात अनुराधा*
⛅ *योग - शूल सुबह 10:03 तक तत्पश्चात गण्ड*
⛅ *राहुकाल - शाम 04:40 से शाम 06:01 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:17*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡ *20 जनवरी 2020 सोमवार को रात्रि 02:52 से 21 जनवरी रात्रि 02:05 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष ~ 20 जनवरी सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
🙏🏻 *एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🙏🏻 *प्रेरणामूर्ति भारती श्रीजी*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *निरापद पद की प्राप्ति में सहायक व्रत* 🌷
➡ *(षट्तिला एकादशी : २० जनवरी )*
🙏🏻 *धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान् श्रीकृष्ण से पूछा : “देव ! माघ (गुजरात-महाराष्ट्र के अनुसार पौष) मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का माहात्म्य मैं जानना चाहता हूँ |”*
🙏🏻 *भगवान् श्रीकृष्ण कहते हैं : “यह एकादशी ‘षट्तिला’ के नाम से विख्यात है | पुलस्त्य ऋषि ने दाल्भ्य ऋषि से इसके माहात्म्य का वर्णन किया था | इस एकादशी का व्रत पापों का शमन करता है | जीव को निरापद पद की प्राप्ति के लिए षट्तिला एकादशी का व्रत करना चाहिए, सर्वव्यापक भगवान हरि का पूजन करना चाहिए | काम=क्रोध आदि से लिप्त नीच कर्मों और अति भाषण का त्याग करके मौन का अवलम्बन लेना चाहिए और भगवत्सुमिरन बढ़ाकर भगवदरस लेते हुए रात्रि का जागरण करना चाहिए | (रात्रि में १२ बजे तक का जागरण ) ”*
👉🏻 *इस दिन तिलों का ६ जगह उपयोग कर लेना चाहिए –*
➡ *१] तिल, आँवला आदि मिलाकर बना उबटन लगाना |*
➡ *२] जल में तिल डालकर स्नान करना |*
➡ *३] पीनेवाले जल में तिल डाल के पानी पीना |*
➡ *४] भोजन में तिल का उपयोग करना |*
➡ *५] तिल का दान करना और*
➡ *६] हवन-यज्ञ में तिल का उपयोग करना |*
💥 *तिल हितकारी हैं परन्तु रात्रि में तिल-मिश्रित पदार्थ का सेवन हानि करता है | दही और तिल रात्रि को नहीं खाने चाहिए | जो षट्तिला एकादशी का उपवास करते हैं वे भी तिल-शक्कर की चिक्की अथवा लड्डू खा सकते हैं |*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२० से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
🙏🏻 *एकादशी को दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🙏🏻 *Sureshanandji Haridwar 11.02.2010*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के जो दिन चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक
⛅ *दिनांक 19 जनवरी 2020*
⛅ *दिन - रविवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2076*
⛅ *शक संवत - 1941*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - पौष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - दशमी 20 जनवरी रात्रि 02:51 तक तत्पश्चात एकादशी*
⛅ *नक्षत्र - विशाखा रात्रि 11:41 तत्पश्चात अनुराधा*
⛅ *योग - शूल सुबह 10:03 तक तत्पश्चात गण्ड*
⛅ *राहुकाल - शाम 04:40 से शाम 06:01 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19*
⛅ *सूर्यास्त - 18:17*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡ *20 जनवरी 2020 सोमवार को रात्रि 02:52 से 21 जनवरी रात्रि 02:05 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष ~ 20 जनवरी सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
🙏🏻 *एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🙏🏻 *प्रेरणामूर्ति भारती श्रीजी*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *निरापद पद की प्राप्ति में सहायक व्रत* 🌷
➡ *(षट्तिला एकादशी : २० जनवरी )*
🙏🏻 *धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान् श्रीकृष्ण से पूछा : “देव ! माघ (गुजरात-महाराष्ट्र के अनुसार पौष) मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का माहात्म्य मैं जानना चाहता हूँ |”*
🙏🏻 *भगवान् श्रीकृष्ण कहते हैं : “यह एकादशी ‘षट्तिला’ के नाम से विख्यात है | पुलस्त्य ऋषि ने दाल्भ्य ऋषि से इसके माहात्म्य का वर्णन किया था | इस एकादशी का व्रत पापों का शमन करता है | जीव को निरापद पद की प्राप्ति के लिए षट्तिला एकादशी का व्रत करना चाहिए, सर्वव्यापक भगवान हरि का पूजन करना चाहिए | काम=क्रोध आदि से लिप्त नीच कर्मों और अति भाषण का त्याग करके मौन का अवलम्बन लेना चाहिए और भगवत्सुमिरन बढ़ाकर भगवदरस लेते हुए रात्रि का जागरण करना चाहिए | (रात्रि में १२ बजे तक का जागरण ) ”*
👉🏻 *इस दिन तिलों का ६ जगह उपयोग कर लेना चाहिए –*
➡ *१] तिल, आँवला आदि मिलाकर बना उबटन लगाना |*
➡ *२] जल में तिल डालकर स्नान करना |*
➡ *३] पीनेवाले जल में तिल डाल के पानी पीना |*
➡ *४] भोजन में तिल का उपयोग करना |*
➡ *५] तिल का दान करना और*
➡ *६] हवन-यज्ञ में तिल का उपयोग करना |*
💥 *तिल हितकारी हैं परन्तु रात्रि में तिल-मिश्रित पदार्थ का सेवन हानि करता है | दही और तिल रात्रि को नहीं खाने चाहिए | जो षट्तिला एकादशी का उपवास करते हैं वे भी तिल-शक्कर की चिक्की अथवा लड्डू खा सकते हैं |*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२० से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
🙏🏻 *एकादशी को दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🙏🏻 *Sureshanandji Haridwar 11.02.2010*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के जो दिन चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक
वल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा*
🙏🏻 *- पूज्य बापूजी मुंबई 1/1/2012*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू पंचाग ~* 🌞
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏
🙏🏻 *- पूज्य बापूजी मुंबई 1/1/2012*
📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू पंचाग ~* 🌞
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏
Forwarded from Sant Shri AsharamJi Bapu
🌹 पूज्यश्री का दिव्य संदेश - जोधपुर, 19 जनवरी 2020
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जोधपुर से पूज्यश्री का संदेश | Pujya Bapuji's message right from Jodhpur | 19-01-2020
Jodhpur se maagh maas nimitt Pujya Shri ka sandesh 19-1-2020
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🌹 *प्रार्थना पहुँच गयी है: पूज्य बापूजी का पावन संदेश* (19.01.2020)
🖥https://youtu.be/bIOoDS9odV8
🌹 *ध्यान से सुनना सूरत आश्रम में ऋषि प्रसाद सम्मेलनवाले ! सतयुग में सत्य बड़ा तप और ईश्वरप्राप्ति का बड़ा साधन था । त्रेता में यज्ञपुरुष आ जाते थे खीर का कटोरा ले के, द्वापर में तपप्रधान था लेकिन कलियुग में दान की प्रधानता है । दानं केवलं कलियुगे । दान भी कई प्रकार... आठ प्रकार का होता है - अन्नदान, भूमिदान, गौदान, गौरसदान, विद्यादान, कन्यादान... लेकिन सब दानों से सर्वोपरि स्वर्णदान है। स्वर्णदान से भी सर्वोपरि क्या है ? कन्यादान । कन्यादान से सर्वोपरि दान क्या है ? अरे बाबा ! सर्वोपरि दान है तुम्हारा ऋषि प्रसाद का सत्संग-दान । कन्यादान किया लेकिन जमाई दारुड़िया हो सकता है, करप्टेड हो सकता है, चोर हो सकता है, दगाबाज हो सकता है । स्वर्णदान के बाद भी कुछ गड़बड़वाला हो सकता है । कन्यादानवाला को कन्या दी, स्वर्णवाले को स्वर्ण दिया, भूमिवाले को भूमि दी लेकिन गड़बड़ हो सकती है लेकिन जिसको ऋषि प्रसाद बाँटनेवाले की मुलाकात हो गयी तो उसको मिल गया सत्संग-दान । दानं केवलं कलियुगे... और सर्वोपरि दान सत्संग-दान । सत्संग-दान करनेवाले हजार लोग इकट्ठे हो जायें तो समझो सूरत का तो भाग्य खुला, गुजरात का भी भाग्य खुला । जहाँ-तहाँ के हैं वहाँ के लोगों का भाग्य खुला । आप सबको बधाई है ऐसा समाचार दे देना । जहाँ-तहाँ के हैं वहाँ के लोगों का भाग्य खुला, आप सबको बधाई है ऐसा समाचार दे देना । उनकी प्रार्थना पहुँच गयी है, 1 बजे भोजन भी कर लेंगे और जोधपुर में - आश्रम में वासुदेवानंदजी का भी सत्संग सुन रहे हैं लोग और जगन्नाथपुरी में भी आज बाल संस्कार कार्यक्रम है, मातृ-पितृ पूजन दिवस का कार्यक्रम है उनको भी मेरा खूब-खूब धन्यवाद, शाबाश, अहोभाव ! और भुवनेश्वर में अमूल्या - अपनी आश्रम की पवित्र साध्वी - वक्ता का सत्संग है वह भी अभी चल रहा होगा, जो हमको समाचार मिला था उस अनुमान से कहता हूँ । और एक खास बात सभी स्थान के लोगों को, दूर तक ये बात पहुँचाना कि माघ मास की बड़ी भारी महिमा है । चार युगों में अलग-अलग प्रभाव होता है । कलियुग में दान का प्रभाव है, कभी यज्ञ का प्रभाव है, कभी सत्य का प्रभाव है लेकिन माघ मास के स्नान का प्रभाव चारों युगों में है और माघ मास शुरू हो गया - 10 जनवरी से 9 फरवरी तक है ।*
🌹 *इन दिनों में सारी भूमि जहाँ भी माघ मास का सूर्योदय से 2-5 मिनट पहले भी कोई स्नान करता है तो गंगा-स्नान माना जायेगा ।*
🌹 *सब जल गंगाजल, सब भूमि तीर्थमयी और पूरा माघ मास - सारे सभी दिन... 30, 29 जो भी हों, माघ मास के सभी दिन पर्व हैं । तो माघ मास में सकामभाव से भी स्नान कर सकते हो और निष्काम भाव से भी स्नान कर सकते हो । निष्काम भाव से स्नान करोगे तो वो शारीरिक फायदे तो होंगे-ही-होंगे लेकिन भगवान की प्रीति मिलेगी ।*
*सोइ जानइ जेहि देहु जनाई । जानत तुम्हहि तुम्हइ होइ जाई ।।* (श्री रामचरित. अयो.कां. : 126.2)
🌹 *भगवान जिसको अपना-आपा जताना चाहते हैं वही जान सकता है । भगवान तो अनंत हैं, अनंत को जाननेवाला माई का लाल कोई पैदा ही नहीं हुआ, न होगा । अनंत को जानेगा तो अनंत अनंत नहीं रहेगा अंतवाला हो जायेगा लेकिन अनंत को जानने से वह अनंत में एकाकार हो जायेगा । तरंग समुद्र को जानती...*
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🌹 *इन दिनों में सारी भूमि जहाँ भी माघ मास का सूर्योदय से 2-5 मिनट पहले भी कोई स्नान करता है तो गंगा-स्नान माना जायेगा ।*
🌹 *सब जल गंगाजल, सब भूमि तीर्थमयी और पूरा माघ मास - सारे सभी दिन... 30, 29 जो भी हों, माघ मास के सभी दिन पर्व हैं । तो माघ मास में सकामभाव से भी स्नान कर सकते हो और निष्काम भाव से भी स्नान कर सकते हो । निष्काम भाव से स्नान करोगे तो वो शारीरिक फायदे तो होंगे-ही-होंगे लेकिन भगवान की प्रीति मिलेगी ।*
*सोइ जानइ जेहि देहु जनाई । जानत तुम्हहि तुम्हइ होइ जाई ।।* (श्री रामचरित. अयो.कां. : 126.2)
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*🌹साधक के दिव्य अनुभव - मौत के मुख से वापसी*
🌹सितम्बर 2014 को मैं अपनी कार द्वारा अहमदाबाद से नड़ियाद जा रहा था । बहुत तेज बारिश हो रही थी इसलिए सेंटर लॉक और पावर विंडो सब अंदर से बंद किये हुए थे । सड़क पर आधा फुट पानी भर गया था । आगे मोड़ है, इसकी जानकारी नहीं होने की वजह से मैं गाड़ी सीधी चलाता गया, जिससे गाड़ी एक 10-12 फुट गहरे तालाब में जा गिरी और तैरने लगी । धीरे-धीरे पानी अंदर आने लगा और गाड़ी डूबने लगी । सेंटर लॉक और पावर विंडो होने के कारण न दरवाजा खुले, न खिड़की ! 10 मिनट तक बाहर निकलने की कोशिश की पर असफल रहा । 75-80 प्रतिशत गाड़ी पानी से भर चुकी थी । मुझे मौत सामने दिखने लगी । मैं गाड़ी के पिछले भाग में आकर बापूजी को पुकारने लगा । पानी मेरी नाक तक आ गया । मैं गुरुमंत्र जपने लगा । तभी अचानक पिछला दरवाजा झटके से खुल गया । मैं गाड़ी के ऊपर चढ़ गया और पूरी गाड़ी डूब गयी । आधे घंटे बाद गाँववालों ने आकर मुझे वहाँ से निकाला ।
🌹उस समय मुझे याद आया कि आज से डेढ़ साल पहले सपने में पूज्य बापूजी ने कहा था कि बेटा ! तेरी आयु बहुत कम बची है । मैं यह सुनकर घबरा गया और प्रार्थना की : गुरुदेव ! इससे बचने का कोई तो उपाय होगा !तो सपने में ही बापूजी बोले : तू रात को सोते समय शशकासन में प्रणाम करके सोया कर ।’ तब से मैं रोज 2-3 मिनट तक शशकासन (वज्रासन में बैठकर नीचे झुक के प्रणाम की मुद्रा में दोनों हाथ जोड़कर सिर जमीन पर रखना) करके सोता हूँ । गुरुदेव की कृपा से मेरी मौत के मुख से वापसी हुई ।
- मयूर प्रजापति, अहमदाबाद
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🌹सितम्बर 2014 को मैं अपनी कार द्वारा अहमदाबाद से नड़ियाद जा रहा था । बहुत तेज बारिश हो रही थी इसलिए सेंटर लॉक और पावर विंडो सब अंदर से बंद किये हुए थे । सड़क पर आधा फुट पानी भर गया था । आगे मोड़ है, इसकी जानकारी नहीं होने की वजह से मैं गाड़ी सीधी चलाता गया, जिससे गाड़ी एक 10-12 फुट गहरे तालाब में जा गिरी और तैरने लगी । धीरे-धीरे पानी अंदर आने लगा और गाड़ी डूबने लगी । सेंटर लॉक और पावर विंडो होने के कारण न दरवाजा खुले, न खिड़की ! 10 मिनट तक बाहर निकलने की कोशिश की पर असफल रहा । 75-80 प्रतिशत गाड़ी पानी से भर चुकी थी । मुझे मौत सामने दिखने लगी । मैं गाड़ी के पिछले भाग में आकर बापूजी को पुकारने लगा । पानी मेरी नाक तक आ गया । मैं गुरुमंत्र जपने लगा । तभी अचानक पिछला दरवाजा झटके से खुल गया । मैं गाड़ी के ऊपर चढ़ गया और पूरी गाड़ी डूब गयी । आधे घंटे बाद गाँववालों ने आकर मुझे वहाँ से निकाला ।
🌹उस समय मुझे याद आया कि आज से डेढ़ साल पहले सपने में पूज्य बापूजी ने कहा था कि बेटा ! तेरी आयु बहुत कम बची है । मैं यह सुनकर घबरा गया और प्रार्थना की : गुरुदेव ! इससे बचने का कोई तो उपाय होगा !तो सपने में ही बापूजी बोले : तू रात को सोते समय शशकासन में प्रणाम करके सोया कर ।’ तब से मैं रोज 2-3 मिनट तक शशकासन (वज्रासन में बैठकर नीचे झुक के प्रणाम की मुद्रा में दोनों हाथ जोड़कर सिर जमीन पर रखना) करके सोता हूँ । गुरुदेव की कृपा से मेरी मौत के मुख से वापसी हुई ।
- मयूर प्रजापति, अहमदाबाद
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